बच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा।
सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ है छात्रों मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर-घर जाकर करेंगे ।
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
Vidyalay neta ke roop mein aap yahan se nasht karne ke liye jimmedaar hai ki sabhi chhatron ko sikhane mein Puri tarah se bhag lene ke liye avsar aur sahayata mele Aisa kabhi sambhav hoga yadi sansadhanon ka prabandhan prabhavit dhang se aur sikhane ki prakriya ko sudharne ke spasht prayojan ke sath sath sansadhanon ka prabandhan prabhavit dhang se aur sikhane ki prakriya sudharne ka prayojan ke sath kiya jaaye ab tak yah sampurn ab Tak kya sampurn Mahatma sansadhan Jaise Vidyalay pratibandhit Karta hai Manav sansadhan aap logon Ko aise samuh Shiksha ne stop Chhatra Mata pita aur samuday ke sadasya mein pahunch prapt hai jo sikhane ka samarthan karne ke liye Kaushal Gyan ka yogdan kar sakte hain Manav sansadhan prabandhan ke sansad aapbiti aur bahut sansadhanon ka prabandhan ke liye bhi jimmedaar honge taki sanchit Kiya ja sake ki hue chhatron ko sikhane ki prakriya sudharne ke liye upyukt aur unka prayog prabhavit dhang se lagu kiya jaaye Bharat mein Vidyalay Hainattach in bacchon Kavya Jin bacchon ke Mata pita ka vyavastha hai tatha unki income bahut hi kam Ekta kyunki vah log down mein kuchh nahin kar pa rahe Hain bacchon ki shan bacchon ke sawariya ke liye hamen bacchon ko uplabdh Shiksha prapt karna ghar ghar mein ja kar padh anadi vyavastha launch karni chahie
बच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा।
Kai vidyalayon mein sikhane ki sahayata ke liye cement fatak sansadhan hote hain lekin mansikta ke paidal jaane per Vidyalay ke sabhi sansadhan Chinmaya log pareshan se pure samuday ke sansadhan Shamil sikhane ke sansadhan ke roop mein uplabdh ho jaate Hain shikshak aur Chhatra donon ko pane sikhane ke Anubhav ko Samrat karne mein saksham hone ke liye Vidyalay netaon shikshakon ko shikshak sansadhan ke is rahata Anubhav ka prani ki jarurat hai ki aapko is avdharna ko baithe samajhne mein madad karegi madad karegi 21 action sansadhan kya hota hai aur aapko anwesshaa ke liye kya karna chahie kisi bhi chij achcha vishleshan Matra se tulna ke prayog ke madhyam se sansadhan mein badla ja sakte basic sansadhan ke uplabdh Dhaka with foreign ke liye dusron dungi jinki sansadhan ki Rachna kar sakte nirmit ki aamantrit Karen Jin bacchon ke Mata pita ka vyavastha lockdown ki vajah se prabhavit hua hai un bacchon ko hamen ghar ghar mein classes lagva ke coaching karva ke mobile ke dwara Shiksha online Shiksha dekar TV ke madhyam se durdarshan ke madhyam se Shiksha dekhe hamen bacchon Ko padhaane ka prathna karna chahie
नमस्कार... जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। अथवा, हमारे दमोह शहर में से दो प्रकार की नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं। एक- श्री दरिद्र नारायण भोज (1982 से), मुफ्त भोजन कपड़े कंबल आदि। स्थान- टंडन बगीचा दमोह। दूसरी-नेकी की दीवार (2018 से ) मुफ्त कपड़े। स्थान-अस्पताल चौराहा दमोह। से वंचित उचित मदद प्राप्त कर आवश्यकता मंद परिवारों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं। महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है। आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
धन्यवाद...।
संतोष कुमार अठया (सहायक शिक्षक ) शासकीय प्राथमिक शाला,एरोरा जिला- दमोह (म. प्र.)
इस महामारी के द्वारा नुकसान हुए हैं लोगों का धंधा चौपट हुआ है ऐसे परिवारों के लिए चयनित कर हम लोग अपनी तरफ से और कुछ जगह पर जो संस्थाएं ऐसे बच्चों की मदद करती हैं हम शिक्षक स्टाफ द्वारा एसएमसी के द्वारा जो उनकी कुछ कमियां हैं उनको चिन्हित करके जिनके बगैर उनका काम नहीं चल सकता पहली प्राथमिकता के साथ बच्चों को समर्थन यह सब कर रहे हैं और आज हमको उनका रिजल्ट भी मिल रहा है हम इस प्रकार से उनकी सहायता कर उनकी पढ़ाई जारी कर सकते हैं उनके परिवार में जो आर्थिक संकट है उसको भी दूर कर सकते हैं उनको छोटे-मोटे धंधे करने के लिए प्रोत्साहित कर परिवार की स्थिति संभालने के लिए हमें उनकी मदद कर सकते हैं
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
प्रीति सोनी धमना नरसिंहपुर, जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
हिमांशु पटेल ,जनशिक्षक औरई:---कई स्कूल ज़ूम और माइक्रोसोफ्ट टीम जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए क्लासेस ले रहे हैं. दीक्षा और स्वयं जैसे पोर्टलों पर कई भाषाओं में लेसन पढ़े जा सकते हैं.महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।जिन छात्रों के पास डिजिटल साधन नहीं हे उनके लिए शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
https://bit.ly/mpn-17-4 is vaishvik mahamari Ke Karan Sare vyavsay chaupat ho gaye aur jo jo log factory Mein kam Karte The Bahar kam Karte The vah Apna Kam Chhod Kar Gaon Mein Aakar Aane Lagi Unki Aamdani kam hone se unke pass mobile aur internet ki Suvidha uplabdh nahin hai isliye Ek teacher ke roop Mein Ham bacchon Ko Mohalla class mein bulakar ghar ghar jakar Sampark Karenge aur Karte Hain ismein Samajik Duri bada banana aur mat Lagana send tries karna aatm Suraksha ke upay bhi bataen Jaate Hain aur upyog mein bhi le Jaate Hain Ham bacchon Ko Mohalla class ke Madhyam Se Hi shikshit Karte Hain
शिक्षक के रूप में बच्चों के माता-पिता को भी ढाढ़स बंधाया गया ।उन्हे यह एहसास दिलाया गया कि आप अकेले नहीं हैं। हम सब इस महामारी के दौर से गुजर रहे हैं। सभी किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं
अभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी।
कोविड-19 के दौरान बहुत सारे अभिभावक ऐसे हैं जिनका व्यवसाय इस महामारी ने बुरी तरह प्रभावित हुआ है कारखानों में काम करने वाले मजदूर वर्कर्स इसके साथ ही किराना कपड़े के व्यवसाय कुल मिलाकर के बहुत सारे व्यवसाय से हैं जो इस महामारी में बुरी तरह प्रभावित हुई है उनके बच्चे भी इस आज समय विषम परिस्थिति से पीड़ित है परेशान है ऐसी स्थिति में शिक्षकों का यह कर्तव्य होता है कि वे बच्चों को ढाढस बंधा है साथ ही उन महा मारियो का उदाहरण दें जिसमें पहले भी इस प्रकार से समस्याएं आई थी मगर उन समस्याओं से उबरा जा चुका है यह समस्या भी एक दिन समाप्त हो जाएगी अब उन्हें कुछ ऐसे व्यवसाय के रूप में शिक्षक बता सकते हैं जो आज भी चल रहे हैं जैसे फल सब्जी या कृषि से संबंधित जो भी काम है वह जो है महामारी के दौर में भी अच्छे ढंग से चल रहे हैं और आय प्राप्त हो रही इस समय अपने व्यवसाय को थोड़ा सा बदलने की जरूरत है और पूरी तरह से संयम बरतें ऐसा हम बच्चों को समझा सकते हैं
जिन अभिभावकों एवं माता-पिता ओं का कोविड-19 महामारी के कारण रोजगार छूट गया है ,और उनके बच्चे पढ़ लिख नहीं पा रहे हैं उनसे हम मोहल्ला में जाकर चर्चा करेंगे ,और उनके बच्चों को जिनके पास मोबाइल की सुविधा होगी, तो मोबाइल ऐप के माध्यम से पढ़ाएंगे, और जिनके पास इंटरनेट या मोबाइल की सुविधा नहीं होगी ,उनको हम सारे सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए और मोहल्ला क्लास में बच्चों को बारी-बारी से पढ़ आएंगे |तथा उनका जन-जीवन सामान्य करने के लिए सरकार से, दान वीरों से जहां से भी जो सहायता हमें प्राप्त हो सकती है ,उन्हें दिलवाने का भरपूर प्रयास करेंगे, जिससे उनका जीवन सामान्य हो सकें
महामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए मोहल्ला क्लास अथवा घर भ्रमण कर अधिगम कार्य किया जा रहा है समाज के समृद्ध लोगों से मिलकर उनके लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। अमर सिंह सोलंकी शासकीय माध्यमिक विद्यालय द्वारका नगर फंदा पुराना शहर भोपाल मध्यप्रदेश 462010
कोबिड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित या छूट गया है । हम उन परिवारों की पहचान करके यह देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है ,उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयमसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे।छात्रों को विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि का वितरण व एंड्रॉयड फोन के द्वारा सीखने सिखाने की प्रक्रिया को जारी रखेंगे।
लॉक डाउन के कारण अधिकांश बच्चों के परिजनों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ । ऐसी स्थिति में उनकी शिक्षा जारी रखने का सबसे सुलभ व सस्ता तरीका मोहल्ला क्लास ही है ।
जिन छात्र-छात्राओं के माता पिता का व्यवसाय कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर बात करेंगे सकारात्मक सोच विकसित करेंगे जिससे उनमें नई ऊर्जा का प्रवाह किया जा सके और कुछ नए विचार आईडिया के आधार पर अपना आगे का व्यवसाय प्रारंभ करेंगे
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऐसे विद्यार्थी जिनके माता-पिता का व्यवसाय छिन गया है, यह बंद हो गया है ।उनकी सहायता के लिए हम जैसे शिक्षक के मोबाइल के जरिए कुछ गतिविधियां कराई जा सकती है ।गांव या शहर में टीवी वगैरह होती ही है उनमें 2-2 ,4-4 बच्चों को एकत्र कर कार्यक्रम दिखाया जा सकता है | स्कूल में उपलब्ध रेडियो की सहायता के शिक्षक बच्चों के घर जाकर उन्हें रेडियो सुना सकता है ।गांव में जिन बालकों के पास मोबाइल सुविधा है उनकी सहायता ली जा सकती है ।ग्राम पंचायत इंटरनेट कनेक्शन होता है उसकी सहायता ली जा सकती है ।शिक्षक घर जाकर बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस इस प्रकार माता पिता के पैसे खर्च किए बगैर बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है। धन्यवाद अनिल कुमार कुशवाहा माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला नगवाड़ा विकासखंड बनखेड़ी जिला होशंगाबाद (म० प्र०)
नमस्कार... जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। अथवा, हमारे दमोह शहर में से दो प्रकार की नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं। एक- श्री दरिद्र नारायण भोज (1982 से), मुफ्त भोजन कपड़े कंबल आदि। स्थान- टंडन बगीचा दमोह। दूसरी-नेकी की दीवार (2018 से ) मुफ्त कपड़े। स्थान-अस्पताल चौराहा दमोह। से वंचित उचित मदद प्राप्त कर आवश्यकता मंद परिवारों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं। महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है। आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उस दशा में उनका काम छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर
शिक्षक के रुप में बच्चों के माता पिता को ढाढ़स बन्धाया गया की आप अकेले नही है हम सब इस महामारी के दौर से गुजर रहे हैं सभी किसी न किसी रुप से प्रभावित है। समय बदलेगा जीवन में फिर खुशियां आयेगी। बस सावधानी के साथ समय का इन्तजार करना है।
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर पढ़ायेंगे।
आप उन छात्रों का मार्गदर्शन कैसे करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है?
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
उपरोक्त संदर्भ में सर्वप्रथम उन अभिभावकों को भी प्रेरित करेंगे जिनका व्यवसाय कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर बात करेंगे सकारात्मक सोच विकसित करेंगे जिससे उनमें नई ऊर्जा का प्रवाह किया जा सके और कुछ नए सकारात्मक और सहयोगात्मक विचारों के आधार पर अपना आगे का व्यवसाय प्रारंभ करेंगे। यह भी देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है ,उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे। ऐसे परिवारों के छात्र - छात्राओं के संदर्भ में महामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए हमारा घर हमारा विद्यालय अंतर्गत सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए घर भ्रमण कर शिक्षण अधिगम कार्य किया जा रहा है।विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि का वितरण भी किया गया है।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया,महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास एवं घर घर पढ़ाया जा रहा है
Kobid 19 महामारी में हमारे कई अभिभावकों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। जिसके कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। रोजी रोटी की समस्या ऑन पड़ी है ।ऎसी स्थिति में हमारे शिक्षक उनके बच्चों को आवयश्क शैक्षिक सामग्री,किताबे,अभ्यास पुस्तिकाएं, दक्षता हैंड बुक, पेन,पेंसिल, रब्बर,किताबे, कॉपी आदि उपलब्ध करा कर, उनका मोहल्ला क्लास लगा कर पढ़ाई कराने के लिए। तत्पर है। ताकि संसाधनों के अभाब में उनकी पढ़ाई में बाधा न पहुँचे।
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है
इस समय बच्चों के माता-पिता एवं शिक्षक को मिलकर बच्चों को पढ़ाना है किसके लिए मोहल्ला क्लास एवं अन्य गतिविधि के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हमें बच्चों को उचित मार्गदर्शन देना है
बच्चों के अभिभावकों को समझाएंगे धैर्य रखें और कुछ इस तरह का रोजगार व स्वरोजगार चालू करें जो घर से ही हो सके और धीरे-धीरे उसे आईसीटी की मदद से अपना स्वरोजगार बढ़ाते जाएं और अपनी आय में वृद्धि करते जाएं
प्रभावित परिवार के बच्चों को समझना होगा कि अपनी पढ़ाई को बाधित न होने दें । हम आपकी सहायता के लिए तत्पर हैं। यह समस्या कुछ समय की है आप पुनः व्यवस्थित हो जाएंगे
सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
हमारी शाला में गरीब परिस्थिति के पालक अपनी बालिका को शाला में पढ़ाने भेजते है अचानक कोरोना वायरस महामारी से उनके सामने परिवार चलाने का संकट आ गया उनके पास परिवार चलाने के लिए रूपये नहीं थे वो कैसे मोबाइल का नेट पैक डलवाते उनसे फोन पर चर्चा कर रेडियो प्रोग्राम से छात्रा को पढ़ाने के लिए सम्पर्क कर कहा गया एवं उनके लिए मोहल्ला क़क्षा का प्रबंध किया जिन छात्रा के पालक सक्षम थे उन्हें व्हाट्सअप ग्रूप के माध्यम से शिक्षण दिया गया शहरी क्षेत्र होने से यहाँ पर बीमारी का ज्यादा प्रकोप था ऐसी स्थिति में बाहर से ही हम छात्रा को मार्गदर्शन देकर वापस आ जाते थे हमें भी भय रहता था ऐसी बीमारी इससे पहले कभी नहीं देखी थी
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है। कोरोना बीमारी के कारण जिन लोगों की नोकरी चली गई उन्हें अपने जीवन को चलाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई ।
मोहम्मद अजीम सहायक अध्यापक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रैगांव जिला सतना ऐसे बच्चों को जिनके पालको का व्यवसाय कोरोना काल मैं प्रभावित हुआ है उन्हें हम कहेंगे कि थोड़ा सब्र से काम लें उनके घरों में खाने पीने की अगर कमी है तो कहीं से मदद का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे इसके अलावा उन्हें ऐसे व्यवसाय की तरफ अग्रेषित करेंगे जो फिलहाल चल सकता है जैसे सब्जी का व्यवसाय जो लॉकडाउन में भी चल रहा था
Samajik doori banate huye bachcho or unke Mata Pita se sampark karke padhai ki mukhy dhara se jodte huye mohalla class ke dwara unka marg darshan karenge
Mahamari ke kaaran pariwarik aay kam ho gai hai or pariwar bale internet suvidha (vyavastha) uplabdh krane me asmarth hai isliye chhatro ka margdarsanm muhalla class ke madhyam se karenge or ghar ghar jakar sampark karenge
छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है
गाँव मे जो पालक शहर जाकर अपना काम करते थे। ओर जिनका व्यापार कोविड-19के लाकडाउन से प्रभावित हुआ उन पालको को विभिन्न संस्था ,सरकारी मदद से आर्थिक व मनोवैज्ञानिक सहायता कर उनका मनोबल बढाया बच्चों को घर जाकर सभी सरकारी सहायता एवं उनको विषेश शिक्षण देकर । आगे बढाया ।आज सभी विद्यार्थियों को ऐसे माहोल मे भी खुशी ,प्रसंन्नता बनी हुई है।
कोविड काल में इन्टरनेट न होने पर मुहल्ले में जाकर पढ़ाना शुरू किया और आज हमारे बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं उनकी शिक्षा पर कोई परेशानी नहीं हुई
Gaon mein Jo palak ok Sher jakar apna Kam karte Hain aur Jin ka Vyapar covid 19 ke lockdown se provide hua hai un palko ko vibhinn Sanstha Ho sarkari madad se arthik ko manovaigyanik sahayata Karun ka manobal badhaya bacchon ko co4 jakar sabhi sarkari sahayata UN ko Vishesh shikshan dekar aage badhaya Aaj aaj sabhi e vidyarthiyon ko aise mahaul mein bhi Khushi percentage Bani Hui hai
जिनके माता पिता का धंधा बंद हो गया है इसके बावजूद हम घर पर जाकर बालको से संपर्क कर पढ़ायेंगे। जैसे मोहल्ला क्लास,घर घर संपर्क, माता पिता से संपर्क, बालको से संपर्क, पालकों से संपर्क, एसएमसी सदस्यों से संपर्क, करके covid 19 के बारे में जागरूक करेंगे। छात्रों को मोबाइल से, रेडियो से,टीवी से, शिक्षण कार्य करेंगे।
ऐसे बच्चो के माता पिता जिनका व्यवसाय कोविड-19 काल मै प्रभावित हुआहै। उन्हे हम कहेंगे कि थोड़ा सब्र से काम ले उनके घरों में खाने पीने की अगर कमी है । तो कहीं से मदद का इंतजाम करने की कोशिश करेगे। इस के अलावा उन्हे ऐसे व्यवसाय की तरफ अग्रेषित करेगे। जोफिलहल चल सकता हैं। जैसे सब्जी का व्यवसाय जो लॉक डॉन में भी चल रहा था।
शिक्षक के रूप में बच्चो के माता पिता को ढाढस बधाया गया। की आप अकेले नहीं हैं। हम सब इस कोविड-19 महामारी के दौर से गुजर रहे हैं। सभी किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं। समय बदलेगा जीवन में फिर से खुशियां आएगी। बस सावधानी के साथ समय का इंतजार करना है।
जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ या छूट गया उन्हें परेशानी की घड़ी में धैर्य रखकर हिम्मत प्रदान करेंगे तथा महामारी में सकारात्मक सोच रखने की बात कहेंगे महामारी से बचने की सलाह देंगे और कहेंगे जान है तो जहान है
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है।
जिनके माता-पिता का धंधा बंद हो गया है, इसके लिए हम उनके घर पर जाकर बालको से संपर्क कर पढ़ायेंगे। जैसे मोहल्ला क्लास,घर-घर संपर्क, माता -पिता से संपर्क, बालको से संपर्क, पालकों से संपर्क, एसएमसी सदस्यों से संपर्क, करके covid 19 के बारे में जागरूक करेंगे। छात्रों को मोबाइल से, रेडियो से,टीवी से, शिक्षण कार्य करेंगे। जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ या छूट गया उन्हें परेशानी की घड़ी में धैर्य रखकर हिम्मत प्रदान करेंगे तथा महामारी में सकारात्मक सोच रखने की बात कहेंगे महामारी से बचने की सलाह देंगे | सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे से समझ में आ सके |
Mahamari covid-19 Ke Karan chhatron ke Mata Pita ka vyavsay prabhavit Hua Hai Unki parivarik Aaye kam ho gai hai jisse vah internet mobile recharge cable connection aaj ka kharch Nahin Utha rahe hain to unke liye Mohalla class 8 vah Ghar bhraman kar adhigam Karya Kiya ja raha hai Samaj Ke sanvidhan Logon Se Milkar unke liye suvidhaen jutaai ja rahi hai
जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें।
जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित हुआ है या छूट गया है उन माता-पिता या परिवार के घर जाकर उनका हाल-चाल पूछना उनकी आवश्यकताओं की संभव पूर्ति करनाजैसी भोजन कपड़े आदि अपने साथियों से इस संबंध में आपस में चर्चा कर उचित सहयोग करने हेतु आगे आने हेतु प्रेरित करना उन बच्चों को पढ़ने हेतु दीजिए वीडियो रेडियो टीवी आदि से पढ़ने हेतु प्रेरित करना उनको पेन पेंसिल पुस्तकें आदि पढ़ने की सामग्री उपलब्ध कराना बहुत से सामाजिक संगठनों जो इस विपदा के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं इनकी जानकारी देना ताकि इस महामारी में एक दूसरे के सहयोग से उनकी आवश्यकता है पूर्ण हो सके
अल्का बैंस प्राथमिक शाला कुकड़ा जगत छिन्दवाड़ा कोरोना महामारी के चलते आम जन जीवन सामाजिक आर्थिक रूप से अत्यंत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गांव और पुरानी बस्तियों के वे लोग जो मजदूरी करते थे उनका आम जनजीवन रोज़गार और धन के आभाव के चलते डगमगा गया एवम् चिंताग्रस्त हो चुका है। इसी स्थिति में जिन छात्रों के माता पिता परिवारजन इस कठिन परिस्थिति में जी रहे हैं। उन्हें मानसिक भावनात्मक रूप से सकारात्मक ऊर्जा देना अत्यंत आवश्यक है। बच्चो की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए शिक्षकों को निस्वार्थ रूप से घर घर जाकर बच्चो कि पढ़ाई में सहायता करनी चाहिए। सरकारी सुविधाएं जैसे राशन, विभन्न भत्ते आदि समय पर उपलब्ध हों ऐसी व्यवस्था करना चाहिए। और सबसे महत्वपूर्ण ये है जिन परिस्थितियों का सामना हमें अभी करना पड़ा है उससे सीख लेकर स्वास्थ्य, जागरूकता, वित्तीय प्रबंधन के महत्व से परिचित कराना और उन्हें शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है।
Esi isthiti me hme ese chatro ke mata pita ka manobal badana chahiye or hamse jo bhi madad ho ske wo krni chahiye or shasan ki yojna jo unke liye hitkr ho batani chahiye.
Students ko learning door to door ja kar karayange.unki family history ko bhi samjhenge.har sambhav self employed service ko batange jisse covid-19 ka time ka life per bojha nahi aaye.
जिनके माता पिता का धंधा बंद हो गया है इसके बावजूद हम घर पर जाकर बालको से संपर्क कर पढ़ायेंगे। जैसे मोहल्ला क्लास,घर घर संपर्क, माता पिता से संपर्क, बालको से संपर्क, पालकों से संपर्क, एसएमसी सदस्यों से संपर्क, करके covid 19 के बारे में जागरूक करेंगे। छात्रों को मोबाइल से, रेडियो से,टीवी से, शिक्षण कार्य करेंगे।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।
Sandhya Gautam Block-Sohawal District-Satna जिन छात्रों के माता-पिता का व्यवसाय कोरोना महामारी से प्रभावित हुआ है उन अभिभावकों से मिलकर उनको वर्तमान परिस्थितियों का धैर्य के साथ सामना करने और आने वाले अच्छे समय की तैयारी करने हेतु प्रेरित करते हैं। उनके लिए सरकार द्वारा मदद के प्रावधानों से परिचित कराया है। चूंकि वे ििइंटरनेटका खर्च उठाने में असमर्थ हैं तो हम स्वयं मोहल्ला क्लास में अपने मोबाइल से दीजिलेप वीडियो, क्विज करवाते हैं।उन्हें मोबाइल या ििइंटरनेटपैक के नहीं बोला जाता।पेन,कलर,प्रोजेक्ट हेतु पेपर, मास्क,सेनेटाइजर की व्यवस्था हमने अपने से की है ताकि उनको इन सबका आर्थिक बोझ न महसूस हो।बच्चों की पढ़ाई न रुके इसके लिए प्रयास जारी है। ।।धन्यवाद।।
Bhaskar sathiyon mein Vipin Kumar kila madhyamik Shiksha madhyamik Shala bhajiya thana jahan tak is gatividhi ke upar Apne vichar Hain mere vichar se Jin chhatron ke Mata pita ka vyavsay mahamari se prabhavit hua hai yah chhut Gaya hai an Mata pita yah Parivar ke ghar jakar unka HAL chaal puchna unki avashyakta ke bare mein pata lagana unke bhojan kapde aadi ke bare mein jankari Lena kyunki jhunjhun vyaktiyon ka vyavsay jhutha hai aur vyaktiyon ki list vahan per anganbadi ke andheron mein uplabdh hai atah ham use vahan se prapt karenge tatha hamare shikshak Anya shikshak sathiyon se charcha karenge 77 Sansthan joki is hamari mein Sahyog ke liye hain ko ham Tum Sansthan ko ham is bare mein suchna denge jisse ki unka uchit tarike se Bhala palan poshan kar sake aur unhen Sansthan humse Jeet na Banega ham utna Sahyog ban vyaktiyon ke liye karenge dhanyvad
Namaskar Saathiya main Vipin Kumar Jila Madhyamik Shikshak Madhyamik Shala badhiya Thana Jila Hoshangabad chhatron ke Mata Pita ka vyavsay is mahamari ke dwara prabhavit ugaya chhut Gaya Hai Hamen Mata Pita yah Parivar ke ghar jakar Unka HAL chaal poochenge Unki avashyakta aom ki Sambhav purti karne ka Prayas Karenge tatha is sambandh Mein Hamen list anganbadi Kendra se prapt ho sakti hai Ham use list ko Lekar use gaon ke Sarpanch Sachiv aur apne Shikshak Sathi Aur gaon ke jamidaran Aadi ke sath Ek baithak Lenge tatha use baithak main yah nirale Gaye ki kin vyaktiyon ko kis chij Ki atyant avashyakta Hai tatha Sath hi Sath UN samajsevi Sansthan se bhi Sampark Karenge joki covid-19 Ke dauran vyaktiyon ki ki Sahyog ke liye Aage I Hai tatha Hamara Humse Jitna Jyada Jyada Prayas Banega utna Unka Sahyog karne ka ratn Karenge aur jahan tak bacchon Ki Shiksha Ki Baat Hai To unke liye Ham Pratidin Mohalla class Ka aayojan Kar Hi rahe hain tatha unko Slate pencil Kalam ka PRD jis chij ki jarurat Hogi vah Ham Hamari or Se Hamare Parivar ke sahyogi Parivar ki or se in ki or se dena
lockdown! के कारण जिनकी आय कम हो गई ! उन्हें मोहल्ला क्लास के माध्यम से और अपने मोबाइल इंटरनेट के द्वारा तथा फोन से कांटेक्ट कर रुचिकर तरीके से पढ़ाने का प्रयास करेंगे !
नमस्कार साथियों मैं मुकेश कुमार मालवीय निष्ठा प्रशिक्षण के 17 माड्यूल में आप सभी का स्वागत है ऐसे छात्र जो अपने परिवार में कोविड के कारण उनकी मासिक आय में कमी आई है तथा वह ऑनलाइन टीचिंग के लिए संसाधन जुटाने में असमर्थ हैं ऐसे बच्चों के लिए राज्य शासन द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम अंतर्गत मोहल्ला क्लास आयोजित की जा रही है जिसमें शिक्षक साथी बच्चों के घरों पर जाकर उन्हें मोहल्ला क्लास के माध्यम से उनके विषय से संबंधित कंटेंट को समझाते हैं तथा उन्हें इस स्थिति से उभरने में दिला सभी दिलाते हैं ऐसी स्थिति में हम बच्चों को संसाधन कि अभाव में उन्हें सहयोग कर सकते हैं
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
महामारी के कारण परिवारिक आमदानी कम हो गई है, ग्रामीण क्षेत्र मे इंटर्नेट सुविधा जुटाना मुश्किल है।घर घर सम्पर्क, मोहल्ला क्लास के माध्यम से सीखने सीखाने की प्रकिया अनवरत चलते रहेगी।
इस वैश्विक कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिन छात्रों के माता-पिता का व्यवसाय या रोजगार प्रभावित हुआ है या छूट गया है, उन्हें गृह संपर्क कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक बैठक आयोजित कर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सर्वाधिक आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है। अतः इसे प्राप्त कर संस्था के सभी शिक्षक साथी चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के रूप में व्यक्तिगत रूप से या अपनी संस्था के द्वारा अपने सामर्थ्य अनुसार उनका अधिकाधिक सहयोग कैसे किया जा सकता है। हमारे माचलपुर कस्बे में से एक नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं जहां से वंचित उचित मदद यथा - निशुल्क कपड़े,राशन व अन्यादि प्राप्त कर सकते हैं। कोरॉना महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीश पेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां, स्केले, पेन,कलर-स्केज,कार्ड शीटे आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डिजीलैप वीडियोज़ पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण द्वारा इन्हे समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 28 में से 10 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है एवं ऑनलाइन अध्ययनरत है। आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इस चुनौतीपूर्ण समय को सहज और मानवीय बना सकते हैं।
इस वैश्विक कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिन छात्रों के माता-पिता का व्यवसाय या रोजगार प्रभावित हुआ है या छूट गया है, उन्हें गृह संपर्क कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक बैठक आयोजित कर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सर्वाधिक आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है। अतः इसे प्राप्त कर संस्था के सभी शिक्षक साथी चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के रूप में व्यक्तिगत रूप से या अपनी संस्था के द्वारा अपने सामर्थ्य अनुसार उनका अधिकाधिक सहयोग कैसे किया जा सकता है। हमारे माचलपुर कस्बे में से एक नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं जहां से वंचित उचित मदद यथा - निशुल्क कपड़े,राशन व अन्यादि प्राप्त कर सकते हैं। कोरॉना महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीश पेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां, स्केले, पेन,कलर-स्केज,कार्ड शीटे आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डिजीलैप वीडियोज़ पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण द्वारा इन्हे समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 28 में से 10 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है एवं ऑनलाइन अध्ययनरत है। आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इस चुनौतीपूर्ण समय को सहज और मानवीय बना सकते हैं।
हम वही दे सकते हैं जो हमारे पास हो ,,। यदि हमारे पास सकारात्मक उर्जा है, तो हम किसी को सकारात्मक ऊर्जा दे सकते हैं। हमारे पास आत्मविश्वास है, तो हम आत्मविश्वास दे सकते हैं ।हमारे पास साहस है ,तो हम साहस दे सकते हैं । कहने का तात्पर्य यह है की ऐसे अभिभावकों को जिनके व्यवसाय कोबिट महामारी में प्रभावित हुए ,हमें बड़े जतन से और बड़े यत्न से सहयोग देने की आवश्यकता है ।उन्हें मानसिक रूप से सुदृढ़ करना ही हमारा लक्ष्य है । उन अभिभावकों को भी प्रेरित करेंगे जिनका व्यवसाय कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर बात करेंगे सकारात्मक सोच विकसित करेंगे जिससे उनमें नई ऊर्जा का प्रवाह किया जा सके ताकि नए सकारात्मक और सहयोगात्मक विचारों के आधार पर अपने व्यवसाय पुनर्स्थापित कर सक ऐसे परिवारों के छात्र - छात्राओं के संदर्भ में महामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए हमारा घर हमारा विद्यालय अंतर्गत सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए घर भ्रमण कर शिक्षण अधिगम करेंगे।विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि की व्यवस्था करेंगे। सत्यम नेमा सहायक शिक्षक जेएसके करकबेल विकासखंड गोटेगांव जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है उनमें सकारात्मक सोच विकसित करेगे। मजबूत हो आगे बढ़ने प्रोत्साहित करेगे। बच्चो को उचित शिक्षा हेतु बढ़ावा तथा अभिभावकों की आय की वृद्धि हेतु उचित प्रयास ।
लाॅक डाउन के कारण अधिक बच्चों के परिजनों को रोजगार पर बहुत बुरा असर पडा है ऐसे में हम शिक्षकों को बच्चों को घर घर जाकर पढ़ाना है और अपने मोबाइल की सहायता से उनकी मदद करेगे
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं छात्रों का margdarshan मुहल्ला कलास के माध्यम से एवं घर घर जाकर करेंगे
Is mahamaari ke samay chhaatron ko aapas main mil julkar rehne aur mohalla class lagakar ek hi mobile par kai bachchon ko jodkar padhaya gaya. Abhibhavakon ko mazdoori dilwane main madad di gai. School staff ne milkar chhaatron main copy pen pencil ki vyavastha ki. Is prakar chhaatron ka margdarshan kiya gaya.
महामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए मोहल्ला क्लास अथवा घर भ्रमण कर अधिगम कार्य किया जा रहा है समाज के समृद्ध लोगों से मिलकर उनके लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
आप उन छात्रों का मार्गदर्शन कैसे करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है? इंटरनेटका खर्च उठाने में असमर्थ हैं तो हम स्वयं मोहल्ला क्लास में अपने मोबाइल से डीजी लैप वीडियो, व्हाट्सएप पर क्विज करवाते हैं।उन्हें मोबाइल या इंटरनेटपैक के नहीं बोला जाता। पेन कॉपी ,मास्क,की व्यवस्था हमने अपने से की है ताकि उनको इन सबका आर्थिक बोझ न महसूस हो।बच्चों की पढ़ाई न रुके इसके लिए प्रयास जारी है। रानी पटेल प्राथमिक शिक्षक
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
महामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है। जिससे वे इंटरनेट ,मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। तो उनके लिए मोहल्ला क्लास अथवा घर-घर भ्रमण कर अधिगम कार्य किया जा रहा है ।समाज के समृद्ध लोगों से मिलकर उनके लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
ऐसे छात्र जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है, सबसे पहले तो उनका मनोबल बढ़ाएंगे ताकि वे अपनी पढ़ाई लिखाई पर अपना ध्यान केंद्रित रखें । उनसे फोन या व्हाट्सएप द्वारा संपर्क बनाए रखेंगे । अतिआवश्यकता होने पर आर्थिक सहयोग भी किया जा सकता है । उन्हें पूरी तरह आश्वस्त करेंगे कि हम उनके साथ है , उनकी भलाई हेतु प्रयासरत हैं ।
GMS CHAKGUNDHARA MORARRURAL Gwalior कोविड महामारी के समय बहुत सारे बच्चों के पालकों के व्यवसाय में कमी आई और उनकी आमदनी पर असर पड़ा हम जो बिषयबस्तु मोबाइल के माध्यम से भेज रहे थे वह वे लोग नहीं देख पा रहे थे क्योंकि वे इंटरनेट पैक लेपाने में सक्षम नहीं थे या मोबाइल उनके पास नहीं था ऐसी परिस्थिति में मैंने एवं मेरे साथियों ने मोहल्ला कक्षा लगाने की योजना बनाई जिसमें हम सभी गांव के अलग-अलग हिस्सों में 5से 8 बच्चों तक को अलग-अलग गतिविधियों द्वारा, विडियोज और गतिविधि पुस्तकों के माध्यम से उनकी शैक्षणिक योग्यता को बनाए रखा जा सके साथ ही हमने गांव के बड़े बच्चों को भी इस कार्य में जोडने का प्रयास किया जिससे हमें हमारा घर हमारा विधालय कार्य क्रम में मदद मिल सके
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
अभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी।
महामारी के कारण अभिभावक की आर्थिक व्यवस्था कम होने के कारण बच्चों के पास में इंटरनेट व्यवस्था ना होने के कारण हम घर घर जाकर मोहल्ला क्लास लगाकर छात्र-छात्राओं को ज्ञान प्रदान करेंगे
कोविड 19 महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है अभिभावक इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर बच्चो को पढने में मदद करेंगे उन्हे आवशयक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे
इस महावारी के दौरान बच्चों को मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें ऑनलाइन कंटेंट के साथ शिक्षक बच्चों के घर घर जाकर उनकी पढ़ाई में जो समस्या आ रही है उसे मोहल्ला कक्षा के दौरान हल कर रहे हैं
समान्य शिक्षा में व्यवसायी शिक्षा का समावेश बहुत अवश्यक है जिसके द्वारा हम शिक्षार्थी में हम जीवन कौशलों का विकास कर सकते हैं जिससे शिक्षार्थी में स्वालंम्बन, स्वाभिमान आत्मविश्वास, क्रियाशीलता, जैसे गुणों के विकास के साथ सर्वांगीण विकास हो सके और वह एक अच्छा नागरिक तथा अपने कोशल एवं अपने अनुभव आधारित ज्ञान के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर सके
समान्य शिक्षा में व्यवसायी शिक्षा का समावेश बहुत अवश्यक है जिसके द्वारा हम शिक्षार्थी में हम जीवन कौशलों का विकास कर सकते हैं जिससे शिक्षार्थी में स्वालंम्बन, स्वाभिमान आत्मविश्वास, क्रियाशीलता, जैसे गुणों के विकास के साथ सर्वांगीण विकास हो सके और वह एक अच्छा नागरिक तथा अपने कोशल एवं अपने अनुभव आधारित ज्ञान के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर सके
इस लॉक डाउन की दौर में कई लोगों के रोजगार छिन गए । कई लोगों के रोजगार मन्दे पड़ गए जिस कारण उनके जीवन मे गहन आर्थिक संकट आ गया। ऐसे परिवार के छात्रों को समझाना होगा कि यह स्थिति कुछ समय के लिए है निकट भविष्य में कोविड बीमारी का हल निकलते ही सभी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा।
कोविड 19 महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है अभिभावक इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर बच्चो को पढने में मदद करेंगे उन्हे आवशयक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे
कोविड्- 19 से प्रभावीत परिवारों एवं छात्रों मे आत्म विश्वास बढाना व तनाव मुक्त सरातमक् वतावरणं निर्माण करना। महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया।
इस महावारी के दौरान बच्चों को मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें ऑनलाइन कंटेंट के साथ शिक्षक बच्चों के घर घर जाकर उनकी पढ़ाई में जो समस्या आ रही है उसे मोहल्ला कक्षा के दौरान हल कर रहे हैं।जिसके पास मोबाइल या नेटपेक न हो उसे शिक्षक अपने मोबाइल से वीडियो दिखाकर उनकी पढ़ाई में सहायता कर रहे है।
हम ऐसे छात्रों के घर जाकर उनके माता-पिता के व्यवसाय के बारे में जानकारी लेंगे तथा हम से हो सके यथा संभव आर्थिक मदद करेंगे साथ ही उनको हिम्मत दिलाएंगे किस समय एक जैसा नहीं रहता है आगे सब कुछ ठीक हो जाएगा साथ ही रोज उन बच्चों के घर पर जाएंगे तथा कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन करते हुए अध्यापन कार्य कराएंगे।। राजेश कुमार जांगिड़ ढोटी स्कूल, जिला- श्योपुर, मध्य प्रदेश।।
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
कई स्कूल ज़ूम और माइक्रोसोफ्ट टीम जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए क्लासेस ले रहे हैं. दीक्षा और स्वयं जैसे पोर्टलों पर कई भाषाओं में लेसन पढ़े जा सकते हैं.महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।जिन छात्रों के पास डिजिटल साधन नहीं हे उनके लिए शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
इस महामारी के दौरान बच्चों को मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें लॉकडाउन कंटेंट के साथ शिक्षक बच्चों के घर घर जाकर उनकी पढ़ाई में जो समस्या आ रही है उसे मोहल्ला कक्षा के दौरान हल कर रहे हैं जिसके पास मोबाइल यार नेट पैक ना हो उसे शिक्षक मोबाइल से वीडियो दिखाकर उनकी पढ़ाई में सहायता कर रहे हैं।
हम ऐसे छात्रों के घर जाकर उनके माता-पिता के व्यवसाय के बारे में जानकारी लेंगे तथा हम से हो सके यथा संभव आर्थिक मदद करेंगे साथ ही उनको हिम्मत दिलाएंगे किस समय एक जैसा नहीं रहता है आगे सब कुछ ठीक हो जाएगा साथ ही रोज उन बच्चों के घर पर जाएंगे तथा कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन करते हुए अध्यापन कार्य कराएंगे।।
कोबिड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित या छूट गया है । हम उन परिवारों की पहचान करके यह देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है ,उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयमसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे।छात्रों को विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि का वितरण व एंड्रॉयड फोन के द्वारा सीखने सिखाने की प्रक्रिया को जारी रखेंगे। मुकेश कुमार सक्सेना U,E,G,S,Mandawar
Mahamari. Ke karan majdoor vargon ki pariwarik aaya kam ho gayi. Internet suvidha vyavastha karne me kishan abhibhaavak asamarth the vibhinn Saangathan ke madhyam se rahat prashan karne hetu prayas kiya.
सम्पर्क के दौरान बच्चों के पालकों से कॅरोना काल में रोजगार धंघे नष्ट होने की जानकारी मिलने पर उन्हें पुनः स्थापित होने शासन द्वारा दी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें उनका लाभ दिलाने में मदद की गई।
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
कोविद 19 महामारी के कारण जिस परिवार के लोग पीड़ित हुए हैं उन परिवार लोग बहुत सचेत हुय हैं और उनका व्यसाय नहीं रहा उनको बहुत परेशानी हुई हैं सभी व्यापारी, उद्द्योग और जनता को बहुत परेशानी हुई लाकडाउन के दौरान सबको ज्ञात हैं इसलिए सावधानी ही सुरक्षा हैं | राधेश्याम लोधी प्राथमिक शिक्षक प्राथमिक शाला बंडोल तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश
इस महामारी कोरोना के दौरान जो परिवार पीड़ित हुए हैं।ऐसे परिवारों के बच्चों को हम उनके घर पर जाकर पाठपुस्तकों रेडियो टीवी मोबाईल ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षण कार्य कर सकते हैं। अपनी सामर्थ्य अनुसार उनकी आर्थिक सहायता कर सकते हैं। भगवान से यही प्राथना कर सकते हैं कि दुःख की इस घड़ी में सहन शक्ति प्रदान करें।
हमारी शाला फिल्म एरिया में है और उसमें रहने वाले शाला में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों के परिवार उनके माता-पिता का व्यवसाय ऐसा था जो इस लॉकडाउन में प्रभावित रहा सब्जी बेचना होटल पर काम करना मजदूरी करना उन सभी के पास क्योंकि एंड्राइड फोन की अनुपलब्धता ज्यादातर घरों में तो कीपैड मोबाइल भी प्राप्त था एक माह तक किसी भी तरह का कोई संपर्क उन बच्चों से नहीं हो सका तदुपरांत कुछ बच्चों के घरों में जिनके घरों में एंड्रॉयड फोन था उनके जरिए आसपास के बच्चों तक मैसेज भेज भेज कर घर में जो भी काफी किताबें उपलब्ध थी अध्ययनरत कक्षा की उससे लिखने की हैबिट ना छूटे इसलिए राइटिंग वर्क ज्यादा से ज्यादा करने की को प्रेरित किया गया तदुपरांत दूरी बनाए रखते हुए छात्रों से संपर्क कर अलग-अलग गलियों में दो-दो टीचर ने जाकर उनका मनोबल बढ़ाया साथी गृह कार्य देकर उन बच्चों की पढ़ाई को जारी रखा और मम्मी पापा को सचेत किया यह बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी
ओमप्रकाश पाटीदार प्रा.शा.नाँदखेड़ा रैय्यत विकासखंड पुनासा जिला खण्डवा महामारी से प्रभावित परिवार के बच्चों को समझाएंगे कि वे अपने माता पिता से पढ़ाई के लिए मोबाईल की जिद न करे पड़ोसी के मोबाइल से पढ़ाई कर लेवे। उन बच्चों को समझाएंगे कि हम आपको घर पर आकर मार्गदर्शन करेंगे।
कोविड-19 के दौरान बहुत सारे अभिभावक ऐसे हैं जिनका व्यवसाय इस महामारी ने बुरी तरह प्रभावित हुआ है कारखानों में काम करने वाले मजदूर वर्कर्स इसके साथ ही किराना कपड़े के व्यवसाय कुल मिलाकर के बहुत सारे व्यवसाय से हैं जो इस महामारी में बुरी तरह प्रभावित हुई है उनके बच्चे भी इस आज समय विषम परिस्थिति से पीड़ित है परेशान है ऐसी स्थिति में शिक्षकों का यह कर्तव्य होता है कि वे बच्चों को ढाढस बंधा है साथ ही उन महा मारियो का उदाहरण दें जिसमें पहले भी इस प्रकार से समस्याएं आई थी मगर उन समस्याओं से उबरा जा चुका है यह समस्या भी एक दिन समाप्त हो जाएगी अब उन्हें कुछ ऐसे व्यवसाय के रूप में शिक्षक बता सकते हैं जो आज भी चल रहे हैं जैसे फल सब्जी या कृषि से संबंधित जो भी काम है वह जो है महामारी के दौर में भी अच्छे ढंग से चल रहे हैं और आय प्राप्त हो रही इस समय अपने व्यवसाय को थोड़ा सा बदलने की जरूरत है और पूरी तरह से संयम बरतें ऐसा हम बच्चों को समझा सकते हैं
Children of the affected family have to understand not let their studies be interrupted .we look forward to your support .This problem is of some time you will be rearranged .
Children of the affected family have to understand not let their studies be interrupted .we look forward to your support .This problem is of some time you will be rearranged .
हम उन बच्चों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से घर घर जाकर करेंगे और उनके माता-पिता को भी समझाएंगे किस समय एक सा नहीं रहता हमें देर से काम लेना होगा और अच्छे समय का इंतजार करना होगा।
Mahamari kovid 19 ke karn jin avibhavk ki encome pirbhvit hui. Humne unke ghar ghae jakar samprk kiya.kovid ke niyamo ka palan karte huye mohlla class lagai. Jin bachchon ke pas pthan pathan samgri nahi thi. Unhe smc ke madhaym se uplabdh karai gai. Our unki padhai jari rakhi. K ..kushwaha P/a BamhanGaon khurd Hoshngabad (m.p.)
जिन छात्रों के माता पिता महामारी से ग्रसित है तो उनके साथ ऐसा व्यवहार करें की उनको न लगे की अब हमारा कोई नहीं है उनको कोविड-19 के बारे में पूरी जानकारी देते रहें और धैर्य बंधा दे रहे हैं की कोविड-19 का इलाज सावधानी है सावधानी रखने से यह रोग आगे नहीं बढ़ेगा इसके साथ ही उन छात्रों को किसी प्रकार की भी आवश्यकता हो जो उनके माता-पिता द्वारा पूर्ति होती थी वह हम सब मिलकर पूरी करें और इस कठिन घड़ी में धीरज बंदा ते रहे
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है, बच्चों के माता-पिता इंटरनेट की व्यबस्था करने में असमर्थ हैं। हम छात्रों का मार्गदर्शन एवं मोहल्ला क्लास घर घर जाकर करेंगे।
हम उन बच्चो को बताएंगे कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती समय हमेशा बदलता रहता है हम उनको मोहल्ला क्लास k माध्यम से संपर्क करके उनको बताएंगे उनके माता पिता से संपर्क कर उनको घर से होने वाले बिजनेश k बारे मे जानकारी देंगे ताकि उनकी जीविका चल सके
जिन परिवारो का रोजगार प्रभावित हुआ है उनको आर्थिक परेशानी है तो आनलाइन पढ़ाने के लिए बाध्य नहीं करना है तथा उन्हें मुहल्ला कक्षा के माध्यम से पढ़ाना है तथा जो संक्रमित हुए है उनको आनलाइन पढ़ाना है।
कोविड-19 महामारी के कारण हर छात्र के माता पिता ही नहीं बल्कि दुनिया का एक एक इंसान प्रभावित हुआ है लेकिन जान है तो जहान है एवं परिस्थिति को ध्यान में रखकर सुरक्षित शिक्षा ज्ञान हम घर घर जो जहां है वहां तक सेवा भाव कर्म से पहुंचाने का भरपूर प्रयास करेंगे एवं जीवन को एक अच्छी स्थिति में बढ़ाने का प्रयास करें गे एवं मेरे अनुभव के अनुसार लॉकडाउन के बाद कि जो शिक्षा दी जा रही है वह पहले की शिक्षा से बहुत बेहतर है जिससे कम खर्च लागत में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का प्रचार प्रसार एवं ज्ञान दिया जा रहा है जो सही है
Lakhanlal vishwakarmaGMSUnchaछात्रों और उनके माता-पिता के साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं रहती हैं यह संकट का समय धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा और परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी जिससे सारे कारोबार सुचारू रूप से चलने लगेंगे घबराने की कोई बात नहीं है
Tulsha Barsaiya MS bagh farhat afza phanda old city bhopal . महामारी से प्रभावित परिवार के बच्चों को समझाएंगे कि वे अपने माता पिता से पढ़ाई के लिए मोबाईल की जिद न करे पड़ोसी के मोबाइल से पढ़ाई कर लेवे। उन बच्चों को समझाएंगे कि हम आपको घर पर आकर मार्गदर्शन करेंगे। ऐसे परिवारों के बच्चों को हम उनके घर पर जाकर पाठपुस्तकों रेडियो टीवी मोबाईल ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षण कार्य कर सकते हैं।
सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
Janki thakur अभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी।
हम उन छात्रों का मार्गदर्शन कैसे करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है यह प्रश्न बहुत ही अध्यक्ष है हम ऐसे बच्चों की मदद विज्ञान के इस साधन मोबाइल और इंटरनेट के द्वारा हम इन बच्चों की मदद कर सकेंगे जिन बच्चों के माता-पिता महामारी से प्रभावित हो गए हैं उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी होगी इसलिए हम उन बच्चों को आर्थिक सहयोग भी हल्का-फुल्का करेंगे और उसके साथ-साथ उनके इस सहयोग के साथ हम उनको यांत्रिक साधनों से भी सहयोग करेंगे जिससे उनकी पढ़ाई बाधित ना हो।
हम सावधानीपूर्वक अथवा कोरोना संबंधी जानकारी का उपयोग कर तथा इसके बचाव का प्रचार प्रसार करके लोगों में जागरुकता पैदा करेंगे तथा मुहल्ला क्लास, व घर घर सम्पर्क करके बच्चों को पढ़ाई करवाएंगे। तथा परिवार के लोगों को इस महामारी का सामना करना व जो भी कार्य मिले उसे सहर्ष स्वीकार करें, निराश न हों ,आदि समझाकर कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे।
बच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
हमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
कोविड-19 महामारी में जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है वह आर्थिक रूप से कमजोर हो गए उन बच्चों पर भी इसका असर हुआ है हम कोशिश करेंगे कि इसका असर उनकी पढ़ाई पर ना हो हम उन्हें प्रतिदिन मोहल्ला क्लास एवं डिजीलाइफ वीडियो वर्क बुक बुक के माध्यम से पढ़ाई से जुड़े रखें एवं पढ़ाई के दौरान छोटी-छोटी गतिविधियां एवं प्रतियोगिताएं आयोजित कर उन्हें उपहार स्वरूप शैक्षणिक सामग्री जैसे कलम, पेंसिल, स्लेट, पहाड़ा, कलर पेन आदि का वितरण करें गे जिससे उनमें सीखने की आदत बढ़ेगीऔर पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाली शिक्षण सामग्री भी प्राप्त हो जावेगी जिससे उनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी में प्रभावित हुआ है इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा
पंकज कुमार यादव प्राथमिक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला हरनभटा विकासखंड -अमरवाड़ा जिला -
लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को बहुत नुकसान हुआ है, जो रोजमर्रा के काम से अपने घर का पेट पालते थे। आज उनके लिए एक वक्त की रोटी भी बहुत मुश्किल हो गई। कई मजदूर ऐसे हैं, जो भूखे पेट ही सो रहे हैं। अगर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान किसी को हुआ है तो वह है मजदूर, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।
लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हुआ है। कारखानों को बंद रखने के कारण भारी नुकसान वहन करना पड़ रहा है, वहीं व्यापार भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। लोगों की नौकरियां चली गई हैं जिसकी वजह से बेरोजगारी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। लॉकडाउन की वजह से देश आर्थिक रूप से कमजोर पड़ रहा है।
दिन-रात सिर्फ कोरोना से संबधित खबरें लोगों को मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं, जो उन्हें नकारात्मक कर रही हैं। पूरे दिन घर पर रहने और शारीरिक व्यायाम न होने से लोग खुद को स्वस्थ भी महसूस नहीं कर पा रहे हैं। बच्चे भी पूरे दिन घर पर रहकर चिड़चिड़ापन महसूस करने लगे हैं, क्योंकि वे बाहर खेलने हेतु अपने दोस्तों के साथ मिलने में असमर्थ हैं। कोरोना वायरस की खबरें लोगों को परेशान कर रही हैं जिससे कई लोग डिप्रेशन जैसी समस्या से भी जूझ रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण हर छात्र के माता पिता ही नहीं बल्कि दुनिया का एक एक इंसान प्रभावित हुआ है लेकिन जान है तो जहान है एवं परिस्थिति को ध्यान में रखकर सुरक्षित शिक्षा ज्ञान हम घर घर जो जहां है वहां तक सेवा भाव कर्म से पहुंचाने का भरपूर प्रयास करेंगे एवं जीवन को एक अच्छी स्थिति में बढ़ाने का प्रयास करें गे एवं मेरे अनुभव के अनुसार लॉकडाउन के बाद कि जो शिक्षा दी जा रही है वह पहले की शिक्षा से बहुत बेहतर है जिससे कम खर्च लागत में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का प्रचार प्रसार एवं ज्ञान दिया जा रहा है जो सही है
Hum unhe samjhe aaenge ki paristhiti hamesha ek si nahin rahti hai chauki bacche government school mein padh rahe honge to unke padhaai mein koi bhi rupaye nahin lagengeunki padhaai to jari hi rahegi aur unke Mata pita ko bhi samjhane ki koshish karenge ki jaldi kuchh naya hone wala hai aur is tarah unko Sahanibhoot denge
Pushpa singh MS bagh farhat afza phanda old city jsk-girls station. Covid -19 ki sthithi me mahamari se prabhavit parivar ko mental and economical support ki bahut ayashakta hoti he.unki padhai prabhavit nahi ho iske liye on line teaching ke sath ham bachho ko apni taraf se stationary ka saman vitrit kar sakte hai.
covid19 महामारी में जिन बच्चों के माता पिता का रोजगार प्रभावित हुआ।वे अपने बच्चों को online पढ़ाई के साधन उपलब्ध कराने में असमर्थ थे उनसे घर घर जाकर संपर्क किया ।उनका सहयोग करते हुए बच्चोंं की पढ़ाई को जारी रखने। का पूर्ण प्रयास किया और उन बच्चों को पढ़ाई के साथ जोड़कर रखा ताकि बच्चोंं की माता पिता की प्रभावित समय का प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर न पड़े।
उन छात्रों जिनके माता-पिता का व्यवसाय लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुआ है उन्हें वह उनके माता-पिता को यह परिस्थितियां भी नहीं रहा कि रहेगी समझा कर वह व्य शेत्र को सीमित करने की सलाह देकर और आय के स्रोत बढ़ाने का सुझाव देकर भी हिम्मत बंधाई जा सकती है वह सीमित संसाधन नो में गुजारा कर के करने का मार्गदर्शन दिया जा सकता है।
बच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया
December 28, 2020 at 6:49 AM जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत हो
महामारी के दौरान कई परिवारों का रोजगार चला गया,ऐसी परिस्थिति में हम उन परिवारों के छात्रों से महंगे मोबाइल या नेट पर शिक्षा जारी रखने की अपेक्षा नहीं कर सकते।हम उन्हें उनके घर जाकर मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षित करेंगे और उन्हें समझायगें कि बुरा समय जल्दी ही बीत जायेगा।
हमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
हमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
वर्ष 2020 -कोविड19, जैसी महामारी लेकर आया, जिसने दुनिया को हिला के रख दिया। हमारा देश, प्रदेश, शहर, तथा गांव भी इससे अछूते नहीं रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में रोग का प्रकोप तो नहीं देखा गया, लेकिन लोगों के कामकाज पर बहुत असर पड़ा। उनके रोजगार छिन गए । बाहर से जो कमाकर लाए थे। वह भी इन पांच- छह महीनों में खत्म हो गया। स्वाभाविक है कि इसका असर उनके स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों पर भी पड़ा। शाला में दर्ज बच्चों को SMC तथा जन सहयोग से 6-6 कॉपियां तथा 2-2 पेन , जुलाई में ही , शासन से प्राप्त पुस्तकों के साथ वितरण कर दिए गए हैं । मोहल्ला क्लास, शिक्षा का कोना, डिजिलेप द्वारा बच्चों से सतत मोबाइल फोन से संपर्क करके , इस आपदा में आई गिरावट को पूरा करने का प्रयास लगातार जारी रहा। समय चाहे अच्छा हो या बुरा अपनी गति से लगातार चल रहा है। इस बुरे वक्त को हम निश्चित ही पार कर सामान्य जीवन जीने की आशा लिए , हम बच्चों एवं अभिभावकों के साथ लगातार अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
इस महामारी के द्वारा नुकसान हुए हैं लोगों का धंधा चौपट हुआ है ऐसे परिवारों के लिए चयनित कर हम लोग अपनी तरफ से और कुछ जगह पर जो संस्थाएं ऐसे बच्चों की मदद करती हैं हम शिक्षक स्टाफ द्वारा एसएमसी के द्वारा जो उनकी कुछ कमियां हैं उनको चिन्हित करके जिनके बगैर उनका काम नहीं चल सकता पहली प्राथमिकता के साथ बच्चों को समर्थन यह सब कर रहे हैं और आज हमको उनका रिजल्ट भी मिल रहा है हम इस प्रकार से उनकी सहायता कर उनकी पढ़ाई जारी कर सकते हैं उनके परिवार में जो आर्थिक संकट है उसको भी दूर कर सकते हैं उनको छोटे-मोटे धंधे करने के लिए प्रोत्साहित कर परिवार की स्थिति संभालने के लिए हमें उनकी मदद कर सकते हैं
हमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
Covid-19 जैसी महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय समाप्त हो गया। ऐसे बच्चों से मिलकर उनसे सकारात्मक बातें करके उनका मनोबल बढ़ा कर उन्हें यह बताना कि परिस्थिति के अनुसार व्यवसाय तो बदला जा सकता है और कोई भी छोटा व्यापार करके समय को देखते हुए कुछ पैसे कमा कर धीरे-धीरे आगे को बढ़ा जा सकता है। अतः यदि जीवन सुरक्षित बच गया तो किसी भी प्रकार का व्यवसाय कर जीवन यापन किया जा सकता है। जान है तो जहान है। आत्मविश्वास बनाए रखने में सदैव सफलता मिलती है और बच्चों को बोलेंगे कि वह भी अपने माता पिता के साथ मदद करें जिससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में योगदान प्राप्त हो सके।
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है, बच्चों के माता- पिता इंटरनेट की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। हम छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास घर घर जाकर करेंगे।
बच्चों के साथ साथ उनके माता-पिता को भी मार्गदर्शन स्वरूप यह बताएंगे कि कोई भी समय एक जैसा नहीं रहता जो यह कठिन परिस्थिति निर्मित हुई है यह भी जल्दी ही समाप्त हो जाएंगी हमें धैर्य से काम लेना चाहिए और इस कठिन परिस्थिति का सामना समझदारी से करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए
कोविड महामारी के के कारण कई लोगों का रोजगार छिन चुका है, व्यवसाय बंद हो चुके हैं ,एवं यहां तक की दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के साधन भी समाप्त हो चुके हैं ।ऐसी परिस्थिति में ऐसे परिवार के जो बच्चे शाला में पढ़ने आते हैं उनके प्रति हमारा दायित्व बनता है कि, हम उन्हें संबल प्रदान करें उनका हौसला अफजाई करें साथ ही उन्हें प्रेरित करें कि वह अपने परिवार की परिस्थितियों को देखते हुए अपने दैनिक उपयोग की आवश्यकताओं को कम करें तथा परिवार की आपदा के अवसर पर घर में सहयोग प्रदान कर आर्थिक उपार्जन के प्रयास किए जाएं यदि बच्चे छोटे हैं तब भी उन्हें यह समझाया जाए कि वे किसी वस्तु के लिए अनावश्यक जिद ना करें यदि हम ऐसा कर पाए तो उस परिवार के प्रति हमारा यह सहयोग भी वांछनीय रहेगा ।धन्यवाद श्रद्धानंद उपाध्याय शासकीय माध्यमिक विद्यालय मौसार तहसील बदनावर जिला धार मध्य प्रदेश
नमस्कार... जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 30 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है। आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
Jin Chhatron ke pariwar es mahamari man prabhabit huye han unhe himmat denge unake bachchon ko mohalla class ke dwara padayenge .mobile se sampark karte rahenge.
me diliprolas ps Akhand jsk sulgoun block punasa district khandwa covid se prabhavit chhatro ke mata pita ko samjhayege or uchit marg darshan denge taki unko bhavishya me vyasay me himmat mil sake.
Jon chhatro ka parivar mahamari se prabhavit hua hai unke parivar me sakaratmak soch ko viksit karege tatha hamse jitani bhi madat ho sakegi utani madat karege
सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।
कोविड काल में इन्टरनेट न होने पर मुहल्ले में जाकर पढ़ाना शुरू किया और आज हमारे बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं उनकी शिक्षा पर कोई परेशानी नहीं हुई
मोहल्ला क्लास लेना, कापियां रबर, पेंसिल लीड मास्क देना, उनका मनोबल बढ़ाने का, परिस्थिति एक ही नहीं रहतीं घबराओ नहीं अन्य अध्ययन सामग्री से मदद करेंगे कोविड के बारेसामाजिक दूरी बनाए रखें, आंगनबाड़ी केंद्रों सेकाढामिलाउसका सेवन करें भापले घर घर जाकर पढ़ाना। अन्य आवश्यक परामर्श देंगे। उनका मनोबल विश्वास बढायेंगे । अधिगम के परिणाम का समय-समय पर मूल्यांकन करेंगे।
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है, बच्चों के माता- पिता इंटरनेट की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। हम छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास घर घर जाकर करेंगे।
महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
नाम - लक्ष्मीनारायण छीपा स्कूल - शा.मा.वि.बरकीसरांय भांडेर इस महामारी के द्वारा नुकसान हुए हैं लोगों का धंधा चौपट हुआ है ऐसे परिवारों के लिए चयनित कर हम लोग अपनी तरफ से और कुछ जगह पर जो संस्थाएं ऐसे बच्चों की मदद करती हैं हम शिक्षक स्टाफ द्वारा एसएमसी के द्वारा जो उनकी कुछ कमियां हैं उनको चिन्हित करके जिनके बगैर उनका काम नहीं चल सकता पहली प्राथमिकता के साथ बच्चों को समर्थन यह सब कर रहे हैं और आज हमको उनका रिजल्ट भी मिल रहा है हम इस प्रकार से उनकी सहायता कर उनकी पढ़ाई जारी कर सकते हैं उनके परिवार में जो आर्थिक संकट है उसको भी दूर कर सकते हैं उनको छोटे-मोटे धंधे करने के लिए प्रोत्साहित कर परिवार की स्थिति संभालने के लिए हमें उनकी मदद कर सकते हैं
लॉकडाउन के दौरान बच्चों के माता-पिता आय प्रभावित हुई जिसके कारण बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही थी इसके लिए जरूरतमंद बच्चों के मोबाइल को रिचार्ज कराना मोहल्ला क्लास लगाना और उनके माता-पिता का आत्मविश्वास बढ़ाना मुख्य उद्देश्य रहा
अभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी
इस महामारी में बच्चों के माता-पिता बालकों को बहुत ही कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा उनका व्यवसाय बिल्कुल बंद हो चुका था वह सिर्फ व्यवसाय के की बदौलत ही अपने परिवार का पालन पोषण करते थे उन्होंने जो सराहनीय कार्य किया उसकी हम प्रशंसा करते हैं और ऐसे विकट परिस्थितियां बार-बार नहीं होती हम उन्हें इस तरह मनोबल बढ़ाएं गे कि उन्होंने इन विषम परिस्थितियों का सामना किया
इस महामारी में ऐसे परिवार जिनकी आय प्रभावित हुई उनके बच्चों के लिए घर घर सम्पर्क ,मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षण व्यवस्था करेगें।यदि आवश्यक हुआ तो उनकी मदद करके बच्चों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराकर हर सम्भव मदद की जाएगी।
जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। अथवा, हमारे दमोह शहर में से दो प्रकार की नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं। एक- श्री दरिद्र नारायण भोज (1982 से), मुफ्त भोजन कपड़े कंबल आदि। स्थान- टंडन बगीचा दमोह। दूसरी-नेकी की दीवार (2018 से ) मुफ्त कपड़े। स्थान-अस्पताल चौराहा दमोह। से वंचित उचित मदद प्राप्त कर आवश्यकता मंद परिवारों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं। महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है। आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
कोविड-19 महामारी से पीड़ित छात्रों के माता पिता जिनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर नए व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करेंगे और उन को दिलासा देंगे कि उनके बच्चों की पढ़ाई किसी प्रकार प्रभावित नहीं होगी हम से जो भी प्रयास बन पड़ेगा हम जरूर करेंगे परंतु छात्रों को पढ़ाई से वंचित नहीं होने देंगे
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
उन बच्चों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से घर घर जाकर करेंगे और उनके माता-पिता को भी समझाएंगे किस समय एक सा नहीं रहता हमें देर से काम लेना होगा और अच्छे समय का इंतजार करना होगा
मै तो यही परामर्श दूंगा कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत।सुबह के बाद शाम और शाम के बाद सुबह जरूर होती है।सूर्योदय के बाद सुर्यास्त, और सूर्यास्त के बाद फिर सुर्योदय होता है।हर सिक्के के दो पहलू होते है।कुछ खोना पडता है तो कुछ नये अवसर भी स्वागत करने खडे रहते है।अनिल केचे,स.शि.,प्रा.शा.भरियाढाना, तामियाँ, पातालकोट, छिंदवाड़ा, म.प्र.
जिन छात्रों के परिवार करोना कोविड-19 की महामारी से प्रभावित हुए हैं उनमें सकारात्मक भावना विकसित करेंगे तथा सामाजिक संगठनों से मिलकर उन्हें आवश्यक शैक्षणिक सहायता एवं सामग्री दिलाने का भरसक प्रयास करेंगे कुछ संस्थाओं ने नेकी की दीवार जैसी स्थान निर्धारित कर गरीबों को सहायता देने का बीड़ा भी उठाया है तथा शासन ने इस कोविड-19 महामारी के समय निशुल्क राशन एवं नगद राशि कभी गरीब मजदूरों को राशन उनके घरों में और नगद राशि उनके खातों में भेजकर सहायता प्रदान की है साला की ओर से भी छोटी कक्षाओं के लिए स्लेट पेंसिल रबर आदि वितरित की गई है तथा निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी और समय सारणी साला की ओर से वितरित की गई है डिजिटल ऐप के माध्यम से घर पर उन्हें शिक्षण कार्य कराया जा रहा है और साला की ओर से भी ऐसे परिवारों को चिन्हित कर भरपूर शिक्षण कार्यों में मदद की जावेगी ऐसे संकट की घड़ी में मानवता का रुख अपनाकर सभी सामाजिक संगठन सभी शैक्षणिक संस्था सभी शिक्षक परिवार सभी साला परिवार ऐसे परिवारों की मदद के लिए आ गया है तथा ऐसे गरीब परिवारों के छात्रों को हर संभव शैक्षणिक कार्यों में सहयोग कर पठन-पाठन जारी रखने में अभूतपूर्व सहयोग प्रदान करें ताकि गरीबों के छात्र छात्रा भी शिक्षण कार्य से वंचित न रह कर ऐसे विकट एवं संकट की घड़ी से निजात पाकर आगे चलकर अपने जीवन को शिक्षाप्रद बनाकर उन्नति प्रगति के मार्ग पर आगे ले जा सके और अपने जीवन और अपने भविष्य को सुरक्षित का सफल बना सके यही कामना के साथ धन्यवाद
सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
Jin chhatron ka parivaar is mahamari se prabhaavit hua hai, unme sakaratmak soch ko viksit karenge, koi bhi bimari ya dukh taklif sada ke liye nHi hoti hai. Jo aaya hai uske jane ka samay bhi tay hai. Hume vartmaan stithi se niptna hai aur majboot hokr aage badna hai.
शासकीय शालाओं में सामान्यतः वे है बच्चे आते हैं जिनके मातापिता मजदूरी करते हैं या छोटा रोजगार जैसे सब्जी बेचना ठेला लगाने आदि कोवीद के दौरान सभी के व्यवसाय पर असर पड़ा किन्तु उनसे बातचीत करने व सकारात्मक सोच विकसित करने का प्रयास किया बच्चों की मदद की व समझाया कि ये समय बीत जायेगा सब ठीक हो जाएगा।
कोविड-19 की परिस्थिति में जब माता-पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी उस समय उनके परिवारों को सहायता प्रदान की गई सरकार के द्वारा मध्यान भोजन की सामग्री वितरित करवाई गई शांति कई संगठनों के द्वारा खाद्यान्न वितरण किया गया शिक्षक साथियों ने भी मिलकर बच्चों के परिवारों की मदद की उनको जहां तक सहायता उपलब्ध की जा सकती थी कराई तथा विषम परिस्थितियों में बच्चों की पढ़ाई को जारी रखें
As a guidance to the children as well as their parents, they will tell that no time remains the same, which has created this difficult situation, it will also end soon. We should work patiently and face this difficult situation wisely. Should live one's life while doing
जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित हुआ है या छूट गया है उन माता-पिता या परिवार के घर जाकर उनका हाल-चाल पूछना उनकी आवश्यकताओं की संभव पूर्ति करना जैसे भोजन कपड़े आदि अपने साथियों से इस संबंध में आपस में चर्चा करके उचित सहयोग करने हेतु आगे आने हेतु प्रेरित करना बहुत से सामाजिक संगठन जो इस विद्या के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर रहा है एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी देना उन्हें मानसिक भावनात्मक रूप से सकारात्मक ऊर्जा देना अत्यंत आवश्यक है बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना हो इसके लिए शिक्षक लोग निस्वार्थ रूप से घर-घर जाकर बच्चे की पढ़ाई में सहायता पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल रबर कटर स्लेट बत्ती कॉपी पेन कलर कार्ड शीट आदि का वितरण किया गया शिक्षक मदर एंड्राइड फोन द्वारा इन छात्रों तक जिले के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है छात्रों ने इस नई तकनीकी का सहारा लिया जिन छात्रों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं है शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन मौला क्लास के माध्यम से एवं घर-घर जाकर कर रहे एवं मध्यान भोजन का राशन छात्रों तक पहुंच रहा है अभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर लेना चाहिए चाहे फल सब्जी बेचना पड़े फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े कर लेना चाहिए काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी
जिन बच्चो के परिवार कॉविड-19बीमारी के कारण प्रभावित हुए है उन्हें उनके घर जाकर उनकी परेशानी का पता लगाएंगे और वे किस प्रकार की समय से जूझ रहे है उसका निराकरण पी टी ए मीटिंग में भी कर सकते है उस समय से कैसे निपटा जा सकता है हो सके तो हम व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक रूप से उस समस्या का हल ढंढ़ने का प्रयास और उन्हें समझाइस देंगे कि ऐसी परिस्थिति हमेशा नहीं रहेगी धैर्य रखें सब ठीक हो जाएगा ।
माधुरी ठाकुर सहायक शिक्षक शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक कन्या साला परासिया जिला छिंदवाड़ा जिन छात्रों के माता-पिता परिवार जन स्कर्ट स्कर्ट परिस्थिति में रह रहे हैं उन्हें मानसिक भावनात्मक रूप से सकारात्मक ऊर्जा देना आवश्यक हैं ऐसे छात्रों के परिजनों को अपनी तरफ से तथा स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद लेकर बच्चों की मदद करेंगे हम शिक्षा के स्टाफ द्वारा एस एम सी के बैठक लेकर बच्चों की मदद के लिए प्रयास करेंगे ऐसे छात्रों के परिजन की मुख्य आवश्यकता की पूर्ति हेतु स्वयं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद दिला कर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे जिनकी या पारिवारिक आय कम हो गई है ऐसे बच्चों के इंटरनेट मोबाइल रिचार्ज आदि का खर्च हम स्वयं उठाकर एवं छात्रों को पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल पेन कॉपी आदि का वितरण करेंगे
AM कोबिड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित या छूट गया है , हम उन परिवारों की पहचान करके यह देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है। उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयमसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे। समय हमेशा एक सा नहीं रहता , उन्हें धैर्य पूर्वक समय को निकालने को कहेंगे।
कोविड 19काल में Jin chhatron ke Mata Pita ka vyavsay prabhavit Hua Hai Annu bacchon ke hit Mein shasan aur shikshakon Ne bahut hi Karya Kiye Hain jaise lakh down ki avadhi ne chhatron ko nishulak ration Vitran Kiya Jana lockdown ki avadhi mein chhatron ki Sabhi Shikshan samagri pustaken AVN homework Ki Kahaiyan pen pencil mask AVN Sabhi upyogi chij on ka nishulk chhatron ko Vitran mask AVN Sabhi upyogi chij on ka nishulk ka chhatron ko Vitran Kiya gaya hai.
कोविड 19काल में Jin chhatron ke Mata Pita ka vyavsay prabhavit Hua Hai Annu bacchon ke hit Mein shasan aur shikshakon Ne bahut hi Karya Kiye Hain jaise lakh down ki avadhi ne chhatron ko nishulak ration Vitran Kiya Jana lockdown ki avadhi mein chhatron ki Sabhi Shikshan samagri pustaken AVN homework Ki Kahaiyan pen pencil mask AVN Sabhi upyogi chij on ka nishulk chhatron ko Vitran mask AVN Sabhi upyogi chij on ka nishulk ka chhatron ko Vitran Kiya gaya hai.
जिन छात्रों के माता पिता महामारी से ग्रसित है तो उनके साथ ऐसा व्यवहार करें की उनको न लगे की अब हमारा कोई नहीं है उनको कोविड-19 के बारे में पूरी जानकारी देते रहें और धैर्य बंधा दे रहे हैं की कोविड-19 का इलाज सावधानी है सावधानी रखने से यह रोग आगे नहीं बढ़ेगा इसके साथ ही उन छात्रों को किसी प्रकार की भी आवश्यकता हो जो उनके माता-पिता द्वारा पूर्ति होती थी वह हम सब मिलकर पूरी करें और इस कठिन घड़ी में धीरज बंधाते रहें।जिन बच्चो के परिवार कॉविड-19बीमारी के कारण प्रभावित हुए है उन्हें उनके घर जाकर उनकी परेशानी का पता लगाएंगे और वे किस प्रकार की समय से जूझ रहे है उसका निराकरण पी टी ए मीटिंग में भी कर सकते है उस समय से कैसे निपटा जा सकता है हो सके तो हम व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक रूप से उस समस्या का हल ढंढ़ने का प्रयास और उन्हें समझाइस देंगे कि ऐसी परिस्थिति हमेशा नहीं रहेगी धैर्य रखें सब ठीक हो जाएगा ।
जिन बच्चो के परिवार कॉविड-19बीमारी के कारण प्रभावित हुए है उन्हें उनके घर जाकर उनकी परेशानी का पता लगाएंगे और वे किस प्रकार की समय से जूझ रहे है उसका निराकरण पी टी ए मीटिंग में भी कर सकते है उस समय से कैसे निपटा जा सकता है हो सके तो हम व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक रूप से उस समस्या का हल ढंढ़ने का प्रयास और उन्हें समझाइस देंगे कि ऐसी परिस्थिति हमेशा नहीं रहेगी धैर्य रखें सब ठीक हो जाएगा ।
विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार), इस अवधारणा को आप अपने विद्यालय के संदर्भ में कैसे क्रियान्वित करेंगे? चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता बनने के लिए आप में क्या प्रमुख गुण होने चाहिए? उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं- पहल करना सकारात्मक दृष्टिकोण रखना स्वप्रेरित होना परिवर्तन लाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहना आपके अनुसार प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता में अन्य कौन-कौन से गुण होने चाहिए? चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
बताएँ कि कैसे कला समेकित शिक्षा का अनुभव छात्रों को आपके विषयों के सार्थक सीखने में लाभान्वित कर सकता है चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
We shall teach them about Gandhiji and Swami Vivekanand. They both are best example of life management.
ReplyDeleteबच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा।
DeleteHemmat dena hogi aatm bal badana Hoga time dena hogs
ReplyDeleteसीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ है छात्रों मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर-घर जाकर करेंगे ।
Deleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
ReplyDeleteVidyalay neta ke roop mein aap yahan se nasht karne ke liye jimmedaar hai ki sabhi chhatron ko sikhane mein Puri tarah se bhag lene ke liye avsar aur sahayata mele Aisa kabhi sambhav hoga yadi sansadhanon ka prabandhan prabhavit dhang se aur sikhane ki prakriya ko sudharne ke spasht prayojan ke sath sath sansadhanon ka prabandhan prabhavit dhang se aur sikhane ki prakriya sudharne ka prayojan ke sath kiya jaaye ab tak yah sampurn ab Tak kya sampurn Mahatma sansadhan Jaise Vidyalay pratibandhit Karta hai Manav sansadhan aap logon Ko aise samuh Shiksha ne stop Chhatra Mata pita aur samuday ke sadasya mein pahunch prapt hai jo sikhane ka samarthan karne ke liye Kaushal Gyan ka yogdan kar sakte hain Manav sansadhan prabandhan ke sansad aapbiti aur bahut sansadhanon ka prabandhan ke liye bhi jimmedaar honge taki sanchit Kiya ja sake ki hue chhatron ko sikhane ki prakriya sudharne ke liye upyukt aur unka prayog prabhavit dhang se lagu kiya jaaye Bharat mein Vidyalay Hainattach in bacchon Kavya Jin bacchon ke Mata pita ka vyavastha hai tatha unki income bahut hi kam Ekta kyunki vah log down mein kuchh nahin kar pa rahe Hain bacchon ki shan bacchon ke sawariya ke liye hamen bacchon ko uplabdh Shiksha prapt karna ghar ghar mein ja kar padh anadi vyavastha launch karni chahie
ReplyDeleteइस कोरोना के समय में हम बच्चो को रेडियो ,टीवी, मोबाइल मोहला क्लास, वर्कशीत आदि के माध्यम से शिक्षा देकर उनके ज्ञान कोश में वृद्धि करेंगे
Deleteबच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा।
DeleteKai vidyalayon mein sikhane ki sahayata ke liye cement fatak sansadhan hote hain lekin mansikta ke paidal jaane per Vidyalay ke sabhi sansadhan Chinmaya log pareshan se pure samuday ke sansadhan Shamil sikhane ke sansadhan ke roop mein uplabdh ho jaate Hain shikshak aur Chhatra donon ko pane sikhane ke Anubhav ko Samrat karne mein saksham hone ke liye Vidyalay netaon shikshakon ko shikshak sansadhan ke is rahata Anubhav ka prani ki jarurat hai ki aapko is avdharna ko baithe samajhne mein madad karegi madad karegi 21 action sansadhan kya hota hai aur aapko anwesshaa ke liye kya karna chahie kisi bhi chij achcha vishleshan Matra se tulna ke prayog ke madhyam se sansadhan mein badla ja sakte basic sansadhan ke uplabdh Dhaka with foreign ke liye dusron dungi jinki sansadhan ki Rachna kar sakte nirmit ki aamantrit Karen Jin bacchon ke Mata pita ka vyavastha lockdown ki vajah se prabhavit hua hai un bacchon ko hamen ghar ghar mein classes lagva ke coaching karva ke mobile ke dwara Shiksha online Shiksha dekar TV ke madhyam se durdarshan ke madhyam se Shiksha dekhe hamen bacchon Ko padhaane ka prathna karna chahie
ReplyDeleteUnhein Proud feel karake unhein protsahit karke ki unke mata pita desh ki seva kar rahe hai.
ReplyDeleteVartaman samay ki jankari denge aur paristhitiyon ko anukul banane ke liye protsahan denge.
Delete
ReplyDeleteनमस्कार...
जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। अथवा,
हमारे दमोह शहर में से दो प्रकार की नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं। एक- श्री दरिद्र नारायण भोज (1982 से), मुफ्त भोजन कपड़े कंबल आदि। स्थान- टंडन बगीचा दमोह। दूसरी-नेकी की दीवार
(2018 से ) मुफ्त कपड़े। स्थान-अस्पताल चौराहा दमोह। से वंचित उचित मदद प्राप्त कर आवश्यकता मंद परिवारों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है।
आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
धन्यवाद...।
संतोष कुमार अठया
(सहायक शिक्षक )
शासकीय प्राथमिक शाला,एरोरा
जिला- दमोह (म. प्र.)
इस महामारी के द्वारा नुकसान हुए हैं लोगों का धंधा चौपट हुआ है ऐसे परिवारों के लिए चयनित कर हम लोग अपनी तरफ से और कुछ जगह पर जो संस्थाएं ऐसे बच्चों की मदद करती हैं हम शिक्षक स्टाफ द्वारा एसएमसी के द्वारा जो उनकी कुछ कमियां हैं उनको चिन्हित करके जिनके बगैर उनका काम नहीं चल सकता पहली प्राथमिकता के साथ बच्चों को समर्थन यह सब कर रहे हैं और आज हमको उनका रिजल्ट भी मिल रहा है हम इस प्रकार से उनकी सहायता कर उनकी पढ़ाई जारी कर सकते हैं उनके परिवार में जो आर्थिक संकट है उसको भी दूर कर सकते हैं उनको छोटे-मोटे धंधे करने के लिए प्रोत्साहित कर परिवार की स्थिति संभालने के लिए हमें उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
ReplyDeleteप्रीति सोनी धमना नरसिंहपुर,
ReplyDeleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
हम सावधानी अथवा कोरोना संबंधी जानकारी का उपयोग कर इस महामारी से निपट सकते हैं।
ReplyDeleteहिमांशु पटेल ,जनशिक्षक औरई:---कई स्कूल ज़ूम और माइक्रोसोफ्ट टीम जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए क्लासेस ले रहे हैं. दीक्षा और स्वयं जैसे पोर्टलों पर कई भाषाओं में लेसन पढ़े जा सकते हैं.महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।जिन छात्रों के पास डिजिटल साधन नहीं हे उनके लिए शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
ReplyDeletehttps://bit.ly/mpn-17-4 is vaishvik mahamari Ke Karan Sare vyavsay chaupat ho gaye aur jo jo log factory Mein kam Karte The Bahar kam Karte The vah Apna Kam Chhod Kar Gaon Mein Aakar Aane Lagi Unki Aamdani kam hone se unke pass mobile aur internet ki Suvidha uplabdh nahin hai isliye Ek teacher ke roop Mein Ham bacchon Ko Mohalla class mein bulakar ghar ghar jakar Sampark Karenge aur Karte Hain ismein Samajik Duri bada banana aur mat Lagana send tries karna aatm Suraksha ke upay bhi bataen Jaate Hain aur upyog mein bhi le Jaate Hain Ham bacchon Ko Mohalla class ke Madhyam Se Hi shikshit Karte Hain
ReplyDeleteशिक्षक के रूप में बच्चों के माता-पिता को भी ढाढ़स बंधाया गया ।उन्हे यह एहसास दिलाया गया कि आप अकेले नहीं हैं। हम सब इस महामारी के दौर से गुजर रहे हैं। सभी किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं
ReplyDeleteआई सी टी का आयोग करेगे।
ReplyDeleteअभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बहुत सारे अभिभावक ऐसे हैं जिनका व्यवसाय इस महामारी ने बुरी तरह प्रभावित हुआ है कारखानों में काम करने वाले मजदूर वर्कर्स इसके साथ ही किराना कपड़े के व्यवसाय कुल मिलाकर के बहुत सारे व्यवसाय से हैं जो इस महामारी में बुरी तरह प्रभावित हुई है उनके बच्चे भी इस आज समय विषम परिस्थिति से पीड़ित है परेशान है ऐसी स्थिति में शिक्षकों का यह कर्तव्य होता है कि वे बच्चों को ढाढस बंधा है साथ ही उन महा मारियो का उदाहरण दें जिसमें पहले भी इस प्रकार से समस्याएं आई थी मगर उन समस्याओं से उबरा जा चुका है यह समस्या भी एक दिन समाप्त हो जाएगी अब उन्हें कुछ ऐसे व्यवसाय के रूप में शिक्षक बता सकते हैं जो आज भी चल रहे हैं जैसे फल सब्जी या कृषि से संबंधित जो भी काम है वह जो है महामारी के दौर में भी अच्छे ढंग से चल रहे हैं और आय प्राप्त हो रही इस समय अपने व्यवसाय को थोड़ा सा बदलने की जरूरत है और पूरी तरह से संयम बरतें ऐसा हम बच्चों को समझा सकते हैं
ReplyDeleteजिन अभिभावकों एवं माता-पिता ओं का कोविड-19 महामारी के कारण रोजगार छूट गया है ,और उनके बच्चे पढ़ लिख नहीं पा रहे हैं उनसे हम मोहल्ला में जाकर चर्चा करेंगे ,और उनके बच्चों को जिनके पास मोबाइल की सुविधा होगी, तो मोबाइल ऐप के माध्यम से पढ़ाएंगे, और जिनके पास इंटरनेट या मोबाइल की सुविधा नहीं होगी ,उनको हम सारे सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए और मोहल्ला क्लास में बच्चों को बारी-बारी से पढ़ आएंगे |तथा उनका जन-जीवन सामान्य करने के लिए सरकार से, दान वीरों से जहां से भी जो सहायता हमें प्राप्त हो सकती है ,उन्हें दिलवाने का भरपूर प्रयास करेंगे, जिससे उनका जीवन सामान्य हो सकें
ReplyDeleteमहामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए मोहल्ला क्लास अथवा घर भ्रमण कर अधिगम कार्य किया जा रहा है समाज के समृद्ध लोगों से मिलकर उनके लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
ReplyDeleteअमर सिंह सोलंकी शासकीय माध्यमिक विद्यालय द्वारका नगर फंदा पुराना शहर भोपाल मध्यप्रदेश 462010
कोबिड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित या छूट गया है । हम उन परिवारों की पहचान करके यह देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है ,उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयमसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे।छात्रों को विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि का वितरण व एंड्रॉयड फोन के द्वारा सीखने सिखाने की प्रक्रिया को जारी रखेंगे।
ReplyDeleteलॉक डाउन के कारण अधिकांश बच्चों के परिजनों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ । ऐसी स्थिति में उनकी शिक्षा जारी रखने का सबसे सुलभ व सस्ता तरीका मोहल्ला क्लास ही है ।
ReplyDeleteजिन छात्र-छात्राओं के माता पिता का व्यवसाय कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर बात करेंगे सकारात्मक सोच विकसित करेंगे जिससे उनमें नई ऊर्जा का प्रवाह किया जा सके और कुछ नए विचार आईडिया के आधार पर अपना आगे का व्यवसाय प्रारंभ करेंगे
ReplyDeleteकोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऐसे विद्यार्थी जिनके माता-पिता का व्यवसाय छिन गया है, यह बंद हो गया है ।उनकी सहायता के लिए हम जैसे शिक्षक के मोबाइल के जरिए कुछ गतिविधियां कराई जा सकती है ।गांव या शहर में टीवी वगैरह होती ही है उनमें 2-2 ,4-4 बच्चों को एकत्र कर कार्यक्रम दिखाया जा सकता है | स्कूल में उपलब्ध रेडियो की सहायता के शिक्षक बच्चों के घर जाकर उन्हें रेडियो सुना सकता है ।गांव में जिन बालकों के पास मोबाइल सुविधा है उनकी सहायता ली जा सकती है ।ग्राम पंचायत इंटरनेट कनेक्शन होता है उसकी सहायता ली जा सकती है ।शिक्षक घर जाकर बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस इस प्रकार माता पिता के पैसे खर्च किए बगैर बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है।
ReplyDeleteधन्यवाद
अनिल कुमार कुशवाहा
माध्यमिक शिक्षक
शासकीय माध्यमिक शाला नगवाड़ा विकासखंड बनखेड़ी
जिला होशंगाबाद (म० प्र०)
नमस्कार...
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। अथवा,
हमारे दमोह शहर में से दो प्रकार की नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं। एक- श्री दरिद्र नारायण भोज (1982 से), मुफ्त भोजन कपड़े कंबल आदि। स्थान- टंडन बगीचा दमोह। दूसरी-नेकी की दीवार
(2018 से ) मुफ्त कपड़े। स्थान-अस्पताल चौराहा दमोह। से वंचित उचित मदद प्राप्त कर आवश्यकता मंद परिवारों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है।
आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
धन्यवाद...।
छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उस दशा में उनका काम छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर
ReplyDeleteशिक्षक के रुप में बच्चों के माता पिता को ढाढ़स बन्धाया गया की आप अकेले नही है हम सब इस महामारी के दौर से गुजर रहे हैं सभी किसी न किसी रुप से प्रभावित है। समय बदलेगा जीवन में फिर खुशियां आयेगी। बस सावधानी के साथ समय का इन्तजार करना है।
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर पढ़ायेंगे।
ReplyDeleteआप उन छात्रों का मार्गदर्शन कैसे करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है?
ReplyDeleteचिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
उपरोक्त संदर्भ में सर्वप्रथम उन अभिभावकों को भी प्रेरित करेंगे जिनका व्यवसाय कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर बात करेंगे सकारात्मक सोच विकसित करेंगे जिससे उनमें नई ऊर्जा का प्रवाह किया जा सके और कुछ नए सकारात्मक और सहयोगात्मक विचारों के आधार पर अपना आगे का व्यवसाय प्रारंभ करेंगे।
यह भी देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है ,उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे।
ऐसे परिवारों के छात्र - छात्राओं के संदर्भ में महामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए हमारा घर हमारा विद्यालय अंतर्गत सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए घर भ्रमण कर शिक्षण अधिगम कार्य किया जा रहा है।विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि का वितरण भी किया गया है।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया,महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास एवं घर घर पढ़ाया जा रहा है
ReplyDeleteKobid 19 महामारी में हमारे कई अभिभावकों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
ReplyDeleteजिसके कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। रोजी रोटी की समस्या ऑन
पड़ी है ।ऎसी स्थिति में हमारे शिक्षक उनके बच्चों को आवयश्क शैक्षिक सामग्री,किताबे,अभ्यास पुस्तिकाएं, दक्षता हैंड बुक, पेन,पेंसिल, रब्बर,किताबे, कॉपी आदि
उपलब्ध करा कर, उनका मोहल्ला क्लास लगा कर पढ़ाई कराने के लिए। तत्पर है।
ताकि संसाधनों के अभाब में उनकी पढ़ाई में बाधा न पहुँचे।
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है
ReplyDeleteइस समय बच्चों के माता-पिता एवं शिक्षक को मिलकर बच्चों को पढ़ाना है किसके लिए मोहल्ला क्लास एवं अन्य गतिविधि के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हमें बच्चों को उचित मार्गदर्शन देना है
ReplyDeleteकोरोना बीमारी के कारण जिन लोगों की नोकरी चली गई उन्हें अपने जीवन को चलाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई ।
ReplyDeleteबच्चों के अभिभावकों को समझाएंगे धैर्य रखें और कुछ इस तरह का रोजगार व स्वरोजगार चालू करें जो घर से ही हो सके और धीरे-धीरे उसे आईसीटी की मदद से अपना स्वरोजगार बढ़ाते जाएं और अपनी आय में वृद्धि करते जाएं
ReplyDeleteप्रभावित परिवार के बच्चों को समझना होगा कि अपनी पढ़ाई को बाधित न होने दें । हम आपकी सहायता के लिए तत्पर हैं।
ReplyDeleteयह समस्या कुछ समय की है आप पुनः व्यवस्थित हो जाएंगे
Hamen bacchon ko sikhayenge ki musibat mein dherya Kaise Rakha jata hai aur unko prerit Karenge
ReplyDeleteसीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
ReplyDeleteहमारी शाला में गरीब परिस्थिति के पालक अपनी बालिका को शाला में पढ़ाने भेजते है अचानक कोरोना वायरस महामारी से उनके सामने परिवार चलाने का संकट आ गया उनके पास परिवार चलाने के लिए रूपये नहीं थे वो कैसे मोबाइल का नेट पैक डलवाते उनसे फोन पर चर्चा कर रेडियो प्रोग्राम से छात्रा को पढ़ाने के लिए सम्पर्क कर कहा गया एवं उनके लिए मोहल्ला क़क्षा का प्रबंध किया जिन छात्रा के पालक सक्षम थे उन्हें व्हाट्सअप ग्रूप के माध्यम से शिक्षण दिया गया शहरी क्षेत्र होने से यहाँ पर बीमारी का ज्यादा प्रकोप था ऐसी स्थिति में बाहर से ही हम छात्रा को मार्गदर्शन देकर वापस आ जाते थे हमें भी भय रहता था ऐसी बीमारी इससे पहले कभी नहीं देखी थी
ReplyDeleteमहामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है।
ReplyDeleteकोरोना बीमारी के कारण जिन लोगों की नोकरी चली गई उन्हें अपने जीवन को चलाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई ।
मोहम्मद अजीम सहायक अध्यापक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रैगांव जिला सतना
ReplyDeleteऐसे बच्चों को जिनके पालको का व्यवसाय कोरोना काल मैं प्रभावित हुआ है उन्हें हम कहेंगे कि थोड़ा सब्र से काम लें उनके घरों में खाने पीने की अगर कमी है तो कहीं से मदद का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे इसके अलावा उन्हें ऐसे व्यवसाय की तरफ अग्रेषित करेंगे जो फिलहाल चल सकता है जैसे सब्जी का व्यवसाय जो लॉकडाउन में भी चल रहा था
Samajik doori banate huye bachcho or unke Mata Pita se sampark karke padhai ki mukhy dhara se jodte huye mohalla class ke dwara unka marg darshan karenge
ReplyDeleteकिसी भी तरह की समस्या से निजात पाने के लिए धैर्य और गंभीरता की जरूरत होती है। हम ऐसे दुखी परिवार वाले बच्चों के लिए हर संभव मदद की कोशिश करेंगे।
ReplyDeleteMahamari ke kaaran pariwarik aay kam ho gai hai or pariwar bale internet suvidha (vyavastha) uplabdh krane me asmarth hai isliye chhatro ka margdarsanm muhalla class ke madhyam se karenge or ghar ghar jakar sampark karenge
ReplyDeleteछात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है
ReplyDeleteगाँव मे जो पालक शहर जाकर अपना काम करते थे। ओर जिनका व्यापार कोविड-19के लाकडाउन से प्रभावित हुआ उन पालको को विभिन्न संस्था ,सरकारी मदद से आर्थिक व मनोवैज्ञानिक सहायता कर उनका मनोबल बढाया बच्चों को घर जाकर सभी सरकारी सहायता एवं उनको विषेश शिक्षण देकर । आगे बढाया ।आज सभी विद्यार्थियों को ऐसे माहोल मे भी खुशी ,प्रसंन्नता बनी हुई है।
ReplyDeleteकोविड काल में इन्टरनेट न होने पर मुहल्ले में जाकर पढ़ाना शुरू किया और आज हमारे बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं उनकी शिक्षा पर कोई परेशानी नहीं हुई
ReplyDeleteGaon mein Jo palak ok Sher jakar apna Kam karte Hain aur Jin ka Vyapar covid 19 ke lockdown se provide hua hai un palko ko vibhinn Sanstha Ho sarkari madad se arthik ko manovaigyanik sahayata Karun ka manobal badhaya bacchon ko co4 jakar sabhi sarkari sahayata UN ko Vishesh shikshan dekar aage badhaya Aaj aaj sabhi e vidyarthiyon ko aise mahaul mein bhi Khushi percentage Bani Hui hai
ReplyDeleteF
ReplyDeleteजिनके माता पिता का धंधा बंद हो गया है इसके बावजूद हम घर पर जाकर बालको से संपर्क कर पढ़ायेंगे। जैसे मोहल्ला क्लास,घर घर संपर्क, माता पिता से संपर्क, बालको से संपर्क, पालकों से संपर्क, एसएमसी सदस्यों से संपर्क, करके covid 19 के बारे में जागरूक करेंगे। छात्रों को मोबाइल से, रेडियो से,टीवी से, शिक्षण कार्य करेंगे।
ReplyDeleteऐसे बच्चो के माता पिता जिनका व्यवसाय कोविड-19 काल मै प्रभावित हुआहै। उन्हे हम कहेंगे कि थोड़ा सब्र से काम ले उनके घरों में खाने पीने की अगर कमी है । तो कहीं से मदद का इंतजाम करने की कोशिश करेगे। इस के अलावा उन्हे ऐसे व्यवसाय की तरफ अग्रेषित करेगे। जोफिलहल चल सकता हैं। जैसे सब्जी का व्यवसाय जो लॉक डॉन में भी चल रहा था।
ReplyDeleteशिक्षक के रूप में बच्चो के माता पिता को ढाढस बधाया गया। की आप अकेले नहीं हैं। हम सब इस कोविड-19 महामारी के दौर से गुजर रहे हैं। सभी किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं। समय बदलेगा जीवन में फिर से खुशियां आएगी। बस सावधानी के साथ समय का इंतजार करना है।
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ या छूट गया उन्हें परेशानी की घड़ी में धैर्य रखकर हिम्मत प्रदान करेंगे तथा महामारी में सकारात्मक सोच रखने की बात कहेंगे महामारी से बचने की सलाह देंगे और कहेंगे जान है तो जहान है
ReplyDeleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है।
ReplyDeleteजिनके माता-पिता का धंधा बंद हो गया है, इसके लिए हम उनके घर पर जाकर बालको से संपर्क कर पढ़ायेंगे। जैसे मोहल्ला क्लास,घर-घर संपर्क, माता -पिता से संपर्क, बालको से संपर्क, पालकों से संपर्क, एसएमसी सदस्यों से संपर्क, करके covid 19 के बारे में जागरूक करेंगे। छात्रों को मोबाइल से, रेडियो से,टीवी से, शिक्षण कार्य करेंगे।
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ या छूट गया उन्हें परेशानी की घड़ी में धैर्य रखकर हिम्मत प्रदान करेंगे तथा महामारी में सकारात्मक सोच रखने की बात कहेंगे महामारी से बचने की सलाह देंगे |
सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे से समझ में आ सके |
Mahamari covid-19 Ke Karan chhatron ke Mata Pita ka vyavsay prabhavit Hua Hai Unki parivarik Aaye kam ho gai hai jisse vah internet mobile recharge cable connection aaj ka kharch Nahin Utha rahe hain to unke liye Mohalla class 8 vah Ghar bhraman kar adhigam Karya Kiya ja raha hai Samaj Ke sanvidhan Logon Se Milkar unke liye suvidhaen jutaai ja rahi hai
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें।
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित हुआ है या छूट गया है उन माता-पिता या परिवार के घर जाकर उनका हाल-चाल पूछना उनकी आवश्यकताओं की संभव पूर्ति करनाजैसी भोजन कपड़े आदि अपने साथियों से इस संबंध में आपस में चर्चा कर उचित सहयोग करने हेतु आगे आने हेतु प्रेरित करना उन बच्चों को पढ़ने हेतु दीजिए वीडियो रेडियो टीवी आदि से पढ़ने हेतु प्रेरित करना उनको पेन पेंसिल पुस्तकें आदि पढ़ने की सामग्री उपलब्ध कराना बहुत से सामाजिक संगठनों जो इस विपदा के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं इनकी जानकारी देना ताकि इस महामारी में एक दूसरे के सहयोग से उनकी आवश्यकता है पूर्ण हो सके
ReplyDeleteअल्का बैंस प्राथमिक शाला कुकड़ा जगत छिन्दवाड़ा
ReplyDeleteकोरोना महामारी के चलते आम जन जीवन सामाजिक आर्थिक रूप से अत्यंत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गांव और पुरानी बस्तियों के वे लोग जो मजदूरी करते थे उनका आम जनजीवन रोज़गार और धन के आभाव के चलते डगमगा गया एवम् चिंताग्रस्त हो चुका है। इसी स्थिति में जिन छात्रों के माता पिता परिवारजन इस कठिन परिस्थिति में जी रहे हैं। उन्हें मानसिक भावनात्मक रूप से सकारात्मक ऊर्जा देना अत्यंत आवश्यक है। बच्चो की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए शिक्षकों को निस्वार्थ रूप से घर घर जाकर बच्चो कि पढ़ाई में सहायता करनी चाहिए। सरकारी सुविधाएं जैसे राशन, विभन्न भत्ते आदि समय पर उपलब्ध हों ऐसी व्यवस्था करना चाहिए। और सबसे महत्वपूर्ण ये है जिन परिस्थितियों का सामना हमें अभी करना पड़ा है उससे सीख लेकर स्वास्थ्य, जागरूकता, वित्तीय प्रबंधन के महत्व से परिचित कराना और उन्हें शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है।
Esi isthiti me hme ese chatro ke mata pita ka manobal badana chahiye or hamse jo bhi madad ho ske wo krni chahiye or shasan ki yojna jo unke liye hitkr ho batani chahiye.
ReplyDeleteमें योगेन्द्र सिंह रघुवंशी श मा शाला बेरुआ सिलवानी जिला रायसेन एमपी मेरे विचार से
ReplyDeleteStudents ko learning door to door ja kar karayange.unki family history ko bhi samjhenge.har sambhav self employed service ko batange jisse covid-19 ka time ka life per bojha nahi aaye.
ReplyDeleteजितना हो सके उतना अच्छा तरीका अपनाऊँगी।और हर रात की सुबह होती हैं।वैसेही अच्छा दिन भी होगा।
ReplyDeleteजिनके माता पिता का धंधा बंद हो गया है इसके बावजूद हम घर पर जाकर बालको से संपर्क कर पढ़ायेंगे। जैसे मोहल्ला क्लास,घर घर संपर्क, माता पिता से संपर्क, बालको से संपर्क, पालकों से संपर्क, एसएमसी सदस्यों से संपर्क, करके covid 19 के बारे में जागरूक करेंगे। छात्रों को मोबाइल से, रेडियो से,टीवी से, शिक्षण कार्य करेंगे।
ReplyDeleteमहामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।
ReplyDeleteSandhya Gautam
ReplyDeleteBlock-Sohawal
District-Satna
जिन छात्रों के माता-पिता का व्यवसाय कोरोना महामारी से प्रभावित हुआ है उन अभिभावकों से मिलकर उनको वर्तमान परिस्थितियों का धैर्य के साथ सामना करने और आने वाले अच्छे समय की तैयारी करने हेतु प्रेरित करते हैं। उनके लिए सरकार द्वारा मदद के प्रावधानों से परिचित कराया है।
चूंकि वे ििइंटरनेटका खर्च उठाने में असमर्थ हैं तो हम स्वयं मोहल्ला क्लास में अपने मोबाइल से दीजिलेप वीडियो, क्विज करवाते हैं।उन्हें मोबाइल या ििइंटरनेटपैक के नहीं बोला जाता।पेन,कलर,प्रोजेक्ट हेतु पेपर, मास्क,सेनेटाइजर की व्यवस्था हमने अपने से की है ताकि उनको इन सबका आर्थिक बोझ न महसूस हो।बच्चों की पढ़ाई न रुके इसके लिए प्रयास जारी है।
।।धन्यवाद।।
Bhaskar sathiyon mein Vipin Kumar kila madhyamik Shiksha madhyamik Shala bhajiya thana jahan tak is gatividhi ke upar Apne vichar Hain mere vichar se Jin chhatron ke Mata pita ka vyavsay mahamari se prabhavit hua hai yah chhut Gaya hai an Mata pita yah Parivar ke ghar jakar unka HAL chaal puchna unki avashyakta ke bare mein pata lagana unke bhojan kapde aadi ke bare mein jankari Lena kyunki jhunjhun vyaktiyon ka vyavsay jhutha hai aur vyaktiyon ki list vahan per anganbadi ke andheron mein uplabdh hai atah ham use vahan se prapt karenge tatha hamare shikshak Anya shikshak sathiyon se charcha karenge 77 Sansthan joki is hamari mein Sahyog ke liye hain ko ham Tum Sansthan ko ham is bare mein suchna denge jisse ki unka uchit tarike se Bhala palan poshan kar sake aur unhen Sansthan humse Jeet na Banega ham utna Sahyog ban vyaktiyon ke liye karenge dhanyvad
ReplyDeleteNamaskar Saathiya main Vipin Kumar Jila Madhyamik Shikshak Madhyamik Shala badhiya Thana Jila Hoshangabad chhatron ke Mata Pita ka vyavsay is mahamari ke dwara prabhavit ugaya chhut Gaya Hai Hamen Mata Pita yah Parivar ke ghar jakar Unka HAL chaal poochenge Unki avashyakta aom ki Sambhav purti karne ka Prayas Karenge tatha is sambandh Mein Hamen list anganbadi Kendra se prapt ho sakti hai Ham use list ko Lekar use gaon ke Sarpanch Sachiv aur apne Shikshak Sathi Aur gaon ke jamidaran Aadi ke sath Ek baithak Lenge tatha use baithak main yah nirale Gaye ki kin vyaktiyon ko kis chij Ki atyant avashyakta Hai tatha Sath hi Sath UN samajsevi Sansthan se bhi Sampark Karenge joki covid-19 Ke dauran vyaktiyon ki ki Sahyog ke liye Aage I Hai tatha Hamara Humse Jitna Jyada Jyada Prayas Banega utna Unka Sahyog karne ka ratn Karenge aur jahan tak bacchon Ki Shiksha Ki Baat Hai To unke liye Ham Pratidin Mohalla class Ka aayojan Kar Hi rahe hain tatha unko Slate pencil Kalam ka PRD jis chij ki jarurat Hogi vah Ham Hamari or Se Hamare Parivar ke sahyogi Parivar ki or se in ki or se dena
ReplyDeletelockdown! के कारण जिनकी आय कम हो गई ! उन्हें मोहल्ला क्लास के माध्यम से और अपने मोबाइल इंटरनेट के द्वारा तथा फोन से कांटेक्ट कर रुचिकर तरीके से पढ़ाने का प्रयास करेंगे !
ReplyDeleteनमस्कार साथियों मैं मुकेश कुमार मालवीय निष्ठा प्रशिक्षण के 17 माड्यूल में आप सभी का स्वागत है ऐसे छात्र जो अपने परिवार में कोविड के कारण उनकी मासिक आय में कमी आई है तथा वह ऑनलाइन टीचिंग के लिए संसाधन जुटाने में असमर्थ हैं ऐसे बच्चों के लिए राज्य शासन द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम अंतर्गत मोहल्ला क्लास आयोजित की जा रही है जिसमें शिक्षक साथी बच्चों के घरों पर जाकर उन्हें मोहल्ला क्लास के माध्यम से उनके विषय से संबंधित कंटेंट को समझाते हैं तथा उन्हें इस स्थिति से उभरने में दिला सभी दिलाते हैं ऐसी स्थिति में हम बच्चों को संसाधन कि अभाव में उन्हें सहयोग कर सकते हैं
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
ReplyDeleteमहामारी के कारण परिवारिक आमदानी कम हो गई है, ग्रामीण क्षेत्र मे इंटर्नेट सुविधा जुटाना मुश्किल है।घर घर सम्पर्क, मोहल्ला क्लास के माध्यम से सीखने सीखाने की प्रकिया अनवरत चलते रहेगी।
ReplyDeleteइस वैश्विक कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिन छात्रों के माता-पिता का व्यवसाय या रोजगार प्रभावित हुआ है या छूट गया है, उन्हें गृह संपर्क कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक बैठक आयोजित कर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सर्वाधिक आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है। अतः इसे प्राप्त कर संस्था के सभी शिक्षक साथी चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के रूप में व्यक्तिगत रूप से या अपनी संस्था के द्वारा अपने सामर्थ्य अनुसार उनका अधिकाधिक सहयोग कैसे किया जा सकता है।
ReplyDeleteहमारे माचलपुर कस्बे में से एक नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं जहां से वंचित उचित मदद यथा - निशुल्क कपड़े,राशन व अन्यादि प्राप्त कर सकते हैं।
कोरॉना महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीश पेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां, स्केले, पेन,कलर-स्केज,कार्ड शीटे आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डिजीलैप वीडियोज़ पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण द्वारा इन्हे समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 28 में से 10 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है एवं ऑनलाइन अध्ययनरत है।
आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इस चुनौतीपूर्ण समय को सहज और मानवीय बना सकते हैं।
इस वैश्विक कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिन छात्रों के माता-पिता का व्यवसाय या रोजगार प्रभावित हुआ है या छूट गया है, उन्हें गृह संपर्क कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक बैठक आयोजित कर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सर्वाधिक आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है। अतः इसे प्राप्त कर संस्था के सभी शिक्षक साथी चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के रूप में व्यक्तिगत रूप से या अपनी संस्था के द्वारा अपने सामर्थ्य अनुसार उनका अधिकाधिक सहयोग कैसे किया जा सकता है।
ReplyDeleteहमारे माचलपुर कस्बे में से एक नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं जहां से वंचित उचित मदद यथा - निशुल्क कपड़े,राशन व अन्यादि प्राप्त कर सकते हैं।
कोरॉना महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीश पेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां, स्केले, पेन,कलर-स्केज,कार्ड शीटे आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डिजीलैप वीडियोज़ पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण द्वारा इन्हे समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 28 में से 10 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है एवं ऑनलाइन अध्ययनरत है।
आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इस चुनौतीपूर्ण समय को सहज और मानवीय बना सकते हैं।
हम वही दे सकते हैं जो हमारे पास हो ,,।
ReplyDeleteयदि हमारे पास सकारात्मक उर्जा है, तो हम किसी को सकारात्मक ऊर्जा दे सकते हैं। हमारे पास आत्मविश्वास है, तो हम आत्मविश्वास दे सकते हैं ।हमारे पास साहस है ,तो हम साहस दे सकते हैं ।
कहने का तात्पर्य यह है की ऐसे अभिभावकों को जिनके व्यवसाय कोबिट महामारी में प्रभावित हुए ,हमें बड़े जतन से और बड़े यत्न से सहयोग देने की आवश्यकता है ।उन्हें मानसिक रूप से सुदृढ़ करना ही हमारा लक्ष्य है ।
उन अभिभावकों को भी प्रेरित करेंगे जिनका व्यवसाय कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर बात करेंगे सकारात्मक सोच विकसित करेंगे जिससे उनमें नई ऊर्जा का प्रवाह किया जा सके ताकि नए सकारात्मक और सहयोगात्मक विचारों के आधार पर अपने व्यवसाय पुनर्स्थापित कर सक
ऐसे परिवारों के छात्र - छात्राओं के संदर्भ में महामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए हमारा घर हमारा विद्यालय अंतर्गत सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए घर भ्रमण कर शिक्षण अधिगम करेंगे।विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि की व्यवस्था करेंगे।
सत्यम नेमा सहायक शिक्षक
जेएसके करकबेल विकासखंड गोटेगांव
जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
ReplyDeleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है उनमें सकारात्मक सोच विकसित करेगे। मजबूत हो आगे बढ़ने प्रोत्साहित करेगे। बच्चो को उचित शिक्षा हेतु बढ़ावा तथा अभिभावकों की आय की वृद्धि हेतु उचित प्रयास ।
ReplyDeleteलाॅक डाउन के कारण अधिक बच्चों के परिजनों को रोजगार पर बहुत बुरा असर पडा है ऐसे में हम शिक्षकों को बच्चों को घर घर जाकर पढ़ाना है और अपने मोबाइल की सहायता से उनकी मदद करेगे
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं छात्रों का margdarshan मुहल्ला कलास के माध्यम से एवं घर घर जाकर करेंगे
ReplyDeleteIs mahamaari ke samay chhaatron ko aapas main mil julkar rehne aur mohalla class lagakar ek hi mobile par kai bachchon ko jodkar padhaya gaya. Abhibhavakon ko mazdoori dilwane main madad di gai. School staff ne milkar chhaatron main copy pen pencil ki vyavastha ki. Is prakar chhaatron ka margdarshan kiya gaya.
ReplyDeleteमहामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है जिससे वे इंटरनेट , मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं तो उनके लिए मोहल्ला क्लास अथवा घर भ्रमण कर अधिगम कार्य किया जा रहा है समाज के समृद्ध लोगों से मिलकर उनके लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
ReplyDeleteआप उन छात्रों का मार्गदर्शन कैसे करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है?
ReplyDeleteइंटरनेटका खर्च उठाने में असमर्थ हैं तो हम स्वयं मोहल्ला क्लास में अपने मोबाइल से डीजी लैप वीडियो, व्हाट्सएप पर क्विज करवाते हैं।उन्हें मोबाइल या इंटरनेटपैक के नहीं बोला जाता। पेन कॉपी ,मास्क,की व्यवस्था हमने अपने से की है ताकि उनको इन सबका आर्थिक बोझ न महसूस हो।बच्चों की पढ़ाई न रुके इसके लिए प्रयास जारी है।
रानी पटेल प्राथमिक शिक्षक
जिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
ReplyDeleteमहामारी कोविड-19 के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनकी पारिवारिक आय कम हो गई है। जिससे वे इंटरनेट ,मोबाइल रिचार्ज ,केबल कनेक्शन आदि का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। तो उनके लिए मोहल्ला क्लास अथवा घर-घर भ्रमण कर अधिगम कार्य किया जा रहा है ।समाज के समृद्ध लोगों से मिलकर उनके लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
ReplyDeleteऐसे छात्र जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है, सबसे पहले तो उनका मनोबल बढ़ाएंगे ताकि वे अपनी पढ़ाई लिखाई पर अपना ध्यान केंद्रित रखें । उनसे फोन या व्हाट्सएप द्वारा संपर्क बनाए रखेंगे । अतिआवश्यकता होने पर आर्थिक सहयोग भी किया जा सकता है ।
ReplyDeleteउन्हें पूरी तरह आश्वस्त करेंगे कि हम उनके साथ है , उनकी भलाई हेतु प्रयासरत हैं ।
GMS CHAKGUNDHARA MORARRURAL Gwalior
ReplyDeleteकोविड महामारी के समय बहुत सारे बच्चों के पालकों के व्यवसाय में कमी आई और उनकी आमदनी पर असर पड़ा हम जो बिषयबस्तु मोबाइल के माध्यम से भेज रहे थे वह वे लोग नहीं देख पा रहे थे क्योंकि वे इंटरनेट पैक लेपाने में सक्षम नहीं थे या मोबाइल उनके पास नहीं था ऐसी परिस्थिति में मैंने एवं मेरे साथियों ने मोहल्ला कक्षा लगाने की योजना बनाई जिसमें हम सभी गांव के अलग-अलग हिस्सों में 5से 8 बच्चों तक को अलग-अलग गतिविधियों द्वारा, विडियोज और गतिविधि पुस्तकों के माध्यम से उनकी शैक्षणिक योग्यता को बनाए रखा जा सके साथ ही हमने गांव के बड़े बच्चों को भी इस कार्य में जोडने का प्रयास किया जिससे हमें हमारा घर हमारा विधालय कार्य क्रम में मदद मिल सके
महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे
ReplyDeleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
ReplyDeleteअभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी।
ReplyDeleteमहामारी के कारण अभिभावक की आर्थिक व्यवस्था कम होने के कारण बच्चों के पास में इंटरनेट व्यवस्था ना होने के कारण हम घर घर जाकर मोहल्ला क्लास लगाकर छात्र-छात्राओं को ज्ञान प्रदान करेंगे
ReplyDeleteकोविड 19 महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है अभिभावक इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर बच्चो को पढने में मदद करेंगे उन्हे आवशयक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे
ReplyDeleteइस महावारी के दौरान बच्चों को मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें ऑनलाइन कंटेंट के साथ शिक्षक बच्चों के घर घर जाकर उनकी पढ़ाई में जो समस्या आ रही है उसे मोहल्ला कक्षा के दौरान हल कर रहे हैं
ReplyDeleteसमान्य शिक्षा में व्यवसायी शिक्षा का समावेश बहुत अवश्यक है जिसके द्वारा हम शिक्षार्थी में हम जीवन कौशलों का विकास कर सकते हैं जिससे शिक्षार्थी में स्वालंम्बन, स्वाभिमान आत्मविश्वास, क्रियाशीलता, जैसे गुणों के विकास के साथ सर्वांगीण विकास हो सके और वह एक अच्छा नागरिक तथा अपने कोशल एवं अपने अनुभव आधारित ज्ञान के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर सके
ReplyDeleteसमान्य शिक्षा में व्यवसायी शिक्षा का समावेश बहुत अवश्यक है जिसके द्वारा हम शिक्षार्थी में हम जीवन कौशलों का विकास कर सकते हैं जिससे शिक्षार्थी में स्वालंम्बन, स्वाभिमान आत्मविश्वास, क्रियाशीलता, जैसे गुणों के विकास के साथ सर्वांगीण विकास हो सके और वह एक अच्छा नागरिक तथा अपने कोशल एवं अपने अनुभव आधारित ज्ञान के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर सके
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है छात्रों का मार्ग दर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से करेगे
ReplyDeleteइस लॉक डाउन की दौर में कई लोगों के रोजगार छिन गए । कई लोगों के रोजगार मन्दे पड़ गए जिस कारण उनके जीवन मे गहन आर्थिक संकट आ गया। ऐसे परिवार के छात्रों को समझाना होगा कि यह स्थिति कुछ समय के लिए है निकट भविष्य में कोविड बीमारी का हल निकलते ही सभी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा।
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ReplyDeleteकोविड 19 महामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है अभिभावक इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर बच्चो को पढने में मदद करेंगे उन्हे आवशयक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे
कोविड्- 19 से प्रभावीत परिवारों एवं छात्रों मे आत्म विश्वास बढाना व तनाव मुक्त सरातमक् वतावरणं निर्माण करना। महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया।
ReplyDeleteइस महावारी के दौरान बच्चों को मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें ऑनलाइन कंटेंट के साथ शिक्षक बच्चों के घर घर जाकर उनकी पढ़ाई में जो समस्या आ रही है उसे मोहल्ला कक्षा के दौरान हल कर रहे हैं।जिसके पास मोबाइल या नेटपेक न हो उसे शिक्षक अपने मोबाइल से वीडियो दिखाकर उनकी पढ़ाई में सहायता कर रहे है।
ReplyDeleteहम ऐसे छात्रों के घर जाकर उनके माता-पिता के व्यवसाय के बारे में जानकारी लेंगे तथा हम से हो सके यथा संभव आर्थिक मदद करेंगे साथ ही उनको हिम्मत दिलाएंगे किस समय एक जैसा नहीं रहता है आगे सब कुछ ठीक हो जाएगा साथ ही रोज उन बच्चों के घर पर जाएंगे तथा कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन करते हुए अध्यापन कार्य कराएंगे।। राजेश कुमार जांगिड़ ढोटी स्कूल, जिला- श्योपुर, मध्य प्रदेश।।
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गयी है इंटरनेट सुविधा व्यवस्था करने में असमर्थ हैं |छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
ReplyDeleteकई स्कूल ज़ूम और माइक्रोसोफ्ट टीम जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए क्लासेस ले रहे हैं. दीक्षा और स्वयं जैसे पोर्टलों पर कई भाषाओं में लेसन पढ़े जा सकते हैं.महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।जिन छात्रों के पास डिजिटल साधन नहीं हे उनके लिए शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन मुहल्ला क्लास के माध्यम से करेंगे एवं घर घर जाकर करेंगे|
ReplyDeleteइस महामारी के दौरान बच्चों को मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें लॉकडाउन कंटेंट के साथ शिक्षक बच्चों के घर घर जाकर उनकी पढ़ाई में जो समस्या आ रही है उसे मोहल्ला कक्षा के दौरान हल कर रहे हैं जिसके पास मोबाइल यार नेट पैक ना हो उसे शिक्षक मोबाइल से वीडियो दिखाकर उनकी पढ़ाई में सहायता कर रहे हैं।
ReplyDeleteहम ऐसे छात्रों के घर जाकर उनके माता-पिता के व्यवसाय के बारे में जानकारी लेंगे तथा हम से हो सके यथा संभव आर्थिक मदद करेंगे साथ ही उनको हिम्मत दिलाएंगे किस समय एक जैसा नहीं रहता है आगे सब कुछ ठीक हो जाएगा साथ ही रोज उन बच्चों के घर पर जाएंगे तथा कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन करते हुए अध्यापन कार्य कराएंगे।।
ReplyDeleteकोबिड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित या छूट गया है । हम उन परिवारों की पहचान करके यह देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है ,उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयमसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे।छात्रों को विद्यालय/शिक्षकों के माध्यम से पठन-पाठन सामग्री के रूप में स्लेट,पेंसिल,कॉपियां आदि का वितरण व एंड्रॉयड फोन के द्वारा सीखने सिखाने की प्रक्रिया को जारी रखेंगे।
ReplyDeleteमुकेश कुमार सक्सेना
U,E,G,S,Mandawar
Mahamari. Ke karan majdoor vargon ki pariwarik aaya kam ho gayi. Internet suvidha vyavastha karne me kishan abhibhaavak asamarth the vibhinn Saangathan ke madhyam se rahat prashan karne hetu prayas kiya.
ReplyDeleteसम्पर्क के दौरान बच्चों के पालकों से कॅरोना काल में रोजगार धंघे नष्ट होने की जानकारी मिलने पर उन्हें पुनः स्थापित होने शासन द्वारा दी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें उनका लाभ दिलाने में मदद की गई।
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ReplyDeleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
कोविद 19 महामारी के कारण जिस परिवार के लोग पीड़ित हुए हैं उन परिवार लोग बहुत सचेत हुय हैं और उनका व्यसाय नहीं रहा उनको बहुत परेशानी हुई हैं सभी व्यापारी, उद्द्योग और जनता को बहुत परेशानी हुई लाकडाउन के दौरान सबको ज्ञात हैं इसलिए सावधानी ही सुरक्षा हैं |
ReplyDeleteराधेश्याम लोधी प्राथमिक शिक्षक
प्राथमिक शाला बंडोल
तहसील गोटेगांव
जिला नरसिंहपुर
मध्य प्रदेश
इस महामारी कोरोना के दौरान जो परिवार पीड़ित हुए हैं।ऐसे परिवारों के बच्चों को हम उनके घर पर जाकर पाठपुस्तकों रेडियो टीवी मोबाईल ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षण कार्य कर सकते हैं। अपनी सामर्थ्य अनुसार उनकी आर्थिक सहायता कर सकते हैं। भगवान से यही प्राथना कर सकते हैं कि दुःख की इस घड़ी में सहन शक्ति प्रदान करें।
ReplyDeleteहमारी शाला फिल्म एरिया में है और उसमें रहने वाले शाला में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों के परिवार उनके माता-पिता का व्यवसाय ऐसा था जो इस लॉकडाउन में प्रभावित रहा सब्जी बेचना होटल पर काम करना मजदूरी करना उन सभी के पास क्योंकि एंड्राइड फोन की अनुपलब्धता ज्यादातर घरों में तो कीपैड मोबाइल भी प्राप्त था एक माह तक किसी भी तरह का कोई संपर्क उन बच्चों से नहीं हो सका तदुपरांत कुछ बच्चों के घरों में जिनके घरों में एंड्रॉयड फोन था उनके जरिए आसपास के बच्चों तक मैसेज भेज भेज कर घर में जो भी काफी किताबें उपलब्ध थी अध्ययनरत कक्षा की उससे लिखने की हैबिट ना छूटे इसलिए राइटिंग वर्क ज्यादा से ज्यादा करने की को प्रेरित किया गया तदुपरांत दूरी बनाए रखते हुए छात्रों से संपर्क कर अलग-अलग गलियों में दो-दो टीचर ने जाकर उनका मनोबल बढ़ाया साथी गृह कार्य देकर उन बच्चों की पढ़ाई को जारी रखा और मम्मी पापा को सचेत किया यह बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी
ReplyDeleteओमप्रकाश पाटीदार प्रा.शा.नाँदखेड़ा रैय्यत विकासखंड पुनासा जिला खण्डवा
ReplyDeleteमहामारी से प्रभावित परिवार के बच्चों को समझाएंगे कि वे अपने माता पिता से पढ़ाई के लिए मोबाईल की जिद न करे पड़ोसी के मोबाइल से पढ़ाई कर लेवे। उन बच्चों को समझाएंगे कि हम आपको घर पर आकर मार्गदर्शन करेंगे।
कोविड-19 के दौरान बहुत सारे अभिभावक ऐसे हैं जिनका व्यवसाय इस महामारी ने बुरी तरह प्रभावित हुआ है कारखानों में काम करने वाले मजदूर वर्कर्स इसके साथ ही किराना कपड़े के व्यवसाय कुल मिलाकर के बहुत सारे व्यवसाय से हैं जो इस महामारी में बुरी तरह प्रभावित हुई है उनके बच्चे भी इस आज समय विषम परिस्थिति से पीड़ित है परेशान है ऐसी स्थिति में शिक्षकों का यह कर्तव्य होता है कि वे बच्चों को ढाढस बंधा है साथ ही उन महा मारियो का उदाहरण दें जिसमें पहले भी इस प्रकार से समस्याएं आई थी मगर उन समस्याओं से उबरा जा चुका है यह समस्या भी एक दिन समाप्त हो जाएगी अब उन्हें कुछ ऐसे व्यवसाय के रूप में शिक्षक बता सकते हैं जो आज भी चल रहे हैं जैसे फल सब्जी या कृषि से संबंधित जो भी काम है वह जो है महामारी के दौर में भी अच्छे ढंग से चल रहे हैं और आय प्राप्त हो रही इस समय अपने व्यवसाय को थोड़ा सा बदलने की जरूरत है और पूरी तरह से संयम बरतें ऐसा हम बच्चों को समझा सकते हैं
ReplyDeleteChildren of the affected family have to understand not let their studies be interrupted .we look forward to your support .This problem is of some time you will be rearranged .
ReplyDeleteChildren of the affected family have to understand not let their studies be interrupted .we look forward to your support .This problem is of some time you will be rearranged .
ReplyDeleteहम उन बच्चों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से घर घर जाकर करेंगे और उनके माता-पिता को भी समझाएंगे किस समय एक सा नहीं रहता हमें देर से काम लेना होगा और अच्छे समय का इंतजार करना होगा।
ReplyDeleteMahamari kovid 19 ke karn jin avibhavk ki encome pirbhvit hui. Humne unke ghar ghae jakar samprk kiya.kovid ke niyamo ka palan karte huye mohlla class lagai. Jin bachchon ke pas pthan pathan samgri nahi thi. Unhe smc ke madhaym se uplabdh karai gai. Our unki padhai jari rakhi.
ReplyDeleteK ..kushwaha
P/a BamhanGaon khurd
Hoshngabad (m.p.)
जिन छात्रों के माता पिता महामारी से ग्रसित है तो उनके साथ ऐसा व्यवहार करें की उनको न लगे की अब हमारा कोई नहीं है उनको कोविड-19 के बारे में पूरी जानकारी देते रहें और धैर्य बंधा दे रहे हैं की कोविड-19 का इलाज सावधानी है सावधानी रखने से यह रोग आगे नहीं बढ़ेगा इसके साथ ही उन छात्रों को किसी प्रकार की भी आवश्यकता हो जो उनके माता-पिता द्वारा पूर्ति होती थी वह हम सब मिलकर पूरी करें और इस कठिन घड़ी में धीरज बंदा ते रहे
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है, बच्चों के माता-पिता इंटरनेट की व्यबस्था करने में असमर्थ हैं। हम छात्रों का मार्गदर्शन एवं मोहल्ला क्लास घर घर जाकर करेंगे।
ReplyDeleteहम उन बच्चो को बताएंगे कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती समय हमेशा बदलता रहता है हम उनको मोहल्ला क्लास k माध्यम से संपर्क करके उनको बताएंगे उनके माता पिता से संपर्क कर उनको घर से होने वाले बिजनेश k बारे मे जानकारी देंगे ताकि उनकी जीविका चल सके
ReplyDeleteजिन परिवारो का रोजगार प्रभावित हुआ है उनको आर्थिक परेशानी है तो आनलाइन पढ़ाने के लिए बाध्य नहीं करना है तथा उन्हें मुहल्ला कक्षा के माध्यम से पढ़ाना है तथा जो संक्रमित हुए है उनको आनलाइन पढ़ाना है।
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के कारण हर छात्र के माता पिता ही नहीं बल्कि दुनिया का एक एक इंसान प्रभावित हुआ है लेकिन जान है तो जहान है एवं परिस्थिति को ध्यान में रखकर सुरक्षित शिक्षा ज्ञान हम घर घर जो जहां है वहां तक सेवा भाव कर्म से पहुंचाने का भरपूर प्रयास करेंगे एवं जीवन को एक अच्छी स्थिति में बढ़ाने का प्रयास करें गे एवं मेरे अनुभव के अनुसार लॉकडाउन के बाद कि जो शिक्षा दी जा रही है वह पहले की शिक्षा से बहुत बेहतर है जिससे कम खर्च लागत में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का प्रचार प्रसार एवं ज्ञान दिया जा रहा है जो सही है
ReplyDeleteLakhanlal vishwakarmaGMSUnchaछात्रों और उनके माता-पिता के साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं रहती हैं यह संकट का समय धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा और परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी जिससे सारे कारोबार सुचारू रूप से चलने लगेंगे घबराने की कोई बात नहीं है
ReplyDeleteTulsha Barsaiya MS bagh farhat afza phanda old city bhopal .
ReplyDeleteमहामारी से प्रभावित परिवार के बच्चों को समझाएंगे कि वे अपने माता पिता से पढ़ाई के लिए मोबाईल की जिद न करे पड़ोसी के मोबाइल से पढ़ाई कर लेवे। उन बच्चों को समझाएंगे कि हम आपको घर पर आकर मार्गदर्शन करेंगे। ऐसे परिवारों के बच्चों को हम उनके घर पर जाकर पाठपुस्तकों रेडियो टीवी मोबाईल ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षण कार्य कर सकते हैं।
सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
ReplyDeleteJanki thakur
ReplyDeleteअभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी।
हम उन छात्रों का मार्गदर्शन कैसे करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है यह प्रश्न बहुत ही अध्यक्ष है हम ऐसे बच्चों की मदद विज्ञान के इस साधन मोबाइल और इंटरनेट के द्वारा हम इन बच्चों की मदद कर सकेंगे जिन बच्चों के माता-पिता महामारी से प्रभावित हो गए हैं उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी होगी इसलिए हम उन बच्चों को आर्थिक सहयोग भी हल्का-फुल्का करेंगे और उसके साथ-साथ उनके इस सहयोग के साथ हम उनको यांत्रिक साधनों से भी सहयोग करेंगे जिससे उनकी पढ़ाई बाधित ना हो।
ReplyDeleteहम सावधानीपूर्वक अथवा कोरोना संबंधी जानकारी का उपयोग कर तथा इसके बचाव का प्रचार प्रसार करके लोगों में जागरुकता पैदा करेंगे तथा मुहल्ला क्लास, व घर घर सम्पर्क करके बच्चों को पढ़ाई करवाएंगे। तथा परिवार के लोगों को इस महामारी का सामना करना व जो भी कार्य मिले उसे सहर्ष स्वीकार करें, निराश न हों ,आदि समझाकर कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे।
ReplyDeleteबच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा।
ReplyDeleteमहामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
ReplyDeleteआधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
हमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी में जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है वह आर्थिक रूप से कमजोर हो गए उन बच्चों पर भी इसका असर हुआ है हम कोशिश करेंगे कि इसका असर उनकी पढ़ाई पर ना हो हम उन्हें प्रतिदिन मोहल्ला क्लास एवं डिजीलाइफ वीडियो वर्क बुक बुक के माध्यम से पढ़ाई से जुड़े रखें एवं पढ़ाई के दौरान छोटी-छोटी गतिविधियां एवं प्रतियोगिताएं आयोजित कर उन्हें उपहार स्वरूप शैक्षणिक सामग्री जैसे कलम, पेंसिल, स्लेट, पहाड़ा, कलर पेन आदि का वितरण करें गे जिससे उनमें सीखने की आदत बढ़ेगीऔर पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाली शिक्षण सामग्री भी प्राप्त हो जावेगी जिससे उनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी में प्रभावित हुआ है इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा
ReplyDeleteपंकज कुमार यादव
प्राथमिक शिक्षक
शासकीय प्राथमिक शाला हरनभटा
विकासखंड -अमरवाड़ा जिला -
लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को बहुत नुकसान हुआ है, जो रोजमर्रा के काम से अपने घर का पेट पालते थे। आज उनके लिए एक वक्त की रोटी भी बहुत मुश्किल हो गई। कई मजदूर ऐसे हैं, जो भूखे पेट ही सो रहे हैं। अगर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान किसी को हुआ है तो वह है मजदूर, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।
ReplyDeleteलॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हुआ है। कारखानों को बंद रखने के कारण भारी नुकसान वहन करना पड़ रहा है, वहीं व्यापार भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। लोगों की नौकरियां चली गई हैं जिसकी वजह से बेरोजगारी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। लॉकडाउन की वजह से देश आर्थिक रूप से कमजोर पड़ रहा है।
दिन-रात सिर्फ कोरोना से संबधित खबरें लोगों को मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं, जो उन्हें नकारात्मक कर रही हैं। पूरे दिन घर पर रहने और शारीरिक व्यायाम न होने से लोग खुद को स्वस्थ भी महसूस नहीं कर पा रहे हैं। बच्चे भी पूरे दिन घर पर रहकर चिड़चिड़ापन महसूस करने लगे हैं, क्योंकि वे बाहर खेलने हेतु अपने दोस्तों के साथ मिलने में असमर्थ हैं। कोरोना वायरस की खबरें लोगों को परेशान कर रही हैं जिससे कई लोग डिप्रेशन जैसी समस्या से भी जूझ रहे हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण हर छात्र के माता पिता ही नहीं बल्कि दुनिया का एक एक इंसान प्रभावित हुआ है लेकिन जान है तो जहान है एवं परिस्थिति को ध्यान में रखकर सुरक्षित शिक्षा ज्ञान हम घर घर जो जहां है वहां तक सेवा भाव कर्म से पहुंचाने का भरपूर प्रयास करेंगे एवं जीवन को एक अच्छी स्थिति में बढ़ाने का प्रयास करें गे एवं मेरे अनुभव के अनुसार लॉकडाउन के बाद कि जो शिक्षा दी जा रही है वह पहले की शिक्षा से बहुत बेहतर है जिससे कम खर्च लागत में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का प्रचार प्रसार एवं ज्ञान दिया जा रहा है जो सही है
हम सावधानी अथवा कोरोना संबंधी जानकारी का उपयोग कर इस महामारी से निपट सकते है।
ReplyDeleteHum unhe samjhe aaenge ki paristhiti hamesha ek si nahin rahti hai chauki bacche government school mein padh rahe honge to unke padhaai mein koi bhi rupaye nahin lagengeunki padhaai to jari hi rahegi aur unke Mata pita ko bhi samjhane ki koshish karenge ki jaldi kuchh naya hone wala hai aur is tarah unko Sahanibhoot denge
ReplyDeletePushpa singh MS bagh farhat afza phanda old city jsk-girls station.
ReplyDeleteCovid -19 ki sthithi me mahamari se prabhavit parivar ko mental and economical support ki bahut ayashakta hoti he.unki padhai prabhavit nahi ho iske liye on line teaching ke sath ham bachho ko apni taraf se stationary ka saman vitrit kar sakte hai.
जिन पालक का व्यवसाय कोवेड से प्रभावित हो गया है हम उनके बच्चो को शिक्षण सामग्री देकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeletecovid19 महामारी में जिन बच्चों के माता पिता का रोजगार प्रभावित हुआ।वे अपने बच्चों को online पढ़ाई के साधन उपलब्ध कराने में असमर्थ थे उनसे घर घर जाकर संपर्क किया ।उनका सहयोग करते हुए बच्चोंं की पढ़ाई को जारी रखने। का पूर्ण प्रयास किया और उन बच्चों को पढ़ाई के साथ जोड़कर रखा ताकि बच्चोंं की माता पिता की प्रभावित समय का प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर न पड़े।
ReplyDeleteउन छात्रों जिनके माता-पिता का व्यवसाय लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुआ है उन्हें वह उनके माता-पिता को यह परिस्थितियां भी नहीं रहा कि रहेगी समझा कर वह व्य शेत्र को सीमित करने की सलाह देकर और आय के स्रोत बढ़ाने का सुझाव देकर भी हिम्मत बंधाई जा सकती है वह सीमित संसाधन नो में गुजारा कर के करने का मार्गदर्शन दिया जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चो के साथ साथ उनके माता पिता को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि परिस्थितियां हमेशा एक सी नहीं होती ।ये हम सब k लिए परीक्षा और चुनौती का समय है इस समय हमेंधैर्य से काम लेना होगा। और अच्छे समय का इंतेज़ार करना होगा
ReplyDeleteमहामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया
ReplyDeleteDecember 28, 2020 at 6:49 AM
ReplyDeleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत हो
महामारी के दौरान कई परिवारों का रोजगार चला गया,ऐसी परिस्थिति में हम उन परिवारों के छात्रों से महंगे मोबाइल या नेट पर शिक्षा जारी रखने की अपेक्षा नहीं कर सकते।हम उन्हें उनके घर जाकर मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षित करेंगे और उन्हें समझायगें कि बुरा समय जल्दी ही बीत जायेगा।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
ReplyDeleteवर्ष 2020 -कोविड19, जैसी महामारी लेकर आया, जिसने दुनिया को हिला के रख दिया। हमारा देश, प्रदेश, शहर, तथा गांव भी इससे अछूते नहीं रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में रोग का प्रकोप तो नहीं देखा गया, लेकिन लोगों के कामकाज पर बहुत असर पड़ा। उनके रोजगार छिन गए । बाहर से जो कमाकर लाए थे। वह भी इन पांच- छह महीनों में खत्म हो गया। स्वाभाविक है कि इसका असर उनके स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों पर भी पड़ा।
ReplyDeleteशाला में दर्ज बच्चों को SMC तथा जन सहयोग से 6-6 कॉपियां तथा 2-2 पेन , जुलाई में ही , शासन से प्राप्त पुस्तकों के साथ वितरण कर दिए गए हैं । मोहल्ला क्लास, शिक्षा का कोना, डिजिलेप द्वारा बच्चों से सतत मोबाइल फोन से संपर्क करके , इस आपदा में आई गिरावट को पूरा करने का प्रयास लगातार जारी रहा।
समय चाहे अच्छा हो या बुरा अपनी गति से लगातार चल रहा है। इस बुरे वक्त को हम निश्चित ही पार कर सामान्य जीवन जीने की आशा लिए , हम बच्चों एवं अभिभावकों के साथ लगातार अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
इस महामारी के द्वारा नुकसान हुए हैं लोगों का धंधा चौपट हुआ है ऐसे परिवारों के लिए चयनित कर हम लोग अपनी तरफ से और कुछ जगह पर जो संस्थाएं ऐसे बच्चों की मदद करती हैं हम शिक्षक स्टाफ द्वारा एसएमसी के द्वारा जो उनकी कुछ कमियां हैं उनको चिन्हित करके जिनके बगैर उनका काम नहीं चल सकता पहली प्राथमिकता के साथ बच्चों को समर्थन यह सब कर रहे हैं और आज हमको उनका रिजल्ट भी मिल रहा है हम इस प्रकार से उनकी सहायता कर उनकी पढ़ाई जारी कर सकते हैं उनके परिवार में जो आर्थिक संकट है उसको भी दूर कर सकते हैं उनको छोटे-मोटे धंधे करने के लिए प्रोत्साहित कर परिवार की स्थिति संभालने के लिए हमें उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteमहामारी से बचते हुए अपना व्यवसाय पुनः प्रारंभ करें।
ReplyDeleteइस कोरोना के समय में हम बच्चो को रेडियो ,टीवी, मोबाइल मोहला क्लास, वर्कशीत आदि के माध्यम से शिक्षा देकर उनके ज्ञान कोश में वृद्धि करेंगे
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में जितने भी छात्र हैं सभी मजदूर वर्ग से हैं वे रोज कमाते और रोज खाते हैं लॉक डाउन में सब कुछ बंद होने सें उनका काम धंधा बंद हो गया था। मैने जब गृह संपर्क किया तब उनकी परेशानी को नजदीक से देखा।जितना हो सका उनकी मदद की औरुन्हे समझाया कि समय हमेशा एक सा नहीं रहता ये समय भी निकाल जाएगा।लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतोष तब हुआ जब उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें बहुत मदद मिल रही है। समाज के लोग भी बहुत मदद कर रहे है।खाने पीने की कोई कमी नहीं है।और अब तो काम भी शुरू हो गया है।
ReplyDeleteCovid-19 जैसी महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय समाप्त हो गया। ऐसे बच्चों से मिलकर उनसे सकारात्मक बातें करके उनका मनोबल बढ़ा कर उन्हें यह बताना कि परिस्थिति के अनुसार व्यवसाय तो बदला जा सकता है और कोई भी छोटा व्यापार करके समय को देखते हुए कुछ पैसे कमा कर धीरे-धीरे आगे को बढ़ा जा सकता है। अतः यदि जीवन सुरक्षित बच गया तो किसी भी प्रकार का व्यवसाय कर जीवन यापन किया जा सकता है। जान है तो जहान है। आत्मविश्वास बनाए रखने में सदैव सफलता मिलती है और बच्चों को बोलेंगे कि वह भी अपने माता पिता के साथ मदद करें जिससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में योगदान प्राप्त हो सके।
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है, बच्चों के माता- पिता इंटरनेट की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। हम छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास घर घर जाकर करेंगे।
ReplyDeleteबच्चों के साथ साथ उनके माता-पिता को भी मार्गदर्शन स्वरूप यह बताएंगे कि कोई भी समय एक जैसा नहीं रहता जो यह कठिन परिस्थिति निर्मित हुई है यह भी जल्दी ही समाप्त हो जाएंगी हमें धैर्य से काम लेना चाहिए और इस कठिन परिस्थिति का सामना समझदारी से करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए
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ReplyDeleteकोविड महामारी के के कारण कई लोगों का रोजगार छिन चुका है, व्यवसाय बंद हो चुके हैं ,एवं यहां तक की दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के साधन भी समाप्त हो चुके हैं ।ऐसी परिस्थिति में ऐसे परिवार के जो बच्चे शाला में पढ़ने आते हैं उनके प्रति हमारा दायित्व बनता है कि, हम उन्हें संबल प्रदान करें उनका हौसला अफजाई करें साथ ही उन्हें प्रेरित करें कि वह अपने परिवार की परिस्थितियों को देखते हुए अपने दैनिक उपयोग की आवश्यकताओं को कम करें तथा परिवार की आपदा के अवसर पर घर में सहयोग प्रदान कर आर्थिक उपार्जन के प्रयास किए जाएं यदि बच्चे छोटे हैं तब भी उन्हें यह समझाया जाए कि वे किसी वस्तु के लिए अनावश्यक जिद ना करें यदि हम ऐसा कर पाए तो उस परिवार के प्रति हमारा यह सहयोग भी वांछनीय रहेगा ।धन्यवाद
ReplyDeleteश्रद्धानंद उपाध्याय शासकीय माध्यमिक विद्यालय मौसार तहसील बदनावर जिला धार मध्य प्रदेश
नमस्कार...
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 30 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है।
आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
धन्यवाद...।
Jin Chhatron ke pariwar es mahamari man prabhabit huye han unhe himmat denge unake bachchon ko mohalla class ke dwara padayenge .mobile se sampark karte rahenge.
ReplyDeleteme diliprolas ps Akhand jsk sulgoun block punasa district khandwa
ReplyDeletecovid se prabhavit chhatro ke mata pita ko samjhayege or uchit marg darshan denge taki unko bhavishya me vyasay me himmat mil sake.
Jon chhatro ka parivar mahamari se prabhavit hua hai unke parivar me sakaratmak soch ko viksit karege tatha hamse jitani bhi madat ho sakegi utani madat karege
ReplyDeleteसीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें।
ReplyDeleteमहामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।
कोविड काल में इन्टरनेट न होने पर मुहल्ले में जाकर पढ़ाना शुरू किया और आज हमारे बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं उनकी शिक्षा पर कोई परेशानी नहीं हुई
ReplyDeleteमोहल्ला क्लास लेना, कापियां रबर, पेंसिल लीड मास्क देना, उनका मनोबल बढ़ाने का, परिस्थिति एक ही नहीं रहतीं घबराओ नहीं अन्य अध्ययन सामग्री से मदद करेंगे कोविड के बारेसामाजिक दूरी बनाए रखें, आंगनबाड़ी केंद्रों सेकाढामिलाउसका सेवन करें भापले घर घर जाकर पढ़ाना। अन्य आवश्यक परामर्श देंगे। उनका मनोबल विश्वास बढायेंगे । अधिगम के परिणाम का समय-समय पर मूल्यांकन करेंगे।
ReplyDeleteमहामारी के कारण पारिवारिक आय कम हो गई है, बच्चों के माता- पिता इंटरनेट की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। हम छात्रों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास घर घर जाकर करेंगे।
ReplyDeleteविसम परिष्तिथियो में संयम बनाकर
ReplyDeleteमहामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
ReplyDeleteनाम - लक्ष्मीनारायण छीपा
ReplyDeleteस्कूल - शा.मा.वि.बरकीसरांय भांडेर
इस महामारी के द्वारा नुकसान हुए हैं लोगों का धंधा चौपट हुआ है ऐसे परिवारों के लिए चयनित कर हम लोग अपनी तरफ से और कुछ जगह पर जो संस्थाएं ऐसे बच्चों की मदद करती हैं हम शिक्षक स्टाफ द्वारा एसएमसी के द्वारा जो उनकी कुछ कमियां हैं उनको चिन्हित करके जिनके बगैर उनका काम नहीं चल सकता पहली प्राथमिकता के साथ बच्चों को समर्थन यह सब कर रहे हैं और आज हमको उनका रिजल्ट भी मिल रहा है हम इस प्रकार से उनकी सहायता कर उनकी पढ़ाई जारी कर सकते हैं उनके परिवार में जो आर्थिक संकट है उसको भी दूर कर सकते हैं उनको छोटे-मोटे धंधे करने के लिए प्रोत्साहित कर परिवार की स्थिति संभालने के लिए हमें उनकी मदद कर सकते हैं
लॉकडाउन के दौरान बच्चों के माता-पिता आय प्रभावित हुई जिसके कारण बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही थी इसके लिए जरूरतमंद बच्चों के मोबाइल को रिचार्ज कराना मोहल्ला क्लास लगाना और उनके माता-पिता का आत्मविश्वास बढ़ाना मुख्य उद्देश्य रहा
ReplyDeleteअभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर ले ।चाहे फल -सब्जी बेचना पड़े ,फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े , कर ले। निराश बिल्कुल ना हो । काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं। प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी
ReplyDeleteइस महामारी में बच्चों के माता-पिता बालकों को बहुत ही कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा उनका व्यवसाय बिल्कुल बंद हो चुका था वह सिर्फ व्यवसाय के की बदौलत ही अपने परिवार का पालन पोषण करते थे उन्होंने जो सराहनीय कार्य किया उसकी हम प्रशंसा करते हैं और ऐसे विकट परिस्थितियां बार-बार नहीं होती हम उन्हें इस तरह मनोबल बढ़ाएं गे कि उन्होंने इन विषम परिस्थितियों का सामना किया
Deleteइस महामारी में ऐसे परिवार जिनकी आय प्रभावित हुई उनके बच्चों के लिए घर घर सम्पर्क ,मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षण व्यवस्था करेगें।यदि आवश्यक हुआ तो उनकी मदद करके बच्चों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराकर हर सम्भव मदद की जाएगी।
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ है या छूट गया है। हम उनके घर जा कर विस्तृत चर्चा करेंगे या पी.टी.ए.की इस विषय पर एक पृथक सभा आयोजित करेंगेऔर यह पता लगाएंगे कि छात्र अथवा उसके माता-पिता को वर्तमान स्थिति में किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में बड़े शहरों से अपना व्यवसाय छोड़कर आए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्र में है,अतः हम इसे प्राप्त करेंगे।और संस्था के सभी शिक्षक चर्चा करेंगे कि प्राथमिकता के तौर या व्यक्तिगत रूप सेअपनी संस्था के द्वारा, अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी शत-प्रतिशत मदद करने का प्रयास करेंगें। अथवा,
ReplyDeleteहमारे दमोह शहर में से दो प्रकार की नेकी की दीवार सामाजिक सहायतार्थ कार्य कर रही हैं। एक- श्री दरिद्र नारायण भोज (1982 से), मुफ्त भोजन कपड़े कंबल आदि। स्थान- टंडन बगीचा दमोह। दूसरी-नेकी की दीवार
(2018 से ) मुफ्त कपड़े। स्थान-अस्पताल चौराहा दमोह। से वंचित उचित मदद प्राप्त कर आवश्यकता मंद परिवारों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर हुए परिवारों के छात्रों को हमारे विद्यालय की ओर से पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल,शीशपेंसिल,स्लेट,रबर कॉपियां,स्केले,पेन,कलर-स्केज,कार्डशीटे, आदि का वितरण किया गया। शिक्षक के मदर एंड्रॉयड फोन के द्वारा इन छात्रों तक डीजी लैप के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं।वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटे-छोटे छात्रों ने भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर 94 में से 16 छात्रों ने फोन द्वारा अपने गृहकार्य को घर बैठे शिक्षकों से जांच करवाना सीख लिया है।
आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीक की मदद लेकर भी हम वर्तमान महामारी से प्रभावित हुए परिवारों एवं छात्रों कीआसानी से मदद कर सकते हैं। आवश्यकता है केवल इच्छा शक्ति जागृत करने की। आज फेसबुक,इंस्टाग्राम, और गूगल सर्च करने पर हमें ऐसे बहुत से सामाजिक संगठनों की जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं, जो महामारी से प्रभावित हुए परिवारों की मदद के लिए तत्पर हैं। यह छोटा सा प्रयास कर हम इनके चुनौतीपूर्ण समय को सहज और अपने मानवीय जीवन को सफल बना सकते हैं।
धन्यवाद...।
कोविड-19 महामारी से पीड़ित छात्रों के माता पिता जिनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है उनसे मिलकर नए व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करेंगे और उन को दिलासा देंगे कि उनके बच्चों की पढ़ाई किसी प्रकार प्रभावित नहीं होगी हम से जो भी प्रयास बन पड़ेगा हम जरूर करेंगे परंतु छात्रों को पढ़ाई से वंचित नहीं होने देंगे
ReplyDeleteजिन छात्रों का परिवार इस महामारी से प्रभावित हुआ है, उनमें सकारात्मक सोच को विकसित करेंगे, कोई भी बीमारी या दुख - तकलीफ सदा लिए नहीं होती है।जो आया है, उसके जाने का समय भी तय है। हमें वर्तमान स्थिति से निपटना है और मजबूत होकर आगे बढ़ना है ।
ReplyDeleteउन बच्चों का मार्गदर्शन मोहल्ला क्लास के माध्यम से घर घर जाकर करेंगे और उनके माता-पिता को भी समझाएंगे किस समय एक सा नहीं रहता हमें देर से काम लेना होगा और अच्छे समय का इंतजार करना होगा
ReplyDeleteमै तो यही परामर्श दूंगा कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत।सुबह के बाद शाम और शाम के बाद सुबह जरूर होती है।सूर्योदय के बाद सुर्यास्त, और सूर्यास्त के बाद फिर सुर्योदय होता है।हर सिक्के के दो पहलू होते है।कुछ खोना पडता है तो कुछ नये अवसर भी स्वागत करने खडे रहते है।अनिल केचे,स.शि.,प्रा.शा.भरियाढाना, तामियाँ, पातालकोट, छिंदवाड़ा, म.प्र.
DeleteUn bachho ko avshyak samgri dekar
ReplyDeleteUn bachho ko avshyak samgri dekar
ReplyDeleteजिन छात्रों के परिवार करोना कोविड-19 की महामारी से प्रभावित हुए हैं उनमें सकारात्मक भावना विकसित करेंगे तथा सामाजिक संगठनों से मिलकर उन्हें आवश्यक शैक्षणिक सहायता एवं सामग्री दिलाने का भरसक प्रयास करेंगे कुछ संस्थाओं ने नेकी की दीवार जैसी स्थान निर्धारित कर गरीबों को सहायता देने का बीड़ा भी उठाया है तथा शासन ने इस कोविड-19 महामारी के समय निशुल्क राशन एवं नगद राशि कभी गरीब मजदूरों को राशन उनके घरों में और नगद राशि उनके खातों में भेजकर सहायता प्रदान की है साला की ओर से भी छोटी कक्षाओं के लिए स्लेट पेंसिल रबर आदि वितरित की गई है तथा निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी और समय सारणी साला की ओर से वितरित की गई है डिजिटल ऐप के माध्यम से घर पर उन्हें शिक्षण कार्य कराया जा रहा है और साला की ओर से भी ऐसे परिवारों को चिन्हित कर भरपूर शिक्षण कार्यों में मदद की जावेगी ऐसे संकट की घड़ी में मानवता का रुख अपनाकर सभी सामाजिक संगठन सभी शैक्षणिक संस्था सभी शिक्षक परिवार सभी साला परिवार ऐसे परिवारों की मदद के लिए आ गया है तथा ऐसे गरीब परिवारों के छात्रों को हर संभव शैक्षणिक कार्यों में सहयोग कर पठन-पाठन जारी रखने में अभूतपूर्व सहयोग प्रदान करें ताकि गरीबों के छात्र छात्रा भी शिक्षण कार्य से वंचित न रह कर ऐसे विकट एवं संकट की घड़ी से निजात पाकर आगे चलकर अपने जीवन को शिक्षाप्रद बनाकर उन्नति प्रगति के मार्ग पर आगे ले जा सके और अपने जीवन और अपने भविष्य को सुरक्षित का सफल बना सके यही कामना के साथ धन्यवाद
ReplyDeleteसीखने सिखाने की प्रक्रिया में आईसीटी ही सबसे प्रभावशाली साधन है परंतु जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां पर गतिविधि आधारित शिक्षण अधिक प्रभाव कारी है इसके लिए हमें स्थानीय परिवेश से जोड़कर बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर गतिविधियां कराना चाहिए ताकि उन्हें जल्दी और अच्छे समझ में आ सके
ReplyDeleteJin chhatron ka parivaar is mahamari se prabhaavit hua hai, unme sakaratmak soch ko viksit karenge, koi bhi bimari ya dukh taklif sada ke liye nHi hoti hai. Jo aaya hai uske jane ka samay bhi tay hai. Hume vartmaan stithi se niptna hai aur majboot hokr aage badna hai.
ReplyDeleteशासकीय शालाओं में सामान्यतः वे है बच्चे आते हैं जिनके मातापिता मजदूरी करते हैं या छोटा रोजगार जैसे सब्जी बेचना ठेला लगाने आदि कोवीद के दौरान सभी के व्यवसाय पर असर पड़ा किन्तु उनसे बातचीत करने व सकारात्मक सोच विकसित करने का प्रयास किया बच्चों की मदद की व समझाया कि ये समय बीत जायेगा सब ठीक हो जाएगा।
ReplyDeleteकोविड-19 की परिस्थिति में जब माता-पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी उस समय उनके परिवारों को सहायता प्रदान की गई सरकार के द्वारा मध्यान भोजन की सामग्री वितरित करवाई गई शांति कई संगठनों के द्वारा खाद्यान्न वितरण किया गया शिक्षक साथियों ने भी मिलकर बच्चों के परिवारों की मदद की उनको जहां तक सहायता उपलब्ध की जा सकती थी कराई तथा विषम परिस्थितियों में बच्चों की पढ़ाई को जारी रखें
ReplyDeleteAs a guidance to the children as well as their parents, they will tell that no time remains the same, which has created this difficult situation, it will also end soon. We should work patiently and face this difficult situation wisely. Should live one's life while doing
ReplyDeleteबच्चों के साथ 2 उनके माता पिता को भी यह समझने की आवश्यकता है कि समय हमेशा एक समान नहीं होता है । ये हम सब के लिए चुनौती का समय है ।
ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित हुआ है या छूट गया है उन माता-पिता या परिवार के घर जाकर उनका हाल-चाल पूछना उनकी आवश्यकताओं की संभव पूर्ति करना जैसे भोजन कपड़े आदि अपने साथियों से इस संबंध में आपस में चर्चा करके उचित सहयोग करने हेतु आगे आने हेतु प्रेरित करना बहुत से सामाजिक संगठन जो इस विद्या के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर रहा है एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी देना उन्हें मानसिक भावनात्मक रूप से सकारात्मक ऊर्जा देना अत्यंत आवश्यक है बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना हो इसके लिए शिक्षक लोग निस्वार्थ रूप से घर-घर जाकर बच्चे की पढ़ाई में सहायता पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल रबर कटर स्लेट बत्ती कॉपी पेन कलर कार्ड शीट आदि का वितरण किया गया शिक्षक मदर एंड्राइड फोन द्वारा इन छात्रों तक जिले के वीडियो पहुंचाए जा रहे हैं वर्चुअल संप्रेषण समझाने का प्रयास किया जा रहा है छात्रों ने इस नई तकनीकी का सहारा लिया जिन छात्रों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं है शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन मौला क्लास के माध्यम से एवं घर-घर जाकर कर रहे एवं मध्यान भोजन का राशन छात्रों तक पहुंच रहा है अभिभावकों को जो भी काम मिले उसे सहर्ष कर लेना चाहिए चाहे फल सब्जी बेचना पड़े फेरी लगाना पड़े या अन्य कोई काम करना पड़े कर लेना चाहिए काम करने के कई अवसर हमेशा रहे हैं प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी
ReplyDeleteबच्चों के साथ 2 उनके माता पिता को भी यह समझने की आवश्यकता है कि समय हमेशा एक समान नहीं होता है
ReplyDeleteजिन बच्चो के परिवार कॉविड-19बीमारी के कारण प्रभावित हुए है उन्हें उनके घर जाकर उनकी परेशानी का पता लगाएंगे और वे किस प्रकार की समय से जूझ रहे है उसका निराकरण पी टी ए मीटिंग में भी कर सकते है उस समय से कैसे निपटा जा सकता है हो सके तो हम व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक रूप से उस समस्या का हल ढंढ़ने का प्रयास और उन्हें समझाइस देंगे कि ऐसी परिस्थिति हमेशा नहीं रहेगी धैर्य रखें सब ठीक हो जाएगा ।
ReplyDeleteEs Module Bachche Palak Aur Shikshak Sabhi Ko Es Mahamari Se Ladne Me Bhut Madad Milegi
ReplyDeleteमाधुरी ठाकुर सहायक शिक्षक शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक कन्या साला परासिया जिला छिंदवाड़ा जिन छात्रों के माता-पिता परिवार जन स्कर्ट स्कर्ट परिस्थिति में रह रहे हैं उन्हें मानसिक भावनात्मक रूप से सकारात्मक ऊर्जा देना आवश्यक हैं ऐसे छात्रों के परिजनों को अपनी तरफ से तथा स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद लेकर बच्चों की मदद करेंगे हम शिक्षा के स्टाफ द्वारा एस एम सी के बैठक लेकर बच्चों की मदद के लिए प्रयास करेंगे ऐसे छात्रों के परिजन की मुख्य आवश्यकता की पूर्ति हेतु स्वयं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद दिला कर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे जिनकी या पारिवारिक आय कम हो गई है ऐसे बच्चों के इंटरनेट मोबाइल रिचार्ज आदि का खर्च हम स्वयं उठाकर एवं छात्रों को पठन-पाठन सामग्री के रूप में पेंसिल पेन कॉपी आदि का वितरण करेंगे
ReplyDeleteAM
ReplyDeleteकोबिड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता का व्यवसाय प्रभावित या छूट गया है , हम उन परिवारों की पहचान करके यह देखेंगे कि वर्तमान स्थिति में किस चीज की आवश्यकता है।
उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु स्वयं व स्वयमसेवी संगठनों के माध्यम से आर्थिक रूप से मदद दिलाकर स्थानीय परिवेश के हिसाब से रोजगार के अवसर उतपन्न करने के तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे। समय हमेशा एक सा नहीं रहता , उन्हें धैर्य पूर्वक समय को निकालने को कहेंगे।
कोविड 19काल में Jin chhatron ke Mata Pita ka vyavsay prabhavit Hua Hai Annu bacchon ke hit Mein shasan aur shikshakon Ne bahut hi Karya Kiye Hain jaise lakh down ki avadhi ne chhatron ko nishulak ration Vitran Kiya Jana lockdown ki avadhi mein chhatron ki Sabhi Shikshan samagri pustaken AVN homework Ki Kahaiyan pen pencil mask AVN Sabhi upyogi chij on ka nishulk chhatron ko Vitran mask AVN Sabhi upyogi chij on ka nishulk ka chhatron ko Vitran Kiya gaya hai.
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ReplyDeleteजिन छात्रों के माता पिता महामारी से ग्रसित है तो उनके साथ ऐसा व्यवहार करें की उनको न लगे की अब हमारा कोई नहीं है उनको कोविड-19 के बारे में पूरी जानकारी देते रहें और धैर्य बंधा दे रहे हैं की कोविड-19 का इलाज सावधानी है सावधानी रखने से यह रोग आगे नहीं बढ़ेगा इसके साथ ही उन छात्रों को किसी प्रकार की भी आवश्यकता हो जो उनके माता-पिता द्वारा पूर्ति होती थी वह हम सब मिलकर पूरी करें और इस कठिन घड़ी में धीरज बंधाते रहें।जिन बच्चो के परिवार कॉविड-19बीमारी के कारण प्रभावित हुए है उन्हें उनके घर जाकर उनकी परेशानी का पता लगाएंगे और वे किस प्रकार की समय से जूझ रहे है उसका निराकरण पी टी ए मीटिंग में भी कर सकते है उस समय से कैसे निपटा जा सकता है हो सके तो हम व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक रूप से उस समस्या का हल ढंढ़ने का प्रयास और उन्हें समझाइस देंगे कि ऐसी परिस्थिति हमेशा नहीं रहेगी धैर्य रखें सब ठीक हो जाएगा ।
ReplyDeleteजिन बच्चो के परिवार कॉविड-19बीमारी के कारण प्रभावित हुए है उन्हें उनके घर जाकर उनकी परेशानी का पता लगाएंगे और वे किस प्रकार की समय से जूझ रहे है उसका निराकरण पी टी ए मीटिंग में भी कर सकते है उस समय से कैसे निपटा जा सकता है हो सके तो हम व्यक्तिगत रूप से सार्वजनिक रूप से उस समस्या का हल ढंढ़ने का प्रयास और उन्हें समझाइस देंगे कि ऐसी परिस्थिति हमेशा नहीं रहेगी धैर्य रखें सब ठीक हो जाएगा ।
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