मॉड्यूल 15 गतिविधि 5 : प्रारंभिक संख्यात्मकता के प्रगमन / प्रोग्रेशन के लिए गतिविधियाँ
पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-1 (3 से 4 साल के बच्चों) और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-2 (4 से 5 साल के बच्चों) के लिए साक्षरता या संख्यात्मक विकास पर आधारित कम से कम एक गतिविधि बनाएँ और साझा करें।
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
3-4 साल के बच्चे को प्यार और सहानुभूति के साथ बच्चे और प्रैक्टिकल के द्वारा सीखा सकते है
ReplyDelete(मंजू लता दिनकर P. S. संजय नगर, जिला -टीकमगढ़ M. P)
By making 2 or three groups of students I'll teach students in a play way method
DeleteGirish Chourey
DeleteDewas
Chhote bachcho के लिए कंचो का खेल टीलिया गिनना जैसे प्लास्टिक की तिलिया गिनना बता सकते हैं एक ही चित्र के माध्यम से बच्चों को संख्यात्मक ज्ञान भी करा सकते हैं जैसे चूहे के चित्र पर छोटे ढक्कन को रखकर बताया गया किंतु वहां भ्रम है चूहे के सामने एक ढक्कन रखा है किंतु उसे संख्यात्मक रूप में बढ़ते क्रम में बताया गया जबकि 1 चूहे के सामने यदि एक ढक्कन रखा हुआ है तो उसे एक गिनिगे अन्य चूहे के सामने हमें दो ढक्कन फिर अन्य चूहे के सामने तीन ढक्कन इस प्रकार बढ़ते क्रम में यदि बच्चों को संख्या सिखाई जाए तो उचित होगा
थोड़े बड़े बच्चों को एक पोयम के माध्यम से सिखाएंगे एक चिड़िया के बच्चे दो गाना गाते दिन भर वो मम्मी पापा आएंगे खेल खिलौने लाएंगे एक चिड़िया के बच्चे 3 दिनभर गाना गाते हो मम्मी पापा आएंगे 3:00 खिलौने ना आएंगे एक चिड़िया के बच्चे 3 दिनभर गाना गाते हो मम्मी पापा आएंगे चार खिलौने लाएंगे इस प्रकार बच्चे को संख्यात्मक रूप से ज्ञान कराया जा सकता है
Sachitr kauve ki kahani ki gatividhiyon se
Delete3-4 साल के बच्चों को खेल खेल में सीखना चाहिए फिर 4-5 साल के बच्चों को कुछ रेखा से सिखाना चाहिए
Deleteपूर्व प्राथमिक के 3 से 4 वर्ष के बच्चों को बहुत ही अच्छी तरीके से गतिविधि कराकर t.l.m. के साथ ऐसे जैसा मैडम ने वीडियो में बताएं कुछ खिलौने कुछ कार्ड्स लेकर उनको बता सकते हैं 4 से 5 साल तक के बच्चे भी इनके साथ कर देंगे तब एक दूसरों को से देखकर सीखते हैं बच्चे
Delete3 से4 साल के बच्चों को खेल खेल में सीखना चाहिये और 4से5 साल के बच्चों को रेखायें खीचकर सिखाना चाहिये।
Deleteपूर्व प्राथमिक - 1 एवं पूर्व प्राथमिक - 2 के संख्यात्मक मान के अनुसार गतिविधि पूर्व प्राथमिक - 1 शिक्षक किसी भी उपागम का चयन करके समय सारणी अनुसार गतिविधियां और अनुभवों की योजना दे सकता है । जैसे पूर्व प्राथमिक 1 एवं पूर्व प्राथमिक 2 के लिए निम्नलिखित क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं ।जैसे
ReplyDeleteस्वागत घेरा स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्थिति ,मौसम , तिथि एवं दिवस ,संवाद वार्तालाप ,कविताएं, कक्षा के भीतर खेले जाने वाले मुक्त खेल। साथ ही क्रियान्वयन के तरीके - शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली बड़े समूह की गतिविधियां
शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां
बच्चों द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां शामिल है।
शैक्षणिक प्रक्रिया आएं अपने अपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना नंबर दो विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
जैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
शाब्दिक और अशाब्दिक रूप हाव भाव , चित्रकारी से अपनी भावनात्मक ता के साथ व्यक्त करते हैं। अपनी पसंद बताते हैं। बच्चों की अच्छी गुणवत्ता पूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु शिक्षकों प्रशंसकों नीति निर्धारकों एवं अन्य हित धारकों की मदद करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा दो दस्तावेजों पहला पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए दिशानिर्देश और प्राथमिक पाठशाला के साथ आगे आई है। उपायुक्त अनुभव एवं अवसर सुनिश्चित करना नंबर दो गणितीय सोच एवं तार्किक चिंतन शिक्षण प्रणाली - जैसे खेल परिवेश परस्पर संवाद साथियों के साथ बड़ों के साथ भिन्न-भिन्न प्रकार की सामग्री वस्तु वस्तु के साथ परस्पर संवाद आदि शामिल है।
राजेंद्र प्रसाद मिश्र सहायक शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर जिला रीवा मध्य प्रदेश उपरोक्त विचारों से पूरी तरह सहमत
Deleteपूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
Deleteराजेंद्र प्रसाद मिश्र सहायक शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मणपुर जिला रीवा मध्य प्रदेश उपरोक्त विचारों से सहमत
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक के 3 से 4 वर्ष के बच्चों को बहुत ही अच्छी तरीके से गतिविधि कराकर t.l.m. के साथ ऐसे जैसा मैडम ने वीडियो में बताएं कुछ खिलौने कुछ कार्ड्स लेकर उनको बता सकते हैं 4 से 5 साल तक के बच्चे भी इनके साथ कर देंगे तब एक दूसरों को से देखकर सीखते हैं बच्चे
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ReplyDeleteहिमांशु पटेल जनशिक्षक ,औरई ,बिछिया -जिला -मंडला :-
ReplyDeleteआँगनवाड़ियों के रूप में जाना जाता है, पर 40 प्रतिशत आँगनवाड़ियों को प्राथमिक विद्यालय के परिसर
में ही स्थापित किया गया है। मक्त खेल की ग ु तिविधियाँ बच्चों को निर्णय लेने और दसरों के अ ू धिकारों और
दृष्टिकोणों को समझने के लिए अवसर प्रदान करती हैं।
अपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना , विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
ReplyDeleteजैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
3 se 4 saal k liye...
ReplyDeleteClass me kiyne gate hain khidki h kitni chocolate h kitne pen h
4se5 wali umr k bchchon ko bchcho ko sbhi bchchon se name puchhne ko kahe un bchchon k name k first lettr ko aur 3 pen me 4 aur bdaao pahchaanne ko kahein
Haha
ReplyDeleteSahyog atmak
ReplyDeleteबच्चों को कोई कहानी गिनती के साथ कंकण तीली के माध्यम से गतिविधि कराने चाहिए और कहानी के माध्यम से और रुचिकर बनाए।
Deleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।इस प्रकार दोनों समूह को पुनः अलग-अलग कर देंगे इस प्रकार बच्चे गिनती को खेल और गतिविधि द्वारा सीखेंगे।
ReplyDeleteHelena Mary Singh PS khajri JSK Katangi patan jabalpur sankhyatmak vikas per aadharit gatividhi panch chhoti chidiya pad rahi akhbar ek phur se ud gayi ab rah gayi char char chhoti chidiya baja rahi thi been ek phur se ud gayi ab rah gayi teen teen chhoti chidiya dana rahi thi bo ek phur se ud gayi ab rah gayi do do chhoti chidiya kha rahi thi cake ek phur se ud gayi ab rah gayi ek ek chhoti chidiya dana rahi thi chun wo bhi phur se ud gayi ab rah gayi shunya
ReplyDelete3-4 साल के बच्चे को प्यार और सहानुभूति के साथ बच्चे और प्रैक्टिकल के द्वारा सीखा सकते है
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।इस प्रकार दोनों समूह को पुनः अलग-अलग कर देंगे इस प्रकार बच्चे गिनती को खेल और गतिविधि द्वारा सीखेंगे।
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा सकता है!
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चों को हाव भव के साथ गतिबिधिया कराकर और 4 से 5 साल के बच्चों को खेल कूद के माध्यम से हम उन्हे आसानी से सिखा सकते है।
ReplyDelete3-4saal ke bachchoo ko khel ke dwara sankhyatmak jankaari di ja Sakti hai evm unhe practically sikhaya ja sakta hai
ReplyDelete3 se 4 saal ke bacho ko pyar se samjha kar Khel ke sath aur practical dvaara Sikha sakte hai...
ReplyDelete3से4 साल के बच्चो हाव भाव के साथ गतिविधियां कराकर और 4से5 साल के बच्चो को आसानी से खेल कूद के माध्यम से हम उन्हे आसानी से सीखा सकते है।
ReplyDeleteN.k
3-4साल के बच्चों को भहुत ही सावधानी पूर्वक उनके मनोभावों व मन:स्थिति को समझते हुवे छोटी छोटी गतिविधि से उसको सिखाया जाना.चाहिये ।
ReplyDeleteनिष्ठा प्रशिक्षण module बहुत ही अच्छे है निश्चित रूप से विधार्थी और शिक्षक के लिए एक नवाचार है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteबोल भाई कितने आप चाहो जितने गतिविधि कराई ७चा सकती है।
ReplyDeleteडॉक्टर अंबेडकर शासकीय माध्यमिक शाला
ReplyDeleteकृपालपुर सतना
पूर्व प्राथमिक छात्र उम्र ग्रुप 1से3 एवं 4से5 के लिए हम खेल खेल में गति बिधि द्वारा अंको की समझ पैदा कर सकते है।
हांथ की उंगलियों द्वारा पहचनवाया जाता है।
और उनके माध्यम से अंको का ज्ञान करा सकते है।
Bachche khel khel me hi sikhte hain
ReplyDeleteसबसे पहले तो बच्चों को समूह में बैठेंगे फिर कुछ दाने मक्का के कुछ गेहूँ के दाने कुछ चना के दाने कुछ सोयाबीन के दाने आपस में मिला देंगे। बच्चों से बोलकर दाने को अलग करवाने के लिए कहेगें। और गिनती करने के लिए कहेगें।
ReplyDeleteEk bowl ke andar 5 alag alag rang ki boll rakh kar bachchon se ek ek niklne ko kahen aur ginti bulwaen. Alag alag rango ki pahchan ki gatividhi bhi karen.
ReplyDeleteSarvesh Landry,(middle teacher) GMS mahadeva Santa(MP} डाइस कोड-23130717005
ReplyDelete###
पूर्व प्राथमिक कक्षा (आयु समूह 3-4 एवम 4-5) के बच्चो में संख्यात्मक विकाश हेतु अनेक गतिविधियों का चयन किया जा सकता है। जैसे कि -एक टोकरी में विभिन्न प्रकार,रंग,एवम संख्या में सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें सामानता के आधार पर वर्गीकृत करवाना एवं उनको गिनवाना ।
Sarvesh Pandey,(middle teacher) GMS mahadeva Santa(MP} डाइस कोड-23130717005
ReplyDelete###
पूर्व प्राथमिक कक्षा (आयु समूह 3-4 एवम 4-5) के बच्चो में संख्यात्मक विकाश हेतु अनेक गतिविधियों का चयन किया जा सकता है। जैसे कि -एक टोकरी में विभिन्न प्रकार,रंग,एवम संख्या में सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें सामानता के आधार पर वर्गीकृत करवाना एवं उनको गिनवाना
Khel khel me aur example per ke adar per samjhye
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक कक्षा आयुष समूह 3-4व4-5 के बच्चों में संख्यात्मक विकास हेतु अनेक गतिविधियां का चयन किया जा सकता है जैसे कि एक टोकरी में विभिन्न प्रकार रंग एवं संख्या में सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें समझाया जा सकता है उनको वर्गीकृत करवा कर एवं गिन वाना बच्चे से सदस्यों को गिन वाना आदि क्रियाकलाप करवाया जा सकता है।
ReplyDelete3-4,4-5 sal ke ke bacchon ko apeksha atmak tarike se aur unse lagao rakhkar unke vishay mein poochh kar aur unke Parivar ke sadasyon ke bare mein poochh kar ,unki aayuanswer khel khilakar.
ReplyDeleteविभिन्न वस्तुओं की ढेरी बनाकर बच्चों को गिनती कराई जा सकती हैं।
ReplyDeleteबच्चो में संख्यात्मक विकाश हेतु अनेक गतिविधियों का चयन किया जा सकता है। जैसे कि -एक टोकरी में विभिन्न प्रकार,रंग,एवम संख्या में सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें सामानता के आधार पर वर्गीकृत करवाना एवं उनको गिनवाना ।
ReplyDeletePoorva prathmik shiksha ek ke liye baccho ko khilono ke madhyam se or prathmik shiksha do ke liye baccho ko ayu ke anusar khel khila ke
ReplyDeleteमॉड्यूल 15 गतिविधि 5 : प्रारंभिक संख्यात्मकता के प्रगमन / प्रोग्रेशन के लिए गतिविधियाँ
ReplyDeleteपूर्व-प्राथमिक शिक्षा-1 (3 से 4 साल के बच्चों) और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-2 (4 से 5 साल के बच्चों) के लिए साक्षरता या संख्यात्मक विकास पर आधारित कम से कम एक गतिविधि बनाएँ और साझा करें।
बच्चों को पढ़ाने से पहले यह जान लें कि इस काम में आपको धैर्य की आवश्यकता है. बच्चा आपसे एक ही सवाल कई बार करेगा और आपको उसे समझाना पड़ेगा. इसके अलावा बच्चे को पढ़ाने के दौरान इन बातों का भी खास ख्याल रखें :
1. अगर बच्चा बहुत छोटा है तो उसे फोटो वाली किताब, कविताओं वाली किताब या फिर कविताओं वाले वीडियो की मदद से सिखाने की कोशिश करें।
2. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह के खिलौने आते हैं. उनका इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद होगा. आपका बच्चा खेल-खेल में काफी कुछ सीख जाएगा।
3. बच्चों के साथ जानकारी से भरी बातें करें. उनके सवालों का तार्किक जवाब देने की कोशिश करें. सुनकर कोई भी चीज ज्यादा जल्दी समझ आती है।
4. 3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे
चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा सकता है।
धन्यवाद !!!!!!!
1से3तकऔर4से5 तक के बच्चो को विभिन्न प्रकार केखेल खेल की गतिविधि से सिखाया जा सकता है
ReplyDeleteIn baccho ko pyar sahanubhuti unke estr me jakar shikhana chahiye
ReplyDeleteछोटे बच्चों में साक्षरता के विकास के लिए वर्णमाला आधारित चित्रों की किताब एवं कहानी द्वारा बच्चों को शिखाया जा सकता है एवं संख्यात्मक विकास के लिए उंगलियों के द्वारा खिलौनों के द्वारा एवं विभिन्न प्रकार की संख्यात्मक कहानियों के द्वारा अच्छे से सिखाया जा सकता है कहानी हाव भाव के द्वारा एवं लयबद्ध तरीके से सुनाई जावे जिससे बच्चों में रुचि पैदा होवे
ReplyDeleteबच्चों को खिलौने, कंकड़ , कागज चार्ट द्वारा अंकों को ज्ञान कराया जा सकता है ।
ReplyDeleteबच्चे खेल और खिलोंनों के माध्यम से सीख सकते है !
ReplyDeleteपूर्व प्रा.-1व -2के बच्चों को साक्षरता एवं संख्यात्मता से परीचय के लिए उनके परिवेशसे संबंधित ज्ञान से जोडकर उनके सिखने कि गति व समझ के अनुसार गतिविधि तैयार कर फिर सिखाने शुरू करे जो उनके घर मे या वह जिस माहोल मे रहता हो वैसे सिखाना शुरु करे ।जैसे -किसी के घर मे बकरीया पालन होता है ।गाँव के परीवेश मे हम बच्चों को बकरी यो के चित्र दिखा कर संख्यात्मक ज्ञानकि शुरुआत कर सकते है।साक्षर भी भी कर सकते है ।जैसे गाय "ग"से ध्वनि वाले "ब" के ध्वनि वाले ऐसे साक्षर कर सकते है।
ReplyDeleteप्रीति सोनी , धमना , नरसिंहपुर
ReplyDelete5 वर्ष तक के बच्चों को सामूहिक गतिविधियों में गीत - कविताओं के द्वारा सिखाया जा सकता है जैसे -
1- पाँच छोटी चिड़िया बैठीं थी डाल पर,
एक फुर्र ....से उड़ गई बाकी रह गई चार।
2 - हवा चल रही है , हवा चल रही है ,
Where चल रही है, कहां चल रही है .
दो पर चल रही है, 2 पर चल रही है।
Sohabat patel primary teacher ps Bharatpur tahsil Manpur district umaria m,p,3-4साल व 4से5 साल के बचचें को साक्षरता एवं संख्याक्त ज्ञान के बिकास के लिए परिवेश में मौजूद पेड़ पौधों को दिखाकर संख्या का ज्ञान तथा कार्ट में नाम लिखकर अभ्यास कराया जा सकता है।
ReplyDeleteतीन से छै: साल बच्चे कहानी, खेल एवं खिलौने के माध्यम से सीखते हैं।
ReplyDelete3,4,sal ke bachchon ko parivesh adharit khel khiloune ke dawara sikhaya ja sakta hai our 5se 6sal ke bachchon khel kud, kahani ke dawara sikhaya ja sakta hai.
ReplyDeleteK. C. Kushwaha
P/s BamhanGaon khurd
Hoshngabad (m.p.)
3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल या छोटी वस्तुओं से जैसे चॉकलेट, गोली, अंटी के माध्यम से समूह में बैठकर या पर्यावरण का सहयोग लेकर संख्यात्मक ज्ञान दिया जा सकता है।
ReplyDelete3-4वर्ष के बच्चे निजी परिवेश से ही बहुत कुछ सीखते हैं।उनकी पसंद की वस्तुओं का उपयोग कर रंग,संख्या,पर्यावरण आदि के बारे में बताया जा सकता है।
ReplyDeleteKULDEEP kourav GMS chargaon kala block chichli district narsinghpur mp. Pre primary ke students ke liye khel se sikhna ,khilone ki help se learn karna group activities karana etc.
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चों को गिनने की गतिविधि कराने के लिए ,ठोस वस्तुओं का प्रयोग किया जाए ,जिसमें गोटियां
ReplyDeleteछोटे-छोटे ,खिलौने ,टॉफियां ,कंचे आदि वस्तुओं का प्रयोग किया जाए |जिन को बच्चा बड़ी आसानी से हाथ में उठा कर देख सकता है वह गिन सकता है वस्तुओं की संख्या गिनने के लिए 9 से अधिक न हो यह भी हमें ध्यान रखना है 4 से 5 साल के बच्चे के लिए हम ठोस वस्तुओं के अलावा प्लास्टिक से बने अंक, अक्षर व ए बी सी डी कार्ड आदि का प्रयोग कर सकते हैं| छोटे बच्चे अवलोकन और छूने से अधिक सीखते हैं |अतः हमारी सारी गतिविधियां अवलोकन व छूने पर आधारित हो ,साथ ही साथ बच्चे खेल व गीत बहुत अधिक पसंद करते हैं |इसीलिए बच्चों को गीतों व खेलों के माध्यम से पढ़ाया जाना बहुत बेहतर होता है |बच्चों को दो समूहों में बांटकर खेल खिलाए जिससे बच्चे खेलने के साथ-साथ गिरने की गतिविधि भी कर सकें| मैं रघुवीर गुप्ता शासकीय प्राथमिक विद्यालय- नयागांव संकुल केंद्र -शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सहसराम विकासखंड- विजयपुर जिला -sheopur ,मध्य प्रदेश
3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चों को हाव भाव से और 4 से 5 साल के बच्चों को कहानी के द्वारा समझाया जा सकता हैं।
ReplyDeleteby making 2 aur3 groups
ReplyDeleteofstudent i ll
teach student in a play
way method.
बच्चे खेल और हाव भाव से ही सीखते हैं
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा सकता है!
ReplyDeleteबच्चे खेल और खिलोंनों के माध्यम से सीख सकते है !
ReplyDeleteसंख्यात्मक विकास के लिए अपने शरीर के अंगो या ऊंगलियो को गिनवाकर संख्यात्मक विकास किया जा सकता है
ReplyDelete3-4 एवं 4-5 साल के बच्चों को उनकी आयु के अनुसार रुचिकर कहानियाँ सुनाकर, खेल एवं खिलौनों आदि से प्रारंभिक साक्षरता व संख्यात्मकता का बोध कराया जा सकता है।
ReplyDeleteमें योगेन्द्र सिंह रघुवंशी GMS बेरुआ सिलवानी जिला रायसेन एमपी मेरे विचार से 3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल केबच्चों को हाव भाव सेगिनने की गतिविधि कराने के लिए ,ठोस वस्तुओं का प्रयोग किया जाए ,जिसमें गोटियां
ReplyDeleteछोटे-छोटे ,खिलौने ,टॉफियां ,कंचे आदि वस्तुओं का प्रयोग किया जाए |जिन को बच्चा बड़ी आसानी से हाथ में उठा कर देख सकता है वह गिन सकता है संख्यात्मक प्रारंभिक समझ विकसित किया जा सकता है
आँगनवाड़ियों के रूप में जाना जाता है, पर 40 प्रतिशत आँगनवाड़ियों को प्राथमिक विद्यालय के परिसर
ReplyDeleteमें ही स्थापित किया गया है। मक्त खेल की ग ु तिविधियाँ बच्चों को निर्णय लेने और दसरों के अ ू धिकारों और
दृष्टिकोणों को समझने के लिए अवसर प्रदान करती हैं।
3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा
पूर्व प्राथमिक शिक्षा में बच्चों को संख्यात्मक विकास के लिए 5-5 बच्चो का समूह बनाकर ,बच्चो को परिचित जानवरो के चित्र देकर ,प्लास्टिक गेंद देकर ,बच्चो को गोल घेरे में बैठाकर संख्यात्मक समझ का विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चों में संख्यात्मक विकास हेतु अनेक गतिविधियां का चयन कर ! जैसे - एक टोकरी में अलग-अलग प्रकार के रंग ,सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें समानता के आधार पर वर्गीकृत करवाना एवं उनको गिन वाना !
ReplyDeleteChhote bachcho के लिए कंचो का खेल टीलिया गिनना जैसे प्लास्टिक की तिलिया गिनना बता सकते हैं एक ही चित्र के माध्यम से बच्चों को संख्यात्मक ज्ञान भी करा सकते हैं जैसे चूहे के चित्र पर छोटे ढक्कन को रखकर बताया गया किंतु वहां भ्रम है चूहे के सामने एक ढक्कन रखा है किंतु उसे संख्यात्मक रूप में बढ़ते क्रम में बताया गया जबकि 1 चूहे के सामने यदि एक ढक्कन रखा हुआ है तो उसे एक गिनिगे अन्य चूहे के सामने हमें दो ढक्कन फिर अन्य चूहे के सामने तीन ढक्कन इस प्रकार बढ़ते क्रम में यदि बच्चों को संख्या सिखाई जाए तो उचित होगा
ReplyDeleteथोड़े बड़े बच्चों को एक पोयम के माध्यम से सिखाएंगे एक चिड़िया के बच्चे दो गाना गाते दिन भर वो मम्मी पापा आएंगे खेल खिलौने लाएंगे एक चिड़िया के बच्चे 3 दिनभर गाना गाते हो मम्मी पापा आएंगे 3:00 खिलौने ना आएंगे एक चिड़िया के बच्चे 3 दिनभर गाना गाते हो मम्मी पापा आएंगे चार खिलौने लाएंगे इस प्रकार बच्चे को संख्यात्मक रूप से ज्ञान कराया जा सकता है
छोटी आयु के बच्चों को चीजों को दिखाने ,बनाने, छूने,, चर्चाकरके, बच्चों केखेल छोटी छोटी वस्तुओं, चाकलेट, गोली, आदि केमाध्यम से संख्या बोध और अक्षर बोध आसानी से कराया जाता है। अक्षर बोध केलिए परिवार के सदस्यों के नाम बता कर कराते हैं। 4से5 वर्ष के ब।।।च्चों को सरल खेल कूद के माध्यम से सिखाते हैं। जिसमें बच्चे खुश हों। अनाज के दानों रंग बिरंगे फलों, सब्जियों खिलौनों का वर्गीकरण करवा कर गिनवाते हैं गिनवाते हैं। यू.एल. चौपरिया हेड मास्टर शा. मा.वि.गिन्दौरा जिला शिवपुरी म.प.।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा-1 में बच्चों के संख्यात्मक विकास हेतु एक टोकरी में टॉफी, जानवर और फलों के खिलौने रखकर उन्हें समानता के आधार पर वर्गीकृत कराकर उन्हें गिनवाएँगे जिससेउनमे संख्यात्मक समझ का विकास हो सके।
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा सकता है!
ReplyDeleteबच्चों को संख्यात्मक विकास के लिए उन्हें छोटी-छोटी वस्तुओं से खेल खेल में संख्या सिखाई जाए तो उचित होगा जैसे हाथ पैर की उंगलियां बच्चों के खिलौने कंचों का खेल माचिस की तीलियां बोतल के ढक्कन आदि के माध्यम से शिक्षा देने से बच्चे खुशी-खुशी सीख सकेंगे। रमन श्रीवास्तव शासकीय हाईस्कूल धवारी गली नंबर 5 सतना
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल केपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे । बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे। माना कि कुल 12 बच्चे हैं। सर्व प्रथम पहले 06 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और शेष 06 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3.....6 तक बोलकर बताएगा और फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी-बारी से गिनने को कहेगा। इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे। जैसे सात,आठ,नौ,दस,ग्यारह,बारह इत्यादि। इस प्रकार सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे। अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और शेष सदस्यों को गिनते जाएंगे। इस प्रकार सभी बच्चों संख्यात्मक दृष्टि से अधिगम करते हुए आगे प्रशस्त होंगें।
ReplyDelete3-4 साल के बच्चे को प्यार और सहानुभूति के साथ बच्चे और प्रैक्टिकल के द्वारा सीखा सकते है
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।इस प्रकार दोनों समूह को पुनः अलग-अलग कर देंगे इस प्रकार बच्चे गिनती को खेल और गतिविधि द्वारा सीखेंगे।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल केपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे । बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे। माना कि कुल 12 बच्चे हैं। सर्व प्रथम पहले 06 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और शेष 06 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3.....6 तक बोलकर बताएगा और फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी-बारी से गिनने को कहेगा। इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे। जैसे सात,आठ,नौ,दस,ग्यारह,बारह इत्यादि। इस प्रकार सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे। अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और शेष सदस्यों को गिनते जाएंगे। इस प्रकार सभी बच्चों संख्यात्मक दृष्टि से अधिगम करते हुए आगे प्रशस्त होंगें।
ReplyDeleteबच्चो के लिए कंचो का खेल टीलिया गिनना जैसे प्लास्टिक की तिलिया गिनना बता सकते हैं एक ही चित्र के माध्यम से बच्चों को संख्यात्मक ज्ञान भी करा सकते हैं जैसे चूहे के चित्र पर छोटे ढक्कन को रखकर बताया गया किंतु वहां भ्रम है चूहे के सामने एक ढक्कन रखा है किंतु उसे संख्यात्मक रूप में बढ़ते क्रम में बताया गया जबकि 1 चूहे के सामने यदि एक ढक्कन रखा हुआ है तो उसे एक गिनिगे अन्य चूहे के सामने हमें दो ढक्कन फिर अन्य चूहे के सामने तीन ढक्कन इस प्रकार बढ़ते क्रम में यदि बच्चों को संख्या सिखाई जाए तो उचित होगा
ReplyDeleteBachcho ko khel m bhi seekhte hain
ReplyDeleteछोटे बच्चों को खेल खेल में शिक्षा देना तथा अनेक प्रकार की गतिविधि कराई जा सकती हैं जैसे अपने आसपास की वस्तुओं के नाम बताना पूर्व प्राथमिक शाला में बच्चों को कविता सुनाना गीत सुनाना
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक कक्षाओं में संख्या और अंक सिखाने के लिए इमली के बीज,कंकड़, तीलियां आदि का उपयोग किया जा सकता है।
ReplyDeleteअमर सिंह सोलंकी शासकीय माध्यमिक विद्यालय द्वारका नगर फंदा पुराना शहर भोपाल मध्यप्रदेश।
Jamin par chakse 5golebanaage or us ke andarak ak kankar rakhne ko kahenge
ReplyDeleteFor children, the game of glass balls can be counted like counting the plastic sticks. By means of the same picture, children can also be given numerical knowledge, like placing a small lid on the picture of the mouse, but there is confusion in front of the mouse. The lid is kept but it is told in numerical order in increasing order whereas if one lid is placed in front of 1 rat then it will count one in front of the other rat, we have two lids and then three lids in front of the other rat, in this way, if the children are It would be appropriate to teach the number
DeleteTeach a little older child through a poem. One bird will sing two songs all day long. Mom- dad will come to play toys. One bird will sing for 3 days. Singing mother, father will come, bring four toys, thus the child can be made numerically knowledgeable.
3से4साल के बच्चों और 4-5साल के बच्चों के माध्यम से हम परिवेश से कंकड़, पत्तियां, इमली के बीज लाना शिक्षक की सहायता से अंक पर गिनकर रखवाना आदि गतिविधि करा सकते हैं।
ReplyDeleteTeen Char saal ke bacchon ko Prem purvak aur Sahan Buti se gatividhiyan dwara Dikhai Ja sakti hai
ReplyDeleteASHIM KUMAR TIWARI CAC BALSAMUD RAJPUR BARWANI
ReplyDelete5 वर्ष तक के बच्चों को सामूहिक गतिविधियों में गीत - कविताओं के द्वारा सिखाया जा सकता है जैसे -
1- पाँच छोटी चिड़िया बैठीं थी डाल पर,
एक फुर्र ....से उड़ गई बाकी रह गई चार।
2 - हवा चल रही है , हवा चल रही है ,
Where चल रही है, कहां चल रही है .
दो पर चल रही है, 2 पर चल रही है।
एक डब्बे में विभिन्न प्रकार के रंगों के 10-10 खिलौने रखने के बाद बच्चों को रंग के अनुरूप खिलौनों को उठाने के लिए कहना और उन्हें गिनना सिखाना।
ReplyDeleteApne Sharir aur vibhinn gatividhiyan ke bare mein Janna Apne aaspaas ke mahaul aur uske parivesh ko samajhna is Prakar ki gatividhiyan se Ham use Umra ke bacchon ko Samjha sakte hain
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से और चित्रपट के माध्यम से सीख सकते हैं
ReplyDeleteछोटे बच्चों को कंकर, माचिस की तीलियों, बालगीत के द्वारा, बाल चित्र कथा द्वारा अंक ज्ञान कराया जा सकता है I
ReplyDeleteChhote chhote bachchon ko unke ruchi aur age ke anusar kisi vishay vastu ke bare me jankari di jati hai to bachche bahut achchhe se aur ruchi purn tarike seekhte hai. (DBSINGH POSTA )
ReplyDeleteछोटे बच्चे को कंचो द्वारा माचिस की तिल्ली से कंकड़ द्वारा चित्र बताकर संख्याओं का ज्ञान कराया जा सकता है
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।छोटे बच्चे को कंचो द्वारा माचिस की तिल्ली से कंकड़ द्वारा चित्र बताकर संख्याओं का ज्ञान कराया जा सकता है
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं छोटे बच्चे को कंचो द्वारा माचिस की तिल्ली से कंकड़ द्वारा चित्र बताकर संख्याओं का ज्ञान कराया जा सकता है
ReplyDeleteAchchhi pàhal se sahmat Hoon. ideas uttam h.
ReplyDeleteतीन चार के बच्चे को उसके घर एवं आसपास के परिवेश से ही सिखाया जाना चाहिये जैसे माता पिता , दादा दादी , चाचा चाची , भैया भाभी आदि को आदर सूचक संबोधन आसपास की वस्तुयें जैसे कुर्सी मेज़ क़लम , शार्पनेस , इरेज़र , किताब , अभ्यास पुस्तिका , भोजन , रसोईघर , थाली आसन आदि को अच्छी तरह समझाया जा सकता है
ReplyDeleteBano Bee Ansari
ReplyDeleteसबसे पहले तो बच्चों को समूह में बैठेंगे फिर कुछ दाने मक्का के कुछ गेहूँ के दाने कुछ चना के दाने कुछ सोयाबीन के दाने आपस में मिला देंगे। बच्चों से बोलकर दाने को अलग करवाने के लिए कहेगें। और गिनती करने के लिए कहेगें।
खेल खेल में शिक्षा ।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक कक्षा आयुष समूह 3-4व4-5 के बच्चों में संख्यात्मक विकास हेतु अनेक गतिविधियां का चयन किया जा सकता है जैसे कि एक टोकरी में विभिन्न प्रकार रंग एवं संख्या में सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें समझाया जा सकता है उनको वर्गीकृत करवा कर एवं गिन वाना बच्चे से सदस्यों को गिन वाना आदि क्रियाकलाप करवाया जा सकता है।
ReplyDeleteअल्का बैंस प्राथमिक शाला कूकड़ा जगत छिन्दवाड़ा
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।इस प्रकार दोनों समूह को पुनः अलग-अलग कर देंगे इस प्रकार बच्चे गिनती को खेल और गतिविधि द्वारा सीखेंगे।
पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-1 (3 से 4 साल के बच्चों) और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-2 (4 से 5 साल के बच्चों) के लिए साक्षरता या संख्यात्मक विकास पर आधारित एक गतिविधि :-
ReplyDeleteबच्चों को एक कविता आज भालू को गिनती सिखाएंगे -आज भालू को गिनती सिखाएंगे बोलो भालू एक तुम्हें मिले का केक थोड़ा तुम खाओगे थोड़ा हम खाएंगे आज भालू को गिनती सिखाएंगे, बोलो भालू दो तुम ही मिलेगा ढोल थोड़ा तुम बजाओ थोड़ा हम बजाएंगे ......
इस प्रकार की कविता के माध्यम से संख्यात्मक विकास बच्चों में किया जा सकता है
तथा बच्चों को कविता अ से अनार मोटा ताजा, आ से आम फलों का राजा , इ से इमली खट्टी मीठी ,ई से ईख खेतों मैं सुहाय, उ से उल्लू दिन में सोए ,ऊ से ऊन का गोला मोटा है, ऋ से ऋषि लगाए ध्यान........
इस प्रकार की कविता के माध्यम से साक्षरता विकास बच्चों में किया जा सकता है
रानी पटेल प्राथमिक शिक्षक
कविता के माध्यम से
ReplyDeleteएक चिडि़या जंगल में......
3-4 aur 4-5 sal ke bacchon ko Khel Khel Mein Hi Shiksha Dena chahie jisase samajh Jaate Hain apni matrabhasha Ki Tarah
ReplyDeleteRadheshyam Lodhi Prathmik Shikshak
Prathmik Shala bandol Tahsil gotegao Jila Narsinghpur Madhya Pradesh
Aur Prathmik bacchon ko Khel ke Madhyam se ginti sikhayenge tatha unhen ke liye painting Itihaas se sikhayenge Sunil Tiwari Jan Shiksha Kendra mangawa
ReplyDeleteपूर्व-प्राथमिक शिक्षा-1 (3 से 4 साल के बच्चों) और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-2 (4 से 5 साल के बच्चों) के लिए साक्षरता या संख्यात्मक विकास पर आधारित एक गतिविधि :-
ReplyDeleteबच्चों को एक कविता आज भालू को गिनती सिखाएंगे -आज भालू को गिनती सिखाएंगे बोलो भालू एक तुम्हें मिले का केक थोड़ा तुम खाओगे थोड़ा हम खाएंगे आज भालू को गिनती सिखाएंगे, बोलो भालू दो तुम ही मिलेगा ढोल थोड़ा तुम बजाओ थोड़ा हम बजाएंगे ......
इस प्रकार की कविता के माध्यम से संख्यात्मक विकास बच्चों में किया जा सकता है
तथा बच्चों को कविता अ से अनार मोटा ताजा, आ से आम फलों का राजा , इ से इमली खट्टी मीठी ,ई से ईख खेतों मैं सुहाय, उ से उल्लू दिन में सोए ,ऊ से ऊन का गोला मोटा है, ऋ से ऋषि लगाए ध्यान........
इस प्रकार की कविता के माध्यम से साक्षरता विकास बच्चों में किया जा सकता है
प्रारंभिक स्तर पर बच्चों के लिए एक गतिविधि यह हो सकती है कि उन्हें प्लास्टिक के बैट बॉल से खिलाया जाए एवं दौड़ने पर उनसे गिनती कराई जाए जिससे वह गिनती भी प्रारंभिक स्तर पर जान पाए साथ ही हर रंग दौड़ने पर वे कोई मिलता जुलता शब्द बोले खेल के अंत पर सब ग्रुप सबको सब ग्रुप सबको अलग-अलग गतिविधि दी जाए जिसमें वाह रोचक तरीके से अपने खेल के बारे में जानकारी दें
ReplyDelete
ReplyDeleteछोटी आयु के बच्चों को चीजों को दिखाने ,बनाने, छूने,, चर्चाकरके, बच्चों केखेल छोटी छोटी वस्तुओं, चाकलेट, गोली, आदि केमाध्यम से संख्या बोध और अक्षर बोध आसानी से कराया जाता है। अक्षर बोध केलिए परिवार के सदस्यों के नाम बता कर कराते हैं। 4से5 वर्ष के ब।।।च्चों को सरल खेल कूद के माध्यम से सिखाते हैं। जिसमें बच्चे खुश हों। अनाज के दानों रंग बिरंगे फलों, सब्जियों खिलौनों का वर्गीकरण करवा कर गिनवाते हैं गिनवाते हैं।
बच्चों की ज्ञानेंद्री का अधिक से अधिक उपयोग हो yesi गतिविधि करा सकते हैं बच्चों को आरंभ में कविता और कहानी बहुत अच्छी लगती हैं गिनती सिखाने के लिए कविता
ReplyDeleteहम तो अपनी गुड़िया को गिनती सिखायेंगे
बोल गुड़िया 1 खा थोड़ा सा केक
बोल गुड़िया दो अब थोड़ा सा
क्रमशः कविता पूरी दोहराने का कहेंगे
अब गुड़िया के चित्र पर पेंसिल को घुमा कर ek नाक दो कान दो हाथ आदि पर पेंसिल घुमाकर बताएंगे तीन कंगन पांच उंगली छह फ्राक के फूल frak के सात रंग आदि के द्वारा संख्यात्मक एवम् साक्षरता गतिविधि कराई जा सकती है
पूर्व प्राथमिक शिक्षा -1 एवं पूर्व प्राथमिक शिक्षा -2 के बच्चों की साक्षरता हेतु शिक्षक कविता, कहानी ,गीत ,चित्र ,बाहर के वातावरण में जैसे पेड़ -पौधों के नाम ,जानवरों के नाम ,परिवार के सदस्यों के नाम, फलों के नाम ,हमारे चारों ओर देखने वाली चीजों के नाम ,रिश्ते- संबंध , शरीर के अंगों के नाम आदि से उन्हें साक्षर कर सकते हैं ।एवं पत्थर ,लकड़ी, पेड़ो की संख्या ,जानवरों को पैरों की संख्या ,पत्तियों को एकत्र कर उन्हें गिनना ,घर के कमरों की संख्या आदि से संख्यात्मक विकास कर सकते हैं।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा
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ReplyDeleteछोटी आयु के बच्चों को चीजों को दिखाने ,बनाने, छूने,, चर्चाकरके, बच्चों केखेल छोटी छोटी वस्तुओं, चाकलेट, गोली, आदि केमाध्यम से संख्या बोध और अक्षर बोध आसानी से कराया जाता है
at 4:32 AM
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक कक्षा आयुष समूह 3-4व4-5 के बच्चों में संख्यात्मक विकास हेतु अनेक गतिविधियां का चयन किया जा सकता है जैसे कि एक टोकरी में विभिन्न प्रकार रंग एवं संख्या में सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें समझाया जा सकता है उनको वर्गीकृत करवा कर एवं गिन वाना बच्चे से सदस्यों को गिन वाना आदि क्रियाकलाप करवाया जा सकता है।
A child of 3-4 year can be learned with love and empathy by the child and practical.
ReplyDeleteबच्चों की मन पसंद वस्तुओं से खेल खेल में उन्हें संख्यात्मक गति विधियों परिचित कराया जा सकता है।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक - 1 एवं पूर्व प्राथमिक - 2 के संख्यात्मक मान के अनुसार गतिविधि पूर्व प्राथमिक - 1 शिक्षक किसी भी उपागम का चयन करके समय सारणी अनुसार गतिविधियां और अनुभवों की योजना दे सकता है । जैसे पूर्व प्राथमिक 1 एवं पूर्व प्राथमिक 2 के लिए निम्नलिखित क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं ।जैसे
ReplyDeleteस्वागत घेरा स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्थिति ,मौसम , तिथि एवं दिवस ,संवाद वार्तालाप ,कविताएं, कक्षा के भीतर खेले जाने वाले मुक्त खेल।
सीखने के प्रतिफल प्राप्त करने के लिए रोचक तरीको से 3 से 4 साल के बच्चों को गिनने की गतिविधि कराने के लिए ,ठोस वस्तुओं का प्रयोग किया जाए ,जिसमें गोटियां
ReplyDeleteछोटे-छोटे ,खिलौने ,टॉफियां ,कंचे आदि वस्तुओं का प्रयोग किया जाए |जिन को बच्चा बड़ी आसानी से हाथ में उठा कर देख सकता है वह गिन सकता है वस्तुओं की संख्या गिनने के लिए 9 से अधिक न हो यह भी हमें ध्यान रखना है 4 से 5 साल के बच्चे के लिए हम ठोस वस्तुओं के अलावा प्लास्टिक से बने अंक, अक्षर व ए बी सी डी कार्ड आदि का प्रयोग कर सकते हैं| छोटे बच्चे अवलोकन और छूने से अधिक सीखते हैं |
पूर्व प्राथमिक शिक्षा -1 एवं पूर्व प्राथमिक शिक्षा -2 के बच्चों की साक्षरता हेतु शिक्षक कविता, कहानी ,गीत ,चित्र ,बाहर के वातावरण में जैसे पेड़ -पौधों के नाम ,जानवरों के नाम ,परिवार के सदस्यों के नाम, फलों के नाम ,हमारे चारों ओर देखने वाली चीजों के नाम ,रिश्ते- संबंध , शरीर के अंगों के नाम आदि से उन्हें साक्षर कर सकते हैं ।एवं पत्थर ,लकड़ी, पेड़ो की संख्या ,जानवरों को पैरों की संख्या ,पत्तियों को एकत्र कर उन्हें गिनना ,घर के कमरों की संख्या आदि से संख्यात्मक विकास कर सकते हैं।
ReplyDeleteइतनी कम उम्र के बच्चों को गाने के द्वारा एवं शरीर के अंगों के द्वारा गतिविधि करके बहुत अच्छे से सिखा सकते हैं। बच्चों को जानवरों के चित्र के द्वारा जैसे एक थी चिड़िया दो थे बच्चे, तीन दोस्त थे बड़े ही सच्चे। छोटी छोटी पोइम और कहानियों के माध्यम से हम बच्चों को कुछ कुछ सिखा सकते हैं।
ReplyDeleteपन्ना लाल धाकड़ प्राथमिक शिक्षक
ReplyDeleteजिला रायसेन मध्य प्रदेश
पूर्व प्राथमिक शिक्षा-१ एवं पूर्व प्राथमिक शिक्षा-२ के बच्चों की साक्षरता हेतु शिक्षक कविता ,कहानी ,आसपास के पेड़ पौधे के नाम, रंगों के नाम ,पशु पक्षियों के नाम, शरीर के अंगों के नाम, वाहनों के नाम ,पारिवारिक संबंधो से साक्षर कर सकतेहैं।
कक्षा शिक्षा 1 के तीन से चार शाल के बच्चों लिए सबसे पहले कार्य करने से पहले संख्या के लिए खेल के साथ सुंदर जीवन और अपने इरादों को संख्या टोकन नंबर पर जाना होगा। संख्या कारड की सहायता से संपर्क करें समूह की जानकारी देना कहानी कबिता पत्र आसपास की जानकारी देना।
ReplyDeleteकक्षा शिक्षा 2
गेम की जानकारी देना कहानी कबिता पत्र आसपास की जानकारी देना कहानी कबिता के साथ सुंदर गेम खेलने के लिए एक समूह बनाकर शब्द की जानकारी देना है। अन्य प्रकार की रोचक पहेलियां और कविता के माध्यम से ज्ञान कराना फलदाई होता है।
पूर्व प्राथमिक - 1 एवं पूर्व प्राथमिक - 2 के संख्यात्मक मान के अनुसार गतिविधि पूर्व प्राथमिक - 1 शिक्षक किसी भी उपागम का चयन करके समय सारणी अनुसार गतिविधियां और अनुभवों की योजना दे सकता है । जैसे पूर्व प्राथमिक 1 एवं पूर्व प्राथमिक 2 के लिए निम्नलिखित क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं ।जैसे
ReplyDeleteस्वागत घेरा स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्थिति ,मौसम , तिथि एवं दिवस ,संवाद वार्तालाप ,कविताएं, कक्षा के भीतर खेले जाने वाले मुक्त खेल। साथ ही क्रियान्वयन के तरीके - शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली बड़े समूह की गतिविधियां
शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां
बच्चों द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां शामिल है।
शैक्षणिक प्रक्रिया आएं अपने अपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना नंबर दो विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
जैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
शाब्दिक और अशाब्दिक रूप हाव भाव , चित्रकारी से अपनी भावनात्मक ता के साथ व्यक्त करते हैं। अपनी पसंद बताते हैं। बच्चों की अच्छी गुणवत्ता पूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु शिक्षकों प्रशंसकों नीति निर्धारकों एवं अन्य हित धारकों की मदद करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा दो दस्तावेजों पहला पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए दिशानिर्देश और प्राथमिक पाठशाला के साथ आगे आई है। उपायुक्त अनुभव एवं अवसर सुनिश्चित करना नंबर दो गणितीय सोच एवं तार्किक चिंतन शिक्षण प्रणाली - जैसे खेल परिवेश परस्पर संवाद साथियों के साथ बड़ों के साथ भिन्न-भिन्न प्रकार की सामग्री वस्तु वस्तु के साथ परस्पर संवाद आदि शा
पूर्व प्राथमिक के छोटे बच्चों को रुचिकर खेल खेल के माध्यम से सिखाया जा सकता है एवं छोटी-छोटी कविताएं एवं कहानी के माध्यम से शिक्षा को रुचिकर बनाकर शिक्षा के माध्यम से बच्चों को जोड़ कर उनका सर्वांगीण विकास किया जा सकता है
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चे अर्थात पूर्व प्राथमिक शिक्षा वन के लिए कंचों का खेल अलग-अलग रंग के कंचे अलग करना उन्हें लाइन में जमाना आदि गतिविधि कराई जा सकती है जिससे उनमें साक्षरता एवं संख्यात्मक ता का विकास किया जा सकता है 4 से 6 साल के बच्चे अर्थात पूर्व प्राथमिक शिक्षा दो के लिए मिलान कार्ड धागे की माला जोड़-तोड़ वाले खिलौने आदि के माध्यम से साक्षरता एवं संख्या तथा विकास किया जा सकता है
ReplyDeleteऐसे बच्चों के लिए कोई विशेष श्रम करके गतिविधियों का निर्माण या संचालन करने की जरूरत नहीं है, बल्कि ये तो सहज ही शिक्षक और बच्चों के शरीर कपड़ों और अन्य दिखाई देने वाली चीजों से ही हो जाता है,,, कक्षा कक्ष में दिखने वाली चीजों से भी हम कुछ भी गीत, कविता या तात्कालिक कहानी बनाकर सुना सकते हैं, जिसमें बच्चों को मजा आयेगा और वे कुछ नया सीखेंगे भी ,,,, बस सारी बातों का सार यही है।
ReplyDelete3_4 saal ke bachcho Ko khilono k madhyam se sikhane aasani hoti h khilono Ko dekhkar bachche jaldi seekhte h
ReplyDeleteTulsha Barsaiya MS bagh farhat afza , bhopal.
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक कक्षा आयुष समूह 3-4व4-5 के बच्चों में संख्यात्मक विकास हेतु अनेक गतिविधियां का चयन किया जा सकता है जैसे कि एक टोकरी में विभिन्न प्रकार रंग एवं संख्या में सब्जी अथवा फलों के खिलौने रखकर उन्हें समझाया जा सकता है उनको वर्गीकृत करवा कर एवं गिन वाना बच्चे से सदस्यों को गिन वाना आदि क्रियाकलाप करवाया जा सकता है।
3 से 4 साल के बच्चों को संख्यात्मक गतिविधि चॉकलेट कंचा इत्यादि से गतिविधि करा कर बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ गिनती सिखाई जा सकती है बच्चा बहुत ही आनंद से गिनती को सीखता है हरि ओम नमस्कार
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteChhote Bachho ko khel khel me hi sikhana chahiye
ReplyDeleteChhote bachcho ko khel khel me hi sikhana chahiye
ReplyDelete3 से 5 साल के बच्चे को हम जब संख्या का ज्ञान कराते हैं तो उससे हमको मन चीजों पर आपके हाथ में कितनी उंगलियां हैं वह गिनवाला है आप अपने दोस्तों के नाम बताइए वह दिन माना है किसी बास्केट में रखे हुए 6 फ्रूट्स उनको गिराना है कमरे में दिखाई देने वाली खिड़की दरवाजों की गिनती करवाना है क्योंकि हमें आसपास की चीजों को भी जो सराउंडिंग में बच्चा देख रहा है जिसे वह लगातार जिस के संपर्क में हैं उनसे ही मदद लेकर काम करना है प्रक्रियाओं को हम बार-बार दोहरा सकते हैं और उसके लिए हमें किसी ऑब्जेक्ट की खरीदने की आवश्यकता भी नहीं है खिड़की में से कक्षा के बाहर लॉन में लगे हुए पौधों की गिनती कितने पेड़ यहां से दिखाई दे रहे हैं यह बच्चों के टिफिन बॉक्स और बॉटल्स रखने की जगह पर हम उससे वह भी पूछ सकते हैं कि आज यहां पर कितने टिफिन रखे हैं कितनी बोतल रखी हैं ऐसी बहुत सी एक्टिविटीज है जिनके जरिए हम संख्याओं का ज्ञान बच्चे को करा सकते हैं
ReplyDelete1से ४वर्ष के बच्चो को खरगोश ओर कछुए की कहानी सुनाकर उनके आकार तेज दौड़ना धीरे दौड़ना दूरी बताना आदि से बच्चो का बौद्धिक व शारीरिक विकास करना
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक बच्चों के लिए गुड़िया को दिखाकर उसके अंगो के बारे में पूछ कर संख्याओं का बोध करायेंगे
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक वर्ष तीन से चार वर्ष के बच्चों को कार्ड के माध्यम से अच्छी तरह सिखाई जा सकता है।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा एक तथा पूर्व प्राथमिक शिक्षा दो के लिए सभी बच्चों को हम खेल के मैदान में ले जाकर पेड़ों को गिनना तथा पेड़ की फलों को गिन कर हम उनके संख्यात्मक ज्ञान बढ़ा सकते हैं। तथा हम बच्चों को संख्यात्मक ज्ञान बढ़ाने के लिए कुछ खेल के माध्यम से भी यह कर सकते हैं।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।इस प्रकार दोनों समूह को पुनः अलग-अलग कर देंगे इस प्रकार बच्चे गिनती को खेल और गतिविधि द्वारा सीखेंगे।
ReplyDelete3से4 साल के बच्चों के लिए चित्र सहित सरल शब्दों वाले कार्ड्स जैसे - बाजा,राजा,गाय आदि पढ़वाकर तथा गुब्बारे, चाकलेट, खिलौने आदि की गिनती करवाकर उनमें साक्षरता और संख्यात्मक विकास किया जा सकता है।
ReplyDelete4से5 साल के बच्चों के लिए चित्र सहित सरल शब्दों वाले कार्ड्स जैसे - आंख,हाथ,नाक,ताला आदि पढ़वाकर तथा उनकी गिनती करवाकर उनमें साक्षरता और संख्यात्मक विकास किया जा सकता है ।
छोटे छोटे चित्र बनाकर जैसे - फूल , पत्ती, किताब, बाल्टी आदि बनाकर उनके नाम पूछना ,बड़े बच्चों से मौखिक अभिव्यक्ति हेतु ,उन वस्तुओं से संबंधित एक वाक्य बोलने के लिए कहना ।चित्र मे रंग भरना , सभी वस्तुओं को गिनना ।।फूल मे अलग अलग रंग भरवाना ( सौंदर्य बोध हेतु) ।
ReplyDeleteकविता की विधा में , छोटी छोटी तुकबंदी वाले शब्द पूछना ,चाहे वो सार्थक हों या निरर्थक।जैसे - पाना - खाना - दाना - टाना। इन शब्दों द्वारा वर्ण ध्वनि पहचान, बड़े बच्चों हेतु तुकांत शब्द जानना।
कविता - ढम - ढम बाजे ढोल,
ढोल में है पोल,
मेरे साथी बोल,
ढोल लंबा है या गोल ।।
ऐसी छोटी कविता अभिनय से करवाते हुए ,जिसमे बच्चे रुचि लेकर सीखें ,ऐसी गतिविधियों का चयन किया जाना चाहिए ।
मै दीपा गोस्वामी कहना चाहती हूं कि पूर्व प्राथमिक - 1 एवं पूर्व प्राथमिक - 2 के संख्यात्मक मान के अनुसार गतिविधि पूर्व प्राथमिक - 1 शिक्षक किसी भी उपागम का चयन करके समय सारणी अनुसार गतिविधियां और अनुभवों की योजना दे सकता है । जैसे पूर्व प्राथमिक 1 एवं पूर्व प्राथमिक 2 के लिए निम्नलिखित क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं ।जैसे
ReplyDeleteस्वागत घेरा स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्थिति ,मौसम , तिथि एवं दिवस ,संवाद वार्तालाप ,कविताएं, कक्षा के भीतर खेले जाने वाले मुक्त खेल। साथ ही क्रियान्वयन के तरीके - शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली बड़े समूह की गतिविधियां
शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां
बच्चों द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां शामिल है।
शैक्षणिक प्रक्रिया आएं अपने अपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना नंबर दो विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
जैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
शाब्दिक और अशाब्दिक रूप हाव भाव , चित्रकारी से अपनी भावनात्मक ता के साथ व्यक्त करते हैं। अपनी पसंद बताते हैं। बच्चों की अच्छी गुणवत्ता पूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु शिक्षकों प्रशंसकों नीति निर्धारकों एवं अन्य हित धारकों की मदद करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा दो दस्तावेजों पहला पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए दिशानिर्देश और प्राथमिक पाठशाला के साथ आगे आई है। उपायुक्त अनुभव एवं अवसर सुनिश्चित करना नंबर दो गणितीय सोच एवं तार्किक चिंतन शिक्षण प्रणाली - जैसे खेल परिवेश परस्पर संवाद साथियों के साथ बड़ों के साथ भिन्न-भिन्न प्रकार की सामग्री वस्तु वस्तु के साथ परस्पर संवाद आदि शामिल है।
कोविड-19 महामारी के इस दौर में मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कदम उठाए हैं जोकि सराहनीय है मोहला क्लासेस लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है घर में ही शिक्षा का कोना बनाकर आस पड़ोस के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है डीजी लेब की सहायता से प्रतिदिन बहुत ही अच्छे वीडियो व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों और पालकों तक पहुंचाए जा रहे हैं दूरदर्शन पर भी अनेक सराहनीय कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई ना रुके हमारा घर ही हमारा विद्यालय है ऐसी अवधारणा को सफलतम मूर्तरूप दिया जा रहा है जो पूरे देश में सराहनीय है शिक्षकों को भी दीक्षा एवं निष्ठा प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ऑनलाइन ही उनके होमवर्क की जांच करके फिर भेज दिए जा रहे हैं इस प्रकार से मध्य प्रदेश सरकार ने पूरे देश के समक्ष एक उदाहरण पेश किया है जो अनुकरणीय योग्य है
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चों को संख्यात्मक गतिविधि चॉकलेट कंचा इत्यादि से गतिविधि करा कर बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ गिनती सिखाई जा सकती है बच्चा बहुत ही आनंद से गिनती को सीखता है
ReplyDelete3 से 4 साल के बच्चों को गिनने की गतिविधि कराने के लिए ,ठोस वस्तुओं का प्रयोग किया जाए ,जिसमें गोटियां
ReplyDeleteछोटे-छोटे ,खिलौने ,टॉफियां ,कंचे आदि वस्तुओं का प्रयोग किया जाए |जिन को बच्चा बड़ी आसानी से हाथ में उठा कर देख सकता है वह गिन सकता है वस्तुओं की संख्या गिनने के लिए 9 से अधिक न हो यह भी हमें ध्यान रखना है 4 से 5 साल के बच्चे के लिए हम ठोस वस्तुओं के अलावा प्लास्टिक से बने अंक, अक्षर व ए बी सी डी कार्ड आदि का प्रयोग कर सकते हैं| छोटे बच्चे अवलोकन और छूने से अधिक सीखते हैं |अतः हमारी सारी गतिविधियां अवलोकन व छूने पर आधारित हो ,साथ ही साथ बच्चे खेल व गीत बहुत अधिक पसंद करते हैं |इसीलिए बच्चों को गीतों व खेलों के माध्यम से पढ़ाया जाना बहुत बेहतर होता है |बच्चों को दो समूहों में बांटकर खेल खिलाए जिससे बच्चे खेलने के साथ-साथ गिरने की गतिविधि भी कर सकें
प्रारंभिक संख्यात्मकता के प्रगमन / प्रोग्रेशन के लिए गतिविधियाँ
ReplyDeleteपूर्व-प्राथमिक शिक्षा-1 (3 से 4 साल के बच्चों) और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-2 (4 से 5 साल के बच्चों) के लिए साक्षरता या संख्यात्मक विकास पर आधारित कम से कम एक गतिविधि बनाएँ और साझा करें।
बच्चों को पढ़ाने से पहले यह जान लें कि इस काम में आपको धैर्य की आवश्यकता है. बच्चा आपसे एक ही सवाल कई बार करेगा और आपको उसे समझाना पड़ेगा. इसके अलावा बच्चे को पढ़ाने के दौरान इन बातों का भी खास ख्याल रखें :
1. अगर बच्चा बहुत छोटा है तो उसे फोटो वाली किताब, कविताओं वाली किताब या फिर कविताओं वाले वीडियो की मदद से सिखाने की कोशिश करें।
2. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह के खिलौने आते हैं. उनका इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद होगा. आपका बच्चा खेल-खेल में काफी कुछ सीख जाएगा।
3. बच्चों के साथ जानकारी से भरी बातें करें. उनके सवालों का तार्किक जवाब देने की कोशिश करें. सुनकर कोई भी चीज ज्यादा जल्दी समझ आती है।
4. 3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे
चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा सकता है।3 से 4 साल के बच्चों को गिनने की गतिविधि कराने के लिए ,ठोस वस्तुओं का प्रयोग किया जाए ,जिसमें गोटियां
छोटे-छोटे ,खिलौने ,टॉफियां ,कंचे आदि वस्तुओं का प्रयोग किया जाए |जिन को बच्चा बड़ी आसानी से हाथ में उठा कर देख सकता है वह गिन सकता है वस्तुओं की संख्या गिनने के लिए 9 से अधिक न हो यह भी हमें ध्यान रखना है 4 से 5 साल के बच्चे के लिए हम ठोस वस्तुओं के अलावा प्लास्टिक से बने अंक, अक्षर व ए बी सी डी कार्ड आदि का प्रयोग कर सकते हैं| छोटे बच्चे अवलोकन और छूने से अधिक सीखते हैं |अतः हमारी सारी गतिविधियां अवलोकन व छूने पर आधारित हो ,साथ ही साथ बच्चे खेल व गीत बहुत अधिक पसंद करते हैं |इसीलिए बच्चों को गीतों व खेलों के माध्यम से पढ़ाया जाना बहुत बेहतर होता है |बच्चों को दो समूहों में बांटकर खेल खिलाए जिससे बच्चे खेलने के साथ-साथ गिरने की गतिविधि भी कर सकें- 1 एवं पूर्व प्राथमिक - 2 के संख्यात्मक मान के अनुसार गतिविधि पूर्व प्राथमिक - 1 शिक्षक किसी भी उपागम का चयन करके समय सारणी अनुसार गतिविधियां और अनुभवों की योजना दे सकता है । जैसे पूर्व प्राथमिक 1 एवं पूर्व प्राथमिक 2 के लिए निम्नलिखित क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं ।जैसे
स्वागत घेरा स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्थिति ,मौसम , तिथि एवं दिवस ,संवाद वार्तालाप ,कविताएं, कक्षा के भीतर खेले जाने वाले मुक्त खेल। साथ ही क्रियान्वयन के तरीके - शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली बड़े समूह की गतिविधियां
शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां
बच्चों द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां शामिल है।
शैक्षणिक प्रक्रिया आएं अपने अपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना नंबर दो विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
जैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
शाब्दिक और अशाब्दिक रूप हाव भाव , चित्रकारी से अपनी भावनात्मक ता के साथ व्यक्त करते हैं। अपनी पसंद बताते हैं। बच्चों की अच्छी गुणवत्ता पूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु शिक्षकों प्रशंसकों नीति निर्धारकों एवं अन्य हित धारकों की मदद करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा दो दस्तावेजों पहला पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए दिशानिर्देश और प्राथमिक पाठशाला के साथ आगे आई है। उपायुक्त अनुभव एवं अवसर सुनिश्चित करना नंबर दो गणितीय सोच एवं तार्किक चिंतन शिक्षण प्रणाली - जैसे खेल परिवेश परस्पर संवाद साथियों के साथ बड़ों के साथ भिन्न-भिन्न प्रकार की सामग्री वस्तु वस्तु के साथ परस्पर संवाद आदि शामिल है।
चंद्रिका गौरव
एमएस स्टेशन गंज
गाडरवारा
जिला नरसिंहपुर
मध्य प्रदेश
Hemlata Upadhyay Prathmik Vidyalay Etawah Dewas संख्यात्मक ज्ञान के लिए बच्चों को बीच कंकड़ माचिस की तीली आदि के माध्यम से गिन्नी का अभ्यास करवा सकते हैं तथा भाषा के लिए उनके नाम के पहले अक्षर से फल एवं सब्जियों के नाम बताओ गतिविधियां करवा सकते हैं
ReplyDelete4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा सकता है।
ReplyDeleteवर्तमान समय में भारत में निरक्षरता की संख्या बढ़ी है या निरक्षरता की वजह से आज भारत की जनसंख्या विश्व के तीसरे देश में ला दिया है यदि व्यक्ति साक्षर होगा तो वह समझेगा कि मैं अपना परिवार छोटा रखता हूं तो मेरा परिवार भी सुखी रहेगा और मैं भी तनाव मुक्त जीवन यापन कर पाऊंगा और सामान्य जीवन में साक्षर साक्षरता का बड़ा महत्व है साक्षी अपना हिसाब किताब लेनदेन से संबंधित व्यापार संबंधी कार्यों को बहुत अच्छे से कर पाता है इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि साक्षर भारत बनाने में अपना योगदान दें और संख्यात्मक आंकड़ा को बढावे
ReplyDeleteबच्चों को खेल-खेल में सिखाने का कार्य करना चाहिए चित्र कथा, खेल की गतिविधियां, कविता कहानी और शिक्षक छात्र संवाद, छोटे-छोटे खिलौने द्वारा सिखाने का कार्य करना चाहिए।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteछोटे बच्चे को यह पता नहीं चलना चाहिए कि वह पढ़ने जा रहा है यह पढ़ रहा है उसको सिर्फ खेल खिलौने समूह गतिविधि मैं बच्चों को खेलना बहुत अच्छा लगता है यहां तक की हो अपना खाना पीना भी छोड़ देता है इस प्रकार प्रारंभिक में बच्चा माहौल में ढलने लगता है और परिवेश से ही अनुकरण करके स्वयं करके बहुत जल्द सकता है इससे फायदा यह होगा कि वह बैठना कैसे बोलना किसके साथ कैसे खाना कैसे रहना आधी आधी सीख जाएगा
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा-1 में बच्चों के संख्यात्मक विकास हेतु एक टोकरी में टॉफी, जानवर और फलों के खिलौने रखकर उन्हें समानता के आधार पर वर्गीकृत कराकर उन्हें गिनवाएँगे जिससेउनमे संख्यात्मक समझ का विकास हो सके।
ReplyDelete3-4वर्ष के बच्चे निजी परिवेश से ही बहुत कुछ सीखते हैं।उनकी पसंद की वस्तुओं का उपयोग कर रंग,संख्या,पर्यावरण आदि के बारे में बताया जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चों को कोई कहानी गिनती के साथ कंकण तीली के माध्यम से गतिविधि कराने चाहिए और कहानी के माध्यम से और रुचिकर बनाए।
ReplyDeleteतीन और 4 साल के बच्चों को प्यार और सहानुभूति के साथ खेल खेल में गतिविधियों द्वारा पढ़ा सकते हैं साथी माचिस की तिलिया द्वारा बच्चों को गिनती जोड़ना और घटाना के सवाल समझा सकते हैं
ReplyDeleteविभिन्न वस्तुओं की डिग्री बनाकर बच्चों को गिनती कराई जा सकती है
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा 1व 2 के बच्चों को साक्षरता या संख्यात्मक विकास के लिए उनके परिवेश से संबंधित ज्ञान को जोड़कर उनके सीखने की गति व समझ के अनुसार गतिविधि तैयार करेंगे फिर सिखाना शुरु करेंगे ।जो उनके घर में या उनके माहौल में रहता हो। उनसे ही सिखाना शुरू करेंगे, जैसे किसी के घर में गाय या बकरी रहती है तो हम बच्चों को गाय के चित्र को दिखाकर संख्यात्मक ज्ञान की शुरुआत कर सकते हैं। साक्षर भी कर सकते हैं, जैसे -गाय "ग"की ध्वनि से शुरू होने शब्द बताएंगे या पूछेंगे।
ReplyDeleteबच्चों को सिखाने के लिए धैर्य की आवश्यकता है. बच्चा एक ही सवाल कई बार करेगा और उसे समझाना पड़ेगा.
ReplyDeleteइसके अलावा बच्चे को सँख्यातमक ज्ञान के लिए निम्नलिखित कार्य करवाए जा सकते है
1. अगर बच्चा बहुत छोटा है तो उसे फोटो वाली किताब, कविताओं वाली किताब या फिर कविताओं वाले वीडियो की मदद से सिखाने की कोशिश करें।
2. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह के खिलौने आते हैं. उनका इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद होगा. आपका बच्चा खेल-खेल में काफी कुछ सीख जाएगा।
3. बच्चों के साथ जानकारी से भरी बातें करें. उनके सवालों का तार्किक जवाब देने की कोशिश करें. सुनकर कोई भी चीज ज्यादा जल्दी समझ आती है।
4. 3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे
चॉकलेट, गोली, या आंटी के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान और बच्चों के परिवार के सदस्यों के नाम बता कर अक्षर संबंधी ज्ञान कराया जा सकता है।
धन्यवाद !!!!!!!
ReplyDeleteबड़े बच्चों को एक पोयम से सिखाएंगे -1- एक चिड़िया के बच्चे चार गाना गाते दिन भर वो मम्मी पापा आएंगे चार खेल खिलौने लाएंगे एक चिड़िया के बच्चे 3 दिनभर गाना गाते हो मम्मी पापा आएंगे तीन खिलौने लाएंगे इस प्रकार बच्चे को संख्यात्मक रूप से ज्ञान कराया जा सकता है।
बच्चों में एक से एक खूबी होती हैं उनकी खूबियों को पहचानना और उन्हें आनंददाई शिक्षा प्रदान करना
ReplyDeleteछोटे बच्चों को खेल के माध्यम से सिखाना चाहिये।
ReplyDeleteI am pratap giri पूर्व प्राथमिक - 1 एवं पूर्व प्राथमिक - 2 के संख्यात्मक मान के अनुसार गतिविधि पूर्व प्राथमिक - 1 शिक्षक किसी भी उपागम का चयन करके समय सारणी अनुसार गतिविधियां और अनुभवों की योजना दे सकता है । जैसे पूर्व प्राथमिक 1 एवं पूर्व प्राथमिक 2 के लिए निम्नलिखित क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं ।जैसे
ReplyDeleteस्वागत घेरा स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्थिति ,मौसम , तिथि एवं दिवस ,संवाद वार्तालाप ,कविताएं, कक्षा के भीतर खेले जाने वाले मुक्त खेल। साथ ही क्रियान्वयन के तरीके - शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली बड़े समूह की गतिविधियां
शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां
बच्चों द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां शामिल है।
शैक्षणिक प्रक्रिया आएं अपने अपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना नंबर दो विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
जैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
शाब्दिक और अशाब्दिक रूप हाव भाव , चित्रकारी से अपनी भावनात्मक ता के साथ व्यक्त करते हैं। अपनी पसंद बताते हैं। बच्चों की अच्छी गुणवत्ता पूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु शिक्षकों प्रशंसकों नीति निर्धारकों एवं अन्य हित धारकों की मदद करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा दो दस्तावेजों पहला पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए दिशानिर्देश और प्राथमिक पाठशाला के साथ आगे आई है। उपायुक्त अनुभव एवं अवसर सुनिश्चित करना नंबर दो गणितीय सोच एवं तार्किक चिंतन शिक्षण प्रणाली - जैसे खेल परिवेश परस्पर संवाद साथियों के साथ बड़ों के साथ भिन्न-भिन्न प्रकार की सामग्री वस्तु वस्तु के साथ परस्पर संवाद आदि शामिल है।
पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteSunita bairagi PS sriram kalony kotha Blok khalwa jila khandwa m.p.
ReplyDeleteHam bachcho ko activity se ginna sikha sakte h
इसके लिए दो तरह के कम से कम 10 वर्गाकार वितरा कार बॉक्स का निर्माण करेंगे कक्षा 1 से 3 के लिए
ReplyDelete10 12 कार बॉक्स में क्रम से 5 गेंद रखने को कहा ना जिससे की गिनती की अवधारणा मजबूत हो। इसी तरह बाद में और दूसरी वस्तु को रखने और गिनने को कहा जा सकता है।
कक्षा 4 से 5
10 गेंद 10 वृत्ताकार बॉक्स में रखते हुए गिनने को कहते हैं फिर एक-एक कर क्रमश: गेद हटाने को कहते हैं इस तरह अंत में गेंद की संख्या शून्य हो जाती है हो जाती है बच्चा गिनती के साथ साथ शून्य की अवधारणा से भी परिचित हो जाता है।
3 से 4 वर्ष के बच्चों को गीत व कहानी के माध्यम से सिखाया जा सकता है।जैसे आज हम भालू को गिनती सिखाएंगे जैसे बोलो भालू एक तुम्हें मिलेगा केक थोड़ा तुम खाओगे थोड़ा हम खायेगे बोलो भालू दो तुम्हें मिलेगा ढोल थोड़ा तुम बजाओगे थोड़ा हम बजाएंगे । 4 से 5 वर्ष के बच्चों को रेखाएँ व आकृति के द्वारा सिखाया जा सकता है ।
ReplyDelete3-5 वर्ष के बच्चों को प्यार और सहानुभूति के साथ एवं गीत कविताओं द्वारा सिखाया जा सकता है।
ReplyDeleteछोटे बच्चों के बीच हम खेल कहानी कविता ज्ञान बादन के साथ साथ परस्पर स्नेह आदि से नव ज्ञान दे सकते है,,उनके लिये अध्ययन न होकर रोचक कार्य हो,,,
ReplyDeleteप्रारंभिक संख्यातमकता के प्रगमन और प्रोग्रेशन के लिये मै पूर्व प्राथमिक शिक्षा के दोनो स्तर 1,और 2 दोनो के लिये एक गतिविधि गीत के माध्यम से आयोजित करूंगा जिसमे गीत होगा ...चूँ चूँ करती आई चिडियाँ, दाल का दाना लाई चिडियाँ.....।ईस गतिविधी से मै एक एक करके क ई बच्चो को चिडियाँ के रूप मे शामिल करूंगा और साथ ही एक एक बच्चा चिडियाँ के रूप मे एक एक दाल का दाना भी लेकर कर आयेगा।ईससे हम एक एक करके कुल चिडियाँ और कुल दाल के दाने के रूप मे संख्यातमकता का प्रगमन और प्रोग्रेशन तो आत्मसात करेंगे ही अपने आसपास के पर्यावरण के प्रति भी बच्चो मे भावनात्मक जागरूकता का भी विकास कर पायेंगे।अनिल केचे,स.शि.,प्रा.शा.भरियाढाना, तामियाँ, पातालकोट,छिंदवाड़ा, म.प्र.
ReplyDeleteबड़े बच्चों को एक पोयम से सिखाएंगे -1- एक चिड़िया के बच्चे चार गाना गाते दिन भर वो मम्मी पापा आएंगे चार खेल खिलौने लाएंगे एक चिड़िया के बच्चे 3 दिनभर गाना गाते हो मम्मी पापा आएंगे तीन खिलौने लाएंगे इस प्रकार बच्चे को संख्यात्मक रूप से ज्ञान कराया जा सकता है।
ReplyDeleteBaccho k samne 10 tofiya rkhe or 3-4 saal tk k baccho ko keval count krne ko bole or 4-5 saal k baccho ko count krne k sath unme s kuch tofiya kha lege to kitni bachi ese krke (-) krne bole
ReplyDelete
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा- एक (3 से 4 साल के) बच्चों के लिए संख्यात्मक विकास के लिए बच्चों को दो समूहों में बांट देंगे ।माना कि 12 बच्चे हैं ,तो पहले 6 बच्चों को शेर समूह में नामांकित कर एक लाइन में खड़ा करेंगे और दूसरे 6 बच्चों को हाथी समूह में नामांकित करके उनके सामने खड़ा कर देंगे। पहले शिक्षक एक बार मिलकर शेर समूह के सदस्यों को 1,2,3 ,..6 तक बोलकर बताएगा ।फिर हाथी समूह के प्रत्येक बच्चे से बारी बारी से गिनने को कहेगा । इसी प्रकार शेर समूह के बच्चे भी हाथी समूह के बच्चों को एक-एक करके गिनने को कहेगा। फिर एक समूह से दूसरे समूह में शिक्षक बच्चों को भेजेगा और गिनते जाएंगे जैसे सात, आठ ,नौ ,दस ,ग्यारह, बारह। सब बच्चे एक ही लाइन में हो जाएंगे ।अब उन्हें पुनः एक-एक करके अपने समूह में भेजेंगे और बचे सदस्यों को गिनते जाएंगे ।इस प्रकार दोनों समूह को पुनः अलग-अलग कर देंगे इस प्रकार बच्चे गिनती को खेल और गतिविधि द्वारा सीखेंगे।
प्राथमिक शिक्षा में बच्चों को चित्रों और खेल खेल में सबसे ज्यादा रुचि के साथ पढ़ते हैं
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा के बच्चो को गिंतारा या गेंद से सीखने में ज्यादा मदद मिलेगी तथा 4--5साल के बच्चो को पत्ती तथा अन्य वस्तु से ज्यादा प्रभावी रूप से सिखाया जा सकता है
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा तीन से चार एवं 4 से 5 वर्ष के बच्चों को कविताओं हाव भाव के साथ एवं खेल गतिविधियों के साथ संख्यात्मक ज्ञान दिया जाता है।
ReplyDelete1. बच्चा बहुत छोटा है तो उसे रंगीन फोटो वाली किताब, कविताओं वाली किताब या फिर कविताओं वाले वीडियो की मदद से सिखाने की कोशिश करें।
2. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह के खिलौने आते हैं। उनका इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद होगा। बच्चा खेल-खेल में काफी कुछ सीख जाएगा।
3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल के माध्यम से या छोटी छोटी वस्तुओं के माध्यम से जैसे चॉकलेट, गोली, या तीलियॉ आदि के माध्यम से समूह में बैठकर संख्यात्मक ज्ञान कराया जा सकता है |
ReplyDeleteखेलों में :--
"बोलो भाई कितने आप बोलो जितने" कंचे के माध्यम से तीलियों के माध्यम से संख्यात्मक ज्ञान कराया जा सकता है |
पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteअपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना , विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
ReplyDeleteजैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteJangali janvaron ke nam bolna or dohrane ke leye kahna .
ReplyDeleteMachali jal ki Rani he
Jeevan uska pani he
Kavita sunana or bolne ka kahana.
Jangali janvaron ke nam bolna or dohrane ke leye kahna .
ReplyDeleteMachali jal ki Rani he
Jeevan uska pani he
Kavita sunana or bolne ka kahana.
Jangali janvaron ke nam bolna or dohrane ke leye kahna .
ReplyDeleteMachali jal ki Rani he
Jeevan uska pani he
Kavita sunana or bolne ka kahana.
3 से 4 साल के बच्चे और 4 से 5 साल के बच्चे खेल या छोटी वस्तुओं से जैसे चॉकलेट, गोली, अंटी के माध्यम से समूह में बैठकर या पर्यावरण का सहयोग लेकर संख्यात्मक ज्ञान दिया जा सकता है।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक-1,एवम पूर्व प्राथमिक-2, के लिए साक्षरता वर्णमाला के सजीव चित्रों को दिखाकर तथा अंको की पहचान के अनुसार कंचे, बीज या कोई अन्य जो गिनी जा सकती है।।गतिविधि करवाई जा सकती हैं।।राजेश कुमार जांगिड़, ढोटी स्कूल, जिला-श्योपुर।।
ReplyDelete5 वर्ष तक के बच्चों को सामूहिक गतिविधियों में गीत - कविताओं के द्वारा सिखाया जा सकता है जैसे -
ReplyDelete1- पाँच छोटी चिड़िया बैठीं थी डाल पर,
एक फुर्र ....से उड़ गई बाकी रह गई चार।
2 - हवा चल रही है , हवा चल रही है ,
Where चल रही है, कहां चल रही है .
दो पर चल रही है, 2 पर चल रही है।3 कितने भाई कितने आप बोलों जितने
Prathmik kakshaon Mein bacchon ko Kuchh kanche dekar UN Kanchan ki ginti karwayenge tatha use sankhya ko likho aaenge tatha kanchon mein vargikaran kar unke rangon ke bare mein bhi unko sikhayen jaega
ReplyDeleteबच्चों को उनकी पसंद की कहानी सुनाना और उसी में से प्रश्न पूछकर उत्तर निकलवाने का प्रयास करना चाहिए।4/5साल के बच्चों को खेल खेल में ही संख्या सिखाया जाता है।और बच्चों को आनन्द मिलता है।
ReplyDeleteअनुशासन पूर्वक गतिवि धियो को करवा के ही हम बच्चो को कुछ सिखा सकते है!
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक शिक्षा एक (3 से 4 साल )के बच्चों के साक्षरता या संख्यात्मक विकास हेतु बहुत सारी चित्र वाली पुस्तकों ,कार्ड अथवा वीडियो के माध्यम से प्रयास किया जा सकता है| इसके अलावा बच्चों से अधिक से अधिक बातें करके ,उनके लिए उपलब्ध कई खिलौनों के माध्यम से बच्चों को सिखाया जा सकता है |पूर्व प्राथमिक शिक्षा दो ,जिसमें 4 से 5 साल के बच्चे आते हैं उनके लिए खेलों ,कविताओं के माध्यम से, कहानियां जिनमें चित्र अधिक मात्रा में हो, कंकड़, पत्थर, गोली कंचे इत्यादि के माध्यम से साक्षरता या संख्यात्मक विकास किया जा सकता है|
ReplyDeleteArun Kumar Singh Bhadauriya
ReplyDeleteShramoday Awasiya Vidyalaya Gwalior
3 से 4 साल के छात्रों के साथ खेल कर गोला बनाते हैं और वृत्त के बारे में एवं बीच गोले में किसी छात्र को खडा कर केन्द्र के बारे में जानकारी दी गई
साइकिल के साथ उसे साइकिल के पहिये की तानों को गिनना और त्रिज्या के बारे में बताया जा सकता है
पूर्व प्राथमिक के 3से 4एवं 4से 5 वर्ष के बच्चों को रोचक गतिविधियों के द्वारा कुछ प्रश्न पूछकर उनकी समझ को विकसित कर सकते हैं।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteNeelam Khare,Govt.Ex.HSS Rahatgarh
3-4 साल के बच्चों को खेल खेल में सीखना चाहिए
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक के 3 से 4 वर्ष के बच्चों को बहुत ही अच्छी तरीके से गतिविधि कराकर t.l.m. के साथ ऐसे जैसा मैडम ने वीडियो में बताएं कुछ खिलौने कुछ कार्ड्स लेकर उनको बता सकते हैं 4 से 5 साल तक के बच्चे भी इनके साथ कर देंगे तब एक दूसरों को से देखकर सीखते हैं बच्चे
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक - 1 एवं पूर्व प्राथमिक - 2 के संख्यात्मक मान के अनुसार गतिविधि पूर्व प्राथमिक - 1 शिक्षक किसी भी उपागम का चयन करके समय सारणी अनुसार गतिविधियां और अनुभवों की योजना दे सकता है । जैसे पूर्व प्राथमिक 1 एवं पूर्व प्राथमिक 2 के लिए निम्नलिखित क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं ।जैसे
ReplyDeleteस्वागत घेरा स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्थिति ,मौसम , तिथि एवं दिवस ,संवाद वार्तालाप ,कविताएं, कक्षा के भीतर खेले जाने वाले मुक्त खेल। साथ ही क्रियान्वयन के तरीके - शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली बड़े समूह की गतिविधियां
शिक्षक द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां
बच्चों द्वारा शुरू की जाने वाली छोटे समूह की गतिविधियां शामिल है।
शैक्षणिक प्रक्रिया आएं अपने अपने शरीर के अंगों और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानना नंबर दो विभिन्न खेलों तथा गतिविधियों के द्वारा नामों को जानना एवं संबंधों के प्रति समझ बनाना ।।
जैसे
नाम पर ताली बजाना एवं मित्रता करना सीखने के आरंभिक प्रतिफल, परिवार के नजदीकी सदस्यों को पहचानते हैं।
शाब्दिक और अशाब्दिक रूप हाव भाव , चित्रकारी से अपनी भावनात्मक ता के साथ व्यक्त करते हैं। अपनी पसंद बताते हैं। बच्चों की अच्छी गुणवत्ता पूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु शिक्षकों प्रशंसकों नीति निर्धारकों एवं अन्य हित धारकों की मदद करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा दो दस्तावेजों पहला पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए दिशानिर्देश और प्राथमिक पाठशाला के साथ आगे आई है। उपायुक्त अनुभव एवं अवसर सुनिश्चित करना नंबर दो गणितीय सोच एवं तार्किक चिंतन शिक्षण प्रणाली - जैसे खेल परिवेश परस्पर संवाद साथियों के साथ बड़ों के साथ भिन्न-भिन्न प्रकार की सामग्री वस्तु वस्तु के साथ परस्पर संवाद आदि शामिल है।
पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के बच्चो के लिए लिखना सिखाना शुरू करने से पहले उनका ग्रिपिंग पॉवर बड़ाना आवश्यक हैं इसके लिए उन्हें सर्व प्रथम छोटी छोटी आकृतियां बनाना सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चे छोटे होते है इसलिये प्यार व सहानुभूति से सिखा सकते है। व खेल खेल में भी सिखाया जा सकता है।
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