किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे
किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे
मान लो हमारा लर्निंग आउटकम है -भोजन के स्त्रोत ।तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे ,मानव के भोजन की चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप करवाएंगे ।
बच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
पर्यावरण शिक्षण से बच्चों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियो को सीखने के साथ -साथ ,उनके मानसिक , शारिरिक और सामाजिक विकास में परिवर्तन आता है।पर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है।
I am Mrs. Sudha Sharma👍L. D. T. M. S. Bag Farhat Afza Aishbag Bhopal👍. इसे समझाने हेतु मैं अपने छात्रों को लेकर किसी निकटतम वन विहार जाऊँगी, और बच्चों को ध्यान से वहाँ के 🐮🐂🐄पशुओं पक्षियों🐦, और वनस्पतियों को दिखाकर जानकारी दूंगी और उनके प्रश्नों के उत्तर भी देने का प्रयास करूँगी 👍🙏👍
ASHIM KUMAR TIWARI CAC BALSAMUD RAJPUR BARWANI पर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है जो पर्यावरण व इससे जुड़ी चुनौतियों के सम्बन्ध में लोगों की जानकारी और जागरूकता को बढ़ाती हैं, चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कुशलताओं व प्रवीणता को विकसित करती हैं
Sabse pahle ek topic sunenge Malu hamara topic awaaz Hai tab aawas kitne prakar ke hote hain aawas kis tarah Ke hote hain awaaz kis prakar banai jaati Hai awaaz se kya labh Hai awaaz Ki avashyakta kyon hai aaj ki jayegi tatha le jakar awasan ko dikhaya Jayega ki awaaz kis tarah Ke hote hain kacche pakke wale aadiAgar hamara topic bhojan Hai to bhojan per baat ki jayegi ki pujan ki hamen avashyakta kyon Hai bhojan mein kaun kaun se avashyak poshak tatva hote Hain full poshak tatvon ki Kami se hamen kaun kaun se rog ho sakte hain ek santulit bhojan Kya hota Hai hamen santulit bhojan Lena chahie santulit se Kya fayde hote Hain ham Kahan se prapt Karte Hain hamari kaun kaun si avashyakta Ki purti karta hai
किसी विशेष टॉपिक के लिए निम्नलिखित आधार/प्रक्रिया से कार्यनीति तैयार करेंगे_ 1_ विषयवस्तु की रुपरेखा। 2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स। 3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण। 4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी। 5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य। 6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस। 7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां। 8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स। 8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न। 9 अधिगम प्रतिफल। 10 मुल्यांकन उपरोक्तानुसार शिक्षण हेतु प्रारंभिक तैयारियां करने के संदर्भ में किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगेसाथ ही समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करेंगे। उदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक भोजन के स्त्रोत हैं। तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप और गतिविधियां कराएंगे।
मान लीजिए हमारा लर्निंग आउटकम है ऊर्जा अब हम ऊर्जा कहां से प्राप्त करते हैं कब प्राप्त करते हैं कैसे प्राप्त करते हैं इसके बारे में प्रश्नावली तैयार करके बच्चों को सामूहिक कार्य करने को कहेंगे
bachchon ko apne aspaas ki sair karayenge aur wahan par dekhi gayi vastion, ped ,paudhe,aadi ka avlokan Karne ko kahenge vishsh baaton ko note karayenge.note ki gayi baton ka vishleshan karenge.
Latika jaiswal,sarna, chhindwara G.P.S.Panjra Kisi ek topic pr bachoo se gatividhi karayenge,ex_asspass k ped podhe ka avalokan krenge,or dairy m likhenge,jise bachoo m jigyasa hoti h kuch jane smjhne ki,usi se hi bachoo m sarwagin vikas hota h.....
Prathmik shikshak Begumganj किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे घर से स्कूल आना रास्ते में आपको क्या-क्या दिखा उसको लिखने के लिए अपनी डायरी में कहेंगे 1_ विषयवस्तु की रुपरेखा। 2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स। 3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण। 4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी। 5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य। 6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस। 7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां। 8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स। 8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न। 9 अधिगम प्रतिफल। 10 मुल्यांकन
Prathmik shikshak Begumganj किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे घर से स्कूल आना रास्ते में आपको क्या-क्या दिखा उसको लिखने के लिए अपनी डायरी में कहेंगे 1_ विषयवस्तु की रुपरेखा। 2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स। 3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण। 4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी। 5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य। 6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस। 7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां। 8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स। 8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न। 9 अधिगम प्रतिफल। 10 मुल्यांकन
पर्यावरण अध्ययन एक विस्तृत एवं महत्वपूर्ण विषय है पर्यावरण अध्ययन पर यदिछात्रों को किसी टॉपिक किसी विषय वस्तु या किसी चैप्टर का हम अध्ययन कराना चाहते हैं तो हम एक विस्तृत कार्ययोजना बनानी होगी जैसा कि मान लें हम छात्रों को जल विषय पर अध्ययन कराना चाहते हैं तो हमें छात्रों को एक विस्तृत कार्य योजना बनाकर दिशा निर्देश और नियम का निर्धारण कराना होगा जैसे कि छात्रों को जल विषय के स्रोतों का पता लगाना जल विषय के बारे उसकी उपलब्धता एवं अन्य महत्वपूर्ण बातों को एकत्रित करना जल के प्रदूषण एवं स्वच्छता संबंधी मापदंडों का पता लगा कर निर्धारण करना जल की उपयोगिता के महत्व का ज्ञान प्राप्त कर उसका आकलन करना तथा सामाजिक परिपेक्ष में मानव जीवन जल की महत्ता को स्थापित करना आदि क्षेत्रों में विस्तृत अध्ययन कर अन्वेषण कर खोज कर कर प्रश्नों का एकत्रीकरण कर प्रश्नों के उत्तरों का समाधान कर आपसी में समूह में चर्चा कर जल के बारे में छात्रों द्वारा एक निश्चित गतिविधि को कराया जा सकता है इस प्रकार जल विषय वस्तु पर अध्ययन कराने के लिए हमें निम्न योजना बनाकर छात्रों को गतिविधि कराना होगी जिसके बिंदु निम्नलिखित हैं पहला विषय वस्तु की प्रस्तावना 2- विषय वस्तु की रूपरेखा 3- विषय वस्तु के उद्देश्य 4- विषय वस्तु और सामूहिक कार्य एवं गतिविधियां 5- विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण 6- विषय वस्तु का अनुसंधान विषय वस्तु की महत्ता 7- विषय वस्तु की उपयोगिता एवं विषय वस्तु का मानव जीवन में स्थान और 8- विषय वस्तु का सारांश इस प्रकार छात्रों को विस्तार योजना नियम बनाकर करते हुए की योजना बनाकर छात्रों को जल टॉपिक के विषय में महत्वपूर्ण व्यवहारिक ज्ञान प्रदाय किया जा सकता है इ इस प्रकार छात्र स्वयं कार्य कर अनुसंधान खोज कर विभिन्न बातों का पता लगाकर प्रश्नों को एकत्रित कर उनके उत्तर प्राप्त कर समूह में चर्चा कर एक व्यवहारिक और प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त कर आत्मसात कर सकते हैं जिससे कि उन्हें जल के समस्त विधाओं उपयोगिता और महत्व आदि का पूर्ण ज्ञान प्राप्त हो सके धन्यवाद
किसी विशेष टॉपिक के लिए हमें निश्चित आधार पर कार्य नीति तैयार करनी होगी। जिससे बच्चों को विषय रोचक लगे एवं बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके। इसके लिए हम पाठ योजना के दौरान सबसे पहले विभिन्न अवधारणाओं सरोकारों व मुद्दों की पहचान करेंगे। इसके पश्चात इन अवधारणाओं सरोकारों व मुद्दों पर आधारित ऐसी गतिविधियों का चयन करेंगे जिससे बच्चे में जिज्ञासा सृजनात्मकता और पर्यावरण अध्ययन से संबंधित विभिन्न कौशलों का विकास हो सके।
बच्चों को मकान बनाने की गतिविधि पर पूर्ण रूप से तैयार कर सकते हैं! इसके लिए 4 - 5 प्लाटों का सर्वे करेंगे ! एक प्लाट जो खाली है उसे बच्चों को दिखाएंगे ! दूसरा जहां गड्ढे खोदे गए हैं , तीसरा जहां कालम खड़े हो रहे हैं और दीवारें बन रही है! चौथा जहां छत जल रही है तथा पांचवा जहां प्लास्टर हो रहा है और दरवाजे खिड़कियां लग रही है! इस गतिविधि के माध्यम से मकान कैसे तैयार होता है , छात्रों की डायरी में नोट कराएंगे व कक्षा में संबंधित प्रश्न तैयार कर पूछेंगे ! जो छात्रों के इंजीनियर या ठेकेदार बनने के काम आएंगे ! शासकीय माध्यमिक विद्यालय रूपाबेड़ी !
किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे और कार्यनीति बनायेगे ।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
किसी विशेष टॉपिक के लिए कोई कार्यनीति तैयार करने के लिए मेरे हिसाब से उसके आउटकम को ध्यान में रखते हुए नीति बनानी चाहिए।जैसे अगर हम कोई भी टॉपिक या गतिविधि बच्चो के बीच सांझा करना चाहते है तो सबसे पहली बात यही ध्यान में रखना चाहिए कि उस से बच्चो को क्या सीखने को मिलेगा और हमारी नीति इस तरह होनी चाहिए के बच्चो को ज्यादा से ज्यादा समझ में आए। और भी बहुत सी बातों को ध्यान में रख कर नीति बनानी चाहिए ,जैसे समय सीमा आदि। धन्यवाद्
सर्वागींनंरिया पृधानाध्यापक मा.वि.गिन्दौरा जिलाशिवपुरी म.प. पर्यावरण अध्ययन शिक्षण पर्यावरण सुरक्षा मैं सहायक है। इस अधिगम से क्षात्रों के मानसिक शारीरिक ,सामाजिक सहित सर्वागींनसर्वागींन विकास होता है।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
पौधे और पेड़ों से संबंधित जानकारी के सर्जन लिए बच्चों को आस पास के किसी बाग बगीचे या नर्सरी में भ्रमण करने के लिए ले जाएंगे। अमर सिंह सोलंकी शासकीय माध्यमिक विद्यालय द्वारका नगर फंदा पुराना शहर भोपाल मध्यप्रदेश
TulshaBarsaiya MS bagh farhat afza ,bhopal. किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे,उदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक भोजन के स्त्रोत हैं। तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
सर्वेश पाण्डेय, माध्यमिक शिक्षक शा.पूर्व मा.विद्या. महदेवा -सतना(म. प्र.) डाइस कोड-23130717095 ^^^^यदि मुझे किसी विशेष टॉपिक जैसे आस-पास की खोज के अंतर्गत किसी "शैक्षिक- भ्रमण" हेतु कार्यनीति तैयार करना हो तब मुझे निम्न बिन्दुओ का स्मरण रखना होगा। (1) भ्रमण स्थल का चयन-जिससे कि छात्र शैक्षिक अनुभव प्राप्त कर सकें। (2) भ्रमण के उद्देश्य- (3) यात्रा की रूपरेखा- (4) छात्रों को यात्रा वृतांत लिखने में मदद करना (5) छात्रों से फीडबैक लेना।
बच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
किसी विशेष टॉपिक के लिए निम्न आधार पर कार्यनीति तैयार करेंगे - 1. परियोजना 2. परिचर्चा 3. प्रयोग एवं अन्वेषण 4. सर्वेक्षण और साक्षात्कार 5. अनुभव साझा करना 6. भूमिका निर्वाह 7. क्षेत्र भ्रमण
बच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
कोई भी टॉपिक के लिए हम सबसे पहले बच्चों को उन्हीं के क्षेत्र या आसपास के वातावरण से संबंधित वस्तुओं से या वस्तुओं का उपयोग करके t.l.m. के लिए कर सकते हैं जैसे हमें यदि उनको बताना है कि उष्मां का चालन कैसे होता है तो हम आसपास के वातावरण से स्कूल के आसपास या कहीं से भी एक तार ढूंढ लेंगे साईकिल का स्पोक भी चल सकता है साईकिल का स्पोक रहता है वह या आसपास एलुमिनियम के तार भी मिल जाते हैं उसमें हम पिघली हुई मोम को टपकायेगे एवं बबूल के कांटों को रख देंगे फिर एक मोमबत्ती के एक सिरे पर आग दिलाएंगे धीरे-धीरे तार गर्म होगा और 1_1 बबूल का कांटा नीचे गिरने लगेगा इसी प्रकार से हम बता सकते हैं कि उष्मां का चालन हो रहा है बच्चों को मजा भी आएगा और क्लास में शिक्षक की सामने शिक्षक की निगरानी में हम प्रयोग बच्चों से भी करवा सकते हैं वह खुद करके देखेंगे उनको ज्यादा समझ आएगी इसी प्रकार जैसे हम को भौतिक और रासायनिक परिवर्तन पढ़ना है हमें कागज को मोड़ देंगे या कागज को फाड़ देंगे माचिस की तीली को तोड़ देंगे यहां वहां कर देंगे स्कूल का दरवाजा थोड़ा सा लटका के खोल के भौतिक परिवर्तन को बता सकते हैं इसी प्रकार माचिस की तीली को जलाकर या कागज को जलाकर या वही दूध में नींबू के या निरमा में नींबू या हल्दी में चूना लगाकर आसपास के वातावरण में मौजूद है सावधानी या सरलता से मिल सकता है उसका उपयोग करके हम रासायनिक परिवर्तनों को पढ़ा सकते हैं इसी प्रकार से कई ऐसी गतिविधियां है जो हम बच्चों के द्वारा ही उनसे एकत्रित करवा कर वह बच्चों की पहुंच में इस प्रकार से बच्चों में अवधारणा उनके मन और मस्तिष्क में बैठेगी लेकिन बच्चों को इस प्रकार की पढ़ाई में बहुत आनंद आएगा बाद में हम उनसे पूछ सकते हैं तो उससे देखेंगे कि एक चमत्कारिक उत्तर मिलता है
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे
Pushpa singh (U.D.T) MS bagh farhat afza phanda old city jsk-girls station Kisi bhi topic ki students me samajh viksit karne k liye unse vayktigat ya group activities karvai ja sakti hai.Topic k adhigam binduo ko aas-pass k parivesh and other subjects se jod kar students ko samajh ko viksit kiya ja sakta hai.
यह गौर करने वाली बात है कि जल संरक्षण का सवाल पर्यावरण के व्यापक संरक्षण के सवाल से ही जुड़ा है। हम जल के अलावा पर्यावरण के बाकी घटकों की उपेक्षा कर जल-संरक्षण पर कोई विचार-विमर्श नहीं कर सकते। शायद इसलिए आज यह समझने की आवश्यकता अधिक है कि पर्यावरण संरक्षण कोई एकांगी नहीं, बल्कि बहुआयामी विचार है। आखिर हमारे पर्यावरण में जल प्राकृतिक तौर पर जल चक्र की प्रक्रिया से उपलब्ध होता है। जल चक्र जलीय परिसंचरण द्वारा निर्मित एक चक्र होता है जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है।
बच्चों को भ्रमण पर ले जायेंगे वह वरण पर्यावरण से पेड़ पोधो वनस्पति जीव जंतुओं आदि को देखकर अपनी समझ से अपनी डायरी में नोट करेगें वह समझ एवं ज्ञान चिर स्थायी होगा ।
किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे कोई भी टॉपिक के लिए हम सबसे पहले बच्चों को उन्हीं के क्षेत्र या आसपास के वातावरण से संबंधित वस्तुओं से या वस्तुओं का उपयोग करना िसखागें ।
कार्ययोजना के लिए हम एक पर्यावरण के विषय का चयन करेंगे जैसे मिट्टी या मृदा। बच्चो से पूछेंगे कि वे किस क्षेत्र में रहते हैं क्या उनके आस पास खेत है। किस क्षेत्र की कैसी मिट्टी है वह दिखती किस रंग की है। किन विशेष खेत की मिट्टी में विशेष प्रकार की फसल लगाई जाती है। किसी खेत कि मिट्टी में को ही फसल को क्यों उगाया जाता है। इसके बाद हम विभिन्न प्रकार की मिट्टी को अपने अपने क्षेत्र से थोड़ी थोड़ी मात्रा में साथ लाने का बच्चो से आग्रह करेंगे। इसके बाद मिट्टी कि बनावट, उसकी प्राचीनता पर विचार करेंगे यह देखेंगे की मिट्टी में कौन से वैज्ञानिक तत्व है। की मिट्टी में आयरन है या सिलिकॉन अथवा तांबा है। इस मिट्टी के प्रभाव से वहां के साधारण जनमानस के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है वे क्या खाते या उगाते हैं। वहां की ज़मीन पानी का स्वाद कैसा है आदि आदि।
जल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी गतिविधियों के माध्यम से पता लगाएंगे एवं लिपिबद्ध कराएंगे।
जल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी
किसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य नीति तैयार करते हैं तो हम बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार के अनुभवों परिवेश का समावेश विस्तृत अनुभव एवं विभिन्न प्रक्रियाओं और विभिन्न संसाधनों का अवलोकन करते हुए एक समग्र विकास के लिए बच्चों की सजगता और रुचि को शामिल कर सीखने के फलों को पूर्ण करते हुए अध्ययन के आकलन की कार्य नीति तैयार करते हैं जिससे सरलता पूर्वक एक विश्वसनीय शिक्षण पूर्ण किया जा सके
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे जंगल की शेर बच्चों को बच्चों को जंगल देखने को मिलेगा और बच्चे बगीचे देखेंगे वह अवश्य देखेंगे फिर उन सब चीजों को देखकर वह अच्छे से लिख पाएंगे जिससे वह अच्छे से जंगल के बारे में सोच सकेंगे
यह गौर करने वाली बात है कि जल संरक्षण का सवाल पर्यावरण के व्यापक संरक्षण के सवाल से ही जुड़ा है। हम जल के अलावा पर्यावरण के बाकी घटकों की उपेक्षा कर जल-संरक्षण पर कोई विचार-विमर्श नहीं कर सकते। शायद इसलिए आज यह समझने की आवश्यकता अधिक है कि पर्यावरण संरक्षण कोई एकांगी नहीं, बल्कि बहुआयामी विचार है। आखिर हमारे पर्यावरण में जल प्राकृतिक तौर पर जल चक्र की प्रक्रिया से उपलब्ध होता है। जल चक्र जलीय परिसंचरण द्वारा निर्मित एक चक्र होता है जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है।
जल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी
नमस्कार मेरा नाम राजेंद्र प्रसाद तिवारी शासकीय प्राथमिक शाला मदरो रीवा। बच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है ।
मेरे विचार,,,, किसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य योजना तैयार करते हैं तो हम बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार के अनुभवों परिवेश का समावेश विस्तृत अनुभव एवम विभिन्न प्रक्रियों और विभिन्न संसाधनों का अवलोकन करते हुए एक समग्र विकास के लिए बच्चों की सजगता और रूचि को शामिल कर सीखने के प्रतिफलों को पूर्ण करते हुए अध्ययन के आकलन की कार्य नीति तैयार करते हैं जिससे सरलता पूर्वक एक विश्वसनीय शिक्षण पूर्ण किया जा सके।
पर्यावरण अध्ययन के अनुसार हम बच्चों को जल के बारे में फसल चक्र के बारे में जंगल पहाड़ के बारे में पशु पक्षियों के बारे में इन सब के माध्यम से बच्चों को एक पूर्ण करा कर और उनको प्रैक्टिकली बता कर यह सब बता सकते हैं पर्यावरण के संबंध में बच्चे अपने जीवन में बहुत कुछ उतार कर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैंऐसे बच्चे में समझ पैदा होती है जिज्ञासा पैदा होती है बच्चा एक होता है तो वह उसके बारे में प्रश्न पूछते है उन प्रश्नों का उत्तर हम शिक्षकों को देखकर बच्चों की जिज्ञासा को शांत करते हुए उन्हें पढ़ाई की तरफ मोड़ देना एवं बच्चा बहुत जल्दी सीखने का प्रयास करेगा प्रयास करने के साथ-साथ जल्दी ग्रहण करेगा इसलिए पर्यावरण अध्ययन हमें बहुत आवश्यक है
टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे ।
जल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी गतिविधियों के माध्यम से पता लगाएंगे एवं लिपिबद्ध कराएंगे।
किसी विषयवस्तु को पढ़ाने के लिए सबसे पहले हमें उसे समझना होगा, फिर उसका उद्देश्य, प्रस्तावना, लर्निंग आऊटकम्स, आवश्यक टी.एल.एम.विद्यार्थियों का पूर्व ज्ञान अध्ययन-अध्यापन से होने वाले लाभ आदि सभी बिन्दुओं पर विचार कर तैयारी करेंगे ।रमाकान्त पाराशर माध्यमिक शाला हापला जनशिक्षा केन्द्र बड़गाँवगूजर खण्डवा मध्यप्रदेश
बच्चों को अपने आस पास के वातावरण के बारे में जानकारी देगे और उनको अपने आस पास की चिजो के गुणों व उनके नाम से अवगत कराके उनका सम्मान व उपयोग केसे करते हैं बताएगे
इंसान पैदा होते ही पृकृति कि गोद मेही बडा होता है। बच्चों को इसी प्रकृतिक पृष्ठभूमि से उसके आसपास के वातावरण से जोडकर जल,पृथ्वी प्राकृतिक संसाधन से जोडकर पर्यावरण से जोड सकते है।
Sadhna pandey Ps maakronia sagar Vikaas khand sagar इस टॉपिक को तैयार करने के लिए सबसे पहले हम कार्ड योजना बनाएंगे और फिर उसके बाद बच्चों की पूर्व ज्ञान का सारा पूर्व ज्ञान को एकत्र कर नए ज्ञान का सर्जन करेंगे और नई गतिविधियां जैसे पेड़ पौधों को समझाने के लिए उनका भ्रमण कराकर एकत्रित करें
1.टॉपिक चुनना/समझना, कार्यनीति बनाना, जानकारी एकत्र करना, विचार करना, वस्तुओ का प्रबंधन करना, कार्यनीति लागू करना/क्रियान्वयन करना। 2.समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करना सुनिश्चित करना।
Bharat me Bahut sare dharmik scthan hai.evm Bahut sare purane kile bachchon ko vhan ki sair karayenge.fir uske bare me vistar se jankari dege.our bachchon ko not karne ko kahenge.
P जल ही जीवन है यदि हमने वर्तमान में जल का सही उपयोग करना नहीं सीखा और भविष्य के लिए यदि जल का संचय पृथ्वी के अंदर सही तरीके से नहीं किया तो यह एक बड़ी त्रासदी के रूप में भविष्य में हमारे सामने आने वाला है
ओमप्रकाश पाटीदार प्रा.शा.नाँदखेड़ा रैय्यत विकासखंड पुनासा जिला खण्डवा किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए संबंधित थीम को गतिविधि के रूप मे प्रस्तुत करेंगे।जैसे पौधों की जानकारी देना है तो बच्चों को आस पास के परिवेश के पौधों को दिखाकर जानकारी एकत्रित करेंगें और गतिविधि में बच्चों की सहभागिता के लिए उन्हें भी अलग अलग पौधों की जानकारी बताने के लिए कहेंगें।
Vijaya Tripathi ,Prathamik Shala,Dhankher Khurd Kisi bhi topic ko lekar uska pura presentation module ready karege . Aur uska bare me puri jankari ikkattha kar ke usse related sawal aur uske jawad taiyar krege. Aur puri jankari prapt krne ke bad usko vistar me samjhayege ek presentation ke jaise aur last me use jude fayde aur nuksan bhi batayege.
Pankaj Kumar Patel,gms-suddi.बच्चों से फसल चक्र के बारे में हम पूरी गतिविधि करवा सकते हैं।फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है।जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है।
जल ही जीवन है। जल हम बना नही सकते किन्तु बचा तो सकते है ।जल बचाव ,जल स्रोत,जल का उपयोग इससे सबधित अनेक प्रकार के प्रश्न विद्यार्थी कर सकते है और प्रैक्टिकल रूप में हमने जल संरक्षण के लिए समूह श्रमदान से छोटा सा तालाब का निर्माण किया है विद्यार्थी जब देखते है तो अनेक प्रश्न करते है और ज्ञान अर्जन करते है कहने का तात्पर्य है कि पर्यावरण अध्ययन सीखना बहुत ही सरल एवं रोचक है
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे। पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है। बच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है । चंद्रिका कौरव एमएस स्टेशन गंज गाडरवारा नरसिंहपुर मध्य प्रदेश
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे पूर्णिमा खरे शासकीय प्राथमिक शाला बैरगला सतना (एमपी)
Janki Thakur बच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
शिक्षण हेतु प्रारंभिक तैयारियां करने के संदर्भ में किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगेसाथ ही समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करेंगे। उदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक भोजन के स्त्रोत हैं। तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप और गतिविधियां कराएंगे
मान लो हमारा लर्निंग आउटकम है -भोजन के स्त्रोत ।तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे ,मानव के भोजन की चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप करवाएं
नमस्कार पर्यावरण अध्ययन में किसी भी टॉपिक को पढ़ाने के लिए मान लीजिए हमें भोजन के बारे में बताना है तो भोजन बनाने की सारी विधियां रॉ मैटेरियल आदित्य संकलित कर बच्चों को यह सिखा सकते हैं चार ताकि देख कर के बच्चे सीख सकें।
Kisi bhi bises topic ki karyniti is us topic ke lerning outcomes kya hai uske us topic ko pdhanr ka aim kya hai hm kya sikhana chahte hai aur kis prkar use bachcho ke aas pas ke prives se u ke prubgyan se jode is bat pr nirbhar kregi.
Kisi bhi bises topic ki karyniti is us topic ke lerning outcomes kya hai uske us topic ko pdhanr ka aim kya hai hm kya sikhana chahte hai aur kis prkar use bachcho ke aas pas ke prives se u ke prubgyan se jode is bat pr nirbhar kregi.
बच्चों को नर्सरी ले जाऐंगे छोटे बड़े सभी पौधो की जानकारी लेंगे। लंबाई के आधार पर बताईये।किसी विशेष टापिक की तैयारी के लिए पूर्व तैयारी करेंगे जैसे जंगली जानवरों के बारे में बताने के लिए जंगल की सैर करवांएगे
बच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं,हमारे जीवन मे इनकी क्या उपयोगिता है, भोजन, पानी, कपड़ा, श्वसन आदि मूलभूत जनकारी की समझ आयेगी।
किसी भी विषय पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस विषय पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे। उस विषय से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे। उदाहरण के लिए हमारा विषय भोजन के स्त्रोत हैं। उक्त विषय की कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे। फिर जो अनाज पृथ्वी की सतह के नीचे, पृथ्वी की सतह पर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार उत्पन्न होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात आहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र वर्णन ,भ्रमण, बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप और गतिविधियां कराएंगे।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
हमारे क्षेत्र में मानव संग्रहालय की शेर पर बच्चों को भ्रमण हेतु ले जाने की योजना बनाएंगे जिसका उद्देश्य पर्यावरण और परिवेश में जोड़ा और समझ को विकसित करना एवं बच्चों को देखने समझने और खुद के अवलोकन के माध्यम से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने हेतु पर्याप्त समय देंगे भ्रमण के पश्चात उसे स्वस्थ परिचर्चा के माध्यम से प्रश्न पूछेंगे क्या देखा और विभिन्न परिवेश में क्या समानता भी नेता थी जिससे बच्चों का तर्कपूर्ण चिंतन बढ़ेगा और समझ विकसित होगी
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
Meri gatibidhi hogi Animal bachcho aapne apne aas pas kai janber delhe hoge unke aakar .Rang or khan pan ke aadhar par samooh bana kar bichar karo or apne ki table banao
ध्वनि प्रदुषण कैसे होता है मोटर वाहन की तेज आवाज कैसी लगती है। टीवी चैनल शो और डीजे की आवाज़ से पडोसी को परेशानी होती है बच्चो से पूछताछ कर समझा सकते हैं
बच्चों के पूर्व ज्ञान से संबंधित गतिविधि के पश्चात् मान लीजिए ऊर्जा संरक्षण के विषय में बताना है तो बच्चों को अपने आसपास ऊर्जा का प्रयोग किन किन कार्यों को करने में किया जाता है सूची बनवाना तथा इन कार्यों के लिए ऊर्जा कहा से प्राप्त होती है आदि सूची बनवाकर बिजली उत्पादन क्षेत्र का भ्रमण करवाकर किस प्रकार ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं बच्चों के विचार जानना क्या बिजली आपूर्ति सभी क्षेत्रों में सामान होती है इसकी आवश्यकता किसे अधिक हो सकती है जैसे किसान आदि को
Baccho se puchhenge ki aapko school aate samay raaste me kon kon se vriksh ya podhe najar aaye ya mata pita ke saath khet jaate samay kon kon se vriksh najar aaye wo kaise the?bade ,chote ,mote,patle,unki pattiya kaisi thi un paido ke naam batao is prakar baccho se diary lekhan kara sakte h
किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पहले उस टॉपिक पर पाठ योजना बनाएंगे l फिर कार्यनीति _1 परियोजना 2_ परिचर्चा 3_प्रयोग और अन्वेषण 4_ सर्वेक्षण और साक्षात्कार 5_अनुभव साझा करना 6_भूमिका निर्वाह 7_क्षेत्र भ्रमण
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे। iske liye jungle ki sair dam ki siar aadi karwa aakte hai...Rashmi verma, PS Borda, Bolck Phanda, Bhopal, Madhyapradesh
किसी विशेष टाॅपिक के लिए निम्न आधार हो सकते हैं 1 अवधारणा क्षेत्र 2 विषय वस्तु की रूपरेखा 3 प्रस्तावना हेतु गतिविधियाँ 4सहायक शिक्षण सामग्री 5 लर्निंग इंडिकेटर 6 मूल्यांकन हेतु गतिविधियाँ 7 लर्निंग आऊटकम 8जीवन व्यवहार में परिवर्तन जैसे हमारा टाॅपिक है भोजन भोजन क्यों आवश्यक है, भोजन क्या हो। विभिन्न जीवों के भोजन और उनके प्रकार। शाकाहार मांसाहार और सर्वहारा।। इस प्रकार विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का समाहित करते हुए कार्यनीति बनाई जा सकती है।
किसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य नीति तैयार करते हैं तो हम बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान से जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार के अनुभवों परिवेश का समावेश विस्तृत एवं अनुभव एवं विभिन्न प्रक्रियाओं में विभिन्न साधनों का अवलोकन करते हुए एक समग्र विकास के लिए बच्चों की सजगता और रुचि को शामिल कर सीखने के प्रतिफल को पूर्ण करते हुए अध्ययन के आकलन की कार्य नीति तैयार करते हैं जिससे बच्चे सफलतापूर्वक एवं विश्वसनीय शिक्षण प्राप्त कर सकें
किसी भी आउटकम्स के लिए गतिविधियों को चुनना जैसे पर्यावरण अध्ययन से संबंधित बच्चों को बगीचे की सैर करवाना पेड़ पौधों की जानकारी देना और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं को डायरी में नोट करवाना आदि
बच्चों से खेती के बारे में पूछेंगे कब-कब कौनसी खेतिया होती हैl उसमें क्या-क्या साधन लगते हैं l बच्चे बताएंगे खाद पानी बीज कब ,कब पानी दिया जाता है lआदि जानकारी पूछने के बाद उन्हें कॉपी में लिखने को कहेंगे l
किसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य नीति तैयार करते हैं तो उनके पूर्व ज्ञान से जोड़ते हुए पाठ्यक्रम के अधिगम की विषयवस्तु को समझते है।तत्पश्चात सम्बंधित गतिविधि का चयन करते है तथा छात्रों को गतिविधि करने के निर्देश देते हैं। जैसे घर से विद्यालय आने के दौरान उन्होंने किं किन पेड़ों, पशुओं तथा आवागमन के साधनों को देखा उसका विवरण लिखवाना।
Kisi bhi Outcome ke liye ek Gatibidi chunege. jaise Brasho ka Jiban baccho ko Aash padosh m bagiche ki sher karayge . Brasho ka Ablokan krayge or Unhe Dayri m kush likhne ke liye Kahege . Jab be likhege to Brasho ke Bare m Sochege.
Chhatron ko jangal ki sair karwate hue unse wild animals & pet animals ki jankari evam nursory me vibhinn prakar ke plants ke ware me jankari kr sakte h Shamim Bano pS Tharet
यह गौर करने वाली बात है कि जल संरक्षण का सवाल पर्यावरण के व्यापक संरक्षण के सवाल से ही जुड़ा है। हम जल के अलावा पर्यावरण के बाकी घटकों की उपेक्षा कर जल-संरक्षण पर कोई विचार-विमर्श नहीं कर सकते। शायद इसलिए आज यह समझने की आवश्यकता अधिक है कि पर्यावरण संरक्षण कोई एकांगी नहीं, बल्कि बहुआयामी विचार है। आखिर हमारे पर्यावरण में जल प्राकृतिक तौर पर जल चक्र की प्रक्रिया से उपलब्ध होता है। जल चक्र जलीय परिसंचरण द्वारा निर्मित एक चक्र होता है जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे Name=Safiya Souhel P/S chhola,bhopal
कक्षानुसार बच्चों को एक विषय लेकर जैसे जल चक्र के बारेमें जल की अवस्थाए समझाऐंगे कक्षामें ही पानी,बरफ तथा भाप को दिखाऐंगे उसी विषय पर बच्चों से फिडबैक लेंगे तथा उनके प्रश्नों का समाधान करेंगें अवसर मिलनेपर बच्चों को बाहर भ्रमन के लिए ले जाने पर उपरोक्त विषय की पुनरावृत्ति हो सकती है । ऐसा करने से बच्चे उस विषय में पारंगत हो जाते है ।
किसी टॉपिक के लिए कार्य नीति तैयार करने में परियोजना बनाना परिचर्चा करना प्रयोग और अन्वेषण के अवसर प्रदान करना सर्वेक्षण एवं साक्षात्कार अपने अनुभव साझा करना और क्षेत्र भ्रमण कर कार्य नीति तैयार की जा सकती है
बच्चों को पानी क महत्व समझाना चाहिए पानी कहां कहां से प्राप्त किया जाता है उसका किस तरह उपयोग करना चाहिए बच्चों को बताना चाहिए कि पानी कितने अमूल्य निधि है हमारे जीवन के लिए जब हमारे माता-पिता छोटे थे तो कुएं तालाब बावड़ी आदि में पानी हुआ करता था और अब बच्चों तुम्हारे समय में पानी को बोरवेल 500 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला जाता है और उपयोग में लिया जाता है
किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे ✍🏿करेंगे ✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 REPLY
पर्यावरण 1 साल भूमि का लिया हुआ विषय है और अध्ययन के लिए सर्वांगीण विकास के लिए पर्यावरण का अध्ययन कराया जाना बहुत लाजमी है किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे पर्यावरण की जानकारी पर्यावरण शोध और पर्यावरणीय अध्ययन बच्चों के सर्वांगीण विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए पर्यावरण का अध्ययन बच्चों को कराया जाना चाहिए REPLY
kisi Vishesh topic ke liye nishchit Aadhar per karya niti nirdharit kar bacchon ko prerit karenge ki vah diye Gaye topic per swayam ke nirnay se karya sampadit Karen Jaise aap ke aas pados mein Rahane wale parichit Jain kis shetra Vishesh Hain unka pehnawa kaisa hai ki veshbhusha kaisi hai unke utsav kaise hain unke sanskritik vichar kaise hain
बच्चों को पानी क महत्व समझाना चाहिए पानी कहां कहां से प्राप्त किया जाता है उसका किस तरह उपयोग करना चाहिए बच्चों को बताना चाहिए कि पानी कितने अमूल्य निधि है हमारे जीवन के लिए जब हमारे माता-पिता छोटे थे तो कुएं तालाब बावड़ी आदि में पानी हुआ करता था और अब बच्चों तुम्हारे समय में पानी को बोरवेल 500 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला जाता है और उपयोग में लिया जाता है
माना कि कार्ययोजना के लिए हम मिट्टी या मृदा विषय का चयन करते हैं सर्वप्रथम बच्चों से खुले प्रश्न करते हैं और उनकी समग्र जानकारी मिट्टी के बारे में जो है वह जानने की कोशिश करते हैं बच्चो से पूछेंगे कि वे किस क्षेत्र में रहते हैं क्या उनके आस पास खेत है। किस क्षेत्र की कैसी मिट्टी है वह दिखती किस रंग की है। किन विशेष खेत की मिट्टी में विशेष प्रकार की फसल लगाई जाती है। किसी खेत कि मिट्टी में ही फसल को क्यों उगाया जाता है। इसके बाद हम विभिन्न प्रकार की मिट्टी को अपने अपने क्षेत्र से थोड़ी थोड़ी मात्रा में साथ लाने का बच्चो से आग्रह करेंगे। इसके बाद मिट्टी कि बनावट, उसकी प्राचीरता पर विस्तृत चर्चा करेंगे। विभिन्न प्रकार की मिट्टियों के चार्ट के माध्यम से बच्चों को विभिन्न प्रकार की मिट्टियों के बारे में विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करेंगे मिट्टी के प्रभाव से वहां के साधारण जनमानस के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ।
दिलीप सिंह ठाकुर,, शिक्षक,शासकीय एकीकृत शाला, घाना, घुन्सौर, जबलपुर =बच्चों को जीव-जंतुओं एवं वन सम्पदा तथा प्रकृति के चमत्कारों, अदभुत वातावरण से अवगत कराना चाहिए।.. दिलीप सिंह ठाकुर, जबलपुर
Shashi Uikey G.M.S ghoorwara किसी विशेष टॉपिक पर कार्य नीति तैयार करने के लिए सर्वप्रथम हम उस टॉपिक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे तथा जानकारी के सभी स्रोतों को इकट्ठा करेंगे तथा फिर उस पर कार्यनीति बनाना प्रारंभ करेंगे उदाहरण के लिए यदि हमें वृक्षों के अध्ययन संबंधी टॉपिक के बारे में कार्यनीति बनाना है तो हम वृक्षों के बारे में समस्त जानकारी एकत्रित करेंगे तथा बच्चों को जानकारी देने के साथ साथ उन्हें वृक्षों के चित्र आदि द्वारा तथा आसपास के वृक्षों पास ले जाकर उनकी विशेषता बताएंगे ताकि बच्चों को अध्ययन मैं सरलता हो
ओम प्रकाश वर्मा छिंदवाड़ा बच्चों से गतिविधियां कराएंगे जल स्रोतों की जानकारी देंगे और विभिन्न प्रकार के अनुभव बच्चे स्वयं एकत्र करेंगे तो नहीं सीखने का अवसर प्राप्त होगा
पर्यावरण अध्ययन के किसी भी पाठ को बच्चों तक पहुंचाने के पूर्व हम उस टॉपिक का गहन अध्ययन करते हुए सर्वप्रथम उसके सीखने के प्रतिफल चिन्हित करेंगे, तदुपरान्त उन प्रतिफलों को प्राप्त करने के लिए टीचिंग प्लान बनायेगें।आवश्यक सहायक सामग्री का निर्माण या संकलन करेंगे।बच्चों से अनोपचारिक चर्चा करते हुए उनमें जिज्ञासा उत्पन्न।करेंगे।विभिन्न गतिविधियों ,चर्चा, अनुभवों को आपस मे साझा करते हुए टॉपिक को आगे बढ़ाएंगे।कोई खेल गतिविधि को टॉपिक में समाहित करते हुए विविध प्रश्नों के माध्यम से पुष्टि करेंगे कि सभी बच्चों ने अभीष्ट प्राप्त कर लिया है।
प्रयोग और अन्वेषण बच्चों को खोजबीन करने निरीक्षण करने, सर्जन करने, परिचर्चा करने,विवेचनात्मक रूप सोचने,वर्गीकरण करने,निष्कर्ष निकालने के लिए प्रोत्साहित करते है ।उदाहरण के लिये पानी पर हम कार्य योजना बनाकर पानी मे क्या घुलता है,क्या नहीं घुलता है ,पानी पर कौन कौन सी चीजें तैरती है ,कौन कौन सी चीजें डूब जाती है ,पानी कहाँँ से आता है ,कहाँ चला जाता है , क्या उपयोगिता है।संरक्षण कैसे करें ।दिनचर्या मे पानी की उपयोगिता,पानी नही होगा तो क्या होगा।बच्चों के साथ समूह चर्चा एवं गतिविधि करा सकते है । पास के जल स्रोत का भ्रमण करा सकते है। किसी विशेष टापिक पर निम्न आधार पर कार्यनीति तैयार करेंगे। 1परियोजना 2परिचर्चा 3प्रयोग और अन्वेषण 4सर्वेक्षण और साक्षात्कार 5अनुभव साझा करना। 6भूमिका निर्वाह। 7क्षेत्र भ्रमण
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
पर्यावरण शिक्षण पर्यावरण सुरक्षा का सर्वोत्तम माध्यम साबित होता है पर्यावरण शिक्षण के माध्यम से छात्र-छात्राओं को आसपास की वस्तुओं से लेकर के जलवायु आदि का अभ्यास सुनिश्चित कराया जाता है हमारा पर्यावरण अगर सुरक्षित है तो हम सब भी सुरक्षित हैं जीव जंतु पेड़ पौधे हमारे आसपास से ही हम पर्यावरण की सीख ले सकते हैं हम जल को ही लेकर एक परिचर्चा आयोजित कर सकते हैं जिससे बच्चों का अभ्यास कराया जा सकता है
रश्मि ताम्रकार पटेरा जिला दमोह से में पर्यावरण को एक महत्वपूर्ण विषय मानतीं हू जो बच्चे के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण गहरा प्रभाव डालता है पर्यावरण से ही बच्चों को सभी बस्तुओ को क्षमता प्राप्त होती है।
बचो को पढा़ते समय धयान देगे की हमारा पाठ्यक्रम कैसा है,उसे आसपास से कैसे मूर्तरुप जोड़ सकते है,उनकी भाषा मे,उनके आसपास का परिवेश का समावेश कर समग्र विकाश ला सकते है
किसी भी टॉपिक की काली बनाने पहले उससे संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे उसके संसाधनों के बारे में सोचेंगे उसकी प्रकृति के बारे में बच्चों को उसके बारे में भ्रमण कराकर जानकारी उधारी में जैसे जंगली जानवरों के बारे में बताएं तो पहले यह जानकारी एकत्रित करें कहां पर है जंगल में नहीं जा सकती जा सकते हैं झूमे जा सकते हैं वहां जाकर जानवरों को दिखाकर उनके रहन-सहन खान-पान के बारे में जानकारी बता सकते
किसी विशेष टॉपिक पर कार्यनीति बनाते समय कोई भी थीम लेंगे जिसमे बच्चों को शामिल करते हुए कार्य करेंगे।फिर उस थीम की जानकारी संग्रहित करेंगे।कार्य नीति में निम्नानुसार बिंदुओं को शामिल करेंगे।(1)परियोजनाएं (2)परिचर्चा (3)प्रयोग एवं अन्वेषण (4)सर्वेक्षण व साक्षात्कार(5)अनुभव साझा करना(6)भूमिका निर्वाह (7)क्षेत्र भ्रमण आदि।
थीम के रुप में हम रेलवे स्टेशन या बस स्टैण्ड की सैर करने छात्रों को लेकर जाएंगे वहा पर जाने के बाद इसकी सम्पूर्ण जानकारी देकर वहा के खास कार्यो की जानकारी दे सकते है।
Yogendra Singh raghuwanshi GM'S berua सिलवानी जिला रायसेन एमपी थीम सरल एवं आसपास की हो साथ ही थीम का सपुर्ण जानकारी उसके परप्ती और लरनिंग outscom की जानकारी पूरी तरह ठीक से प्राप्त हो इसकी कार्यनीति _1 परियोजना 2_ परिचर्चा 3_प्रयोग और अन्वेषण 4_ सर्वेक्षण और साक्षात्कार 5_अनुभव साझा करना 6_भूमिका निर्वाह 7_क्षेत्र भ्रमण इस प्रकार से प्राप्त हो सकते है
Kailash prasad yadav M.s soojipurva Gangeo rewa m.p मेरे विचार विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
किसी विषय वस्तु के लिए निम्नलिखित आधार/प्रक्रिया से कार्यनीति तैयार करेंगे_ 1 विषयवस्तु की रुपरेखा 2 उद्देश्य 3 प्रस्तावना 4 विषयवस्तु से संबंधित प्रश्न 5 समूह कार्य 6 पेडागाजिकल प्रविधि 7 टी एल एम का समुचित उपयोग 8 आडियो विजुअल का उपयोग 9 सीखने का आकलन बोध प्रश्नो के माध्यम से 10 अधिगम प्रतिफल 11 मूल्यांकन
हमारा उद्देश्य/लर्निंग आउटकम - भोजन के स्त्रोत है। हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे ,मानव के भोजन की चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे । रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे । क्रमानुसार दलहन -तिलहन एवं अन्य खाद्य फसलों की जानकारी देंगे। तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप करवाएंगे ।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन करेंगे और उन्हें डायरी देकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे।
Paryavaran per Shiksha dete Samay bacchon ko Paryavaran se jodna ek avashyak Pehlu Hai jaise ki Ham bacchon Ko Kisi Paar ke Jungle Ki Sair kara sakte hain Kisi bhi Lana De per Le jakar Unse Keh sakte hain ki vah Apne vichar prakat Karen AVN unhen apni diary mein likhen.
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्य नीति तैयार करने के लिए हमें कुछ प्रारंभिक तैयारियां करनी होगी सर्वप्रथम जिस टॉपिक पर हमें कार्य नीतियां तैयार करनी है उस टॉपिक से संबंधित समस्त जानकारियां एकत्रित करना होंगी, क्या कहां और कैसे पर समझ विकसित करनी होगी तत्पश्चात निम्नानुसार कार्य नीतियों का क्रियान्वयन करना होगा- 1 विषय वस्तु की रूपरेखा 2 उद्देश्य एवं लर्निंग आउटकम्स 3 प्रस्तावना 4 विषय वस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी 5 प्रस्तुतीकरण /समूह कार्य 6 सुधार हेतु पेडगॉजिकल प्रक्रियाएं 7 टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां 8 ऑडियो विजुअल इफेक्ट 9 सीखने का आकलन हेतु प्रश्न 10 अधिगम प्रतिफल 11 मूल्यांकन
पर्यावरण अध्ययन से बच्चा अपने सामाजिक परिवेश से परिचित होता है उसमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता आती है अगर उसे इसके प्रति उचित रूप से शिक्षित किया जाए तो शासकीय संपति और वृक्षों की देखभाल का जिम्मा भी उठा सकता है।
Topic ke liye Ye Humne bandhuon ke antargat number 1 Vishay vastu 2 uddeshy 3 prastavna prashnotari 4 uddeshya kathan Shikshak kathan 5 prastutikaran gatividhi pedagogical 6 TLM 7 bodh prashn gatividhi 8 adhigam pratifal 9 mulyankan. Bhojan ka strot sabse pahle bhojan per Charcha bhojan mein kya kya khate Hain yah Kahan Se prapt Hota Hai hai ise kis Prakar prapt Kiya jata hai prapt karne ke liye ye kya kya avashyak hai uske Jankari bacchon ko bhraman dwara Khet Mein fasal ka avlokan karake Mausam Beej Suraksha pakane ke bad vibhinn Madhyam se Anaaj prapt karna dal han tilhan ki samajh usse prapt Poshak tatvon ki jankari Aadi Chitra chat kriyakalap dwara .
मान लीजिए हमारा लर्निंग आउटकम है ऊर्जा अब हम ऊर्जा कहां से प्राप्त करते हैं कब प्राप्त करते हैं कैसे प्राप्त करते हैं इसके बारे में प्रश्नावली तैयार करके बच्चों को सामूहिक कार्य करने को कहेंगे
प्रेमनारायण माहौर शा.उ.मा.वि.शंकरपुर जिला ग्वालियर। हम बच्चों को भ्रमण पर ले जाएँगेवहाँ पर्यावरण से संबंधित पेड़-पौधौं,वनस्पति,जीव-जन्तुओं आदि को देखकर अपनी डायरी में नोट करेंगे।वहसमझ एवं ज्ञान चिरस्थाई होगा । इसी तरह हम बच्चों को फसलचक्र के बारे मेगतिविधि करवा सकते हैं फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है।जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है ।
किसी विशेष टॉपिक के लिए निम्नलिखित आधार/प्रक्रिया से कार्यनीति तैयार करेंगे_ 1_ विषयवस्तु की रुपरेखा। 2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स। 3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण। 4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी। 5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य। 6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस। 7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां। 8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स। 8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न। 9 अधिगम प्रतिफल। 10 मुल्यांकन उपरोक्तानुसार शिक्षण हेतु प्रारंभिक तैयारियां करने के संदर्भ में किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगेसाथ ही समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करेंगे। उदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक प्रदूषण - क्या और कैसे होता हैं। विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे। पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है। बच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है ।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
जल, वैज्ञानिक सिद्धांत और प्रक्रियाएं ------------!-----------------!------------------ वस्तु ! घुलनशील ! अघुलनशील ------------------------------------------------- तेल, माचिस की तीली, रबड़ स्टील की प्लेट ,पत्ती ,पत्थर, जल की खाली बोतल, भरी बोतल, लकड़ी की पेंसिल, धातु का पेन, फुल आया हुआ गुब्बारा, बिना फुला गुब्बारा, स्टील की चम्मच,प्लास्टिक की चम्मच, आइसक्रीम का कप, सुई, मोमबत्ती, मक्खन इस तरह इनमें से घुलनशील और अब उन्हें शील वस्तुएं छांटना और लिखना यह पर्यावरण अध्ययन में शिक्षण अधिगम के लिए कार्य नीतियां तैयार करें
Paryavaran ka Arth hamari charanon vatavaran se hi baat avaran Ko saaf karne ke liye adhik se adhik ped lagana chahie jisse hamen shuddh oxygen prapt ho aur carbon dioxide ki Matra kam ho sake
लर्निंग आउटकम्स प्राप्त करने के लिए एक थीम चुनेंगे जिसमें बच्चों को किसी पेड़ के महत्व के बारे में बताऊंगी कि पेड़ों पर कौन-कौन से जीव जंतु रहते हैं पेड़ों से हमें क्या क्या प्राप्त होता है एवं पेड़ अगर नहीं होंगे तो पृथ्वी पर क्या समस्याएं उत्पन्न होगी उस पर बच्चों को अपने विचार एक डायरी में लिखने के लिए कहेंगे अरूणा शर्मा शा मा.
विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार), इस अवधारणा को आप अपने विद्यालय के संदर्भ में कैसे क्रियान्वित करेंगे? चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता बनने के लिए आप में क्या प्रमुख गुण होने चाहिए? उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं- पहल करना सकारात्मक दृष्टिकोण रखना स्वप्रेरित होना परिवर्तन लाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहना आपके अनुसार प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता में अन्य कौन-कौन से गुण होने चाहिए? चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
बताएँ कि कैसे कला समेकित शिक्षा का अनुभव छात्रों को आपके विषयों के सार्थक सीखने में लाभान्वित कर सकता है चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
Jagyalal Prajapati
ReplyDeleteVerygood
ReplyDeleteKalejram mehra
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे घर से स्कूल आना रास्ते में आपको क्या-क्या दिखा उसको लिखने के लिए अपनी डायरी में कहेंगे ।
ReplyDeleteबच्चों को नर्सरी ले जाऐंगे छोटे बड़े सभी पौधो की जानकारी लेंगे। लंबाई के आधार पर बताईये।
Deleteये सही योजना है बच्चो को पेड़ पोधो की जानकारी देने के लिए उन्हें नर्सरी ले जाया जाए
Deleteबच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteSandeepa sthapak GHS Pachpedhi,
Deleteडाकघर ले जा कर कार्य करने का तरीका, विभिन्न योजनाएं, अन्य कार्य जो p o में किए जाते है,जानकारी और लेखन कराया जाएगा
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
Deleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे
ReplyDeleteसाथ ही समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करना आवश्यक हैं
Deleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे
Deleteमान लो हमारा लर्निंग आउटकम है -भोजन के स्त्रोत ।तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे ,मानव के भोजन की चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप करवाएंगे ।
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षण पर्यावरण सुरक्षा का सर्वोत्तम माध्यम साबित होता हैं
ReplyDeleteProtect water and understand sources of water and also zander sensitive
Deleteबच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
Deleteपर्या वरण अध्यन शिझण पर्या वरण सुलझ का सर्वा तम माध्यम साबित होता है बच्चो कोआसपासकेबगीचे का सैर करायगे
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।
ReplyDeleteबच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है ।
ReplyDeleteकिसी विशेष गतिविधि (टापीक)के लिए पहले उस गतिविधि की सारी जानकारी एकत्र करने के बाद उसे विचारो से तोले गे इसके बाद उसका प्रबंधन करके उसे लागू करेगे ।
ReplyDelete*विषयवस्तु।
ReplyDelete*उद्देश्य।
*
प्रस्तावना प्रश्नोत्तरी।
*उद्देश्य कथन/शिक्षकों कथन।
*प्रस्तुतीकरण/गतिविधि/पेडागाजिकल प्रोसेसेज्।
*टी एल एम।
*बोध प्रश्न/गतिविधि।
*अधिगम प्रतिफल।
* Assignment.
पर्यावरण शिक्षण से बच्चों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियो को सीखने के साथ -साथ ,उनके मानसिक , शारिरिक और सामाजिक विकास में परिवर्तन आता है।पर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है।
Deleteबच्चों से फसल चक्र के बारे में हम पूरी गतिविधि करवा सकते हैं। फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है। जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है।
ReplyDeleteI am Mrs. Sudha Sharma👍L. D. T.
ReplyDeleteM. S. Bag Farhat Afza Aishbag Bhopal👍.
इसे समझाने हेतु मैं अपने छात्रों को लेकर किसी निकटतम वन विहार जाऊँगी, और बच्चों को ध्यान से वहाँ के 🐮🐂🐄पशुओं पक्षियों🐦, और वनस्पतियों को दिखाकर जानकारी दूंगी और उनके प्रश्नों के उत्तर भी देने का प्रयास करूँगी 👍🙏👍
Very good
ReplyDeleteजल चक्र के बारे में विस्तार से पूछेंगे तथा समझाएंगे
ReplyDeleteASHIM KUMAR TIWARI CAC BALSAMUD RAJPUR BARWANI
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है जो पर्यावरण व इससे जुड़ी चुनौतियों के सम्बन्ध में लोगों की जानकारी और जागरूकता को बढ़ाती हैं, चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कुशलताओं व प्रवीणता को विकसित करती हैं
Sabse pahle ek topic sunenge Malu hamara topic awaaz Hai tab aawas kitne prakar ke hote hain aawas kis tarah Ke hote hain awaaz kis prakar banai jaati Hai awaaz se kya labh Hai awaaz Ki avashyakta kyon hai aaj ki jayegi tatha le jakar awasan ko dikhaya Jayega ki awaaz kis tarah Ke hote hain kacche pakke wale aadiAgar hamara topic bhojan Hai to bhojan per baat ki jayegi ki pujan ki hamen avashyakta kyon Hai bhojan mein kaun kaun se avashyak poshak tatva hote Hain full poshak tatvon ki Kami se hamen kaun kaun se rog ho sakte hain ek santulit bhojan Kya hota Hai hamen santulit bhojan Lena chahie santulit se Kya fayde hote Hain ham Kahan se prapt Karte Hain hamari kaun kaun si avashyakta Ki purti karta hai
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षण पर्यावरण सुरक्षा का सर्वोत्तम माध्यम साबित होता हैं मनीष कारगुवाल
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए निम्नलिखित आधार/प्रक्रिया से कार्यनीति तैयार करेंगे_
ReplyDelete1_ विषयवस्तु की रुपरेखा।
2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स।
3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण।
4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी।
5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य।
6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस।
7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां।
8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स।
8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न।
9 अधिगम प्रतिफल।
10 मुल्यांकन
उपरोक्तानुसार शिक्षण हेतु प्रारंभिक तैयारियां करने के संदर्भ में किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगेसाथ ही समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करेंगे।
उदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक भोजन के स्त्रोत हैं।
तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप और गतिविधियां कराएंगे।
किसी एक टॉपिक को चुन कर छात्रों से उस पर व्यवहारिक गतिविधि कराएंगे।
ReplyDeleteमान लीजिए हमारा लर्निंग आउटकम है ऊर्जा अब हम ऊर्जा कहां से प्राप्त करते हैं कब प्राप्त करते हैं कैसे प्राप्त करते हैं इसके बारे में प्रश्नावली तैयार करके बच्चों को सामूहिक कार्य करने को कहेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है जो पर्यावरण व इससे जुड़ी चुनौतियों के सम्बन्ध में लोगों की जानकारी और जागरूकता को बढ़ाती हैं
ReplyDeletebachchon ko apne aspaas ki sair karayenge aur wahan par dekhi gayi vastion, ped ,paudhe,aadi ka avlokan Karne ko kahenge vishsh baaton ko note karayenge.note ki gayi baton ka vishleshan karenge.
ReplyDeleteLatika jaiswal,sarna, chhindwara
ReplyDeleteG.P.S.Panjra
Kisi ek topic pr bachoo se gatividhi karayenge,ex_asspass k ped podhe ka avalokan krenge,or dairy m likhenge,jise bachoo m jigyasa hoti h kuch jane smjhne ki,usi se hi bachoo m sarwagin vikas hota h.....
Prathmik shikshak Begumganj किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे घर से स्कूल आना रास्ते में आपको क्या-क्या दिखा उसको लिखने के लिए अपनी डायरी में कहेंगे 1_ विषयवस्तु की रुपरेखा।
ReplyDelete2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स।
3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण।
4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी।
5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य।
6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस।
7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां।
8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स।
8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न।
9 अधिगम प्रतिफल।
10 मुल्यांकन
संतोष कुमार नामदेव बच्चों को जल स्रोतों के निकट पर जाकर उनके बारे में जानकारी प्रदान करेंगे in
DeletePrathmik shikshak Begumganj किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे घर से स्कूल आना रास्ते में आपको क्या-क्या दिखा उसको लिखने के लिए अपनी डायरी में कहेंगे 1_ विषयवस्तु की रुपरेखा।
ReplyDelete2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स।
3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण।
4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी।
5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य।
6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस।
7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां।
8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स।
8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न।
9 अधिगम प्रतिफल।
10 मुल्यांकन
संतोष कुमार नामदेव बच्चों को जल स्रोतों के निकट ले जाकर उनको जानकारी देंगे
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन एक विस्तृत एवं महत्वपूर्ण विषय है पर्यावरण अध्ययन पर यदिछात्रों को किसी टॉपिक किसी विषय वस्तु या किसी चैप्टर का हम अध्ययन कराना चाहते हैं तो हम एक विस्तृत कार्ययोजना बनानी होगी जैसा कि मान लें हम छात्रों को जल विषय पर अध्ययन कराना चाहते हैं तो हमें छात्रों को एक विस्तृत कार्य योजना बनाकर दिशा निर्देश और नियम का निर्धारण कराना होगा जैसे कि छात्रों को जल विषय के स्रोतों का पता लगाना जल विषय के बारे उसकी उपलब्धता एवं अन्य महत्वपूर्ण बातों को एकत्रित करना जल के प्रदूषण एवं स्वच्छता संबंधी मापदंडों का पता लगा कर निर्धारण करना जल की उपयोगिता के महत्व का ज्ञान प्राप्त कर उसका आकलन करना तथा सामाजिक परिपेक्ष में मानव जीवन जल की महत्ता को स्थापित करना आदि क्षेत्रों में विस्तृत अध्ययन कर अन्वेषण कर खोज कर कर प्रश्नों का एकत्रीकरण कर प्रश्नों के उत्तरों का समाधान कर आपसी में समूह में चर्चा कर जल के बारे में छात्रों द्वारा एक निश्चित गतिविधि को कराया जा सकता है इस प्रकार जल विषय वस्तु पर अध्ययन कराने के लिए हमें निम्न योजना बनाकर छात्रों को गतिविधि कराना होगी जिसके बिंदु निम्नलिखित हैं पहला विषय वस्तु की प्रस्तावना 2- विषय वस्तु की रूपरेखा 3- विषय वस्तु के उद्देश्य 4- विषय वस्तु और सामूहिक कार्य एवं गतिविधियां 5- विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण 6- विषय वस्तु का अनुसंधान विषय वस्तु की महत्ता 7- विषय वस्तु की उपयोगिता एवं विषय वस्तु का मानव जीवन में स्थान और 8- विषय वस्तु का सारांश
ReplyDeleteइस प्रकार छात्रों को विस्तार योजना नियम बनाकर करते हुए की योजना बनाकर छात्रों को जल टॉपिक के विषय में महत्वपूर्ण व्यवहारिक ज्ञान प्रदाय किया जा सकता है इ इस प्रकार छात्र स्वयं कार्य कर अनुसंधान खोज कर विभिन्न बातों का पता लगाकर प्रश्नों को एकत्रित कर उनके उत्तर प्राप्त कर समूह में चर्चा कर एक व्यवहारिक और प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त कर आत्मसात कर सकते हैं जिससे कि उन्हें जल के समस्त विधाओं उपयोगिता और महत्व आदि का पूर्ण ज्ञान प्राप्त हो सके धन्यवाद
किसी विशेष टॉपिक के लिए हमें निश्चित आधार पर कार्य नीति तैयार करनी होगी। जिससे बच्चों को विषय रोचक लगे एवं बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके।
ReplyDeleteइसके लिए हम पाठ योजना के दौरान सबसे पहले विभिन्न अवधारणाओं सरोकारों व मुद्दों की पहचान करेंगे। इसके पश्चात इन अवधारणाओं सरोकारों व मुद्दों पर आधारित ऐसी गतिविधियों का चयन करेंगे जिससे बच्चे में जिज्ञासा सृजनात्मकता और पर्यावरण अध्ययन से संबंधित विभिन्न कौशलों का विकास हो सके।
बच्चों को मकान बनाने की गतिविधि पर पूर्ण रूप से तैयार कर सकते हैं! इसके लिए 4 - 5 प्लाटों का सर्वे करेंगे ! एक प्लाट जो खाली है उसे बच्चों को दिखाएंगे ! दूसरा जहां गड्ढे खोदे गए हैं , तीसरा जहां कालम खड़े हो रहे हैं और दीवारें बन रही है! चौथा जहां छत जल रही है तथा पांचवा जहां प्लास्टर हो रहा है और दरवाजे खिड़कियां लग रही है! इस गतिविधि के माध्यम से मकान कैसे तैयार होता है , छात्रों की डायरी में नोट कराएंगे व कक्षा में संबंधित प्रश्न तैयार कर पूछेंगे ! जो छात्रों के इंजीनियर या ठेकेदार बनने के काम आएंगे ! शासकीय माध्यमिक विद्यालय रूपाबेड़ी !
ReplyDeleteबच्चों को जल चक्र के बारे में बताएगे और पेड पौधो बीज अकुरण कैसे होता हे के बारे मे बता एगे
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे और कार्यनीति बनायेगे ।
ReplyDeleteगतिविधि के माध्यम से टॉपिक को हल करेंगे साथ ही सकरात्मक सोच रहे
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कोई कार्यनीति तैयार करने के लिए मेरे हिसाब से उसके आउटकम को ध्यान में रखते हुए नीति बनानी चाहिए।जैसे अगर हम कोई भी टॉपिक या गतिविधि बच्चो के बीच सांझा करना चाहते है तो सबसे पहली बात यही ध्यान में रखना चाहिए कि उस से बच्चो को क्या सीखने को मिलेगा और हमारी नीति इस तरह होनी चाहिए के बच्चो को ज्यादा से ज्यादा समझ में आए। और भी बहुत सी बातों को ध्यान में रख कर नीति बनानी चाहिए ,जैसे समय सीमा आदि।
ReplyDeleteधन्यवाद्
किसी भी टापिक की कार्यनीति विषयवस्तु की अवधारणा ,सीखने के इंडिकेटर एवं सीखने के आउटकम्स के आधार पर तय करेगे|
ReplyDeleteसर्वागींनंरिया पृधानाध्यापक मा.वि.गिन्दौरा जिलाशिवपुरी म.प. पर्यावरण अध्ययन शिक्षण पर्यावरण सुरक्षा मैं सहायक है। इस अधिगम से क्षात्रों के मानसिक शारीरिक ,सामाजिक सहित सर्वागींनसर्वागींन विकास होता है।
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
ReplyDeleteपौधे और पेड़ों से संबंधित जानकारी के सर्जन लिए बच्चों को आस पास के किसी बाग बगीचे या नर्सरी में भ्रमण करने के लिए ले जाएंगे।
ReplyDeleteअमर सिंह सोलंकी शासकीय माध्यमिक विद्यालय द्वारका नगर फंदा पुराना शहर भोपाल मध्यप्रदेश
TulshaBarsaiya MS bagh farhat afza ,bhopal.
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे,उदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक भोजन के स्त्रोत हैं।
तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteसर्वेश पाण्डेय, माध्यमिक शिक्षक
ReplyDeleteशा.पूर्व मा.विद्या. महदेवा -सतना(म. प्र.)
डाइस कोड-23130717095
^^^^यदि मुझे किसी विशेष टॉपिक जैसे आस-पास की खोज के अंतर्गत किसी "शैक्षिक- भ्रमण" हेतु कार्यनीति तैयार करना हो तब मुझे निम्न बिन्दुओ का स्मरण रखना होगा।
(1) भ्रमण स्थल का चयन-जिससे कि
छात्र शैक्षिक
अनुभव प्राप्त कर सकें।
(2) भ्रमण के उद्देश्य-
(3) यात्रा की रूपरेखा-
(4) छात्रों को यात्रा वृतांत लिखने में
मदद करना
(5) छात्रों से फीडबैक लेना।
ReplyDeleteबच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
Paryavaran shiksha bachche ka sarva green vikas hota he
ReplyDeleteपेड़ो से परिचय हम बच्चों को पेड़ की समस्त अवधारणा को अच्छी तरह समझ देगे जड तना पत्ती फूल फल के कार्य उनके उपयोग को बताएंगे
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए निम्न आधार पर कार्यनीति तैयार करेंगे -
ReplyDelete1. परियोजना
2. परिचर्चा
3. प्रयोग एवं अन्वेषण
4. सर्वेक्षण और साक्षात्कार
5. अनुभव साझा करना
6. भूमिका निर्वाह
7. क्षेत्र भ्रमण
ReplyDeleteबच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
कोई भी टॉपिक के लिए हम सबसे पहले बच्चों को उन्हीं के क्षेत्र या आसपास के वातावरण से संबंधित वस्तुओं से या वस्तुओं का उपयोग करके t.l.m. के लिए कर सकते हैं जैसे हमें यदि उनको बताना है कि
ReplyDeleteउष्मां का चालन कैसे होता है तो हम आसपास के वातावरण से स्कूल के आसपास या कहीं से भी एक तार ढूंढ लेंगे साईकिल का स्पोक भी चल सकता है साईकिल का स्पोक रहता है वह या आसपास एलुमिनियम के तार भी मिल जाते हैं उसमें हम पिघली हुई मोम को टपकायेगे एवं बबूल के कांटों को रख देंगे फिर एक मोमबत्ती के एक सिरे पर आग दिलाएंगे धीरे-धीरे तार गर्म होगा और 1_1 बबूल का कांटा नीचे गिरने लगेगा इसी प्रकार से हम बता सकते हैं कि उष्मां का चालन हो रहा है बच्चों को मजा भी आएगा और क्लास में शिक्षक की सामने शिक्षक की निगरानी में हम प्रयोग बच्चों से भी करवा सकते हैं वह खुद करके देखेंगे उनको ज्यादा समझ आएगी इसी प्रकार जैसे हम को भौतिक और रासायनिक परिवर्तन पढ़ना है हमें कागज को मोड़ देंगे या कागज को फाड़ देंगे माचिस की तीली को तोड़ देंगे यहां वहां कर देंगे स्कूल का दरवाजा थोड़ा सा लटका के खोल के भौतिक परिवर्तन को बता सकते हैं
इसी प्रकार माचिस की तीली को जलाकर या कागज को जलाकर या वही दूध में नींबू के या निरमा में नींबू या हल्दी में चूना लगाकर आसपास के वातावरण में मौजूद है सावधानी या सरलता से मिल सकता है उसका उपयोग करके हम
रासायनिक परिवर्तनों को पढ़ा सकते हैं
इसी प्रकार से कई ऐसी गतिविधियां है जो हम बच्चों के द्वारा ही उनसे एकत्रित करवा कर वह बच्चों की पहुंच में इस प्रकार से बच्चों में अवधारणा उनके मन और मस्तिष्क में बैठेगी लेकिन बच्चों को इस प्रकार की पढ़ाई में बहुत आनंद आएगा बाद में हम उनसे पूछ सकते हैं तो उससे देखेंगे कि एक चमत्कारिक उत्तर मिलता है
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है जो पर्यावरण व इससे जुड़ी चुनौतियों के सम्बन्ध में लोगों की जानकारी और जागरूकता को बढ़ाती हैं
ReplyDeletePushpa singh (U.D.T) MS bagh farhat afza phanda old city jsk-girls station
ReplyDeleteKisi bhi topic ki students me samajh viksit karne k liye unse vayktigat ya group activities karvai ja sakti hai.Topic k adhigam binduo ko aas-pass k parivesh and other subjects se jod kar students ko samajh ko viksit kiya ja sakta hai.
यह गौर करने वाली बात है कि जल संरक्षण का सवाल पर्यावरण के व्यापक संरक्षण के सवाल से ही जुड़ा है। हम जल के अलावा पर्यावरण के बाकी घटकों की उपेक्षा कर जल-संरक्षण पर कोई विचार-विमर्श नहीं कर सकते। शायद इसलिए आज यह समझने की आवश्यकता अधिक है कि पर्यावरण संरक्षण कोई एकांगी नहीं, बल्कि बहुआयामी विचार है। आखिर हमारे पर्यावरण में जल प्राकृतिक तौर पर जल चक्र की प्रक्रिया से उपलब्ध होता है। जल चक्र जलीय परिसंचरण द्वारा निर्मित एक चक्र होता है जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है।
ReplyDeleteबच्चों को भ्रमण पर ले जायेंगे वह वरण पर्यावरण से पेड़ पोधो वनस्पति जीव जंतुओं आदि को देखकर अपनी समझ से अपनी डायरी में नोट करेगें वह समझ एवं ज्ञान चिर स्थायी होगा ।
ReplyDeleteबच्चों से फसल चक्र के बारे में हम पूरी गतिविधि करवा सकते हैं। फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है। जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है।
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे कोई भी टॉपिक के लिए हम सबसे पहले बच्चों को उन्हीं के क्षेत्र या आसपास के वातावरण से संबंधित वस्तुओं से या वस्तुओं का उपयोग करना िसखागें ।
ReplyDeleteकार्ययोजना के लिए हम एक पर्यावरण के विषय का चयन करेंगे जैसे मिट्टी या मृदा। बच्चो से पूछेंगे कि वे किस क्षेत्र में रहते हैं क्या उनके आस पास खेत है। किस क्षेत्र की कैसी मिट्टी है वह दिखती किस रंग की है। किन विशेष खेत की मिट्टी में विशेष प्रकार की फसल लगाई जाती है। किसी खेत कि मिट्टी में को ही फसल को क्यों उगाया जाता है। इसके बाद हम विभिन्न प्रकार की मिट्टी को अपने अपने क्षेत्र से थोड़ी थोड़ी मात्रा में साथ लाने का बच्चो से आग्रह करेंगे। इसके बाद मिट्टी कि बनावट, उसकी प्राचीनता पर विचार करेंगे यह देखेंगे की मिट्टी में कौन से वैज्ञानिक तत्व है। की मिट्टी में आयरन है या सिलिकॉन अथवा तांबा है। इस मिट्टी के प्रभाव से वहां के साधारण जनमानस के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है वे क्या खाते या उगाते हैं। वहां की ज़मीन पानी का स्वाद कैसा है आदि आदि।
ReplyDeleteबच्चों से फसल चक्र के बारे में हम पूरी गतिविधि करवा सकते हैं। फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है। जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है।
ReplyDeleteपेड़ पौधे पर हम एक पूरी कार्ययोजना बना सकते है
ReplyDeleteजल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी गतिविधियों के माध्यम से पता लगाएंगे एवं लिपिबद्ध कराएंगे।
ReplyDeleteजल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य नीति तैयार करते हैं तो हम बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार के अनुभवों परिवेश का समावेश विस्तृत अनुभव एवं विभिन्न प्रक्रियाओं और विभिन्न संसाधनों का अवलोकन करते हुए एक समग्र विकास के लिए बच्चों की सजगता और रुचि को शामिल कर सीखने के फलों को पूर्ण करते हुए अध्ययन के आकलन की कार्य नीति तैयार करते हैं जिससे सरलता पूर्वक एक विश्वसनीय शिक्षण पूर्ण किया जा सके
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे जंगल की शेर बच्चों को बच्चों को जंगल देखने को मिलेगा और बच्चे बगीचे देखेंगे वह अवश्य देखेंगे फिर उन सब चीजों को देखकर वह अच्छे से लिख पाएंगे जिससे वह अच्छे से जंगल के बारे में सोच सकेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है जो पर्यावरण व इससे जुड़ी चुनौतियों के सम्बन्ध में लोगों की जानकारी और जागरूकता को बढ़ाती हैं
ReplyDeleteSabse phle us subject se judi sabhi jaankaari collect krege phir karyayojna bnayege phir us per study krege
ReplyDeleteयह गौर करने वाली बात है कि जल संरक्षण का सवाल पर्यावरण के व्यापक संरक्षण के सवाल से ही जुड़ा है। हम जल के अलावा पर्यावरण के बाकी घटकों की उपेक्षा कर जल-संरक्षण पर कोई विचार-विमर्श नहीं कर सकते। शायद इसलिए आज यह समझने की आवश्यकता अधिक है कि पर्यावरण संरक्षण कोई एकांगी नहीं, बल्कि बहुआयामी विचार है। आखिर हमारे पर्यावरण में जल प्राकृतिक तौर पर जल चक्र की प्रक्रिया से उपलब्ध होता है। जल चक्र जलीय परिसंचरण द्वारा निर्मित एक चक्र होता है जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है।
ReplyDeleteजल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी
ReplyDeleteनमस्कार मेरा नाम राजेंद्र प्रसाद तिवारी शासकीय प्राथमिक शाला मदरो रीवा। बच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है ।
ReplyDeleteमेरे विचार,,,,
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य योजना तैयार करते हैं तो हम बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार के अनुभवों परिवेश का समावेश विस्तृत अनुभव एवम विभिन्न प्रक्रियों और विभिन्न संसाधनों का अवलोकन करते हुए एक समग्र विकास के लिए बच्चों की सजगता और रूचि को शामिल कर सीखने के प्रतिफलों को पूर्ण करते हुए अध्ययन के आकलन की कार्य नीति तैयार करते हैं जिससे सरलता पूर्वक एक विश्वसनीय शिक्षण पूर्ण किया जा सके।
पर्यावरण अध्ययन के अनुसार हम बच्चों को जल के बारे में फसल चक्र के बारे में जंगल पहाड़ के बारे में पशु पक्षियों के बारे में इन सब के माध्यम से बच्चों को एक पूर्ण करा कर और उनको प्रैक्टिकली बता कर यह सब बता सकते हैं पर्यावरण के संबंध में बच्चे अपने जीवन में बहुत कुछ उतार कर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैंऐसे बच्चे में समझ पैदा होती है जिज्ञासा पैदा होती है बच्चा एक होता है तो वह उसके बारे में प्रश्न पूछते है उन प्रश्नों का उत्तर हम शिक्षकों को देखकर बच्चों की जिज्ञासा को शांत करते हुए उन्हें पढ़ाई की तरफ मोड़ देना एवं बच्चा बहुत जल्दी सीखने का प्रयास करेगा प्रयास करने के साथ-साथ जल्दी ग्रहण करेगा इसलिए पर्यावरण अध्ययन हमें बहुत आवश्यक है
Deleteटॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर
ReplyDeleteकार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे ।
किसी विशेष टाॅपिक के लिए बच्चों की समझ हेतु गतिविधियों के माध्यम से सीखने के प्रतिफल विकसित करेंगे।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर हम सबसे पहले जानकारी एकत्र करेंगे उसके आधार पर कार्य नीति तैयार करेंगे संदीप मिश्रा एकीकृत शाला हाईस्कूल गोंडी गोला मध्य प्रदेश
ReplyDeleteजल -पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों में से जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है जीव जंतुओं पेड़ पौधों मनुष्यों आदि सभी के लिए जल अत्यंत आवश्यक है । विद्यालय के छात्रों को साला के नजदीक स्थित पानी के स्रोत के पास ले जाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल के बारे में संपूर्ण जानकारी गतिविधियों के माध्यम से पता लगाएंगे एवं लिपिबद्ध कराएंगे।
Deleteकिसी विषयवस्तु को पढ़ाने के लिए सबसे पहले हमें उसे समझना होगा, फिर उसका उद्देश्य, प्रस्तावना, लर्निंग आऊटकम्स, आवश्यक टी.एल.एम.विद्यार्थियों का पूर्व ज्ञान अध्ययन-अध्यापन से होने वाले लाभ आदि सभी बिन्दुओं पर विचार कर तैयारी करेंगे ।रमाकान्त पाराशर माध्यमिक शाला हापला जनशिक्षा केन्द्र बड़गाँवगूजर खण्डवा मध्यप्रदेश
ReplyDeleteटॉपिक के आधार पर कार्यनीति निर्धारित करेंगे।
ReplyDeleteकिसी विशेष टापिक के लिए बच्चों की समझ हेतु गतिविधियों के माध्यम से सीखने के प्रतिफल विकसित करेंगे।
ReplyDeleteदिनेश कुमार मिश्रा। हमारे आस-पास के पर्यावरण अध्ययन के लिए हम पेड़-पौधो की जानकारी एकत्र करने की गतिविधियां करा सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों को जल चक्र के बारे में बताएगे और पेड पौधो बीज अकुरण कैसे होता हे के बारे मे बताएगे
ReplyDeleteबच्चों को अपने आस पास के वातावरण के बारे में जानकारी देगे और उनको अपने आस पास की चिजो के गुणों व उनके नाम से अवगत कराके उनका सम्मान व उपयोग केसे करते हैं बताएगे
ReplyDeleteविषय से संबंधित जानकारी को गतिविधि में समाहित करेंगे जब कोई एक टापिक लेगें तो उसकी विशेषताओं, गुण अवगुण को बताया जायेगा
ReplyDeleteइंसान पैदा होते ही पृकृति कि गोद मेही बडा होता है। बच्चों को इसी प्रकृतिक पृष्ठभूमि से उसके आसपास के वातावरण से जोडकर जल,पृथ्वी प्राकृतिक संसाधन से जोडकर पर्यावरण से जोड सकते है।
DeleteSadhna pandey
ReplyDeletePs maakronia sagar
Vikaas khand sagar
इस टॉपिक को तैयार करने के लिए सबसे पहले हम कार्ड योजना बनाएंगे और फिर उसके बाद बच्चों की पूर्व ज्ञान का सारा पूर्व ज्ञान को एकत्र कर नए ज्ञान का सर्जन करेंगे और नई गतिविधियां जैसे पेड़ पौधों को समझाने के लिए उनका भ्रमण कराकर एकत्रित करें
इस प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु इस ओर इंगित करते हैं-
ReplyDelete1.टॉपिक चुनना/समझना, कार्यनीति बनाना, जानकारी एकत्र करना, विचार करना, वस्तुओ का प्रबंधन करना, कार्यनीति लागू करना/क्रियान्वयन करना।
2.समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करना सुनिश्चित करना।
जल जीवन के लिए आवश्यक है। वॉटर हर्वस्टिंग भू जल रिचार्ज करने का एक आधुनिक तरीका है। जल का संरक्षित को प्रदूषित न करे।
ReplyDeleteजल जीवन के लिए आवश्यक है। वॉटर हर्वस्टिंग भू जल रिचार्ज करने का एक आधुनिक तरीका है। जल को संरक्षित करे।जल को प्रदूषित न करे।
ReplyDeleteBharat me Bahut sare dharmik scthan hai.evm Bahut sare purane kile bachchon ko vhan ki sair karayenge.fir uske bare me vistar se jankari dege.our bachchon ko not karne ko kahenge.
ReplyDeleteP जल ही जीवन है यदि हमने वर्तमान में जल का सही उपयोग करना नहीं सीखा और भविष्य के लिए यदि जल का संचय पृथ्वी के अंदर सही तरीके से नहीं किया तो यह एक बड़ी त्रासदी के रूप में भविष्य में हमारे सामने आने वाला है
ReplyDeleteओमप्रकाश पाटीदार प्रा.शा.नाँदखेड़ा रैय्यत विकासखंड पुनासा जिला खण्डवा
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए संबंधित थीम को गतिविधि के रूप मे प्रस्तुत करेंगे।जैसे पौधों की जानकारी देना है तो बच्चों को आस पास के परिवेश के पौधों को दिखाकर जानकारी एकत्रित करेंगें और गतिविधि में बच्चों की सहभागिता के लिए उन्हें भी अलग अलग पौधों की जानकारी बताने के लिए कहेंगें।
Ok
ReplyDeleteVijaya Tripathi ,Prathamik Shala,Dhankher Khurd
ReplyDeleteKisi bhi topic ko lekar uska pura presentation module ready karege .
Aur uska bare me puri jankari ikkattha kar ke usse related sawal aur uske jawad taiyar krege.
Aur puri jankari prapt krne ke bad usko vistar me samjhayege ek presentation ke jaise aur last me use jude fayde aur nuksan bhi batayege.
जल जीवन के लिए आवश्यक है। वॉटर हर्वस्टिंग भू जल रिचार्ज करने का एक आधुनिक तरीका है। जल का संरक्षित को प्रदूषित न करे।
ReplyDeletePankaj Kumar Patel,gms-suddi.बच्चों से फसल चक्र के बारे में हम पूरी गतिविधि करवा सकते हैं।फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है।जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है।
ReplyDeleteजल ही जीवन है। जल हम बना नही सकते किन्तु बचा तो सकते है ।जल बचाव ,जल स्रोत,जल का उपयोग इससे सबधित अनेक प्रकार के प्रश्न विद्यार्थी कर सकते है और प्रैक्टिकल रूप में हमने जल संरक्षण के लिए समूह श्रमदान से छोटा सा तालाब का निर्माण किया है विद्यार्थी जब देखते है तो अनेक प्रश्न करते है और ज्ञान अर्जन करते है कहने का तात्पर्य है कि पर्यावरण अध्ययन सीखना बहुत ही सरल एवं रोचक है
ReplyDeleteBachcho Ko ek chirhiya ghar dekhne ke liye zoo ki picnik karai jayegi jisme sabhi lekar ke pashu pakshiyon ke baare m jankari prapt hogi
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।
बच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है ।
चंद्रिका कौरव
एमएस स्टेशन गंज
गाडरवारा
नरसिंहपुर
मध्य प्रदेश
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteपूर्णिमा खरे
शासकीय प्राथमिक शाला बैरगला सतना (एमपी)
किसी भी। आउटकम को प्राप्त करने के लिए बच्चो को गतिविधि द्वारा समझ। सकते हैं ।
ReplyDeleteJanki Thakur बच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में सोचना और समझना।
ReplyDeleteशिक्षण हेतु प्रारंभिक तैयारियां करने के संदर्भ में किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगेसाथ ही समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करेंगे।
ReplyDeleteउदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक भोजन के स्त्रोत हैं।
तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप और गतिविधियां कराएंगे
मान लो हमारा लर्निंग आउटकम है -भोजन के स्त्रोत ।तो हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे ,मानव के भोजन की चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन नकद , खाद्य आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप करवाएं
ReplyDeleteनमस्कार पर्यावरण अध्ययन में किसी भी टॉपिक को पढ़ाने के लिए मान लीजिए हमें भोजन के बारे में बताना है तो भोजन बनाने की सारी विधियां रॉ मैटेरियल आदित्य संकलित कर बच्चों को यह सिखा सकते हैं चार ताकि देख कर के बच्चे सीख सकें।
ReplyDeleteकिसी विशेष टापिक पर कार्ययोजना बनाने के लिए उस विषय के लेख तथा सहायक सामग्री की व्यवस्था करेंगे।
ReplyDeleteकिसी विशेष टापिक की तैयारी के लिए पूर्व तैयारी करेंगे जैसे जंगली जानवरों के बारे में बताने के लिए जंगल की सैर करवांएगे
ReplyDeleteKisi bhi bises topic ki karyniti is us topic ke lerning outcomes kya hai uske us topic ko pdhanr ka aim kya hai hm kya sikhana chahte hai aur kis prkar use bachcho ke aas pas ke prives se u ke prubgyan se jode is bat pr nirbhar kregi.
ReplyDeleteKisi bhi bises topic ki karyniti is us topic ke lerning outcomes kya hai uske us topic ko pdhanr ka aim kya hai hm kya sikhana chahte hai aur kis prkar use bachcho ke aas pas ke prives se u ke prubgyan se jode is bat pr nirbhar kregi.
ReplyDeleteबच्चों को नर्सरी ले जाऐंगे छोटे बड़े सभी पौधो की जानकारी लेंगे। लंबाई के आधार पर बताईये।किसी विशेष टापिक की तैयारी के लिए पूर्व तैयारी करेंगे जैसे जंगली जानवरों के बारे में बताने के लिए जंगल की सैर करवांएगे
ReplyDeleteउस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे
ReplyDeleteबच्चों को आस पास के बगीचे की सैर कराएंगे पेड़ पौधों का अवलोकन कराना और डायरी में नोट कराना पेड़ हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं,हमारे जीवन मे इनकी क्या उपयोगिता है, भोजन, पानी, कपड़ा, श्वसन आदि मूलभूत जनकारी की समझ आयेगी।
ReplyDeleteबच्चो से हम किसी भी विषय में चर्चा कर रहे हों लेकिन पहले से तैयारी कर के रखना होगा की आज हम किस विषय वस्तु को बताना है
ReplyDeleteसभी छाश्रो को ऐक ही तरीके से पढाना उचित नही है
ReplyDeleteकिसी भी विषय पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस विषय पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे। उस विषय से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे। उदाहरण के लिए हमारा विषय भोजन के स्त्रोत हैं। उक्त विषय की कार्य नीति बनाएंगे और भोजन पर चर्चा करेंगे। फिर जो अनाज पृथ्वी की सतह के नीचे, पृथ्वी की सतह पर पैदा होता है उसका विवरण देंगे फिर रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार उत्पन्न होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।फिर दलहन -तिलहन आदि फसलों की जानकारी देंगे तत्पश्चात आहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र वर्णन ,भ्रमण, बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप और गतिविधियां कराएंगे।
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
ReplyDeleteTopic ke learning outcomes or concepts ko dekh kar perfect karyaniti banayge
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे घर से स्कूल आना रास्ते में आपको क्या-क्या दिखा उसको लिखने के लिए अपनी डायरी में कहेंगे ।
ReplyDeleteहमारे क्षेत्र में मानव संग्रहालय की शेर पर बच्चों को भ्रमण हेतु ले जाने की योजना बनाएंगे जिसका उद्देश्य पर्यावरण और परिवेश में जोड़ा और समझ को विकसित करना एवं बच्चों को देखने समझने और खुद के अवलोकन के माध्यम से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने हेतु पर्याप्त समय देंगे भ्रमण के पश्चात उसे स्वस्थ परिचर्चा के माध्यम से प्रश्न पूछेंगे क्या देखा और विभिन्न परिवेश में क्या समानता भी नेता थी जिससे बच्चों का तर्कपूर्ण चिंतन बढ़ेगा और समझ विकसित होगी
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteMeri gatibidhi hogi Animal bachcho aapne apne aas pas kai janber delhe hoge unke aakar .Rang or khan pan ke aadhar par samooh bana kar bichar karo or apne ki table banao
ReplyDeleteध्वनि प्रदुषण कैसे होता है मोटर वाहन की तेज आवाज कैसी लगती है। टीवी चैनल शो और डीजे की आवाज़ से पडोसी को परेशानी होती है बच्चो से पूछताछ कर समझा सकते हैं
ReplyDeleteBachcho ko aas pas ke ped paudho ko dikhynge aur unki upogita ke bare me bataynge aur unse aur jankariya ekatrit karne ko kahenge.
ReplyDeleteबच्चों के पूर्व ज्ञान से संबंधित गतिविधि के पश्चात् मान लीजिए ऊर्जा संरक्षण के विषय में बताना है तो बच्चों को अपने आसपास ऊर्जा का प्रयोग किन किन कार्यों को करने में किया जाता है सूची बनवाना तथा इन कार्यों के लिए ऊर्जा कहा से प्राप्त होती है आदि सूची बनवाकर बिजली उत्पादन क्षेत्र का भ्रमण करवाकर किस प्रकार ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं बच्चों के विचार जानना क्या बिजली आपूर्ति सभी क्षेत्रों में सामान होती है इसकी आवश्यकता किसे अधिक हो सकती है जैसे किसान आदि को
ReplyDeleteछात्रों को पूर्व ज्ञान से संबंधित गतिविधि को जोङते हुए सीखने के प्रतिफल पाया जाता है।
ReplyDeleteBaccho se puchhenge ki aapko school aate samay raaste me kon kon se vriksh ya podhe najar aaye ya mata pita ke saath khet jaate samay kon kon se vriksh najar aaye wo kaise the?bade ,chote ,mote,patle,unki pattiya kaisi thi un paido ke naam batao is prakar baccho se diary lekhan kara sakte h
ReplyDeleteगाँव का भ्रमण करवा के आस पास की चीजों की सूची बनवाना।
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पहले उस टॉपिक पर पाठ योजना बनाएंगे l फिर कार्यनीति _1 परियोजना 2_ परिचर्चा 3_प्रयोग और अन्वेषण 4_ सर्वेक्षण और साक्षात्कार 5_अनुभव साझा करना 6_भूमिका निर्वाह 7_क्षेत्र भ्रमण
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे। iske liye jungle ki sair dam ki siar aadi karwa aakte hai...Rashmi verma, PS Borda, Bolck Phanda, Bhopal, Madhyapradesh
ReplyDeleteबच्चो से फसल चक्र के बारे हम पूरी गतिविधी करवा सकते जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा पर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है
ReplyDeleteबच्चो से फसल चक्र के बारे हम पूरी गतिविधी करवा सकते जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा पर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है
ReplyDeleteबच्चो से फसल चक्र के बारे हम पूरी गतिविधी करवा सकते जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा पर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है
ReplyDeleteकिसी विशेष टाॅपिक के लिए निम्न आधार हो सकते हैं
ReplyDelete1 अवधारणा क्षेत्र
2 विषय वस्तु की रूपरेखा
3 प्रस्तावना हेतु गतिविधियाँ
4सहायक शिक्षण सामग्री
5 लर्निंग इंडिकेटर
6 मूल्यांकन हेतु गतिविधियाँ
7 लर्निंग आऊटकम
8जीवन व्यवहार में परिवर्तन
जैसे हमारा टाॅपिक है भोजन
भोजन क्यों आवश्यक है, भोजन क्या हो। विभिन्न जीवों के भोजन और उनके प्रकार। शाकाहार मांसाहार और सर्वहारा।।
इस प्रकार विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का समाहित करते हुए कार्यनीति बनाई जा सकती है।
किसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य नीति तैयार करते हैं तो हम बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान से जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार के अनुभवों परिवेश का समावेश विस्तृत एवं अनुभव एवं विभिन्न प्रक्रियाओं में विभिन्न साधनों का अवलोकन करते हुए एक समग्र विकास के लिए बच्चों की सजगता और रुचि को शामिल कर सीखने के प्रतिफल को पूर्ण करते हुए अध्ययन के आकलन की कार्य नीति तैयार करते हैं जिससे बच्चे सफलतापूर्वक एवं विश्वसनीय शिक्षण प्राप्त कर सकें
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम्स के लिए गतिविधियों को चुनना जैसे पर्यावरण अध्ययन से संबंधित बच्चों को बगीचे की सैर करवाना पेड़ पौधों की जानकारी देना और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं को डायरी में नोट करवाना आदि
ReplyDeleteबच्चों से खेती के बारे में पूछेंगे कब-कब कौनसी खेतिया होती हैl उसमें क्या-क्या साधन लगते हैं l बच्चे बताएंगे खाद पानी बीज कब ,कब पानी दिया जाता है lआदि जानकारी पूछने के बाद उन्हें कॉपी में लिखने को कहेंगे l
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए जब हम कार्य नीति तैयार करते हैं तो उनके पूर्व ज्ञान से जोड़ते हुए पाठ्यक्रम के अधिगम की विषयवस्तु को समझते है।तत्पश्चात सम्बंधित गतिविधि का चयन करते है तथा छात्रों को गतिविधि करने के निर्देश देते हैं।
ReplyDeleteजैसे घर से विद्यालय आने के दौरान उन्होंने किं किन पेड़ों, पशुओं तथा आवागमन के साधनों को देखा उसका विवरण लिखवाना।
Kisi bhi Outcome ke liye ek Gatibidi chunege. jaise Brasho ka Jiban baccho ko Aash padosh m bagiche ki sher karayge . Brasho ka Ablokan krayge or Unhe Dayri m kush likhne ke liye Kahege . Jab be likhege to Brasho ke Bare m Sochege.
ReplyDeleteChhatron ko jangal ki sair karwate hue unse wild animals & pet animals ki jankari evam nursory me vibhinn prakar ke plants ke ware me jankari kr sakte h
ReplyDeleteShamim Bano pS Tharet
यह गौर करने वाली बात है कि जल संरक्षण का सवाल पर्यावरण के व्यापक संरक्षण के सवाल से ही जुड़ा है। हम जल के अलावा पर्यावरण के बाकी घटकों की उपेक्षा कर जल-संरक्षण पर कोई विचार-विमर्श नहीं कर सकते। शायद इसलिए आज यह समझने की आवश्यकता अधिक है कि पर्यावरण संरक्षण कोई एकांगी नहीं, बल्कि बहुआयामी विचार है। आखिर हमारे पर्यावरण में जल प्राकृतिक तौर पर जल चक्र की प्रक्रिया से उपलब्ध होता है। जल चक्र जलीय परिसंचरण द्वारा निर्मित एक चक्र होता है जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है।
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteName=Safiya Souhel
P/S chhola,bhopal
Student should be visited sarounding place
ReplyDeleteकक्षानुसार बच्चों को एक विषय लेकर जैसे
ReplyDeleteजल चक्र के बारेमें जल की अवस्थाए समझाऐंगे
कक्षामें ही पानी,बरफ तथा भाप को दिखाऐंगे
उसी विषय पर बच्चों से फिडबैक लेंगे तथा
उनके प्रश्नों का समाधान करेंगें अवसर मिलनेपर
बच्चों को बाहर भ्रमन के लिए ले जाने पर उपरोक्त
विषय की पुनरावृत्ति हो सकती है । ऐसा करने से
बच्चे उस विषय में पारंगत हो जाते है ।
किसी टॉपिक के लिए कार्य नीति तैयार करने में परियोजना बनाना परिचर्चा करना प्रयोग और अन्वेषण के अवसर प्रदान करना सर्वेक्षण एवं साक्षात्कार अपने अनुभव साझा करना और क्षेत्र भ्रमण कर कार्य नीति तैयार की जा सकती है
ReplyDeleteबच्चों को पानी क महत्व समझाना चाहिए पानी कहां कहां से प्राप्त किया जाता है उसका किस तरह उपयोग करना चाहिए बच्चों को बताना चाहिए कि पानी कितने अमूल्य निधि है हमारे जीवन के लिए जब हमारे माता-पिता छोटे थे तो कुएं तालाब बावड़ी आदि में पानी हुआ करता था और अब बच्चों तुम्हारे समय में पानी को बोरवेल 500 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला जाता है और उपयोग में लिया जाता है
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे ✍🏿करेंगे
ReplyDelete✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
REPLY
पर्यावरण 1 साल भूमि का लिया हुआ विषय है और अध्ययन के लिए सर्वांगीण विकास के लिए पर्यावरण का अध्ययन कराया जाना बहुत लाजमी है
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे पीर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगे
पर्यावरण की जानकारी पर्यावरण शोध और पर्यावरणीय अध्ययन बच्चों के सर्वांगीण विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए पर्यावरण का अध्ययन बच्चों को कराया जाना चाहिए
REPLY
"बिन पानी सब सून" "जल ही जीवन है "टॉपिक पर कार्य नीति तैयार करेंगे
ReplyDeletekisi Vishesh topic ke liye nishchit Aadhar per karya niti nirdharit kar bacchon ko prerit karenge ki vah diye Gaye topic per swayam ke nirnay se karya sampadit Karen Jaise aap ke aas pados mein Rahane wale parichit Jain kis shetra Vishesh Hain unka pehnawa kaisa hai ki veshbhusha kaisi hai unke utsav kaise hain unke sanskritik vichar kaise hain
ReplyDeleteजल ही जीवन है टापिक पर कार्य निती तैयार करेंगे
ReplyDeleteबच्चों को पानी क महत्व समझाना चाहिए पानी कहां कहां से प्राप्त किया जाता है उसका किस तरह उपयोग करना चाहिए बच्चों को बताना चाहिए कि पानी कितने अमूल्य निधि है हमारे जीवन के लिए जब हमारे माता-पिता छोटे थे तो कुएं तालाब बावड़ी आदि में पानी हुआ करता था और अब बच्चों तुम्हारे समय में पानी को बोरवेल 500 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला जाता है और उपयोग में लिया जाता है
ReplyDeleteमाना कि कार्ययोजना के लिए हम मिट्टी या मृदा विषय का चयन करते हैं सर्वप्रथम बच्चों से खुले प्रश्न करते हैं और उनकी समग्र जानकारी मिट्टी के बारे में जो है वह जानने की कोशिश करते हैं बच्चो से पूछेंगे कि वे किस क्षेत्र में रहते हैं क्या उनके आस पास खेत है। किस क्षेत्र की कैसी मिट्टी है वह दिखती किस रंग की है। किन विशेष खेत की मिट्टी में विशेष प्रकार की फसल लगाई जाती है। किसी खेत कि मिट्टी में ही फसल को क्यों उगाया जाता है। इसके बाद हम विभिन्न प्रकार की मिट्टी को अपने अपने क्षेत्र से थोड़ी थोड़ी मात्रा में साथ लाने का बच्चो से आग्रह करेंगे। इसके बाद मिट्टी कि बनावट, उसकी प्राचीरता पर विस्तृत चर्चा करेंगे। विभिन्न प्रकार की मिट्टियों के चार्ट के माध्यम से बच्चों को विभिन्न प्रकार की मिट्टियों के बारे में विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करेंगे मिट्टी के प्रभाव से वहां के साधारण जनमानस के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ।
ReplyDeleteEnvironment education is very useful for students . Children increased their knowledge with environment education
Deleteदिलीप सिंह ठाकुर,, शिक्षक,शासकीय एकीकृत शाला, घाना, घुन्सौर, जबलपुर =बच्चों को जीव-जंतुओं एवं वन सम्पदा तथा प्रकृति के चमत्कारों, अदभुत वातावरण से अवगत कराना चाहिए।.. दिलीप सिंह ठाकुर, जबलपुर
ReplyDeleteShashi Uikey G.M.S ghoorwara किसी विशेष टॉपिक पर कार्य नीति तैयार करने के लिए सर्वप्रथम हम उस टॉपिक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे तथा जानकारी के सभी स्रोतों को इकट्ठा करेंगे तथा फिर उस पर कार्यनीति बनाना प्रारंभ करेंगे उदाहरण के लिए यदि हमें वृक्षों के अध्ययन संबंधी टॉपिक के बारे में कार्यनीति बनाना है तो हम वृक्षों के बारे में समस्त जानकारी एकत्रित करेंगे तथा बच्चों को जानकारी देने के साथ साथ उन्हें वृक्षों के चित्र आदि द्वारा तथा आसपास के वृक्षों पास ले जाकर उनकी विशेषता बताएंगे ताकि बच्चों को अध्ययन मैं सरलता हो
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षण पर्यावरण सुरक्षा का सर्वोत्तम माध्यम साबित होता हैं
ReplyDeleteओम प्रकाश वर्मा छिंदवाड़ा बच्चों से गतिविधियां कराएंगे जल स्रोतों की जानकारी देंगे और विभिन्न प्रकार के अनुभव बच्चे स्वयं एकत्र करेंगे तो नहीं सीखने का अवसर प्राप्त होगा
ReplyDeleteओम प्रकाश वर्मा पर्यावरण अध्ययन से बच्चों को विभिन्न गतिविधि करने का अवसर प्राप्त होगा और वे स्वयं करके सीखेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन के किसी भी पाठ को बच्चों तक पहुंचाने के पूर्व हम उस टॉपिक का गहन अध्ययन करते हुए सर्वप्रथम उसके सीखने के प्रतिफल चिन्हित करेंगे, तदुपरान्त उन प्रतिफलों को प्राप्त करने के लिए टीचिंग प्लान बनायेगें।आवश्यक सहायक सामग्री का निर्माण या संकलन करेंगे।बच्चों से अनोपचारिक चर्चा करते हुए उनमें जिज्ञासा उत्पन्न।करेंगे।विभिन्न गतिविधियों ,चर्चा, अनुभवों को आपस मे साझा करते हुए टॉपिक को आगे बढ़ाएंगे।कोई खेल गतिविधि को टॉपिक में समाहित करते हुए विविध प्रश्नों के माध्यम से पुष्टि करेंगे कि सभी बच्चों ने अभीष्ट प्राप्त कर लिया है।
ReplyDeleteप्रयोग और अन्वेषण बच्चों को खोजबीन करने निरीक्षण करने, सर्जन करने, परिचर्चा करने,विवेचनात्मक रूप सोचने,वर्गीकरण करने,निष्कर्ष निकालने के लिए प्रोत्साहित करते है ।उदाहरण के लिये पानी पर हम कार्य योजना बनाकर पानी मे क्या घुलता है,क्या नहीं घुलता है ,पानी पर कौन कौन सी चीजें तैरती है ,कौन कौन सी चीजें डूब जाती है ,पानी कहाँँ से आता है ,कहाँ चला जाता है , क्या उपयोगिता है।संरक्षण कैसे करें ।दिनचर्या मे पानी की उपयोगिता,पानी नही होगा तो क्या होगा।बच्चों के साथ समूह चर्चा एवं गतिविधि करा सकते है । पास के जल स्रोत का भ्रमण करा सकते है। किसी विशेष टापिक पर निम्न आधार पर कार्यनीति तैयार करेंगे। 1परियोजना 2परिचर्चा 3प्रयोग और अन्वेषण 4सर्वेक्षण और साक्षात्कार 5अनुभव साझा करना। 6भूमिका निर्वाह। 7क्षेत्र भ्रमण
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteChatron ko bhraman par le jakar jal ke srot ka awlokan karvaenge . Kuwan handpamp,talab aadi par charcha,chitra banana ki gatividhi karenge.
ReplyDeleteपर्यावरण शिक्षण पर्यावरण सुरक्षा का सर्वोत्तम माध्यम साबित होता है पर्यावरण शिक्षण के माध्यम से छात्र-छात्राओं को आसपास की वस्तुओं से लेकर के जलवायु आदि का अभ्यास सुनिश्चित कराया जाता है हमारा पर्यावरण अगर सुरक्षित है तो हम सब भी सुरक्षित हैं जीव जंतु पेड़ पौधे हमारे आसपास से ही हम पर्यावरण की सीख ले सकते हैं हम जल को ही लेकर एक परिचर्चा आयोजित कर सकते हैं जिससे बच्चों का अभ्यास कराया जा सकता है
ReplyDeleteरश्मि ताम्रकार पटेरा जिला दमोह से में पर्यावरण को एक महत्वपूर्ण विषय मानतीं हू जो बच्चे के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण गहरा प्रभाव डालता है पर्यावरण से ही बच्चों को सभी बस्तुओ को क्षमता प्राप्त होती है।
ReplyDeleteबचो को पढा़ते समय धयान देगे की हमारा पाठ्यक्रम कैसा है,उसे आसपास से कैसे मूर्तरुप जोड़ सकते है,उनकी भाषा मे,उनके आसपास का परिवेश का समावेश कर समग्र विकाश ला सकते है
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक की काली बनाने पहले उससे संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे उसके संसाधनों के बारे में सोचेंगे उसकी प्रकृति के बारे में बच्चों को उसके बारे में भ्रमण कराकर जानकारी उधारी में जैसे जंगली जानवरों के बारे में बताएं तो पहले यह जानकारी एकत्रित करें कहां पर है जंगल में नहीं जा सकती जा सकते हैं झूमे जा सकते हैं वहां जाकर जानवरों को दिखाकर उनके रहन-सहन खान-पान के बारे में जानकारी बता सकते
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्यनीति बनाते समय कोई भी थीम लेंगे जिसमे बच्चों को शामिल करते हुए कार्य करेंगे।फिर उस थीम की जानकारी संग्रहित करेंगे।कार्य नीति में निम्नानुसार बिंदुओं को शामिल करेंगे।(1)परियोजनाएं (2)परिचर्चा (3)प्रयोग एवं अन्वेषण (4)सर्वेक्षण व साक्षात्कार(5)अनुभव साझा करना(6)भूमिका निर्वाह (7)क्षेत्र भ्रमण आदि।
ReplyDeleteथीम के रुप में हम रेलवे स्टेशन या बस स्टैण्ड की सैर करने छात्रों को लेकर जाएंगे वहा पर जाने के बाद इसकी सम्पूर्ण जानकारी देकर वहा के खास कार्यो की जानकारी दे सकते है।
ReplyDeleteपर्यावरण पर शिक्षा देते समय बच्चो को पर्यावरण से जोड़ना बहुत जरूरी है जैसे
ReplyDeleteकिसी पार्क या जंगल की सैर कराना या किसी झील या नदी की सैर पर ले जाना
Yogendra Singh raghuwanshi GM'S berua सिलवानी जिला रायसेन एमपी
ReplyDeleteथीम सरल एवं आसपास की हो साथ ही थीम का सपुर्ण जानकारी उसके परप्ती और लरनिंग outscom की जानकारी पूरी तरह ठीक से प्राप्त हो इसकी कार्यनीति
_1 परियोजना
2_ परिचर्चा
3_प्रयोग और अन्वेषण
4_ सर्वेक्षण और साक्षात्कार
5_अनुभव साझा करना
6_भूमिका निर्वाह
7_क्षेत्र भ्रमण
इस प्रकार से प्राप्त हो सकते है
Kailash prasad yadav
ReplyDeleteM.s soojipurva Gangeo rewa m.p
मेरे विचार
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
किसी विषय वस्तु के लिए निम्नलिखित आधार/प्रक्रिया से कार्यनीति तैयार करेंगे_
ReplyDelete1 विषयवस्तु की रुपरेखा
2 उद्देश्य
3 प्रस्तावना
4 विषयवस्तु से संबंधित प्रश्न
5 समूह कार्य
6 पेडागाजिकल प्रविधि
7 टी एल एम का समुचित उपयोग
8 आडियो विजुअल का उपयोग
9 सीखने का आकलन बोध प्रश्नो के माध्यम से
10 अधिगम प्रतिफल
11 मूल्यांकन
हमारा उद्देश्य/लर्निंग आउटकम - भोजन के स्त्रोत है।
हम भोजन के लिए कार्य नीति बनाएंगे ,मानव के भोजन की चर्चा करेंगे। फिर जो भोजन पृथ्वी के नीचे, पृथ्वी की सतह पर ,सतह से ऊपर पैदा होता है उसका विवरण देंगे ।
रबी और खरीफ के मौसम के अनुसार पैदा होने वाली फसलों की जानकारी देंगे ।
क्रमानुसार दलहन -तिलहन एवं अन्य खाद्य फसलों की जानकारी देंगे। तत्पश्चात शाकाहार और मांसाहार के बारे में बताएंगे । इसमें चित्र, वर्णन ,भ्रमण बीजों का संचय आदि क्रियाकलाप करवाएंगे ।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन करेंगे और उन्हें डायरी देकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे।
ReplyDeleteParyavaran per Shiksha dete Samay bacchon ko Paryavaran se jodna ek avashyak Pehlu Hai jaise ki Ham bacchon Ko Kisi Paar ke Jungle Ki Sair kara sakte hain Kisi bhi Lana De per Le jakar Unse Keh sakte hain ki vah Apne vichar prakat Karen AVN unhen apni diary mein likhen.
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कार्य नीति तैयार करने के लिए हमें कुछ प्रारंभिक तैयारियां करनी होगी सर्वप्रथम जिस टॉपिक पर हमें कार्य नीतियां तैयार करनी है उस टॉपिक से संबंधित समस्त जानकारियां एकत्रित करना होंगी, क्या कहां और कैसे पर समझ विकसित करनी होगी तत्पश्चात निम्नानुसार कार्य नीतियों का क्रियान्वयन करना होगा-
ReplyDelete1 विषय वस्तु की रूपरेखा
2 उद्देश्य एवं लर्निंग आउटकम्स
3 प्रस्तावना
4 विषय वस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी
5 प्रस्तुतीकरण /समूह कार्य
6 सुधार हेतु पेडगॉजिकल प्रक्रियाएं
7 टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां
8 ऑडियो विजुअल इफेक्ट
9 सीखने का आकलन हेतु प्रश्न
10 अधिगम प्रतिफल
11 मूल्यांकन
पर्यावरण अध्ययन से बच्चा अपने सामाजिक परिवेश से परिचित होता है उसमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता
ReplyDeleteआती है अगर उसे इसके प्रति उचित रूप से शिक्षित किया जाए तो शासकीय संपति और वृक्षों की देखभाल का जिम्मा भी उठा सकता है।
...पाठ्यपुस्तक में दिए गए पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के आधार पर किसी विशेष टापिक के लिए कार्यनीति तैयार करेंगे?
ReplyDeleteTopic ke liye Ye Humne bandhuon ke antargat number 1 Vishay vastu 2 uddeshy 3 prastavna prashnotari 4 uddeshya kathan Shikshak kathan 5 prastutikaran gatividhi pedagogical 6 TLM 7 bodh prashn gatividhi 8 adhigam pratifal 9 mulyankan.
ReplyDeleteBhojan ka strot sabse pahle bhojan per Charcha bhojan mein kya kya khate Hain yah Kahan Se prapt Hota Hai hai ise kis Prakar prapt Kiya jata hai prapt karne ke liye ye kya kya avashyak hai uske Jankari bacchon ko bhraman dwara Khet Mein fasal ka avlokan karake Mausam Beej Suraksha pakane ke bad vibhinn Madhyam se Anaaj prapt karna dal han tilhan ki samajh usse prapt Poshak tatvon ki jankari Aadi Chitra chat kriyakalap dwara .
मान लीजिए हमारा लर्निंग आउटकम है ऊर्जा अब हम ऊर्जा कहां से प्राप्त करते हैं कब प्राप्त करते हैं कैसे प्राप्त करते हैं इसके बारे में प्रश्नावली तैयार करके बच्चों को सामूहिक कार्य करने को कहेंगे
ReplyDeleteबच्चों से फसल चक्र के बारे में हम पूरी गतिविधि करवा सकते हैं। फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है। जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है।
ReplyDeleteसंतोष कुमार नामदेव बच्चों को जल स्रोतों के निकट ले जाकर उनको जानकारी देंगे
ReplyDeleteप्रेमनारायण माहौर शा.उ.मा.वि.शंकरपुर जिला ग्वालियर। हम बच्चों को भ्रमण पर ले जाएँगेवहाँ पर्यावरण से संबंधित पेड़-पौधौं,वनस्पति,जीव-जन्तुओं आदि को देखकर अपनी डायरी में नोट करेंगे।वहसमझ एवं ज्ञान चिरस्थाई होगा । इसी तरह हम बच्चों को फसलचक्र के बारे मेगतिविधि करवा सकते हैं फसल के लिए जल के महत्व को समझाया जा सकता है।जल के बिना फसल पैदा नहीं की जा सकती है ।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए निम्नलिखित आधार/प्रक्रिया से कार्यनीति तैयार करेंगे_
ReplyDelete1_ विषयवस्तु की रुपरेखा।
2_ उद्देश्य/लर्निंग आउटकम्स।
3_ प्रस्तावना/संक्षिप्त विवरण।
4_ विषयवस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तरी।
5_ प्रस्तुतीकरण/ समूह कार्य।
6_ सुधार हेतु पेडागाजिकल प्रोसेस।
7_ टी एल एम का समुचित उपयोग एवं गतिविधियां।
8_ आडियो विजुअल इफेक्ट्स।
8 सीखने का आकलन हेतु बोध प्रश्न।
9 अधिगम प्रतिफल।
10 मुल्यांकन
उपरोक्तानुसार शिक्षण हेतु प्रारंभिक तैयारियां करने के संदर्भ में किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे और कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागु करेंगेसाथ ही समस्याओ का वर्गीकरण कर उनको हल भी करेंगे।
उदाहरण के लिए समझते हैं कि हमारा टापिक प्रदूषण - क्या और कैसे होता हैं।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों को ऐसे प्रदूषण ओं की समाप्ति हेतु हर वर्ष शाला स्तर पर पेड़ पौधे लगाने उसकी देखरेख करने तथा समूह बार कार्य पर जाते हैं ताकि बच्चों में पर्यावरण के प्रति उनकी रुचि बनी रहे तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु वे समय-समय पर उपाय सुझाते रहे। पर्यावरण का संरक्षण करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे बच्चों में तथा शिक्षार्थी दोनों में एक अभिरुचि पैदा होगी जिससे बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।
बच्चों को जंगली जानवरों एवं अन्य विभिन्न जीव जन्तुओं के बारे में जानकारी देने के लिये जंगल की सैर करवा सकते है ।
किसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे वृक्षों का जीवन बच्चों को आस पड़ोस में बगीचे की सैर कराएंगे वृक्षों का अवलोकन कर आएंगे और उन्हें डायरी देखकर कुछ लिखने के लिए कहेंगे जब भी लिखेंगे तो वृक्षों के बारे में सोचेंगे
ReplyDeleteजल, वैज्ञानिक सिद्धांत और प्रक्रियाएं
ReplyDelete------------!-----------------!------------------
वस्तु ! घुलनशील ! अघुलनशील
-------------------------------------------------
तेल, माचिस की तीली, रबड़ स्टील की प्लेट ,पत्ती ,पत्थर, जल की खाली बोतल, भरी बोतल, लकड़ी की पेंसिल, धातु का पेन, फुल आया हुआ गुब्बारा, बिना फुला गुब्बारा, स्टील की चम्मच,प्लास्टिक की चम्मच, आइसक्रीम का कप, सुई, मोमबत्ती, मक्खन इस तरह इनमें से घुलनशील और अब उन्हें शील वस्तुएं छांटना और लिखना यह पर्यावरण अध्ययन में शिक्षण अधिगम के लिए कार्य नीतियां तैयार करें
bachho se unke parivesh me jal sansadhno ki uplabdhata ki jankari jutane ko kah sakte hi
ReplyDeleteParyavaran ka Arth hamari charanon vatavaran se hi baat avaran Ko saaf karne ke liye adhik se adhik ped lagana chahie jisse hamen shuddh oxygen prapt ho aur carbon dioxide ki Matra kam ho sake
ReplyDeleteकिसी भी आउटकम के लिए एक गतिविधि चुनेंगे जैसे घर से स्कूल आना रास्ते में आपको क्या-क्या दिखा उसको लिखने के लिए अपनी डायरी में कहेंगे ।
ReplyDeleteलर्निंग आउटकम्स प्राप्त करने के लिए एक थीम चुनेंगे जिसमें बच्चों को किसी पेड़ के महत्व के बारे में बताऊंगी कि पेड़ों पर कौन-कौन से जीव जंतु रहते हैं पेड़ों से हमें क्या क्या प्राप्त होता है एवं पेड़ अगर नहीं होंगे तो पृथ्वी पर क्या समस्याएं उत्पन्न होगी उस पर बच्चों को अपने विचार एक डायरी में लिखने के लिए कहेंगे अरूणा शर्मा शा मा.
ReplyDelete