पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
इतिहास विषय काअध्धयन कराने हेतू हमें बच्चों को प्राचीनकाल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख, सिक्के, ताम्र पत्र, स्मारक, महल,समाचार पत्र आदि दिखा सकते है इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
मेरे विचार विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
B.S.Kulaste Assistant Teacher Primary School Baraudi Distt.Dindori. पर्यावरण की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ? जैसे पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण ।हमारे चारों ओर का वातावरण पर्यावरण कहलाता है इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना। पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना। स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना। बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक ताकि वे अपने उद्देश्य की प्राप्ति कर सकें।
अवधारणा पौधोंकी जडो़ द्वारा पानी का अवशोषण होता है,|रंगीन पानी में किसी छोटे पौधे की जडो़ं को डुबाकर धूप में रखेगें कुछ समय पश्चात अवलोकन से शिक्षार्थी जायेगे की पौधे का तना रंगीन हो गया है अत: पौधों की जडे़ ं पानी का अवशोषण करती है |ठोस वस्तुएॅ पानी में तैरती है ,समान भार का पत्तल नहीं इस तरह की अवधारणाएॅ परियोजना के रुप में दी जा सकती है| शास, माध्य, शाला गुगवारा विकास खण्ड देवरी जिला सागर
Project work should be in such a way that it motivates students to become personally engaged.Plants and animals are the thematic area of grade 3 .While combining both the lessons children get the opportunity to learn plants and animals together.One group can be given plants and children can be taken out to observe the nature and see different kinds of plants such as herbs, shrubs and big plants and then collect pictures and write few lines on different plants and their uses.The other group can be shown different animals and asked to collect pictures and write few line on those animals and their uses.Then both the groups can come together and talk about their topics and show them the pictures .While combining both the lessons children get an opportunity to learn plants and animals together.They can relate to them both and understand their interconnectedness.
Project work should be in such a way that motivates the students to do the work in an interesting way . It will help the students to be more creative .
Project work should be easier for plan in a way that motivates the students to do the needful work in an interesting way.It will be helpful the students to be more creative.
नमस्कार, शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। (01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। (02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। (03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। (05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। (06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। (07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। (08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। (09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना। (10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना। (11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। (12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। (13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना। (14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। (15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। (16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान शिक्षक उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहाय होना आवश्यक है। धन्यवाद...l संतोष कुमार अठया (सहायक-शिक्षक ) शासकीय प्राथमिक शाला,एरोरा जिला-दमोह (मध्य प्रदेश)
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
शिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ? इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। (01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। (02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। (03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। (05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। (06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। (07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। (08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। (09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना। (10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना। (11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। (12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। (13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना। (14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। (15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। (16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक है।
Project work should be in such a way that it motivates students to become personally engage their senses and their feeling eg....project work relating to environment ,cleanliness,uses of water,pollution etc...
हम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
Shiksharthi ko pariyojna karya ke liye vibhinn avdharna Di ja sakti hai Jaise pradushan vaigyanik Pak ki Khoj botanical park ki paath Pak ki Khoj Vinay ped paudhon ke vishay mein jankari ekatrit karna Prakash paraavartan apvartan ke prayog RD
Middle teacher GMS mahadeva Satna MP डाइस कोड-23130717095 मेरे विचार से विद्यार्थियों के समूह को ऐसी अवधारणाओं से संबंधित परियोजनाएं दी जा सकती है जिनके द्वारा विविधता का अवलोकन कर सके व उनके कारणों के बारे पता लगा सके। जैसे - मृद अथवा कठोर जल स्रोतों का पता लगाना, अपनी बसाहट में जल जनित बीमारियों के आंकड़े एकत्र करना, मृदा परीक्षण , आस-पास बोई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी एकत्र करना आदि।
पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न चीजों जैसे पेड़ पौधे नदी तालाब जीव जंतु जानवर आदि से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क हो जिससे वह वास्तविक पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त कर सके और अपने पर्यावरण को बेहतर समझ सकें
28, 2020 at 2:31 AM समूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना
पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न पहलुओ से जोड़े , और विस्तार पुर्वक समझाने का प्रयास करे..
शिक्षार्थियों के समूह का स्तर जैसा होगा उसे उसी तरह की अवधारणा आधारित परियोजना कार्य दिया जा सकता है जैसे कक्षा 6 टी के अंकुर समूह को विज्ञान के परियोजना कार्य के रूप में भोजन के अवयवों को जानने के लिए अपने दोस्तों के द्वारा खाने के बारे में पूछने और जानकारी को सारणी के रूप में लिखने को कहा जा सकता है
बच्चों को उनके सामाजिक एवं मानसिक विकास के लिए पर्यावरण के विभिन्न घटकों को जॉन के परिवेश के अंतर्गत आते हैं उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर उन्हें तथ्यों के आधार पर अवधारणा विकसित करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है
Bachchon ko ped podhon ko tane ke aadhar par vargikaran karne ki pariyojna di ja sakti he.komal tane,hare tane kathor tane ka awlokan kar ke lata,shak,jhadi,ped aadi ka gyan hasil karenge.
Project must be assigned to children as per there level to evoke consciousness for conservation of environment. Class 6 students can be asked to sply write paragraph about pollution control and to observe them with senior students. Class.7 students can be asked to prepare file with types of pollution with cutting of pictures and papers.Class 8 students can be asked to go at the bank of river, ponds to observe how water gets polluted, classify kind of pollution, observe soil erosion, at the embankments, see the smoke dust pollution at busy roads, factories, chemical pollution by pesticides, fertilizer, detergents etc, radiation of mobile towers causing death of birds, name of birds on verge of getting extinct, they must class fy them and prepare files on various topics systematically.
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है हम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
हम बच्चों को परियोजना कहीं माध्यम से दे सकते हैं हम उनसे बोल सकते हैं आपके घर आसपास कितने पेड़ लगे और किसके हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते हैं हमने कचरेके संदर्भ में बता सकते हैं जैविक अजैविक घटकों की जानकारी आदि भी बता सकते हैं।
मेरे विचार विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
विद्यार्थियों को अवधारणाओं के लिए परियोजना तैयार कराना बादकेंद्रित शिक्षा का महत्वपूर्ण भाग हैं। इसमें विद्यार्थियों को समूह में कार्य करने और अवलोकन करके निष्कर्ष तक पहुंचने के कौशल का विकास होता है।
प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों से मिट्टी के खिलौने बनाकर उनमें रंग करके लाने की गतिविधि कराईं जा सकती हैं।
उच्च प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों से प्रतिदिन परिवार में व्यय होने वाले पानी का सर्वेक्षण बाद पानी की मितव्ययिता के लिए परियोजना तैयार कराईं जा सकती हैं।
शिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती हैं? विद्यालय के शिक्षार्थियों को समूह के रूप में विभिन्न प्रकार की अवधारणाओं को पूरा करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दे सकते हैं जैसे:- 1.विभिन्न प्रकार के पौधों को नाम सहित शाक,झाडी एवं वृक्ष के रूप में चिन्हित करना | 2.विभिन्न प्रकार के अनाजों को रवि एवं खरीफ की फसल के रूप में चिन्हांकन एवं संग्रहण| 3.विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण| 4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला| इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
विद्यार्थियों के समूह को धातुओं के भौतिक गुणों की पहचान करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है ;जैसे आघातवर्धनीयता ,तन्यता, ऊष्मा और विद्युत की चालकता ,चमक, कठोरता आदि।
विज्ञान और वैज्ञानिक कौशलों जैसे-परिकल्पना,अवलोकन और पूर्वानुमान के लिए समूह कार्य भली भांति उपयुक्त है,समूह में एक-दूसरे को सुनने और विचार साझा करने से विद्यार्थियों को सोचने में मदद मिलती है।समूह को हम ऊर्जा स्त्रोत, मृद अथवा कठोर जल स्त्रोतों का पता लगाने जैसी अवधारणाओं को परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है।
Hme bchoo ko unke aas pass k enviroment k bare m btana chahiye hamre charo or jo chije h unhe apne jivan s jodkar bachoo ko enviroment or science k bate m batana
अल्का बैंस प्राथमिक शाला कूकड़ा जगत छिन्दवाड़ा विद्यार्थियों को अनेक प्रकार की परियोजनाएं दी जा सकती है जिसकी वे रिपोर्टिंग करें निष्कर्ष बनाएं और सर्वेक्षण करें। उदाहरण के लिए गांव से अनेक विद्यार्थी आते हैं जिनमें ज़्यादातर खेती से संबंधित कम करते हैं। उनसे विभिन्न फसलों के बारे में पूछा जा सकता है की रबी और खरीफ की फसल कौन सी होती है। उन्हें कैसे पैदा किया जाता है कौन सा बीज और मिट्टी लगती है कितना पानी लगता है और किस प्रकार की मिट्टी में इसी फसलें उत्पादित की जाती है। रबी और खरीफ कि फसलें कौन कौन सी हैं और उनके सेवन से शरीर को किस प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। फसल चक्रीकरण क्या है यह विभिन्न प्रकार की फसलों पर कितनी कितनी अवधि में लागू होता है। समूह मिलजुलकर ये सारी जानकारी तैयार करता है। वे विभिन्न पुस्तकों का सहारा लेते हैं फसल उगाने वाले किसानों से पूछते हैं। कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेते हैं और समय समय पर वास्तविक स्थान जाकर अथवा प्रोजेक्ट से संबंधित वस्तुओं को देखकर उनका अध्ययन करते हैं। फिर वे रिपोर्टिंग करते हैं और अपने सारे अनुसंधानों को जोड़कर नोट्स बनाते हैं। इससे उन्हें किसी विषय वस्तु का पूर्ण ज्ञान मिलता है और वे तथ्यों को वैज्ञानिक रूप से समझ पत्र हैं और अपने विचार भी निर्मित कर पाते हैं।
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
विद्यालय के शिक्षार्थियों को समूह के रूप में विभिन्न प्रकार की अवधारणाओं को पूरा करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दे सकते हैं जैसे:- 1.विभिन्न प्रकार के पौधों को नाम सहित शाक,झाडी एवं वृक्ष के रूप में चिन्हित करना | 2.विभिन्न प्रकार के अनाजों को रवि एवं खरीफ की फसल के रूप में चिन्हांकन एवं संग्रहण| 3.विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण| 4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला| इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। (01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। (02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। (03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। (05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। (06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। (07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। (08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
शिक्षार्थियों के किसी समूह को पेड़-पौधे ,जीव- जंतु , सौरमंडल ,मानव जीवन ,संस्कृति ,वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण ,स्थल प्रदूषण ,कचरा प्रबंधन भोजन ,यातायात के साधन ,आदि अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती हैं।
विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण| 4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला| इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण| 4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला| इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न चीजों जैसे पेड़ पौधे नदी तालाब जीव जंतु जानवर आदि से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क हो जिससे वह वास्तविक पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त कर सके और अपने पर्यावरण को बेहतर समझ सकें
समूह शिक्षण में विभिन्न प्रकार की परियोजनाएं छात्रों को दी जा सकती हैं जैसे विभिन्न प्रकार के भोजन के विषय में जानकारी एकत्रित करना धातु के भौतिक गुणों को पहचानना पौधों की वृद्धि एवं विकास का अवलोकन करना पौधों के विभिन्न भाग का अवलोकन करना विभिन्न प्रकार के वस्त्रों का अवलोकन कर उनका वर्गीकरण करना इस तरह हम समूह में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां देख कर विज्ञान की कोई भी गतिविधि को आसानी से करवा सकते हैं
शिक्षार्थियों के समूह को पेड़-पौधे जीव जंतु सौर मंडल वायु मंडल कचरा प्रबंधन जल प्रदूषण वायु प्रदूषण आदि अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है
शिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ? इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। (01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। (02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। (03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। (05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। (06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। (07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। (08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। (09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना। (10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना। (11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। (12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। (13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना। (14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। (15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। (16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक है।
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है|शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। (01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। (02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। (03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। (05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। (06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। (07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। (08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। (09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना। (10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना। (11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। (12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। (13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना। (14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। (15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। (16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान शिक्षक उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहाय होना आवश्यक है। श्रीमती चंद्रिका कौरव एम एस स्टेशन गंज गाडरवारा नरसिंहपुर मध्य प्रदेश
छात्रों को समूह शिक्षण कार्य करने के लिए बालकेन्द्री त पद्यति से कार्य करना चाहिए जैसे एक समूह नदियों से लाभ दूसरा समूह नदियों से हानि के बारे मे बतायेगा फिर दोनों उक्त अवधारणा ,परियोजना के रूप में कार्य करेगें ।
ASHIM KUMAR TIWARI CAC BALSAMUD RAJPUR BARWANI विद्यालय के शिक्षार्थियों को समूह के रूप में विभिन्न प्रकार की अवधारणाओं को पूरा करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दे सकते हैं जैसे:- 1.विभिन्न प्रकार के पौधों को नाम सहित शाक,झाडी एवं वृक्ष के रूप में चिन्हित करना | 2.विभिन्न प्रकार के अनाजों को रवि एवं खरीफ की फसल के रूप में चिन्हांकन एवं संग्रहण| 3.विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण| 4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला|
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
बच्चों को परियोजना कार्य उनकी योग्यता और क्षमता के आधार पर दिए जाने चाहिए इसके लिए उन्हें समूहों में बांटा जा सकता है ए, बी, और सी के रूप में समूह का विभाजन किया जा सकता है जो सी ग्रेड का समूह है उसे किस प्रकार की फसलें खेतों में उगाई गई है रवि के मौसम में कौन सी फसलें बोई जाती है खरीफ में कौन सी फसलें बोई जाती है इस प्रकार का परियोजना कार्य किया जा सकता है कौन से पौधे औषधीय महत्व के हैं कौन से पौधे औषधि महत्व के नहीं हैं यह कार्य भी उनके द्वारा करवाया जा सकता है जो B नंबर का समूह होगा उसके लिए हम जैविक और अजैविक घटकों से संबंधित परियोजना कार्य दे सकते हैं कि हमारे आस-पास कौन-कौन से जैविक और अजैविक घटक हैं इसके अलावा उनको पेड़ के विभिन्न अंगों के नाम तथा उनके कार्य क्या क्या होते हैं इससे संबंधित मुद्दे भी लिखने को दिए जा सकते हैं जो समूह नंबर- A है उसको कौन-कौन से जीव मृदा में पाए जाते हैं कौन-कौन से जीव सूक्ष्मजीव हैं कौन-कौन से जीव निर्जीव हैं से संबंधित परियोजना कार्य दिया जा सकता है इसके अलावा कौन सी वस्तुएं जल में डूबती हैं कौन सी वस्तुएं जल में तैरती हैं आदि का परियोजना कार्य दिया जा सकता है किस किस प्रकार के बीज होते हैं इनका परियोजना कार्य दिया जा सकता है बच्चे जिज्ञासु प्रकृति के होते हैं इसीलिए परियोजना कार्य उनकी जिज्ञासा को शांत करते हैं इसीलिए विज्ञान जैसे शिक्षण में परियोजना कार्य बहुत आवश्यक है परियोजना कार्य के द्वारा प्राप्त किया गया ज्ञान मजबूत एवं सुदृढ़ होता है
राजेश हारोडे प्राथमिक शिक्षक एकीकृत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंधा रिया समूह में गतिविधियों, नदियों के नाम आधारित प्रोजक्ट जैविक एवं अजैविक घटक करवाकर।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
छात्रों को दिया जा सकता है कि हमें पेड़ पौधे किस प्रकार से लाभ पहुंच जाते हैं हम उन्हें अवधारणाएं दे सकते हैं हम उन्हें हमारे चारों ओर होने वाली प्राकृतिक घटना की अवधारणा दे सकते हैं
बच्चों को अपने आस पास के पानी के स्रोतों की सूची तैयार कर, वर्षा जल के संग्रहित करने के बारे में अपने घर के बुजुर्गो से चर्चा कर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना।
परियोजना में हम बच्चों को कई प्रकार के काम दे सकते हैं जैसे राज्य और उनकी राजधानियां नदियों के नाम जैविक अजैविक चीज है दोनों की अलग-अलग वर्गीकरण फूल वाले फल वाले सब्जी वाले इस प्रकार पौधों का वर्गीकरण इत्यादि
विज्ञान में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा पौधे भोजन पानी हवा किस प्रकार ग्रहण करते हैं ! इस प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में छात्रों के समूह को दी जा सकती है !
इतिहास विषय काअध्धयन कराने हेतू हमें बच्चों को प्राचीनकाल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख, सिक्के, ताम्र पत्र, स्मारक, महल,समाचार पत्र आदि दिखा सकते है इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
विद्यार्थियों को परियोजना कार्य के रूप में भोजन के विभिन्न घटक।जीव जगत का वर्गीकरण। कौनसी वस्तु कैसे कार्य करती है? स्थिर और गतिशील वस्तुओं का वर्गीकरण। प्राकृतिक घटनाएं और प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित परियोजना कार्य दिए जा सकते हैं।
विद्यार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ? इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना-कार्य एक बाल-केंद्रित सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषयमागी समूह निर्धारण कर उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने के अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है - (01.) हमारे पालतू जानवर,गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना,उन्हें सुखाना,रंगना,सजाना एवं नाम देना। (02.) भोजन के स्रोत अखबारों, पत्रपत्रिकाओं,पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना व नाम लिखना। (03.) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिल-जुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना,ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04.) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी एकत्रित करन यथा -,इनके चित्र,नाम आदि। (05.) पेड़-पौधे- हमारे आस-पास पाए जाने वाले पेड़-पौधे के नाम पता करना। (06.) फसलों की जानकारी- हमारे गांव कि रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना,चित्र ढूंढना चिपकाना। (07.) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी, चंग और फूलों का निर्माण करना। (08.) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। (09.) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र,पत्र-पत्रिकाएं इकट्ठा करना। (10.) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़-पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु-पक्षियों की आकृतियां बनाना। (11.) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। (12.) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। (13.) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है और क्यों लगती है ? दो सूचियां तैयार करना। (14.) बीमारियों- हमारे आस-पास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। (15.) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। (16.) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल एवं पत्र- पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं विद्यार्थियों को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भी अत्यावश्यक है।
Pushpa singh MS bagh farhat afza phanda old city jsk-girls station bhopal Group activities ke liye students ko is type ke project diye Jane chahiye jinke objects, karya vidhi, and conclusions ke vishay se students acche se parichit project ko banane me use ki jane vali samgri unhe apne aas-pass ke parivesh me aasani se uplabdh ho jaye.students project ki kriya vidhi ko sabko samjha sake ki project kis avdharna ko clear kar raha hai.Banaye gaye project ke kya phayede hai.
अवधारणा पौधोंकी जडो़ द्वारा पानी का अवशोषण होता है,|रंगीन पानी में किसी छोटे पौधे की जडो़ं को डुबाकर धूप में रखेगें कुछ समय पश्चात अवलोकन से शिक्षार्थी जायेगे की पौधे का तना रंगीन हो गया है अत: पौधों की जडे़ पानी का अवशोषण करती है |ठोस वस्तुएपानी में तैरती है ,समान भार का पत्तल नहीं इस तरह की अवधारणाएॅ परियोजना के रुप में दी जा सकती है|
नाम संध्या रघुवंशी प्राथमिक शिक्षक एकीकृत शाला माध्यमिक विद्यालय एनएफएल जिला गुना (मध्य प्रदेश) शिक्षार्थियों के समूह में शिक्षण परियोजना कार्य एक बाल केंद्रित सक्रिय पद्धति है ।पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण कैसे होता है जल और वायु प्रदूषण से बच्चे अधिकतर जागृत होते हैं ,किंतु रेडियोधर्मी और ध्वनि प्रदूषण से हमें क्या क्या हानियां होती हैं इन सब प्रदूषण और जल प्रदूषण के बारे में हम चर्चा करेंगे ,बच्चों के समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रेषित कर साथ ही स्वच्छता घर व विद्यालय पर समूह में चर्चा कर, समूह में समाचार पत्र से संबंधित देश विदेश की चर्चा करना , पत्तियों सेआकृतियां बनाना पेड़ पौधे से हमें क्या लाभ है या संबंधित अधिगम शिक्षण आदि आदि से होने वाले लाभ और साथ में वन विहार ऐतिहासिक इमारतें संबंधित चर्चा करना।परियोजनाएं शिक्षार्थियों को विद्यालय में समूह में बच्चें एक दूसरे का सहयोग कर मानसिक रूप से स्वस्थ एवं स्वतंत्रता पूर्वक ढंग से एक रचनात्मक तरीके से मिलजुल कर ज्ञान और समाज का कौशल विकसित होता है, हम शिक्षक छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान बच्चों के कार्य करने, विचार रखने ,समझने ,सोचने, सुनने , और बोलने का अवलोकन करते हुए उनका सहयोग कर सकते हैं ,और बच्चों को समूह में जैविक, अजैविक घटक ,भोजन के स्रोत ,मिट्टी से बने जानवरों के चल -चित्र आदि परियोजना समूह शिक्षण का हिस्सा बन बच्चों में बाल केंद्रित समज को ध्यान में रख बच्चो मैं अधिगम की कौशल का हिस्सा बन सकता है धन्यवाद।
विद्यार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ? इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना-कार्य एक बाल-केंद्रित सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषयमागी समूह निर्धारण कर उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने के अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है - (01.) हमारे पालतू जानवर,गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना,उन्हें सुखाना,रंगना,सजाना एवं नाम देना। (02.) भोजन के स्रोत अखबारों, पत्रपत्रिकाओं,पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना व नाम लिखना। (03.) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिल-जुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना,ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04.) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी एकत्रित करन यथा -,इनके चित्र,नाम आदि। (05.) पेड़-पौधे- हमारे आस-पास पाए जाने वाले पेड़-पौधे के नाम पता करना। (06.) फसलों की जानकारी- हमारे गांव कि रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना,चित्र ढूंढना चिपकाना। (07.) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी, चंग और फूलों का निर्माण करना। (08.) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। (09.) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र,पत्र-पत्रिकाएं इकट्ठा करना। (10.) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़-पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु-पक्षियों की आकृतियां बनाना। (11.) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। (12.) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। (13.) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है और क्यों लगती है ? दो सूचियां तैयार करना। (14.) बीमारियों- हमारे आस-पास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। (15.) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। (16.) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल एवं पत्र- पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं विद्यार्थियों को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भी अत्यावश्यक है।
शिक्षार्थियों के समूह का स्तर जैसा होगा उसे उसी तरह की अवधारणा आधारित परियोजना कार्य दिया जा सकता है जैसे कक्षा 6 टी के अंकुर समूह को विज्ञान के परियोजना कार्य के रूप में भोजन के अवयवों को जानने के लिए अपने दोस्तों के द्वारा खाने के बारे में पूछने और जानकारी को सारणी के रूप में लिखने को कहा जा सकता है
हम परियोजना कार्य के रूप में विद्यार्थियों को ऐसे कार्य दें, जो उन्हें प्रकृति के नजदीक ले जाए, सजीव, निर्जीव की पहचान करना, संतुलित आहार के बारें मे, त्यौहार, पेड़ की पत्तियों के बारें मे आदि ! संतोष मुदगल, शा प्रा वि. महोना, jsk. -बालक पिछोर, डबरा, ग्वालियर
नमस्कार मैं सुंदर सूर्यवंशी माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला चिखली मु विकासखंड अमरवाड़ा विज्ञान में परियोजना कार्य के लिए बहुत सारे विषय हैं। जिसमें बच्चों के आसपास के विषय जैसे शुद्ध पेयजल, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण जैसी अवधारणाओं को शामिल किया जा सकता है। बच्चे इसमें समूह में कार्य करके और अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर सकते हैं। समाज के विभिन्न वर्गों के संपर्क में आने से भी उनकी विचारों नीतियों उनकी सोच आदि का आकलन आसानी से कर सकते हैं।।
शिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती हैं?
शिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ?
इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। (01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। (02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। (03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। (04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। (05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। (06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। (07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। (08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। (09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना। (10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना। (11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। (12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। (13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना। (14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। (15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। (16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भी आवश्यक है। धन्यवाद !!!!!!
शिक्षार्थियों को समूह में परियोजना के रूप में कोई कार्य किस प्रकार दिया जाए ऐसे कई कार्य हैं जो हम विद्यार्थियों से समूह के रूप में परियोजना बनाकर करवा सकते हैं जैसे इतिहास में महापुरुष उनके चित्र उनके बारे में जानकारी डाक टिकट के द्वारा प्राचीन पुस्तकों के द्वारा करवा सकते हैं समूह बनाकर प्रत्येक को कार्य विभाजित कर परियोजना को सफल बनाया जा सकता है
विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और दृष्टिकोण जाग्रत करने के लिए उन्हें सामूहिक गतिविधियां कराना चाहिए , ये विभिन्न प्रकार की कराई जा सकती हैं, जैसे:- अपने पर्यावरण से खाद्य श्रंखला की जानकारी एकत्र करके लाने हेतु या अपने आसपास पेय जल के साधनों की जानकारी एकत्र करने हेतु या ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी एकत्र करने के लिए ,आदि के लिए कहा जा सकता हैं।
वैज्ञानिक कौशल जैसे परिकल्पना,अवलोकन और पूव अनुमान के लिए समूह काम सही है समूह में एक दूससरे को सुनने और विचार साझा करने से छात्रों को सोचने मे मदद मिलती है।सभी को हम ऊर्जा सश्रोत,मृदु जल और कठोर जल में अंतर बताने जैसी अवधारणाओं को परियोजना कार्य के रुप में दे सकते हैं।
समूह में गतिविधियों पर्यावरण आधारित एवं शिक्षण में कार्य एक बालकेन्दित सक्रिय पद्ती है। बच्चों को रबी एवं खरीफ की फसलों की पहचान एवं उनकी आयु व कक्षा के मानदंड अनुसार गतिविधियां करवाया जाना चाहिए।
Nisha yadav hs chamelichowk sagar mp 23111018522 Chatro ko ruchikr namo ke samuh me bat denge.fir kisi bhi avdharana ko samajhane ke liye topic ke aadhr pr gatividhi krvayenge,unhe khud krne ka avasr denge
छात्रों के समूहों को शोर करने वाले तथा संगीत🎤🎼🎹🎶 वाले उपकरणों की सूची बनाकर उसकी कक्षा में समूह वार विशलेषण करने को कहेंगे अरुणा शर्मा शा मा शाला खूंथी सतना
परियोजना कार्य को समूह में बच्चों को बाँटकर करवाना चाहिए ।समूह में बच्चों को जोड़ ,घटाना के सवाल करवना,पेड़-पौधों केअंगों का वर्गीकरण करवाना चाहिए । बच्चों को समेकित शिक्षा देना चाहिए ।
समूह में बच्चों को वैसे तो सभी प्रकार की अवधारणाओं को दिया जा सकता है परंतु खासकर इस बात का ध्यान दिया जाए कि वह अवधारणाओं को दिया जाए जो उनके सामाजिक परिवेश यह जिससे वह अपने घर के आस-पास देखते हैं उनसे संबंधित आवना अवधारणाओं को दे दी कार्य के लिए दिया जाएगा तो बच्चे उस में इंटरेस्ट से लेकर कार्य करेंगे और उनकी अवधारणा स्पष्ट आसानी से हो जाएगी
bacchon Ko Pani ke strot Pani ke upyog Pani Pani shuddhikaran ke prakar Pani shuddh Pani se hone wali bimariyon ke bare mein swayam karke dikha karke humko pani ke bare mein aasani se samjhaya ja sakta hai
विद्यार्थियों को समूह में बिठाकर किसी कार्य को करना ही परियोजना है इसमें छात्रों को आसपास के वातावरण जलवायु पेड़ पौधे फसलों व्यवसाय की समझ को विकसित करना है मैंने सुना भूल गया मैंने देखा अब याद नहीं है परंतु आज मैंने किया वह मुझे कार्य करना आ गया है इस तरह विद्यार्थी भी जब किसी कार्य को करके देखेंगे तो उनकी समाज विकसित होगी वह कुछ सीख सकेंगे
हम विभीन्न प्रकार की अवधारणाओ पर आधारित परियोजना कार्य बच्चो को देते है जिससे उनकी समझ और विकसित एवं सृदृढ होती है।परियोजना कार्य एक बालकेंद्रित स्वाध्याय गतिविधी होती है जिसमे छात्र खुद तथ्य आंकडे अपने शिक्षक के मार्गदर्शन मे एकत्र करते है।हम जलीय जीव,आसपास के पौधो का वर्गीकरण ,जैसी अवधारणाओ पर परियोजना कार्य कराकर छात्रो की समझ को विकसित कर सकते है।अनिल केचे,स.शि.,प्रा.शा.भरियाढाना, पातालकोट,तामियाँ, छिंदवाड़ा, म.प्र..
bacchon ke purv,jnan ke aadharit se ham Samuh me gatividhiya kar sakte hai jaisa ki ham jante hai ki baccha jiv- jantu ,per-podhe aur prakirtik, Ger-prakirtik bare me baat- chit karenge . Questions bhi karege .esse baccha khusi se sikh jayenge aur aanand bhi lenge .jase ,per ka bare me bacchon se aap ka ghar ka paas kitne par hai.aur kon kon per hai .nam batayi .Isi tarah se sabhi ke bare batayege.
समूह में गतिविधि के रूप में आसपास के परिवेश के बारे में जैसे आसपास वातावरण मौसम प्रदूषण फसलें आदि पर गतिविधि कराई जा सकती है। जैसे पर्यावरण में सामाजिक पर्यावरण के बारे में गतिविधि जैसे समाज में ,घर में ,परिवार में, पड़ोस मे, गांव में ,शहर में आदि का रहन -सहन घर में जैसे दादा-दादी, चाचा -चाची ,पापा -मम्मी आदि का सामाजिक पर्यावरण मैं कैसे भूमिका निभाते हैं गतिविधि दी जा सकती है।
अवधारणा पौधोंकी जडो़ द्वारा पानी का अवशोषण होता है,|रंगीन पानी में किसी छोटे पौधे की जडो़ं को डुबाकर धूप में रखेगें कुछ समय पश्चात अवलोकन से शिक्षार्थी जायेगे की पौधे का तना रंगीन हो गया है अत: पौधों की जडे़ ं पानी का अवशोषण करती है |ठोस वस्तुएॅ पानी में तैरती है ,समान भार का पत्तल नहीं इस तरह की अवधारणाएॅ परियोजना के रुप में दी जा सकती है|
Latika jaiswal G.P.S.Panjra,sarna chhindwara SHIKSHAN M PARIYOJANA, CHATRO KA SAMUH NIRDHARN== 1.hmare aas pass paye jane wale ped podhe ke naam pta krna. 2.vibhnn prakar ki pttiyon se aakriti bnana(janwaro, pakshiyon)... 3. Chatroo se tyohaar v chitr banaker jankari prapt krna.... 4. Chatroo m samuh banker mitti k khilone banwana.... 5.kagaj ke khiloone,phool, patang,jahaj, chakri .....
परियोजना कार्य बाल केंद्रित होना चाहिए । तथा अवधारणा ऐसी होनी चाहिए जिसका विद्यार्थी आसानी से आकलन कर सकें तथा किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकें । नरेंद्र कुमार मिश्रा माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला atania जिला छतरपुर मध्य प्रदेश ।
विद्यार्थियों के समूह को विभिन्न अवधारणायों से संबंधित परियोजनाए दी जा सकती है।जिनके द्वारा विविधता का अवलोकन कर उनके कारणों का पता लगा सकें।जैसे कि पालतू जानवर गीली मिट्टी से आकृतियों का बनाना रंग से सजाना ।दूसरा महापुरुषों के बारे में उनके चित्र लगाना।जानकारी देना ।आस पास के पेड़ पौधों के नाम उसके लाभ के बारे में आदि।कागज के खिलौने कागज चकरी पतंग नाव गेंद फूल कुछ जीव बनाना।इन सभी कार्यो को हम समूह बनाकर अच्छे तरीके से किये जा सकते हैं।
विद्यार्थियों के समूह को धातुओं के भौतिक गुणों की पहचान करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है ;जैसे आघातवर्धनीयता ,तन्यता, ऊष्मा और विद्युत की चालकता ,चमक, कठोरता आदि।
महेंद्र कुमार जोशी स.शि.शा.प्रा. वि.सेमल्यानसर बच्चों को समूह मे परियोजना कार्य इस प्रकार दिया जाता है । नियमित एवं व्यवस्थित रुप से स्थित किया गया विचार एवं स्वरूप मै दैनिक जीवन मे किऐ गये कार्य जैसै - पशु गणना, पेड,पौधों की गणना ,सभी तरह के घरेलू कार्य करना एवं उनको सुची बंध्द करवाना ,विद्यार्थियों को परियोजना मै दिऐ जा सकते है।
बच्चों को परियोजना कार्य अनेक माध्यम से दिया जा सकता है।हम उन्हें घर में उपयोग होने वाले कपड़ों का वर्गीकरण करने का कह सकते हैं, जैसे कौनसा सूती है, कौनसा रेशमी है ,आदि।हम उन्हें घुलनशील और अघुलनशील वस्तुओं के वारे में परियोजना कार्य दे सकते हैं।
ऐसी अवधारणाएं जिनका विद्यार्थी अवलोकन,आकलन,विश्लेषण, निष्कर्ष निकाल सकें जो उसके आसपास ,पूर्व ज्ञान पर आधारित हो ।जिसमे समस्या को दूर करने के सुझाव, इन सुझावो पर कार्य करने के संसाधनो की पहचान,समस्याओ के निदान मे इनका उपयोग शामिल करना । विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतो,विधियो ओर प्रक्रियाओ के आधार पर खरी उतरे ।
बच्चों को जल के स्त्रोत पर समुह मे परियोजना कार्य दे सकते हैं l बच्चे अपने घर में पानी के स्त्रोत पर बात करके अलग अलग जल के स्त्रोत ड्रॉ करेंगे उसके बारें में लिखेंगे l
विज्ञान का ज्ञान एक गतिशील एवं विस्तारित निकाय है इसमें अनुभवों के नए क्षेत्रों को सम्मिलित किया जाता है यहां ज्ञान एक संगठित प्रणाली है जो प्राकृतिक जिज्ञासा तार के तर्क और प्रयोग से विकसित पूछताछ पर आधारित है
छात्रों को परियोजना कार्य हेतु किसी पौधे या वृक्ष की देखभाल अथवा किसी जल स्त्रोत का सर्वेक्षण या फिर किसी साइंस सेंटर में प्रदर्शनी चित्र प्रदर्शनी या वर्किंग मॉडल का निरीक्षण हम छात्रों को सामूहिक रूप से देकर उनमें टीम भावना समूह में काम करना एक दूसरे के विचारों को साझा करना तर्क के साथ अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण आपसी सामंजस्य एवं तर्कों के आधार पर निरीक्षण तक पहुंचने का मौका यह सभी क्वालिटीज परियोजना के अंतर्गत छात्रों में समाहित की जा सकती हैं इसमें भाषा पर्यावरण गणित सभी विषयों का समावेश संभव है जिससे छात्र छात्राओं के बौद्धिक स्तर में उनके कौशल विकास में सहायता मिलती है और समझ विकसित होती है
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
इतिहास पढ़ाने की सबसे अच्छी विधि होगी छात्रों को ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण कराते हुए समझना, साथ ही पुरानी चीज़ों का संग्रह करके उनके बारे में ज्ञान अर्जित करना ।
मेरे विचार विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
Shiksharthi ke Samuho ko Ho ho paudhon se sambandhit it aur dharna de sakte hain jismein bacche a yah janenge ki kis prakar vardi karte Hain hamen use kitna labh milta hai hi aur aur aur ped paudhon ko bachane ke liye ye hamen kya karna chahie
इतिहास विषय का अध्ययन करने हेतु हमें बच्चों को प्राचीन काल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख सिक्के ताम्रपत्र स्मारक महल समाचार पत्र आदि दिखा सकते हैं इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
बच्चों को विज्ञान की ऐसी अवधारणाओं के लिए परियोजना कार्य देना चाहिए जिनमें आसपास के क्षेत्रों में, घर/पडो़स, गांव/शहर आदि में भ्रमण कर अवलोकन करते हुए अवधारणा को प्रत्यक्ष रुप से ध्यान देते हुए समझ सके
किसी समूह को प्रदूषण से सम्बंधित परियोजना कार्य सौंप कर विद्यालय के आस-पास उपलब्ध पेड़ पौधों ,तालाब एवं परिसर में ले जाकर गन्दगी के तरफ ध्यान दिलाकर, उसके दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं उपाय सोचें
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है हम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
Samuh ke rup me kary krna ek Bal kendrit shikshan padhti h. Samuh ke rup me kary krne hetu bachcho ko kai prakar ke pariyojana kary diye ja skte h. Jese - podhe ka vriddhi kram, paltu pashuo ki suchi banana, Dudharu pashuo ki suchi banana, aawagaman ke sadhano ki list taiyar krna, aadi.
विषय आधारित अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जानी चाहिए पेड़ पौधों पर आधारित गतिविधियों में छात्र केंद्रित अवधारणाएं पौधों के अंग उनके कार्य उनके लाभ विभिन्न प्रकार के पौधे छोटे एवं बड़े आदि का कार्य छात्रों के समूह में परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है वह अवलोकन संसाधनों की खोज परीक्षा आंकड़ों का एकत्रीकरण विश्लेषण आदि का उपयोग कर निष्कर्ष निकाल सकते हैं
विषय आधारित अवधारणाएं परियोजना कार्य के लिए दी जानी चाहिए जैसे पर्यावरण हमारे आसपास जो भी दिखाई देता है जैसे नदी, पहाड़, पशु पक्षी, पेड़ पौधे, आदि यही हमारा पर्यावरण है
विद्यार्थियों के समूह को हम जैविक अजैविक एवं वृद्धि के बारे में अवधारणाएं परियोजना के रूप में दे सकते हैं l बच्चों से स्वयं अवलोकन के द्वारा , जैविक अजैविक में होने वाली विशेषताओं एवं पौधों में वृद्धि के बारे में जान सकेंगे l एवं वह अवलोकन करके पौधों में वृद्धि एवं जैविक अजैविक के बारे में समझ विकसित कर सकेंगे ll
The students should give example or relative activities to their nearest surroundings .For boost their knowledge this activity must be done with their teacher in group.
हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
बच्चों के किसी समूह को जीवजगत के जीवों के भोजन आवास चलने वाले रेंगने वाले थल जल तथा नभ में रहने वाले आदि के आधार पर वर्गीकरण जैसी अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है
बच्चों के किसी समूह को जीवजगत के जीवों के भोजन आवास चलने वाले रेंगने वाले थल जल तथा नभ में रहने वाले आदि के आधार पर वर्गीकरण जैसी अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है
विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण| 4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला| इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
छात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे व बीजों को एकत्रित करना व उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है इससे वे इनके बारे में जान सकते हैं
बच्चों को प्रोजेक्ट कार्य के अवधारणा के लिए समूहों को हम निम्नलिखित कार्य दे सकते हैं:- 1.पौधों के पत्तों को एकत्रित कर एक दूसरे से भिन्नता पता करना। 2.पेड़ केजों प
B.S.Kulaste A/T P.S.Baraudi Distt Dindori . *विद्यार्थियों को पर्यावरण की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है* इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है। हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे। हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना। भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना। ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना। हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना। फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना। कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना। तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना। सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना। पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना। स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना। संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना। डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना। बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना। पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना। ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक ताकि वेअपने उद्देश्यों की पूर्ति आसानी से कर सकें। धन्यवाद
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है हम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
प्रोजेक्ट कार्य के रूप में हम बच्चों को समूह में निम्नलिखित कार्य दे सकते हैं। 1.पेड़ के पत्तों में अंतर करना। 2.पेड़ के बीजों में अंतर करना। 3.नदियों के नाम याद करना।
इतिहास विषय काअध्धयन कराने हेतू हमें बच्चों को प्राचीनकाल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख, सिक्के, ताम्र पत्र, स्मारक, महल,समाचार पत्र आदि दिखा सकते है इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
*अनोखी लाल शर्मा उच्च श्रेणी शिक्षक गणित शासकीय नूतन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इंदिरा नगर उज्जैन*
विद्यार्थियों को परियोजना कार्य देना वास्तव में उनके मानसिक विकास के लिए बहुत आवश्यक कदम है परियोजना से ही अर्थ है कि यह एक बड़ा कार्य है अर्थात इसको करने से बच्चे के मानसिक विकास में अधिक तेजी से वृद्धि होती है और यह कार्य उसे किसी विषय पर गहराई से सोचने के लिए मजबूर करता है जैसे हम बच्चों से कहें कि आप दो गम ले लीजिए और एक को सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में रख दीजिए और दूसरे को सूर्य के प्रकाश में रहने दीजिए कुछ दिनों बाद होने वाले परिवर्तनों पर अपने विचार लिखिए अर्थात अपने प्रेक्षण लिखिए बच्चा जब इस प्रकार की प्रक्रिया को देखता है कि धीरे धीरे अंदर रखा हुआ पौधा कब विकसित हो रहा है और सूर्य के प्रकाश में रखा पौधा अधिक विकसित हो रहा है तब उस के सोचने का तरीका बदलता है उसका मस्तिष्क कुर्ला से युक्त हो जाता है और वह लगातार सोचता है यही प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश होता है हम उसे कह सकते हैं कि आप किस प्रकार से यह साबित करेंगे कि जड़े पानी सूखती है तब्बू विभिन्न प्रकार के पौधों को बहुत गहराई से देखने की कोशिश करेगा और उसके दिमाग में सोचने की क्षमता बढ़ेगी इस प्रकार विभिन्न प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चे वैज्ञानिक सोच को आगे बढ़ाते हैं बच्चों से विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों की पत्तियों को तोड़कर लाने को कहें उन पत्तियों में विभिन्न अंतर के आधार पर सूची बनाने का कहें तब वे पत्तियों में अंतर समझेंगे ऐसे अनेकों कार्य हो सकते हैं अनोखी लाल शर्मा उच्च श्रेणी शिक्षक गणित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नौतन इंदिरा नगर उज्जैन
Projects student Ka all over development krne Mai help krti hai kyuki vo padhi hui cheez ko activity ke form Mai krte hai toh unhe zyada acche se smjh aata hai jese unko germination pdhaya gyaa toh unhone 3 katoriyon Mai seed rkhne wala experiment Kiya First bowl Mai bs seeds rkhe Second bowl Mai paani Mai seeds sock krke rkhe Third bowl Mai wet cotton Mai seeds rep krke rkhe Jb bacchon me 3rd bowl Mai germination Dekha toh unhe acche se smjh Aaya ki germination ke liye air and water dono zaroori hai.
छात्रों को दिया जा सकता है कि हमें पेड़ पौधे किस प्रकार से लाभ पहुंच जाते हैं हम उन्हें अवधारणाएं दे सकते हैं हम उन्हें हमारे चारों ओर होने वाली प्राकृतिक घटना की अवधारणा दे सकते हैं
विद्यार्थियों को निम्न निम्न प्रकार की अवधारणा परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है - (1)-मिट्टी के खिलौने बनाना l (2)-विभिन्न प्रकार के मिट्टी के बर्तन बनाना l (3)हमारे आस-पास पाए जाने वाले पेड़ पौधे की जानकारी करना l (4)-हमारे आस-पास पाई जाने वाली फसलों की जानकारी प्राप्त करना l (5)-नऐ व पुराने संचार माध्यमों की सूची तैयार करना आदि l
शिक्षार्थियों के समूह को किसी परियोजना पर जैसे पर्यावरण या भूगोल से संबंधित परियोजना पर कार्य करने के लिए उन्हें आसपास के क्षेत्र का भ्रमण करवाया जा सकता है तथा उनके अंदर एक सोच विकसित की जा सकती है कि वह चीजों को जिस प्रकार से देखते हैं उन्हें संबंधित विषय से जोड़कर देखें जिससे उन चीजों के प्रति उनकी संवेदनशीलता एवं नजरिया डेवलप होगा
परिवेश कीखोज अपने इलाके में पौधों की विविधता के बारे में अपने आसपास मोजुद ध्वनियोफूककर खरोंच कर चोट मारकर कर्षण द्वारा खींचकर छोड़ने ध्वनि् परियोजना कार्य आमतौर पर एक संगठित खोज, निर्माण याजक ऐसा कार्य है जो किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए निर्देशित होता है। धातुओं की अवधारणा जो दैनिक अनुभवों पर आधारित है धातुओं अधातु, प्रदूषण के उत्पादन कम करना मिट्टी में कटाव आदि।
पर्यावरण हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदी या समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है
ओमप्रकाश पाटीदार प्रा.शा.नाँदखेड़ा रैय्यत विकासखंड पुनासा जिला खण्डवा पर्यावरण की अवधारणायें परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है।शाला स्तर पर किसी अवधारणा को स्पष्ट करने के लिये छात्रों का समूह निर्धारण कर विषय से संबंधित समझ को विकसित करने के लिए कार्य दिया जा सकता है।
विद्यार्थियों के समूह को धातुओं के भौतिक गुणों की पहचान करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है ;जैसे आघातवर्धनीयता ,तन्यता, ऊष्मा और विद्युत की चालकता ,चमक, कठोरता आदि
छात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे व बीज को एकत्रित करना व उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है इससे छात्र पेड़ बीज के बारे में जानकारी और अधिक प्राप्त कर सकते हैं
में योगेन्द्र सिंह रघुवंशी श मा शाला बेरुआ सिलवानी जिला रायसेन एमपी vigayn में समूह आधारित गतिविधि हो साथ ही कक्षा के वातावरण के साथ साथ आस पास का वातावरण से परिचय हो प्रयोग और वस्तिक ज्ञान पर जैविक अजैविक घटक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित हो
Vigyan Mein samuh aadharit gatividhi Ho Sath hi kaksha ke vatavaran ke sath sath aaspaas ka vatavaran ke Pariksha ho prayog aur vast Vigyan per Jaivik ajaivik Ghatak ghatko ke bich Paraspar sambandh sthapit Ho.
छात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे एवं उनकी बीज एकत्रित करके उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है इससे छात्र पेड़ पौधे एवं उनके बीच के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा कर पाएंगे।
छात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे एवं उनकी बीज एकत्रित करके उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूपसमूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना में दिया जा सकता है इससे छात्र पेड़ पौधे एवं उनके बीच के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा कर पाएंगे।
Aise project jinka avlokan vidyarthi Apne aaspaas ki prishthbhumi se kar sake aur nishkarsh nikal sake. 1 Jaise Apne a ghar ke sabhi sadasyon ki umra nikalna. 2 Apne aaspaas pahle wali bimariyon ke naam AVN se bachao. 3 Apne kshetra mein manaye Jane Wale pramukh tyohar AVN tyohar on ki visheshtaen. 5 Devendra prakar ke ped paudhon ke naam AVN abhineta aur samanta nikalna.
बच्चों को अपने आसपास के पानी के स्रोतों की सूची तैयार कर वर्षा जल के संग्रहित करने के बारे में अपने बुजुर्गों से चर्चा कर प्रोजेक्ट तैयार करना ।और राज्य और राजधानियों के बारे में पता करना। मिट्टी के प्रकारों का पता करना ।और पेड़ पौधों की पत्तियों के बारे में जानना ।विभिन्न ऋतु में आने वाली फसलों का वर्गीकरण।। इस प्रकार परियोजनाके रूप में बच्चों को दे सकते हैं ।श्रीमती रीना जैन कन्या माध्यमिक विद्यालय फ्रीगंज भिंड
पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न चीजों जैसे पेड़ पौधे नदी तालाब जीव जंतु जानवर आदि से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क हो जिससे वह वास्तविक पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त कर सके और अपने पर्यावरण को बेहतर
शिक्षार्थियों के समूह को अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है:- अपने परिवेश में उपलब्ध पेड़ पौधों के विभिन्न प्रकारों ,स्थिति, विभिन्नता आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में विद्यार्थियों को समूह के रूप में बांटकर हमारे परिवेश का शैक्षणिक भ्रमण करवाकर | रानी पटेल प्राथमिक शिक्षक
मेरे विचार विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
विद्यार्थियों के समूह को विभिन्न अवधारणायों से संबंधित परियोजनाए दी जा सकती है।जिनके द्वारा विविधता का अवलोकन कर उनके कारणों का पता लगा सकें।जैसे कि पालतू जानवर गीली मिट्टी से आकृतियों का बनाना रंग से सजाना ।दूसरा महापुरुषों के बारे में उनके चित्र लगाना।जानकारी देना ।आस पास के पेड़ पौधों के नाम उसके लाभ के बारे में आदि।कागज के खिलौने कागज चकरी पतंग नाव गेंद फूल कुछ जीव बनाना।इन सभी कार्यो को हम समूह बनाकर अच्छे तरीके से किये जा सकते हैं।
विद्यार्थियो के कोसमूह मे विभिन्न अवधारणा ऐ से सम्बन्धित गतिविधियाँ कराई जाए मिट्टी से खिलोने बनवाए उनके नाम व उपयोग बताना खरीब व रबि,दलहन व तिलहन फसलो के नाम लिखे । प्रभावती शर्मा एंकर शाला शा मा वि गिर दौड़ा
विज्ञान और वैज्ञानिक कौशलों जैसे-परिकल्पना,अवलोकन और पूर्वानुमान के लिए समूह कार्य भली भांति उपयुक्त है,समूह में एक-दूसरे को सुनने और विचार साझा करने से विद्यार्थियों को सोचने में मदद मिलती है।समूह को हम ऊर्जा स्त्रोत, मृद अथवा कठोर जल स्त्रोतों का पता लगाने जैसी अवधारणाओं को परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है।
,विग्यान शिक्षण में प्रयोग कार्य महत्वपूर्ण है.इसमें विद्यार्थी शिक्षक के मार्गदर्शन में कार्य करता है. परियोजना कार्य में छात्र अपनी मेंहनत एवं लगन से विभिन्न कार्य करता है.इससे उन्हें कठीन स्थितियों में. समस्याओं का समाधान करने की प्रेक्टीस होती है. धन्यवाद.साथियों....
विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार), इस अवधारणा को आप अपने विद्यालय के संदर्भ में कैसे क्रियान्वित करेंगे? चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता बनने के लिए आप में क्या प्रमुख गुण होने चाहिए? उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं- पहल करना सकारात्मक दृष्टिकोण रखना स्वप्रेरित होना परिवर्तन लाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहना आपके अनुसार प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता में अन्य कौन-कौन से गुण होने चाहिए? चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
बताएँ कि कैसे कला समेकित शिक्षा का अनुभव छात्रों को आपके विषयों के सार्थक सीखने में लाभान्वित कर सकता है चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
Paryavaran adhyayan Se chhatron Ke mansik sharirik Samajik Vikas Shahid sarawagi Vikas Hota Hai
ReplyDeleteपर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteइतिहास विषय काअध्धयन कराने हेतू हमें बच्चों को प्राचीनकाल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख, सिक्के, ताम्र पत्र, स्मारक, महल,समाचार पत्र आदि दिखा सकते है इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक शारीरिक सामाजिक विकास होगा
Deleteमेरे विचार
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
B.S.Kulaste Assistant Teacher Primary School Baraudi Distt.Dindori.
Deleteपर्यावरण की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ?
जैसे पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण ।हमारे चारों ओर का वातावरण पर्यावरण कहलाता है
इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि।
पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना।
पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना।
स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना।
बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक ताकि वे अपने उद्देश्य की प्राप्ति कर सकें।
समूह में गतिविधि नदियो के नाम आधारित एव प्रोजेक्ट जैविक एव अजैविक घटक करवाकर ।
ReplyDeleteबच्चों को जोड़ करने से पहले संख्याओं को सही तरह से लिखना बताना होगा
ReplyDeleteAapke, ghar men vayu pradushan,,kin chijon ke, karna hota hai
Deleteसमूह में गतिविधि नदियों के नाम आधारित एवं प्रोजेक्ट तक जैविक और अजैविक घटक करवा कर
ReplyDeleteThe activity in the group is based on the name of the rivers and getting the organic and abiotic components up to the project.
Deleteसमूह में गतिविधि नदियों के नाम आधारित एवं प्रोजेक्ट तक जैविक और अजैविक घटक करवा कर
ReplyDeleteसमूह में गतिविधि नदियों के नाम आधारित एवं प्रोजेक्ट तक जैविक और अजैविक घटक करवा कर
ReplyDeleteअवधारणा पौधोंकी जडो़ द्वारा पानी का अवशोषण होता है,|रंगीन पानी में किसी छोटे पौधे की जडो़ं को डुबाकर धूप में रखेगें कुछ समय पश्चात अवलोकन से शिक्षार्थी जायेगे की पौधे का तना रंगीन हो गया है अत: पौधों की जडे़ ं पानी का अवशोषण करती है |ठोस वस्तुएॅ पानी में तैरती है ,समान भार का पत्तल नहीं इस तरह की अवधारणाएॅ परियोजना के रुप में दी जा सकती है|
ReplyDeleteशास, माध्य, शाला गुगवारा
विकास खण्ड देवरी जिला सागर
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Deleteसमूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना
ReplyDeleteProject work should be in such a way that it motivates students to become personally engaged.Plants and animals are the thematic area of grade 3 .While combining both the lessons children get the opportunity to learn plants and animals together.One group can be given plants and children can be taken out to observe the nature and see different kinds of plants such as herbs, shrubs and big plants and then collect pictures and write few lines on different plants and their uses.The other group can be shown different animals and asked to collect pictures and write few line on those animals and their uses.Then both the groups can come together and talk about their topics and show them the pictures .While combining both the lessons children get an opportunity to learn plants and animals together.They can relate to them both and understand their interconnectedness.
ReplyDeleteProject work should be in such a way that motivates the students to do the work in an interesting way . It will help the students to be more creative .
ReplyDeleteProject work should be easier for plan in a way that motivates the students to do the needful work in an interesting way.It will be helpful the students to be more creative.
Deleteस्थानीय भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए, स्थानीय वातावरण का अध्ययन कराने की व्यवस्था करें ।
ReplyDeleteजयहिन्द
ReplyDeleteजयहिन्द
ReplyDeleteजयहिन्द
ReplyDeleteनमस्कार,
ReplyDeleteशिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
(01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
(02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
(03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि।
(05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
(06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
(08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
(09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना।
(10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना।
(11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
(12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
(13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना।
(14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
(15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
(16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान शिक्षक उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहाय होना आवश्यक है।
धन्यवाद...l
संतोष कुमार अठया
(सहायक-शिक्षक )
शासकीय प्राथमिक शाला,एरोरा
जिला-दमोह (मध्य प्रदेश)
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteशिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ?
ReplyDeleteइस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
(01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
(02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
(03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि।
(05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
(06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
(08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
(09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना।
(10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना।
(11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
(12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
(13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना।
(14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
(15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
(16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक है।
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ReplyDeleteProject work should be in such a way that it motivates students to become personally engage their senses and their feeling eg....project work relating to environment ,cleanliness,uses of water,pollution etc...
ReplyDeleteहम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
ReplyDeleteShiksharthi ko pariyojna karya ke liye vibhinn avdharna Di ja sakti hai Jaise pradushan vaigyanik Pak ki Khoj botanical park ki paath Pak ki Khoj Vinay ped paudhon ke vishay mein jankari ekatrit karna Prakash paraavartan apvartan ke prayog RD
ReplyDeleteMiddle teacher
ReplyDeleteGMS mahadeva Satna MP
डाइस कोड-23130717095
मेरे विचार से विद्यार्थियों के समूह को ऐसी अवधारणाओं से संबंधित परियोजनाएं दी जा सकती है जिनके द्वारा विविधता का अवलोकन कर सके व उनके कारणों के बारे पता लगा सके।
जैसे - मृद अथवा कठोर जल स्रोतों का पता लगाना, अपनी बसाहट में जल जनित बीमारियों के आंकड़े एकत्र करना, मृदा परीक्षण , आस-पास बोई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी एकत्र करना आदि।
पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न चीजों जैसे पेड़ पौधे नदी तालाब जीव जंतु जानवर आदि से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क हो जिससे वह वास्तविक पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त कर सके और अपने पर्यावरण को बेहतर समझ सकें
ReplyDelete28, 2020 at 2:31 AM
ReplyDeleteसमूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना
पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न
ReplyDeleteपहलुओ से जोड़े , और विस्तार पुर्वक समझाने का प्रयास करे..
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ReplyDeleteशिक्षार्थियों के समूह का स्तर जैसा होगा उसे उसी तरह की अवधारणा आधारित परियोजना कार्य दिया जा सकता है जैसे कक्षा 6 टी के अंकुर समूह को विज्ञान के परियोजना कार्य के रूप में भोजन के अवयवों को जानने के लिए अपने दोस्तों के द्वारा खाने के बारे में पूछने और जानकारी को सारणी के रूप में लिखने को कहा जा सकता है
ReplyDeleteसमूह शिक्षण के माध्यम से विज्ञान की अवधारणाओं को आसानी से समझा जा सकता है । कोई भी परियोजना समूह शिक्षण का हिस्सा हो सकती है ।
ReplyDeleteबच्चों को उनके सामाजिक एवं मानसिक विकास के लिए पर्यावरण के विभिन्न घटकों को जॉन के परिवेश के अंतर्गत आते हैं उनके पूर्व ज्ञान के आधार पर उन्हें तथ्यों के आधार पर अवधारणा विकसित करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है
ReplyDeleteBachchon ko ped podhon ko tane ke aadhar par vargikaran karne ki pariyojna di ja sakti he.komal tane,hare tane kathor tane ka awlokan kar ke lata,shak,jhadi,ped aadi ka gyan hasil karenge.
ReplyDeleteProject must be assigned to children as per there level to evoke consciousness for conservation of environment. Class 6 students can be asked to sply write paragraph about pollution control and to observe them with senior students. Class.7 students can be asked to prepare file with types of pollution with cutting of pictures and papers.Class 8 students can be asked to go at the bank of river, ponds to observe how water gets polluted, classify kind of pollution, observe soil erosion, at the embankments, see the smoke dust pollution at busy roads, factories, chemical pollution by pesticides, fertilizer, detergents etc, radiation of mobile towers causing death of birds, name of birds on verge of getting extinct, they must class fy them and prepare files on various topics systematically.
ReplyDeleteपर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteहम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
हम बच्चों को परियोजना कहीं माध्यम से दे सकते हैं हम उनसे बोल सकते हैं आपके घर आसपास कितने पेड़ लगे और किसके हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते हैं हमने कचरेके संदर्भ में बता सकते हैं जैविक अजैविक घटकों की जानकारी आदि भी बता सकते हैं।
ReplyDeleteमेरे विचार
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
Ratnesh Kumar Mishra cac Jsk Tewar Jabalpur Rural Jabalpur Madhya Pradesh
ReplyDeleteविद्यार्थियों को अवधारणाओं के लिए परियोजना तैयार कराना बादकेंद्रित शिक्षा का महत्वपूर्ण भाग हैं। इसमें विद्यार्थियों को समूह में कार्य करने और अवलोकन करके निष्कर्ष तक पहुंचने के कौशल का विकास होता है।
प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों से मिट्टी के खिलौने बनाकर उनमें रंग करके लाने की गतिविधि कराईं जा सकती हैं।
उच्च प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों से प्रतिदिन परिवार में व्यय होने वाले पानी का सर्वेक्षण बाद पानी की मितव्ययिता के लिए परियोजना तैयार कराईं जा सकती हैं।
शिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती हैं?
ReplyDeleteविद्यालय के शिक्षार्थियों को समूह के रूप में विभिन्न प्रकार की अवधारणाओं को पूरा करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दे सकते हैं जैसे:-
1.विभिन्न प्रकार के पौधों को नाम सहित शाक,झाडी एवं वृक्ष के रूप में चिन्हित करना |
2.विभिन्न प्रकार के अनाजों को रवि एवं खरीफ की फसल के रूप में चिन्हांकन एवं संग्रहण|
3.विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण|
4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला|
इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
समूह में गतिविधि नदियो के नाम आधारित एव प्रोजेक्ट जैविक एव अजैविक घटक करवाकर ।
ReplyDeleteVatavaran jevik ajavik ghatak
ReplyDeleteसमुह में गतिविधियों पर्यावरण आधारित एवं शिक्षण में कार्य एक बाल केन्द्रित सक्रिय पद्धति है जैसे नदियों के नाम पौधे के नाम आदि /
ReplyDeleteविद्यार्थियों के समूह को धातुओं के भौतिक गुणों की पहचान करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है ;जैसे आघातवर्धनीयता ,तन्यता, ऊष्मा और विद्युत की चालकता ,चमक, कठोरता आदि।
ReplyDeleteविज्ञान और वैज्ञानिक कौशलों जैसे-परिकल्पना,अवलोकन और पूर्वानुमान के लिए समूह कार्य भली भांति उपयुक्त है,समूह में एक-दूसरे को सुनने और विचार साझा करने से विद्यार्थियों को सोचने में मदद मिलती है।समूह को हम ऊर्जा स्त्रोत, मृद अथवा कठोर जल स्त्रोतों का पता लगाने जैसी अवधारणाओं को परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है।
ReplyDeleteविद्यार्थियों के समूह को रबी एवं खरीफ की फसलों की पहचान एवं संग्रह करने की गतिविधि कराई जा सकती है।
ReplyDeleteHme bchoo ko unke aas pass k enviroment k bare m btana chahiye hamre charo or jo chije h unhe apne jivan s jodkar bachoo ko enviroment or science k bate m batana
ReplyDeleteअल्का बैंस प्राथमिक शाला कूकड़ा जगत छिन्दवाड़ा
ReplyDeleteविद्यार्थियों को अनेक प्रकार की परियोजनाएं दी जा सकती है जिसकी वे रिपोर्टिंग करें निष्कर्ष बनाएं और सर्वेक्षण करें।
उदाहरण के लिए गांव से अनेक विद्यार्थी आते हैं जिनमें ज़्यादातर खेती से संबंधित कम करते हैं।
उनसे विभिन्न फसलों के बारे में पूछा जा सकता है की रबी और खरीफ की फसल कौन सी होती है। उन्हें कैसे पैदा किया जाता है कौन सा बीज और मिट्टी लगती है कितना पानी लगता है और किस प्रकार की मिट्टी में इसी फसलें उत्पादित की जाती है। रबी और खरीफ कि फसलें कौन कौन सी हैं और उनके सेवन से शरीर को किस प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। फसल चक्रीकरण क्या है यह विभिन्न प्रकार की फसलों पर कितनी कितनी अवधि में लागू होता है।
समूह मिलजुलकर ये सारी जानकारी तैयार करता है। वे विभिन्न पुस्तकों का सहारा लेते हैं फसल उगाने वाले किसानों से पूछते हैं। कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेते हैं और समय समय पर वास्तविक स्थान जाकर अथवा प्रोजेक्ट से संबंधित वस्तुओं को देखकर उनका अध्ययन करते हैं।
फिर वे रिपोर्टिंग करते हैं और अपने सारे अनुसंधानों को जोड़कर नोट्स बनाते हैं। इससे उन्हें किसी विषय वस्तु का पूर्ण ज्ञान मिलता है और वे तथ्यों को वैज्ञानिक रूप से समझ पत्र हैं और अपने विचार भी निर्मित कर पाते हैं।
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteउनकी आयु एवं कक्षा के मानदंड अनुसार कार्य ग्रतिवीध करवाई जावे।
ReplyDeleteविद्यालय के शिक्षार्थियों को समूह के रूप में विभिन्न प्रकार की अवधारणाओं को पूरा करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दे सकते हैं जैसे:-
ReplyDelete1.विभिन्न प्रकार के पौधों को नाम सहित शाक,झाडी एवं वृक्ष के रूप में चिन्हित करना |
2.विभिन्न प्रकार के अनाजों को रवि एवं खरीफ की फसल के रूप में चिन्हांकन एवं संग्रहण|
3.विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण|
4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला|
इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
समूह की गतिविधिया नदियों के नाम पर तथा जैविक अजैविक के आधार पर करवा सकते हैं
ReplyDeleteशिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
ReplyDeleteहम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
(01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
(02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
(03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि।
(05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
(06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
(08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
शिक्षार्थियों के किसी समूह को पेड़-पौधे ,जीव- जंतु , सौरमंडल ,मानव जीवन ,संस्कृति ,वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण ,स्थल प्रदूषण ,कचरा प्रबंधन भोजन ,यातायात के साधन ,आदि अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती हैं।
ReplyDeleteविभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण|
ReplyDelete4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला|
इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण|
ReplyDelete4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला|
इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
पर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न चीजों जैसे पेड़ पौधे नदी तालाब जीव जंतु जानवर आदि से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क हो जिससे वह वास्तविक पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त कर सके और अपने पर्यावरण को बेहतर समझ सकें
ReplyDeleteसमूह शिक्षण में विभिन्न प्रकार की परियोजनाएं छात्रों को दी जा सकती हैं जैसे विभिन्न प्रकार के भोजन के विषय में जानकारी एकत्रित करना धातु के भौतिक गुणों को पहचानना पौधों की वृद्धि एवं विकास का अवलोकन करना पौधों के विभिन्न भाग का अवलोकन करना विभिन्न प्रकार के वस्त्रों का अवलोकन कर उनका वर्गीकरण करना इस तरह हम समूह में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां देख कर विज्ञान की कोई भी गतिविधि को आसानी से करवा सकते हैं
ReplyDeleteशिक्षार्थियों के समूह को पेड़-पौधे जीव जंतु सौर मंडल वायु मंडल कचरा प्रबंधन जल प्रदूषण वायु प्रदूषण आदि अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है
ReplyDeleteशिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ?
ReplyDeleteइस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
(01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
(02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
(03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि।
(05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
(06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
(08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
(09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना।
(10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना।
(11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
(12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
(13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना।
(14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
(15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
(16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक है।
समूह मे गतिविधि किसी बगीचे का भ्रमण करवाना तथा जैविक एवं अजैविक घटको को अलग करना
ReplyDeleteसमूह मे गतिविधि किसी बगीचे का भ्रमण करवाना तथा जैविक एवं अजैविक घटको को अलग कर
ReplyDeleteParyavarn arthat hamare Aaspas charon our ka batavarn. Jaise-jheel,nadiya,samudr, pahad,parvat,pathar, ghati, mousam,jalbayu aadi. Paryavaran adhyan ke antrgat hamare charon our jaivik ajaivik ghatko ke beech parspar sambandh scthapit hota hai. Paryavaran yek yekikrt vishy hai.
ReplyDeleteपर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है|शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
ReplyDeleteहम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
(01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
(02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
(03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि।
(05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
(06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
(08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
(09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना।
(10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना।
(11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
(12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
(13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना।
(14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
(15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
(16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान शिक्षक उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहाय होना आवश्यक है।
श्रीमती चंद्रिका कौरव
एम एस स्टेशन गंज
गाडरवारा
नरसिंहपुर
मध्य प्रदेश
छात्रों को समूह शिक्षण कार्य करने के लिए बालकेन्द्री त पद्यति से कार्य करना चाहिए जैसे एक समूह नदियों से लाभ दूसरा समूह नदियों से हानि के बारे मे बतायेगा फिर दोनों उक्त अवधारणा ,परियोजना के रूप में कार्य करेगें ।
ReplyDeleteASHIM KUMAR TIWARI CAC BALSAMUD RAJPUR BARWANI
ReplyDeleteविद्यालय के शिक्षार्थियों को समूह के रूप में विभिन्न प्रकार की अवधारणाओं को पूरा करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दे सकते हैं जैसे:-
1.विभिन्न प्रकार के पौधों को नाम सहित शाक,झाडी एवं वृक्ष के रूप में चिन्हित करना |
2.विभिन्न प्रकार के अनाजों को रवि एवं खरीफ की फसल के रूप में चिन्हांकन एवं संग्रहण|
3.विभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण|
4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला|
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
ReplyDeleteबच्चों को परियोजना कार्य उनकी योग्यता और क्षमता के आधार पर दिए जाने चाहिए इसके लिए उन्हें समूहों में बांटा जा सकता है ए, बी, और सी के रूप में समूह का विभाजन किया जा सकता है जो सी ग्रेड का समूह है उसे किस प्रकार की फसलें खेतों में उगाई गई है रवि के मौसम में कौन सी फसलें बोई जाती है खरीफ में कौन सी फसलें बोई जाती है इस प्रकार का परियोजना कार्य किया जा सकता है कौन से पौधे औषधीय महत्व के हैं कौन से पौधे औषधि महत्व के नहीं हैं यह कार्य भी उनके द्वारा करवाया जा सकता है जो B नंबर का समूह होगा उसके लिए हम जैविक और अजैविक घटकों से संबंधित परियोजना कार्य दे सकते हैं कि हमारे आस-पास कौन-कौन से जैविक और अजैविक घटक हैं इसके अलावा उनको पेड़ के विभिन्न अंगों के नाम तथा उनके कार्य क्या क्या होते हैं इससे संबंधित मुद्दे भी लिखने को दिए जा सकते हैं जो समूह नंबर- A है उसको कौन-कौन से जीव मृदा में पाए जाते हैं कौन-कौन से जीव सूक्ष्मजीव हैं कौन-कौन से जीव निर्जीव हैं से संबंधित परियोजना कार्य दिया जा सकता है इसके अलावा कौन सी वस्तुएं जल में डूबती हैं कौन सी वस्तुएं जल में तैरती हैं आदि का परियोजना कार्य दिया जा सकता है किस किस प्रकार के बीज होते हैं इनका परियोजना कार्य दिया जा सकता है बच्चे जिज्ञासु प्रकृति के होते हैं इसीलिए परियोजना कार्य उनकी जिज्ञासा को शांत करते हैं इसीलिए विज्ञान जैसे शिक्षण में परियोजना कार्य बहुत आवश्यक है परियोजना कार्य के द्वारा प्राप्त किया गया ज्ञान मजबूत एवं सुदृढ़ होता है
ReplyDeleteमैं रघुवीर गुप्ता शासकीय की प्राथमिक विद्यालय नयागांव संकुल केंद्र शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय sahasram Block vijaypur district-Sheopur
DeletePayavard hmare as pas jo jal, vayu , ped podhe, jiv, jantu payavard adhyayan ke antargat ata h.
ReplyDeleteराजेश हारोडे
ReplyDeleteप्राथमिक शिक्षक
एकीकृत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंधा रिया
समूह में गतिविधियों, नदियों के नाम आधारित प्रोजक्ट जैविक एवं अजैविक घटक करवाकर।
विद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
ReplyDeleteछात्रों को दिया जा सकता है कि हमें पेड़ पौधे किस प्रकार से लाभ पहुंच जाते हैं हम उन्हें अवधारणाएं दे सकते हैं हम उन्हें हमारे चारों ओर होने वाली प्राकृतिक घटना की अवधारणा दे सकते हैं
ReplyDeleteजिस समय के बारे में हमें जानना है उस समय की चीजों को एकत्रित करेंगे उस समय के चित्र औजार पुस्तके सिक्के डाक टिकट आदि की जानकारी एकत्रित करेंगे
ReplyDeleteBachcho ko damuh me gatiwidhiya karea k
ReplyDeleteबच्चों को अपने आस पास के पानी के स्रोतों की सूची तैयार कर, वर्षा जल के संग्रहित करने के बारे में अपने घर के बुजुर्गो से चर्चा कर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना।
ReplyDeleteरामेश्वर श्रीवास्तव शासकीय कन्या हाथीखाना दतिया कक्षा में पर्यावरण सुरक्षा हेतु छात्रों और शिक्षकों को एक नाटक गतिविधि करणी चाहिए
ReplyDeleteपरियोजना में हम बच्चों को कई प्रकार के काम दे सकते हैं जैसे राज्य और उनकी राजधानियां नदियों के नाम जैविक अजैविक चीज है दोनों की अलग-अलग वर्गीकरण फूल वाले फल वाले सब्जी वाले इस प्रकार पौधों का वर्गीकरण इत्यादि
ReplyDeleteपरियोजना कार्य के अन्तर्गत हम बच्चों से कई तरह के कार्य करवा सकते हैं,जैसे पौधों का वर्गीकरण करवाना,मिट्टी के प्रकारों का पता लगाना।
ReplyDeleteविज्ञान में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा पौधे भोजन पानी हवा किस प्रकार ग्रहण करते हैं ! इस प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में छात्रों के समूह को दी जा सकती है !
ReplyDeleteछात्रों को समूह में बांट कर उनके द्वारा विभिन्न पौधों का वर्गीकरण करने के लिए ग्रुप बना कर छात्रों को ज्ञान प्रदान करते है।
ReplyDeleteछात्रों को समूह मे बाटकर नदियों के नाम एवं जल प्रदूषण से संबंधित परियोजना कार्य दिया जा सकता है बच्चे यह जान सकेंगे कि जल कैसे प्रदूषित होता है
ReplyDeleteसमूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना
ReplyDeleteChatro ko samuh me kathor jal or mridu jal ko pehchannana ka karya dia ja skta he .
ReplyDeleteइतिहास विषय काअध्धयन कराने हेतू हमें बच्चों को प्राचीनकाल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख, सिक्के, ताम्र पत्र, स्मारक, महल,समाचार पत्र आदि दिखा सकते है इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
ReplyDeleteविद्यार्थियों को परियोजना कार्य के रूप में भोजन के विभिन्न घटक।जीव जगत का वर्गीकरण। कौनसी वस्तु कैसे कार्य करती है? स्थिर और गतिशील वस्तुओं का वर्गीकरण। प्राकृतिक घटनाएं और प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित परियोजना कार्य दिए जा सकते हैं।
ReplyDeleteपारितंत्र का अध्ययन, तालाब,वन।जैविक एवम अजैविक घटक मैं संबंध
ReplyDeleteविद्यार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ?
ReplyDeleteइस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना-कार्य एक बाल-केंद्रित सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषयमागी समूह निर्धारण कर उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने के अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है -
(01.) हमारे पालतू जानवर,गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना,उन्हें सुखाना,रंगना,सजाना एवं नाम देना।
(02.) भोजन के स्रोत अखबारों, पत्रपत्रिकाओं,पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना व नाम लिखना।
(03.) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिल-जुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना,ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04.) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी एकत्रित करन यथा -,इनके चित्र,नाम आदि।
(05.) पेड़-पौधे- हमारे आस-पास पाए जाने वाले पेड़-पौधे के नाम पता करना।
(06.) फसलों की जानकारी- हमारे गांव कि रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना,चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07.) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी, चंग और फूलों का निर्माण करना।
(08.) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
(09.) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र,पत्र-पत्रिकाएं इकट्ठा करना।
(10.) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़-पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु-पक्षियों की आकृतियां बनाना।
(11.) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
(12.) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
(13.) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है और क्यों लगती है ? दो सूचियां तैयार करना।
(14.) बीमारियों- हमारे आस-पास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
(15.) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
(16.) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल एवं पत्र- पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं विद्यार्थियों को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भी अत्यावश्यक है।
Pushpa singh MS bagh farhat afza phanda old city jsk-girls station bhopal
ReplyDeleteGroup activities ke liye students ko is type ke project diye Jane chahiye jinke objects, karya vidhi, and conclusions ke vishay se students acche se parichit project ko banane me use ki jane vali samgri unhe apne aas-pass ke parivesh me aasani se uplabdh ho jaye.students project ki kriya vidhi ko sabko samjha sake ki project kis avdharna ko clear kar raha hai.Banaye gaye project ke kya phayede hai.
, 2020 at 6:42 AM
ReplyDeleteThe activity in the group is based on the name of the rivers and getting the organic and abiotic components up to the project.
अवधारणा पौधोंकी जडो़ द्वारा पानी का अवशोषण होता है,|रंगीन पानी में किसी छोटे पौधे की जडो़ं को डुबाकर धूप में रखेगें कुछ समय पश्चात अवलोकन से शिक्षार्थी जायेगे की पौधे का तना रंगीन हो गया है अत: पौधों की जडे़ पानी का अवशोषण करती है |ठोस वस्तुएपानी में तैरती है ,समान भार का पत्तल नहीं इस तरह की अवधारणाएॅ परियोजना के रुप में दी जा सकती है|
ReplyDeleteनाम संध्या रघुवंशी प्राथमिक शिक्षक एकीकृत शाला माध्यमिक विद्यालय एनएफएल जिला गुना (मध्य प्रदेश)
ReplyDeleteशिक्षार्थियों के समूह में शिक्षण परियोजना कार्य एक बाल केंद्रित सक्रिय पद्धति है ।पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण कैसे होता है जल और वायु प्रदूषण से बच्चे अधिकतर जागृत होते हैं ,किंतु रेडियोधर्मी और ध्वनि प्रदूषण से हमें क्या क्या हानियां होती हैं इन सब प्रदूषण और जल प्रदूषण के बारे में हम चर्चा करेंगे ,बच्चों के समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रेषित कर साथ ही स्वच्छता घर व विद्यालय पर समूह में चर्चा कर, समूह में समाचार पत्र से संबंधित देश विदेश की चर्चा करना , पत्तियों सेआकृतियां बनाना पेड़ पौधे से हमें क्या लाभ है या संबंधित अधिगम शिक्षण आदि आदि से होने वाले लाभ और साथ में वन विहार ऐतिहासिक इमारतें संबंधित चर्चा करना।परियोजनाएं शिक्षार्थियों को विद्यालय में समूह में बच्चें एक दूसरे का सहयोग कर मानसिक रूप से स्वस्थ एवं स्वतंत्रता पूर्वक ढंग से एक रचनात्मक तरीके से मिलजुल कर ज्ञान और समाज का कौशल विकसित होता है, हम शिक्षक छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान बच्चों के कार्य करने, विचार रखने ,समझने ,सोचने, सुनने , और बोलने का अवलोकन करते हुए उनका सहयोग कर सकते हैं ,और बच्चों को समूह में जैविक, अजैविक घटक ,भोजन के स्रोत ,मिट्टी से बने जानवरों के चल -चित्र आदि परियोजना समूह शिक्षण का हिस्सा बन बच्चों में बाल केंद्रित समज को ध्यान में रख बच्चो मैं अधिगम की कौशल का हिस्सा बन सकता है धन्यवाद।
विद्यार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ?
ReplyDeleteइस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना-कार्य एक बाल-केंद्रित सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषयमागी समूह निर्धारण कर उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने के अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है -
(01.) हमारे पालतू जानवर,गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना,उन्हें सुखाना,रंगना,सजाना एवं नाम देना।
(02.) भोजन के स्रोत अखबारों, पत्रपत्रिकाओं,पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना व नाम लिखना।
(03.) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिल-जुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना,ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04.) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी एकत्रित करन यथा -,इनके चित्र,नाम आदि।
(05.) पेड़-पौधे- हमारे आस-पास पाए जाने वाले पेड़-पौधे के नाम पता करना।
(06.) फसलों की जानकारी- हमारे गांव कि रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना,चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07.) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी, चंग और फूलों का निर्माण करना।
(08.) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
(09.) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र,पत्र-पत्रिकाएं इकट्ठा करना।
(10.) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़-पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु-पक्षियों की आकृतियां बनाना।
(11.) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
(12.) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
(13.) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है और क्यों लगती है ? दो सूचियां तैयार करना।
(14.) बीमारियों- हमारे आस-पास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
(15.) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
(16.) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल एवं पत्र- पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं विद्यार्थियों को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भी अत्यावश्यक है।
शिक्षार्थियों के समूह का स्तर जैसा होगा उसे उसी तरह की अवधारणा आधारित परियोजना कार्य दिया जा सकता है जैसे कक्षा 6 टी के अंकुर समूह को विज्ञान के परियोजना कार्य के रूप में भोजन के अवयवों को जानने के लिए अपने दोस्तों के द्वारा खाने के बारे में पूछने और जानकारी को सारणी के रूप में लिखने को कहा जा सकता है
ReplyDeleteहम परियोजना कार्य के रूप में विद्यार्थियों को ऐसे कार्य दें, जो उन्हें प्रकृति के नजदीक ले जाए, सजीव, निर्जीव की पहचान करना, संतुलित आहार के बारें मे, त्यौहार, पेड़ की पत्तियों के बारें मे आदि !
ReplyDeleteसंतोष मुदगल, शा प्रा वि. महोना, jsk. -बालक पिछोर, डबरा, ग्वालियर
नमस्कार मैं सुंदर सूर्यवंशी माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला चिखली मु विकासखंड अमरवाड़ा विज्ञान में परियोजना कार्य के लिए बहुत सारे विषय हैं। जिसमें बच्चों के आसपास के विषय जैसे शुद्ध पेयजल, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण जैसी अवधारणाओं को शामिल किया जा सकता है। बच्चे इसमें समूह में कार्य करके और अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर सकते हैं। समाज के विभिन्न वर्गों के संपर्क में आने से भी उनकी विचारों नीतियों उनकी सोच आदि का आकलन आसानी से कर सकते हैं।।
ReplyDeleteमॉड्यूल 12 - गतिविधि 3: चिंतन करें
ReplyDeleteशिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती हैं?
शिक्षार्थियों के किसी समूह को किस प्रकार की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है ?
इस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
(01) हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
(02) भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
(03) ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
(04) हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि।
(05) पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
(06) फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
(07) कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
(08) तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
(09) सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना।
(10) पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना।
(11) स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
(12) संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
(13) डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना।
(14) बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
(15) पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
(16) ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भी आवश्यक है।
धन्यवाद !!!!!!
शिक्षार्थियों को समूह में परियोजना के रूप में कोई कार्य किस प्रकार दिया जाए ऐसे कई कार्य हैं जो हम विद्यार्थियों से समूह के रूप में परियोजना बनाकर करवा सकते हैं जैसे इतिहास में महापुरुष उनके चित्र उनके बारे में जानकारी डाक टिकट के द्वारा प्राचीन पुस्तकों के द्वारा करवा सकते हैं समूह बनाकर प्रत्येक को कार्य विभाजित कर परियोजना को सफल बनाया जा सकता है
ReplyDeleteविद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और दृष्टिकोण जाग्रत करने के लिए उन्हें सामूहिक गतिविधियां कराना चाहिए , ये विभिन्न प्रकार की कराई जा सकती हैं, जैसे:- अपने पर्यावरण से खाद्य श्रंखला की जानकारी एकत्र करके लाने हेतु या अपने आसपास पेय जल के साधनों की जानकारी एकत्र करने हेतु या ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी एकत्र करने के लिए ,आदि के लिए कहा जा सकता हैं।
ReplyDeleteParyavaran adhyayan Se chhatron Ke mansik sharirik Samajik Vikas Shahid sarawagi Vikas Hota Hai
ReplyDeleteवैज्ञानिक कौशल जैसे परिकल्पना,अवलोकन और पूव अनुमान के लिए समूह काम सही है समूह में एक दूससरे को सुनने और विचार साझा करने से छात्रों को सोचने मे मदद मिलती है।सभी को हम ऊर्जा सश्रोत,मृदु जल और कठोर जल में अंतर बताने जैसी अवधारणाओं को परियोजना कार्य के रुप में दे सकते हैं।
ReplyDeleteसमूह में गतिविधियों पर्यावरण आधारित एवं शिक्षण में कार्य एक बालकेन्दित सक्रिय पद्ती है। बच्चों को रबी एवं खरीफ की फसलों की पहचान एवं उनकी आयु व कक्षा के मानदंड अनुसार गतिविधियां करवाया जाना चाहिए।
ReplyDeleteNisha yadav hs chamelichowk sagar mp 23111018522
ReplyDeleteChatro ko ruchikr namo ke samuh me bat denge.fir kisi bhi avdharana ko samajhane ke liye topic ke aadhr pr gatividhi krvayenge,unhe khud krne ka avasr denge
परियोजना कार्य के रूप में छात्रों को समूह में वाट कर उनसे पोधो का वर्गीकारण करने के लिए कार्य दिया जा सकता है
ReplyDeleteछात्रों के समूहों को शोर करने वाले तथा संगीत🎤🎼🎹🎶 वाले उपकरणों की सूची बनाकर उसकी कक्षा में समूह वार विशलेषण करने को कहेंगे अरुणा शर्मा शा मा शाला खूंथी सतना
ReplyDeleteपरियोजना कार्य को समूह में बच्चों को बाँटकर करवाना चाहिए ।समूह में बच्चों को जोड़ ,घटाना के सवाल करवना,पेड़-पौधों केअंगों का वर्गीकरण करवाना चाहिए । बच्चों को समेकित शिक्षा देना चाहिए ।
ReplyDeleteबच्चों को अपने आस पास के पानी के स्रोतों की सूची तैयार कर, वर्षा जल के संग्रहित करने के बारे में रिपोर्ट तैयार करना।
ReplyDeleteसमूह में बच्चों को वैसे तो सभी प्रकार की अवधारणाओं को दिया जा सकता है परंतु खासकर इस बात का ध्यान दिया जाए कि वह अवधारणाओं को दिया जाए जो उनके सामाजिक परिवेश यह जिससे वह अपने घर के आस-पास देखते हैं उनसे संबंधित आवना अवधारणाओं को दे दी कार्य के लिए दिया जाएगा तो बच्चे उस में इंटरेस्ट से लेकर कार्य करेंगे और उनकी अवधारणा स्पष्ट आसानी से हो जाएगी
ReplyDeleteसमूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना
ReplyDeletebacchon Ko Pani ke strot Pani ke upyog Pani Pani shuddhikaran ke prakar Pani shuddh Pani se hone wali bimariyon ke bare mein swayam karke dikha karke humko pani ke bare mein aasani se samjhaya ja sakta hai
ReplyDeleteविद्यार्थियों को समूह में बिठाकर किसी कार्य को करना ही परियोजना है इसमें छात्रों को आसपास के वातावरण जलवायु पेड़ पौधे फसलों व्यवसाय की समझ को विकसित करना है मैंने सुना भूल गया मैंने देखा अब याद नहीं है परंतु आज मैंने किया वह मुझे कार्य करना आ गया है इस तरह विद्यार्थी भी जब किसी कार्य को करके देखेंगे तो उनकी समाज विकसित होगी वह कुछ सीख सकेंगे
ReplyDeleteऐसी अवधारणाएं जिनका विद्यार्थी अवलोकन,आकलन,विश्लेषण, निष्कर्ष निकाल सकें।जैसे भोजन के स्रोत।
ReplyDeleteहम विभीन्न प्रकार की अवधारणाओ पर आधारित परियोजना कार्य बच्चो को देते है जिससे उनकी समझ और विकसित एवं सृदृढ होती है।परियोजना कार्य एक बालकेंद्रित स्वाध्याय गतिविधी होती है जिसमे छात्र खुद तथ्य आंकडे अपने शिक्षक के मार्गदर्शन मे एकत्र करते है।हम जलीय जीव,आसपास के पौधो का वर्गीकरण ,जैसी अवधारणाओ पर परियोजना कार्य कराकर छात्रो की समझ को विकसित कर सकते है।अनिल केचे,स.शि.,प्रा.शा.भरियाढाना, पातालकोट,तामियाँ, छिंदवाड़ा, म.प्र..
ReplyDeletebacchon ke purv,jnan ke aadharit se ham Samuh me gatividhiya kar sakte hai jaisa ki ham jante hai ki baccha jiv- jantu ,per-podhe aur prakirtik, Ger-prakirtik bare me baat- chit karenge . Questions bhi karege .esse baccha khusi se sikh jayenge aur aanand bhi lenge .jase ,per ka bare me bacchon se aap ka ghar ka paas kitne par hai.aur kon kon per hai .nam batayi .Isi tarah se sabhi ke bare batayege.
ReplyDeleteसमूह में गतिविधि के रूप में आसपास के परिवेश के बारे में जैसे आसपास वातावरण मौसम प्रदूषण फसलें आदि पर गतिविधि कराई जा सकती है। जैसे पर्यावरण में सामाजिक पर्यावरण के बारे में गतिविधि जैसे समाज में ,घर में ,परिवार में, पड़ोस मे, गांव में ,शहर में आदि का रहन -सहन घर में जैसे दादा-दादी, चाचा -चाची ,पापा -मम्मी आदि का सामाजिक पर्यावरण मैं कैसे भूमिका निभाते हैं गतिविधि दी जा सकती है।
ReplyDeleteअवधारणा पौधोंकी जडो़ द्वारा पानी का अवशोषण होता है,|रंगीन पानी में किसी छोटे पौधे की जडो़ं को डुबाकर धूप में रखेगें कुछ समय पश्चात अवलोकन से शिक्षार्थी जायेगे की पौधे का तना रंगीन हो गया है अत: पौधों की जडे़ ं पानी का अवशोषण करती है |ठोस वस्तुएॅ पानी में तैरती है ,समान भार का पत्तल नहीं इस तरह की अवधारणाएॅ परियोजना के रुप में दी जा सकती है|
ReplyDeleteविज्ञान की ऐसी कई गतिविधियां हैं जो
ReplyDeleteबच्चों को समूह विशेष में परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती हैं
जैसे
पेड़, पौधों और झाड़ियों का वर्गीकरण
विभिन्न मिट्टियों का वर्गीकरण
पालतू एवं जंगली जानवरों का वर्गीकरण
उड़ने और जमीन पर चलने वाले जीवों का वर्गीकरण
विभिन्न ऋतुओं में आने वाली फसलों का वर्गीकरण
विभिन्न बीजों का वर्गीकरण
आदि ऐसी अवधारणाएं है जो
रुचिकर एवं मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी हैं...
धन्यवाद..
Latika jaiswal
ReplyDeleteG.P.S.Panjra,sarna chhindwara
SHIKSHAN M PARIYOJANA, CHATRO KA SAMUH NIRDHARN==
1.hmare aas pass paye jane wale ped podhe ke naam pta krna.
2.vibhnn prakar ki pttiyon se aakriti bnana(janwaro, pakshiyon)...
3. Chatroo se tyohaar v chitr banaker jankari prapt krna....
4. Chatroo m samuh banker mitti k khilone banwana....
5.kagaj ke khiloone,phool, patang,jahaj, chakri .....
परियोजना कार्य बाल केंद्रित होना चाहिए । तथा अवधारणा ऐसी होनी चाहिए जिसका विद्यार्थी आसानी से आकलन कर सकें तथा किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकें ।
ReplyDeleteनरेंद्र कुमार मिश्रा माध्यमिक शिक्षक
शासकीय माध्यमिक शाला atania
जिला छतरपुर मध्य प्रदेश ।
विद्यार्थियों के समूह को विभिन्न अवधारणायों से संबंधित परियोजनाए दी जा सकती है।जिनके द्वारा विविधता का अवलोकन कर उनके कारणों का पता लगा सकें।जैसे कि पालतू जानवर गीली मिट्टी से आकृतियों का बनाना रंग से सजाना ।दूसरा महापुरुषों के बारे में उनके चित्र लगाना।जानकारी देना ।आस पास के पेड़ पौधों के नाम उसके लाभ के बारे में आदि।कागज के खिलौने कागज चकरी पतंग नाव गेंद फूल कुछ जीव बनाना।इन सभी कार्यो को हम समूह बनाकर अच्छे तरीके से किये जा सकते हैं।
ReplyDeleteविद्यार्थियों के समूह को धातुओं के भौतिक गुणों की पहचान करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है ;जैसे आघातवर्धनीयता ,तन्यता, ऊष्मा और विद्युत की चालकता ,चमक, कठोरता आदि।
ReplyDeleteमहेंद्र कुमार जोशी स.शि.शा.प्रा. वि.सेमल्यानसर बच्चों को समूह मे परियोजना कार्य इस प्रकार दिया जाता है । नियमित एवं व्यवस्थित रुप से स्थित किया गया विचार एवं स्वरूप मै दैनिक जीवन मे किऐ गये कार्य जैसै - पशु गणना, पेड,पौधों की गणना ,सभी तरह के घरेलू कार्य करना एवं उनको सुची बंध्द करवाना ,विद्यार्थियों को परियोजना मै दिऐ जा सकते है।
ReplyDeleteबच्चों को परियोजना कार्य अनेक माध्यम से दिया जा सकता है।हम उन्हें घर में उपयोग होने वाले कपड़ों का वर्गीकरण करने का कह सकते हैं, जैसे कौनसा सूती है, कौनसा रेशमी है ,आदि।हम उन्हें घुलनशील और अघुलनशील वस्तुओं के वारे में परियोजना कार्य दे सकते हैं।
ReplyDeleteपर्यावरण की सुंदर जानकारी दी है।
ReplyDeleteऐसी अवधारणाएं जिनका विद्यार्थी अवलोकन,आकलन,विश्लेषण, निष्कर्ष निकाल सकें।जैसे भोजन के स्रोत।
ReplyDeleteऐसी अवधारणाएं जिनका विद्यार्थी अवलोकन,आकलन,विश्लेषण, निष्कर्ष निकाल सकें जो उसके आसपास ,पूर्व ज्ञान पर आधारित हो ।जिसमे समस्या को दूर करने के सुझाव, इन सुझावो पर कार्य करने के संसाधनो की पहचान,समस्याओ के निदान मे इनका उपयोग शामिल करना ।
ReplyDeleteविज्ञान के मूलभूत सिद्धांतो,विधियो ओर प्रक्रियाओ के आधार पर खरी उतरे ।
बच्चों को जल के स्त्रोत पर समुह मे परियोजना कार्य दे सकते हैं l बच्चे अपने घर में पानी के स्त्रोत पर बात करके अलग अलग जल के स्त्रोत ड्रॉ करेंगे उसके बारें में लिखेंगे l
ReplyDeleteविज्ञान का ज्ञान एक गतिशील एवं विस्तारित निकाय है इसमें अनुभवों के नए क्षेत्रों को सम्मिलित किया जाता है यहां ज्ञान एक संगठित प्रणाली है जो प्राकृतिक जिज्ञासा तार के तर्क और प्रयोग से विकसित पूछताछ पर आधारित है
ReplyDeleteछात्रों को परियोजना कार्य हेतु किसी पौधे या वृक्ष की देखभाल अथवा किसी जल स्त्रोत का सर्वेक्षण या फिर किसी साइंस सेंटर में प्रदर्शनी चित्र प्रदर्शनी या वर्किंग मॉडल का निरीक्षण हम छात्रों को सामूहिक रूप से देकर उनमें टीम भावना समूह में काम करना एक दूसरे के विचारों को साझा करना तर्क के साथ अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण आपसी सामंजस्य एवं तर्कों के आधार पर निरीक्षण तक पहुंचने का मौका यह सभी क्वालिटीज परियोजना के अंतर्गत छात्रों में समाहित की जा सकती हैं इसमें भाषा पर्यावरण गणित सभी विषयों का समावेश संभव है जिससे छात्र छात्राओं के बौद्धिक स्तर में उनके कौशल विकास में सहायता मिलती है और समझ विकसित होती है
ReplyDeleteपर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteविज्ञान एवं पर्यावरण की गतिविधियों में समय अधिक लगता है किन्तु अवधारणाएँ बिलकुल स्पष्ट हो जाती हैं...
ReplyDeleteइतिहास पढ़ाने की सबसे अच्छी विधि होगी छात्रों को ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण कराते हुए समझना, साथ ही पुरानी चीज़ों का संग्रह करके उनके बारे में ज्ञान अर्जित करना ।
ReplyDeleteमेरे विचार
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
Shiksharthi ke Samuho ko Ho ho paudhon se sambandhit it aur dharna de sakte hain jismein bacche a yah janenge ki kis prakar vardi karte Hain hamen use kitna labh milta hai hi aur aur aur ped paudhon ko bachane ke liye ye hamen kya karna chahie
ReplyDeleteइतिहास विषय का अध्ययन करने हेतु हमें बच्चों को प्राचीन काल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख सिक्के ताम्रपत्र स्मारक महल समाचार पत्र आदि दिखा सकते हैं इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों को विज्ञान की ऐसी अवधारणाओं के लिए परियोजना कार्य देना चाहिए जिनमें आसपास के क्षेत्रों में, घर/पडो़स, गांव/शहर आदि में भ्रमण कर अवलोकन करते हुए अवधारणा को प्रत्यक्ष रुप से ध्यान देते हुए समझ सके
ReplyDeleteकिसी समूह को प्रदूषण से सम्बंधित परियोजना कार्य सौंप कर विद्यालय के आस-पास उपलब्ध पेड़ पौधों ,तालाब एवं परिसर में ले जाकर गन्दगी के तरफ ध्यान दिलाकर, उसके दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं उपाय सोचें
ReplyDeleteपर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteहम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
Samuh ke rup me kary krna ek Bal kendrit shikshan padhti h. Samuh ke rup me kary krne hetu bachcho ko kai prakar ke pariyojana kary diye ja skte h. Jese - podhe ka vriddhi kram, paltu pashuo ki suchi banana, Dudharu pashuo ki suchi banana, aawagaman ke sadhano ki list taiyar krna, aadi.
ReplyDeleteविषय आधारित अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जानी चाहिए पेड़ पौधों पर आधारित गतिविधियों में छात्र केंद्रित अवधारणाएं पौधों के अंग उनके कार्य उनके लाभ विभिन्न प्रकार के पौधे छोटे एवं बड़े आदि का कार्य छात्रों के समूह में परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है वह अवलोकन संसाधनों की खोज परीक्षा आंकड़ों का एकत्रीकरण विश्लेषण आदि का उपयोग कर निष्कर्ष निकाल सकते हैं
ReplyDeleteविषय आधारित अवधारणाएं परियोजना कार्य के लिए दी जानी चाहिए जैसे पर्यावरण हमारे आसपास जो भी दिखाई देता है जैसे नदी, पहाड़, पशु पक्षी, पेड़ पौधे, आदि यही हमारा पर्यावरण है
ReplyDeleteविद्यार्थियों के समूह को हम जैविक अजैविक एवं वृद्धि के बारे में अवधारणाएं परियोजना के रूप में दे सकते हैं l बच्चों से स्वयं अवलोकन के द्वारा , जैविक अजैविक में होने वाली विशेषताओं एवं पौधों में वृद्धि के बारे में जान सकेंगे l एवं वह अवलोकन करके पौधों में वृद्धि एवं जैविक अजैविक के बारे में समझ विकसित कर सकेंगे ll
ReplyDeleteअपने आसपास की मिट्टी के बारे मे परियोजना कार्य छात्रों को दिया जा सकता है ।
ReplyDeleteThe students should give example or relative activities to their nearest surroundings .For boost their knowledge this activity must be done with their teacher in group.
ReplyDeleteहमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteपर्यावरण हमारे जीवन में महात्वपूरण अंग है पर्यावरण को जानना समझना जरूरी है यही बिज्ञान का अंग है
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक शारीरिक सामाजिक विकास होगा
ReplyDeleteबच्चों के किसी समूह को जीवजगत के जीवों के भोजन आवास चलने वाले रेंगने वाले थल जल तथा नभ में रहने वाले आदि के आधार पर वर्गीकरण जैसी अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है
ReplyDeleteबच्चों के किसी समूह को जीवजगत के जीवों के भोजन आवास चलने वाले रेंगने वाले थल जल तथा नभ में रहने वाले आदि के आधार पर वर्गीकरण जैसी अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है
ReplyDeleteविभिन्न प्रकार की पत्तियों का संग्रहण|
ReplyDelete4.जल,वन एवं मैदान की खाद्य श्रृंखला|
इत्यादि अनेको प्रकार की अवधारणा पर परियोजना कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधन,सामर्थ्य एवं उनकी क्षमता के अनुसार दिए जा सकते हैं|
छात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे व बीजों को एकत्रित करना व उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है इससे वे इनके बारे में जान सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों को प्रोजेक्ट कार्य के अवधारणा के लिए समूहों को हम निम्नलिखित कार्य दे सकते हैं:-
ReplyDelete1.पौधों के पत्तों को एकत्रित कर एक दूसरे से भिन्नता पता करना।
2.पेड़ केजों प
B.S.Kulaste A/T P.S.Baraudi Distt Dindori . *विद्यार्थियों को पर्यावरण की अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है*
ReplyDeleteइस संदर्भ में हम जानते हैं कि शिक्षण में परियोजना कार्य एक बाल-केंद्रित,सक्रिय पद्धति है। यह प्राथमिक शाला स्तर पर छात्रों का बिषमागी समूह निर्धारण कर, उनके आपसी सहयोग से किसी भी विषय की अवधारणा को प्राथमिकी के रूप में मूल समझ का विकास करने में अवसर प्रदान करना है।
हम अपने शिक्षणार्थियों के,समूह के लिए निम्न प्रकार की अवधारणाएं परियोजना कार्य के रूप में देना चाहेंगे।
हमारे पालतू जानवर- गीली मिट्टी से जानवरों की आकृतियां बनाना, उन्हें सुखाना,रंगना, सजाना,नाम देना।
भोजन के स्रोतअखबारों,पत्रपत्रिकाओं, पुरनी किताबों आदि से चित्र काटकर कार्ड शीट पर चिपकाना, नाम लिखना।
ईट बनाने की विधि- क्रमशः मिलजुलकर सरल वाक्य के रूप में लिखना ईट और इसके भट्टे का चित्र बनाना।
हमारे त्यौहार- गांव में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी इक्ट्ठी करना,इनके चित्र,नाम आदि। पेड़-पौधे- हमारे आस पास पाए जाने वाले पेड़ और पौधे के नाम पता करना।
फसलों की जानकारी- हमारे गांव की रवि और खरीफ की फसलों के नाम पता करना, चित्र ढूंढना चिपकाना।
कागज के खिलौने- कागज को काटकर गेंद नाव,हवाई जहाज,चकरी,चंगऔर फूलों का निर्माण करना।
तिरंगा झंडा- हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में मोबाइल से जानकारी प्राप्त करना।
सेनाओं की जानकारी- हमारे देश की तीनों सेनाओं के सैनिकों के चित्र पत्र पत्र कहां से इकट्ठा करना।
पत्तियों से आकृति बनाना- पेड़ पौधों की सुखी पत्तियों से चिपका कर पशु पक्षियों की आकृतियां बनाना।
स्वच्छता- घर और विद्यालय की स्वच्छता पर समूह चर्चा करना।
संचार के साधन- पुराने समय के और अभी के पत्र-पत्रिका से यह समाचार पत्रों से चित्र एकत्र करना।
डीजे की आवाज- किसे अच्छी और किसे खराब लगती है? और क्यों लगती है..? दो सूचियां तैयार करना।
बीमारियों - हमारे आसपास के लोगों को होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाना।
पतंग बनाने की सामग्री- बड़े भाई बहनों से पूछ कर पतंग बनाने की सामग्री का पता लगाना।
ऐतिहासिक इमारतें- मोबाइल पत्र-पत्रिकाओं या समाचार पत्रों से देश की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र एकत्र करना
पाठ्यपुस्तक आधारित और भी कुछ महत्वपूर्ण समूह-आधारित परियोजनाएं,शिक्षणार्थियो को स्वविवेक का प्रयोग करते हुए सीखने का खुला अवसर प्रदान करती हैं। छात्रों के परियोजना कार्य के दौरान हमारे द्वारा उनके कार्यों का आकलन करते हुए उनका सहयोग करना और उन्हें निरन्तर प्रेरित करते रहना भीआवश्यक ताकि वेअपने उद्देश्यों की पूर्ति आसानी से कर सकें।
धन्यवाद
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी+आवरण = पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदियां समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है पर्यावरण अध्ययन हमारे लिए एक एकीकृत विषय के रूप में उभर कर आता है
ReplyDeleteहम बच्चो को परियोजना कई माध्यम से दे सकते हैं- हम उनसे बोल सकते आपके घर के आस पास कितने पेड़ लगे हैं और किसके। हम उन्हें नदियों के नाम याद करने को दे सकते है ।हम उन्हें कचड़े के संदर्भ में बता सकते हैं। जैविक - आजैविक घटको की जानकारी आदि।
प्रोजेक्ट कार्य के रूप में हम बच्चों को समूह में निम्नलिखित कार्य दे सकते हैं।
ReplyDelete1.पेड़ के पत्तों में अंतर करना।
2.पेड़ के बीजों में अंतर करना।
3.नदियों के नाम याद करना।
इतिहास विषय काअध्धयन कराने हेतू हमें बच्चों को प्राचीनकाल की वस्तुओं को जैसे शिलालेख, सिक्के, ताम्र पत्र, स्मारक, महल,समाचार पत्र आदि दिखा सकते है इसके अलावा कविता कहानी भी सुना सकते हैं
ReplyDelete*अनोखी लाल शर्मा उच्च श्रेणी शिक्षक गणित शासकीय नूतन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इंदिरा नगर उज्जैन*
ReplyDeleteविद्यार्थियों को परियोजना कार्य देना वास्तव में उनके मानसिक विकास के लिए बहुत आवश्यक कदम है परियोजना से ही अर्थ है कि यह एक बड़ा कार्य है अर्थात इसको करने से बच्चे के मानसिक विकास में अधिक तेजी से वृद्धि होती है और यह कार्य उसे किसी विषय पर गहराई से सोचने के लिए मजबूर करता है जैसे हम बच्चों से कहें कि आप दो गम ले लीजिए और एक को सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में रख दीजिए और दूसरे को सूर्य के प्रकाश में रहने दीजिए कुछ दिनों बाद होने वाले परिवर्तनों पर अपने विचार लिखिए अर्थात अपने प्रेक्षण लिखिए बच्चा जब इस प्रकार की प्रक्रिया को देखता है कि धीरे धीरे अंदर रखा हुआ पौधा कब विकसित हो रहा है और सूर्य के प्रकाश में रखा पौधा अधिक विकसित हो रहा है तब उस के सोचने का तरीका बदलता है उसका मस्तिष्क कुर्ला से युक्त हो जाता है और वह लगातार सोचता है यही प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश होता है हम उसे कह सकते हैं कि आप किस प्रकार से यह साबित करेंगे कि जड़े पानी सूखती है तब्बू विभिन्न प्रकार के पौधों को बहुत गहराई से देखने की कोशिश करेगा और उसके दिमाग में सोचने की क्षमता बढ़ेगी इस प्रकार विभिन्न प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चे वैज्ञानिक सोच को आगे बढ़ाते हैं बच्चों से विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों की पत्तियों को तोड़कर लाने को कहें उन पत्तियों में विभिन्न अंतर के आधार पर सूची बनाने का कहें तब वे पत्तियों में अंतर समझेंगे ऐसे अनेकों कार्य हो सकते हैं अनोखी लाल शर्मा उच्च श्रेणी शिक्षक गणित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नौतन इंदिरा नगर उज्जैन
समूह में विद्यार्थियों को आसवन विधि द्वारा द्रव के मिश्रण का पृथकरण का परियोजना कार्य दिया जा सकता हैं।
ReplyDeleteProjects student Ka all over development krne Mai help krti hai kyuki vo padhi hui cheez ko activity ke form Mai krte hai toh unhe zyada acche se smjh aata hai jese unko germination pdhaya gyaa toh unhone 3 katoriyon Mai seed rkhne wala experiment Kiya
ReplyDeleteFirst bowl Mai bs seeds rkhe
Second bowl Mai paani Mai seeds sock krke rkhe
Third bowl Mai wet cotton Mai seeds rep krke rkhe
Jb bacchon me 3rd bowl Mai germination Dekha toh unhe acche se smjh Aaya ki germination ke liye air and water dono zaroori hai.
छात्रों को दिया जा सकता है कि हमें पेड़ पौधे किस प्रकार से लाभ पहुंच जाते हैं हम उन्हें अवधारणाएं दे सकते हैं हम उन्हें हमारे चारों ओर होने वाली प्राकृतिक घटना की अवधारणा दे सकते हैं
ReplyDeleteविद्यार्थियों को निम्न निम्न प्रकार की अवधारणा परियोजना कार्य के रूप में
ReplyDeleteदी जा सकती है - (1)-मिट्टी के खिलौने बनाना l (2)-विभिन्न प्रकार के मिट्टी के बर्तन बनाना l (3)हमारे आस-पास पाए जाने वाले पेड़ पौधे की जानकारी करना l (4)-हमारे आस-पास पाई जाने वाली फसलों की जानकारी प्राप्त करना l (5)-नऐ व पुराने संचार माध्यमों की सूची तैयार करना आदि l
समूह में गतिविधि नदियो के नाम आधारित एव प्रोजेक्ट जैविक एव अजैविक घटक करवाकर ।
ReplyDeleteपरियोजना कार्य के अंतर्गत हम बच्चों से कई तरह के कार्य करवा सकते हैं जिससे पौधों का वर्गीकरण करवाना मिट्टी के प्रकारों के बारे में पता लगाना
ReplyDeletekumari Ginni
ReplyDeleteaccording to me..activity in the group is based on the name of the river and by making organic and obiotic components up to the project
शिक्षार्थियों के समूह को किसी परियोजना पर जैसे पर्यावरण या भूगोल से संबंधित परियोजना पर कार्य करने के लिए उन्हें आसपास के क्षेत्र का भ्रमण करवाया जा सकता है तथा उनके अंदर एक सोच विकसित की जा सकती है कि वह चीजों को जिस प्रकार से देखते हैं उन्हें संबंधित विषय से जोड़कर देखें जिससे उन चीजों के प्रति उनकी संवेदनशीलता एवं नजरिया डेवलप होगा
ReplyDeleteOk
ReplyDeleteपरिवेश कीखोज अपने इलाके में पौधों की विविधता के बारे में अपने आसपास मोजुद ध्वनियोफूककर खरोंच कर चोट मारकर कर्षण द्वारा खींचकर छोड़ने ध्वनि्
ReplyDeleteपरियोजना कार्य आमतौर पर एक संगठित खोज, निर्माण याजक ऐसा कार्य है जो किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए निर्देशित होता है। धातुओं की अवधारणा जो दैनिक अनुभवों पर आधारित है धातुओं अधातु, प्रदूषण के उत्पादन कम करना मिट्टी में कटाव आदि।
समूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना
ReplyDeleteRivers name based project will be done
ReplyDeleteपर्यावरण हमारे चारों ओर का वातावरण जैसे पर्वत पहाड़ नदी या समुद्र मौसम जलवायु इत्यादि पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत हमारे चारों ओर के जैविक अजैविक घटक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है
ReplyDeleteओमप्रकाश पाटीदार प्रा.शा.नाँदखेड़ा रैय्यत विकासखंड पुनासा जिला खण्डवा
ReplyDeleteपर्यावरण की अवधारणायें परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है।शाला स्तर पर किसी अवधारणा को स्पष्ट करने के लिये छात्रों का समूह निर्धारण कर विषय से संबंधित समझ को विकसित करने के लिए कार्य दिया जा सकता है।
समूह शिक्षण के माध्यम से अवधारणा को आसानी से समझा जा सकता है कोई भी परियोजना समूह शिक्षण का हिस्सा हो सकती है
ReplyDeleteविद्यार्थियों के समूह को धातुओं के भौतिक गुणों की पहचान करने के लिए परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है ;जैसे आघातवर्धनीयता ,तन्यता, ऊष्मा और विद्युत की चालकता ,चमक, कठोरता आदि
ReplyDeleteछात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे व बीज को एकत्रित करना व उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है इससे छात्र पेड़ बीज के बारे में जानकारी और अधिक प्राप्त कर सकते हैं
ReplyDeleteमें योगेन्द्र सिंह रघुवंशी श मा शाला बेरुआ सिलवानी जिला रायसेन एमपी vigayn में समूह आधारित गतिविधि हो साथ ही कक्षा के वातावरण के साथ साथ आस पास का वातावरण से परिचय हो प्रयोग और वस्तिक ज्ञान पर जैविक अजैविक घटक घटकों के बीच परस्पर संबंध स्थापित हो
ReplyDeleteVigyan Mein samuh aadharit gatividhi Ho Sath hi kaksha ke vatavaran ke sath sath aaspaas ka vatavaran ke Pariksha ho prayog aur vast Vigyan per Jaivik ajaivik Ghatak ghatko ke bich Paraspar sambandh sthapit Ho.
ReplyDeleteछात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे एवं उनकी बीज एकत्रित करके उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूप में दिया जा सकता है इससे छात्र पेड़ पौधे एवं उनके बीच के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा कर पाएंगे।
ReplyDeleteछात्रों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे एवं उनकी बीज एकत्रित करके उनका वर्णन करना संबंधी परियोजना कार्य के रूपसमूह में गतिविधियां पर्यावरण आधारित पर्यावरण के आधार वा नदियों के नाम जैविक आजैविक घटक करवा कर समूह आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर जानकारी साझा करना में दिया जा सकता है इससे छात्र पेड़ पौधे एवं उनके बीच के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा कर पाएंगे।
ReplyDeleteAise project jinka avlokan vidyarthi Apne aaspaas ki prishthbhumi se kar sake aur nishkarsh nikal sake. 1 Jaise Apne a ghar ke sabhi sadasyon ki umra nikalna. 2 Apne aaspaas pahle wali bimariyon ke naam AVN se bachao. 3 Apne kshetra mein manaye Jane Wale pramukh tyohar AVN tyohar on ki visheshtaen. 5 Devendra prakar ke ped paudhon ke naam AVN abhineta aur samanta nikalna.
ReplyDeleteबच्चों को अपने आसपास के पानी के स्रोतों की सूची तैयार कर वर्षा जल के संग्रहित करने के बारे में अपने बुजुर्गों से चर्चा कर प्रोजेक्ट तैयार करना ।और राज्य और राजधानियों के बारे में
ReplyDeleteपता करना। मिट्टी के प्रकारों का पता करना ।और पेड़ पौधों की पत्तियों के बारे में जानना ।विभिन्न ऋतु में आने वाली फसलों का वर्गीकरण।। इस प्रकार परियोजनाके रूप में बच्चों को दे सकते हैं ।श्रीमती रीना जैन कन्या माध्यमिक विद्यालय फ्रीगंज भिंड
Paryavaran addhyan se students ki maansik shaaririk stithi m saaamajik vikas hoga
ReplyDeleteपर्यावरण संबंधी गतिविधियों के लिए और उनके वास्तविक ज्ञान के लिए विद्यार्थियों को स्वयं पर्यावरण के विभिन्न चीजों जैसे पेड़ पौधे नदी तालाब जीव जंतु जानवर आदि से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क हो जिससे वह वास्तविक पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त कर सके और अपने पर्यावरण को बेहतर
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ReplyDeleteशिक्षार्थियों के समूह को अवधारणाएँ परियोजना कार्य के रूप में दी जा सकती है:-
ReplyDeleteअपने परिवेश में उपलब्ध पेड़ पौधों के विभिन्न प्रकारों ,स्थिति, विभिन्नता आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में विद्यार्थियों को समूह के रूप में बांटकर हमारे परिवेश का शैक्षणिक भ्रमण करवाकर |
रानी पटेल प्राथमिक शिक्षक
कल्पना बेडेकर (प्र.अ.) जबलपुर
ReplyDeleteप्राकृतिक विभागों का अध्ययन करते समय
विज्ञान की विधियों ,कौशलों को ध्यान में रखकर
गतिविधियों को कराना चाहिए ।
मेरे विचार
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में एक गतिविधि आधारित कार्य योजना तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करना जैसे जल प्रदूषण वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण कैसे होता है इस पर एक कार्य नीत बनाएंगे तथा बच्चों को अधिगम प्रतिफल में इस ओर जानकारी प्रदान करेंगे कि बच्चे जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं साथ ही बाय प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वह जानते हैं साथ ही साथ जल प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों रोगों के बारे में अवगत होते हैं साथ ही साथ बाय प्रदूषण से उन्हें क्या हानियां होती हैं इसके बारे में वे समग्र रूप से जानते हैं इस हेतु एक कार्य नीति बनाकर उनके समक्ष प्रोजेक्ट कार्य हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
विद्यार्थियों के समूह को विभिन्न अवधारणायों से संबंधित परियोजनाए दी जा सकती है।जिनके द्वारा विविधता का अवलोकन कर उनके कारणों का पता लगा सकें।जैसे कि पालतू जानवर गीली मिट्टी से आकृतियों का बनाना रंग से सजाना ।दूसरा महापुरुषों के बारे में उनके चित्र लगाना।जानकारी देना ।आस पास के पेड़ पौधों के नाम उसके लाभ के बारे में आदि।कागज के खिलौने कागज चकरी पतंग नाव गेंद फूल कुछ जीव बनाना।इन सभी कार्यो को हम समूह बनाकर अच्छे तरीके से किये जा सकते हैं।
ReplyDeleteविद्यार्थियो के कोसमूह मे विभिन्न अवधारणा ऐ से सम्बन्धित गतिविधियाँ कराई जाए मिट्टी से खिलोने बनवाए उनके नाम व उपयोग बताना
ReplyDeleteखरीब व रबि,दलहन व तिलहन फसलो के नाम लिखे ।
प्रभावती शर्मा एंकर शाला शा मा वि गिर दौड़ा
विज्ञान और वैज्ञानिक कौशलों जैसे-परिकल्पना,अवलोकन और पूर्वानुमान के लिए समूह कार्य भली भांति उपयुक्त है,समूह में एक-दूसरे को सुनने और विचार साझा करने से विद्यार्थियों को सोचने में मदद मिलती है।समूह को हम ऊर्जा स्त्रोत, मृद अथवा कठोर जल स्त्रोतों का पता लगाने जैसी अवधारणाओं को परियोजना कार्य के रूप में दे सकते है।
ReplyDeleteयह ट्रेनिंग बच्चों एवं शिक्षकों दोनो के लिए लाभकारी है
ReplyDeleteबच्चों के समूह को निम्नानुसार कार्य सोंपे जा सकते हैं--
ReplyDeleteपत्तियां एकत्रित करना
बीज एकत्रित करना
मूंग या चना के दाने भिगोकर अंकुरण का अवलोकन करना।
आदि ।
Pmv GURAULA MANIKPUR CHITRAKOOT up se
ReplyDeleteScience ek, new ideas ko khojne ki kalpna h.
,विग्यान शिक्षण में प्रयोग कार्य महत्वपूर्ण है.इसमें विद्यार्थी शिक्षक के मार्गदर्शन में कार्य करता है.
ReplyDeleteपरियोजना कार्य में छात्र अपनी मेंहनत एवं लगन से विभिन्न कार्य करता है.इससे उन्हें कठीन स्थितियों में. समस्याओं का समाधान करने की प्रेक्टीस होती है.
धन्यवाद.साथियों....