मॉड्यूल 10 गतिविधि 3 : विचार करें
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किस तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे?
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ऐतिहासिक साहित्य के साथ साथ वास्तुसिल्प एवं कला संस्कृति का समावेश करते हुए समझाना।
ReplyDeleteHam jis historical literature k bare Mai baccho ko padayenge usse related sabhi jankari collecte karege...Jo adhigam ko rochak bana sake
Delete...तत्कालीन सिक्के, डाक-टिकिट, शिलालेख, ताड़पत्र ताम्रपत्र एवं साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करेंगे साथ ही पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले-मंदिरों आदि का भ्रमण कराएंगे।
Deletehttps://mp-nishtha.blogspot.com/2020/11/10-3.html?m=1
DeleteOm Prakash Pandey. तत्कालीन सिक्के, डाक-टिकिट, शिलालेख, ताड़पत्र ताम्रपत्र एवं साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करेंगे साथ ही पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले-मंदिरों आदि का भ्रमण कराएंगे।
DeletePs Khedicourt
ReplyDeleteउस विशेष अवधि के चित्र, लोक कथाएं , साहित्य,प्रतीकात्मक वस्तुएं आदि।
Yes
ReplyDeleteIsake liye unhen coin chitra katha ,musium dikhana historical place dikhakar, vishesh samay ki jankari aasani se mil,sakti hai
DeleteR.K.Satankar Betul
ReplyDeleteहम इतिहास के जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं तो हम उस समय की ऐतिहासिक चीजो को एकत्रित करेगें |
ऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे ।
उस अवधि के परिवेश से संबंधित जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि
वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
I agree with you
Deleteनमस्कार,
ReplyDeleteप्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षार्थियों को जब हम इतिहास विषय से संबंधित, किसी ऐसी अवधारणा या अध्ययन पर किसी विशेष अवधि की समग्र समाज विकसित कर रहे हो तब हमें सर्वप्रथम विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी दी गई अवधारणा पर बेझिझक होकर अपने प्रश्न पूछ सकें, क्योंकि यह प्रमाणित किया जा चुका है कि जो विद्यार्थी अपने प्रश्न का उत्तर शिक्षा किया अन्य व्यक्ति से पाता है वह उसके मस्तिष्क की स्थाई समझ में परिणित हो जाता है। जहां एक और इतिहास विषय में अभूतपूर्व जिज्ञासाओं को जन्म देने का गुण हैं वही इसका दूसरा पहलू इसे याद करने पर भूल जाने का गुण अपने आप में छुपाए हुए हैं।शायद यही कारण है कि इतिहास को विभिन्न विशेष समयावधियों के खंडों में विभक्त किया गया है।
हमारे विचार से-इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए छात्रों के समक्ष कक्षा में सहायक सामग्री के रूप में इतिहास के प्रमुख स्रोत जैसे-पाषाण उपकरणों के चित्र जीवाश्म,मिट्टी के बर्तन,शिलालेख,सिक्कों के चित्र,हथियारोंचित्र,मंदिर'महल,मस्जिद,भोजपत्र,ताम्रपत्र,ताड़-पत्र,पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण तथा ऐसी पुस्तकें जो किसी एक विचारधारा को बल ना देती हो का सहारा लेना चाहिए।
छात्रों की एकाग्रता एवं रुचि को बनाए रखने के लिए हम उन्हें विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने वेब लिंक आईटीसी टूल्स,सॉफ्टवेयर,एप्लीकेशन एवं डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर सकते हैं।
धन्यवाद।
संतोष कुमार अठया
(सहायक शिक्षक)
शासकीय प्राथमिक शाला,एरोरा
जिला-दमोह (म.प्र.)
शाला डाइस कोड- 23120300502
मोबाइल नंबर - +919893106699
किसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तके, ऐतिहासिक चित्र, पाषाण,
ReplyDeleteहस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगे।
नमस्कार,
ReplyDeleteप्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षार्थियों को जब हम इतिहास विषय से संबंधित, किसी ऐसी अवधारणा या अध्ययन पर किसी विशेष अवधि की समग्र समाज विकसित कर रहे हो तब हमें सर्वप्रथम विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी दी गई अवधारणा पर बेझिझक होकर अपने प्रश्न पूछ सकें, क्योंकि यह प्रमाणित किया जा चुका है कि जो विद्यार्थी अपने प्रश्न का उत्तर शिक्षा किया अन्य व्यक्ति से पाता है वह उसके मस्तिष्क की स्थाई समझ में परिणित हो जाता है। जहां एक और इतिहास विषय में अभूतपूर्व जिज्ञासाओं को जन्म देने का गुण हैं वही इसका दूसरा पहलू इसे याद करने पर भूल जाने का गुण अपने आप में छुपाए हुए हैं।शायद यही कारण है कि इतिहास को विभिन्न विशेष समयावधियों के खंडों में विभक्त किया गया है।
हमारे विचार से-इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए छात्रों के समक्ष कक्षा में सहायक सामग्री के रूप में इतिहास के प्रमुख स्रोत जैसे-पाषाण उपकरणों के चित्र जीवाश्म,मिट्टी के बर्तन,शिलालेख,सिक्कों के चित्र,हथियारोंचित्र,मंदिर'महल,मस्जिद,भोजपत्र,ताम्रपत्र,ताड़-पत्र,पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण तथा ऐसी पुस्तकें जो किसी एक विचारधारा को बल ना देती हो का सहारा लेना चाहिए।
छात्रों की एकाग्रता एवं रुचि को बनाए रखने के लिए हम उन्हें विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने वेब लिंक आईटीसी टूल्स,सॉफ्टवेयर,एप्लीकेशन एवं डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर सकते हैं।
धन्यवाद।
गणेशराव देशमुख
(प्राथमिक शिक्षक)
शासकीय प्राथमिक शाला बेहड़ी, आमला
जिला-बैतूल (म.प्र.)
शाला डाइस कोड- 23350105001
नमस्कार,
ReplyDeleteप्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षार्थियों को जब हम इतिहास विषय से संबंधित, किसी ऐसी अवधारणा या अध्ययन पर किसी विशेष अवधि की समग्र समाज विकसित कर रहे हो तब हमें सर्वप्रथम विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी दी गई अवधारणा पर बेझिझक होकर अपने प्रश्न पूछ सकें, क्योंकि यह प्रमाणित किया जा चुका है कि जो विद्यार्थी अपने प्रश्न का उत्तर शिक्षा किया अन्य व्यक्ति से पाता है वह उसके मस्तिष्क की स्थाई समझ में परिणित हो जाता है। जहां एक और इतिहास विषय में अभूतपूर्व जिज्ञासाओं को जन्म देने का गुण हैं वही इसका दूसरा पहलू इसे याद करने पर भूल जाने का गुण अपने आप में छुपाए हुए हैं।शायद यही कारण है कि इतिहास को विभिन्न विशेष समयावधियों के खंडों में विभक्त किया गया है।
हमारे विचार से-इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए छात्रों के समक्ष कक्षा में सहायक सामग्री के रूप में इतिहास के प्रमुख स्रोत जैसे-पाषाण उपकरणों के चित्र जीवाश्म,मिट्टी के बर्तन,शिलालेख,सिक्कों के चित्र,हथियारोंचित्र,मंदिर'महल,मस्जिद,भोजपत्र,ताम्रपत्र,ताड़-पत्र,पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण तथा ऐसी पुस्तकें जो किसी एक विचारधारा को बल ना देती हो का सहारा लेना चाहिए।
छात्रों की एकाग्रता एवं रुचि को बनाए रखने के लिए हम उन्हें विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने वेब लिंक आईटीसी टूल्स,सॉफ्टवेयर,एप्लीकेशन एवं डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर सकते हैं।
धन्यवाद।
गणेशराव देशमुख
(प्राथमिक शिक्षक)
शासकीय प्राथमिक शाला बेहड़ी, आमला
जिला-बैतूल (म.प्र.)
शाला डाइस कोड- 23350105001
हम उस समय की समस्त सामग्री शिल्प कलाएं सिक्के आदि एकत्र करें गे तथा बच्चों को इतिहास संबंधी सरल और रोचक अध्ययन करायेंगे।
ReplyDeleteCoins literature travel literature historical building etc
ReplyDeleteBela Bartaria
ReplyDeleteउस अवधि विशेष से संबंधित साहित्य , स्थान की चर्चा , सिक्के , घटनाओं का वर्णन आदि माध्यम से समझाया जा सकता हैI
पुराने सिक्के उस अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
ReplyDeleteउस समय हस्तकला शिल्प कला ग्रंथ साहित्य निर्मित इमारत राजा महाराजाओं द्वारा अच्छे किए गए कार्य स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले सेनानियों के नाम उनके अच्छे कार्यों का वर्णन भी हम कर सकते हैं ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण कर छात्र छात्राओं को अवगत कराया जा सकता है हम कुछ डाक टिकटों का संग्रह कर सकते हैं और छात्र छात्राओं को बताकर इतिहास से अवगत करा सकते हैं
ReplyDeleteरामेश्वर श्रीवास्तव शिक्षक कन्या हाथीखाना दतिया आपके द्वारा इतिहास भूगोल और राजनीति के तथ्यों को देकर विषय को सरल और रुचिकर बनाया गया है
ReplyDeleteमैं रघुवीर गुप्ता शासकीय प्राथमिक विद्यालय नयागांव संकुल सहसवान विकासखंड विजयपुर जिला शिवपुर मध्य प्रदेश इतिहास जानने के मुख्य स्रोत के रूप में हमें उस जमाने के सिक्के शिलालेख तथा खुदाई से प्राप्त हथियार वगैरा आदि का हम संग्रह कर बच्चों को उस इतिहास के बारे में जानकारी दे सकती हैं इसके अलावा उस समय के समाचार पत्र पत्रिका में प्रकाशित खबरें विद्या जाने का स्रोत हो सकती हैं कई शिलालेख शिल्पा जैसे अशोक के शिलालेख हैं इस प्रकार के शिलालेखों के द्वारा बच्चों को जानकारी दी जा सकती है बच्चों को इतिहास जानने के लिए उनको प्रैक्टिकल रूप में सब्जी सिखाया जाए क्योंकि अगर बच्चे वास्तविक ज्ञान प्राप्त करेंगे तो वह इतिहास को भूल नहीं पाएंगे क्योंकि इतिहास एक ऐसी वस्तु है अगर इसको समझ कर याद नहीं किया गया तो इसको बोलने में भी देर नहीं लगती है अतः बच्चों के साथ प्रायोगिक रूप से इतिहास को पढ़ाया जाए सिक्कों का प्रयोग कर शिलालेख शिलालेखों का उदाहरण देकर के उस समय की मुद्रा उस समय के अखबार आज शोध को जानने के स्रोत हो सकते हैं इतिहास हमें बीते जमाने की जानकारी देता है कि हमारे जो राजनैतिक नेता थे हमारे जो राजा महाराजा थे उनका जीवनकाल कैसा था उन्होंने कौन-कौन सी शासन प्रणाली अपनाई थी हड़प्पा और मोहनजोदड़ो नगर नगरों से हमारी प्राचीन सभ्यता का पता चलता है इसी प्रकार भीमबेटका में जो चलचित्र हैं उन के माध्यम से भी हमें हमारे इतिहास की जानकारी मिलती है और बच्चे हमारे प्राचीन इतिहास का अनुभव करते हैं मेरे विचार से बच्चों को इतिहास पढ़ाते समय ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक रूप से पढ़ाया जाए ताकि उनका जो ज्ञान हो वह मजबूत हो और उसे वह भूले नहीं
ReplyDeleteबच्चों को इतिहास के स्रोत जानने के लिए उन्हें प्राचीन सिक्कों प्राचीन इमारतों तथा प्राचीन दार्शनिक स्थलों का भ्रमण कराया जाए उस जमाने के शिलालेख हैं उनको बच्चों से करवाया जाए और उन्हें दिखाया जाए उस समय की जो लिपि है ऐसे पांडुलिपि आदि को बच्चों से अवगत कराया जाए इसके अलावा भीमबेटका में चलचित्र अशोक के स्तंभ आदि के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाए और उनको इतिहास को समझने में मदद की जाए इसके अलावा जो समाचार पत्र पत्रिकाएं हैं उन के माध्यम से भी हम इतिहास को जानने में उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों को इतिहास के स्रोत जानने के लिए उन्हें प्राचीन सिक्कों प्राचीन इमारतों तथा प्राचीन दार्शनिक स्थलों का भ्रमण कराया जाए उस जमाने के शिलालेख हैं उनको बच्चों से करवाया जाए और उन्हें दिखाया जाए उस समय की जो लिपि है ऐसे पांडुलिपि आदि को बच्चों से अवगत कराया जाए इसके अलावा भीमबेटका में चलचित्र अशोक के स्तंभ आदि के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाए और उनको इतिहास को समझने में मदद की जाए इसके अलावा जो समाचार पत्र पत्रिकाएं हैं उन के माध्यम से भी हम इतिहास को जानने में उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteनमस्कार मैं सुंदर सूर्यवंशी माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला चिखली मु विकासखंड अमरवाड़ा
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र जानकारी को संकलित करने के लिए उस अवधि के दौरान साहित्यिक सांस्कृतिक वास्तुशिल्प लिपि स्मारक से हम जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं इस दौरानमाउंट सीट में इन सभी को बनाकर के डेमो के रूप में बच्चों को दिखा सकते हैं ताकि उस अवधि के दौरान के इतिहास की जानकारी बच्चे आसानी से प्राप्त कर सके कुछ कार्ड भी बना करके गतिविधि करा सकते हैं जैसे किसी बच्चे को एक साहित्य का दे देते हैं किसी बच्चे को स्मारक का किसी को वास्तुशिल्प का इनकी मदद से इनकी मदद से उस अवधि के इतिहास की जानकारी दे सकते हैं।
पुराने किले, गढ़ी, इमारतें इतिहास की बहुमूल्य धरोहरें हैं। इनके बारे में विस्तृत जानकारी हमारे एतिहासिक ज्ञान में वृद्धि करती है, एवं बच्चों को रूचिकर, ज्ञानवर्धक लगती है।
ReplyDeleteLatika jaiswal
ReplyDeleteG.p.s.panjra,sarna., chhindwara
Bachho m aitihasik imaraton ke chitr, aoojar, bhumulya dhrohar, mudraye, sanskriti ka smavesh करते hue, sral v rochk adhyan kr smjhya ja skta h.....
मैं पवनेश साहू (प्राथमिक शिक्षक) शा. उ. मा. विद्यालय बरखेड़ा स्टेशन जिला रायसेन मध्य प्रदेश
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस अवधि के चित्र, लोक कथाएं, साहित्य, प्रतीकात्मक वस्तुएं, वास्तु शिल्प, कला, संस्कृति, पाषाण शिलालेख, हस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं, प्रमुख आराध्य देवी देवता आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे।
Itihas ke us vishes samay ke sahity,lok kala,vashtukala,shila lekh,mudra,tamrpatr,mandir,maszid,sangrahalay,jaise sansadhno ka upyog kiya ja sakta hai.
ReplyDeleteहम उस समय के साहित्य सिक्के शिलालेख आदि चीजों का उपयोग करते हुये किसी विशेष स्मी की समकालीन जानकारिया प्राप्त करेंगे
ReplyDeleteहम उस समय के साहित्य सिक्के शिलालेख आदि चीजों का उपयोग करते हुये किसी विशेष स्मी की समकालीन जानकारिया प्राप्त करेंगे
ReplyDeleteऐतिहासिक साहित्य के साथ साथ उस विशेष अवधि के चित्र लोक कथाओं, पाषाण शिला लेख, एकत्रित कर समझ सकेंगे ।
ReplyDeleteउस समय के साहित्य,शिला लेख,इमारतें,सिक्के,आदि के माध्यम से जानकारियाँ प्राप्त करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास को समझाने के लिये प्राचीन किले मन्दिर आदि का भ्रमण कराएगे ।इसके साथ -
Deleteसाथ प्राचीन सिक्के टिकिट शिलालेख ताम्रपत्र आदि इकट्ठा करेंगे । इतिहास को समझाने के लिए हम उस समय की प्राचीन कला एवम् संस्कृति का समावेश करते हुए इतिहास को अच्छे से समझाया जा सकता है ।
हम उस समय की सभी वस्तुएं एकत्रित करेंगे जो कि उस समय की सभी घटनाओं,चित्रों के बारे में बताती है।पुराने राजा महाराजाओ की कहानी और पुराने किलो की जानकारी बच्चो को बता सकते है जो की बच्चों को रुचिकर ओर ज्ञानवर्धक लगती है और बच्चे आनंद लेकर ज्ञान अर्जित करते है।
ReplyDeleteपुराने किले, गढ़ी, इमारतें इतिहास की बहुमूल्य धरोहरें हैं। इनके बारे में विस्तृत जानकारी हमारे एतिहासिक ज्ञान में वृद्धि करती है, एवं बच्चों को रूचिकर, ज्ञानवर्धक लगती है।ऐतिहासिक साहित्य के साथ साथ उस विशेष अवधि के चित्र लोक कथाओं, पाषाण शिला लेख, एकत्रित कर समझ सकेंगे ।
ReplyDeleteमें योगेन्द्र सिंह रघुवंशी श मा शाला बेरुआ सिलवानी जिला रायसेन एमपी मेरे विचार सेइतिहास के जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं तो हम उस समय की ऐतिहासिक चीजो को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteसाहित्य निर्मित इमारत राजा महाराजाओं द्वारा अच्छे किए गए कार्य स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले सेनानियों के नाम उनके अच्छे कार्यों का वर्णन भी हम कर सकते हैं ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण कर छात्र छात्राओं को अवगत कराया जा सकता है हम कुछ डाक टिकटों का संग्रह कर सकते हैं और छात्र छात्राओं को बताकर इतिहास से अवगत करा सकते हैं
ReplyDeleteगति विधि भ्रमण बस्त्विक ज्ञान जरूरी है आस पास की जानकारी पूरी तरह ठीक से प्राप्त हो
ReplyDeleteहम उस विशेष कालिया समय के साहित्य पुस्तकें चित्रों का अध्ययन करते हैं उस काल से संबंधित शिलालेख इमारतें लोक कथाएं आदि के बारे में जानकारी एकत्रित करते हैं प्रचलित से को मोहरों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं इन माध्यमों से हम उसका अलवर समय के बारे में विस्तृत रूप से अपनी समझ को बढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteइतिहास के जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं तो हम उस समय की ऐतिहासिक चीजो को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे ।
उस अवधि के परिवेश से संबंधित जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि
वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें। साथ ही पुराने सिक्के एवं भित्ती चित्र के द्वारा भी इतिहास को समझाया जा सकता है।
In history teaching we use to maximum Tlm and Itc
ReplyDeleteThe concept must clear to the students
हम इतिहास के जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं तो हम उस समय की ऐतिहासिक चीजो को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे ।
हम उस समय की की घटनाओं के बारे में जानकारी लेकर इतिहास भूगोल पुरातत्व विभाग संबंधित के द्वारा समझाया जा सकता है।
ReplyDeleteग्लोब के द्वारा अक्षांश और देशांतर रेखाओं से बच्चे अच्छा सीखते हैं
ReplyDeleteग्लोब के द्वारा बच्चे अक्षांश और देशांतर रेखाओं के बारे में अच्छे से सीखते हैं
ReplyDeleteमैं बिजेन्द्र सिंह चौहान शंकुल शिक्षक प्र.अ.पू.मा.वि.न.बख्ती वि.ख.किशनी जनपद मैनपुरी उ.प्र.
Deleteनमस्कार,
प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षार्थियों को जब हम इतिहास विषय से संबंधित, किसी ऐसी अवधारणा या अध्ययन पर किसी विशेष अवधि की समग्र समाज विकसित कर रहे हो तब हमें सर्वप्रथम विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी दी गई अवधारणा पर बेझिझक होकर अपने प्रश्न पूछ सकें, क्योंकि यह प्रमाणित किया जा चुका है कि जो विद्यार्थी अपने प्रश्न का उत्तर शिक्षा किया अन्य व्यक्ति से पाता है वह उसके मस्तिष्क की स्थाई समझ में परिणित हो जाता है। जहां एक और इतिहास विषय में अभूतपूर्व जिज्ञासाओं को जन्म देने का गुण हैं वही इसका दूसरा पहलू इसे याद करने पर भूल जाने का गुण अपने आप में छुपाए हुए हैं।शायद यही कारण है कि इतिहास को विभिन्न विशेष समयावधियों के खंडों में विभक्त किया गया है।
हमारे विचार से-इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए छात्रों के समक्ष कक्षा में सहायक सामग्री के रूप में इतिहास के प्रमुख स्रोत जैसे-पाषाण उपकरणों के चित्र जीवाश्म,मिट्टी के बर्तन,शिलालेख,सिक्कों के चित्र,हथियारोंचित्र,मंदिर'महल,मस्जिद,भोजपत्र,ताम्रपत्र,ताड़-पत्र,पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण तथा ऐसी पुस्तकें जो किसी एक विचारधारा को बल ना देती हो का सहारा लेना चाहिए।
छात्रों की एकाग्रता एवं रुचि को बनाए रखने के लिए हम उन्हें विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने वेब लिंक आईटीसी टूल्स,सॉफ्टवेयर,एप्लीकेशन एवं डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर सकते हैं।
धन्यवाद।
मैं श्रीमती रुकसाना अंसारी प्राथमिक शिक्षक एक शाला एक परिसर प्राथमिक कन्या शाला चौरई में पदस्थ हूं। हम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे में जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तकें ऐतिहासिक चित्र पाषाण हस्तकला सामग्री औजार मुद्राएं संग्रहित कर ज्ञान व समाज का विकास कर सकेंगे धन्यवाद।
ReplyDeletePrachin itihas ki kitabo se, chitro se,prachin mudrao se sambandhit guan se etc.
ReplyDeleteबच्चो को किसी विशेष समय के सीक्के, अवशेष, ऐतिहासिक शिला लेख से अवगत कराना चाहिए
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय की ऐतिहासिक वस्तुओं को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता, इमारतें, भित्ति चित्र, स्टाम्प आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे । इतिहास से संबंधित परिवेश जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि/ इतिहास के वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
बच्चों को किसी विशेष समय के सिक्को अवशेष शिलालेख से अवगत कराना चाहिए
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय की ऐतिहासिक वस्तुओं को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता, इमारतें, भित्ति चित्र, स्टाम्प आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे । इतिहास से संबंधित परिवेश जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि/ इतिहास के वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय की ऐतिहासिक वस्तुओं को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता, इमारतें, भित्ति चित्र, स्टाम्प आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे । इतिहास से संबंधित परिवेश जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि/ इतिहास के वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
इतिहास मेंकिसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय की ऐतिहासिक वस्तुओं को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता, इमारतें, भित्ति चित्र, स्टाम्प आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे । इतिहास से संबंधित परिवेश जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि/ इतिहास के वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित
उस विशेष अवधि के चित्र, लोक कथाएँ, साहित्य, वस्तुये आदि
ReplyDeleteकिसी भी संग्रहालय मैं जाकर वह रखी चीजों से एकत्रित करेंगे ,ऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
ReplyDeleteहस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता, इमारतें, भित्ति चित्र, स्टाम्प आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे ।
में भानुप्रकाश ओझा मिडिल स्कूल हरीपुर गुना का विचार है कि किसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|सामाजिक विज्ञान बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है
ReplyDeleteराजपाल ठाकुर इतिहास की जानकारी प्राप्त करने के लिए पुराने सग्रहालय मे जाकर जानकारी इकड्डा करनी पड़ेगी उस समय की प्रमुख पुस्तके हस्तकला सामग्री औजार ,उस समय की मुद्राये ,प्रमुख आराध्य देवता 'इमारते विभीन्न पाषण शिला लेख एवं जो भी पथर पर लिखे गए लेख हे सबको इकड्डा करके हम जानकारी हासिल कर सकते है
ReplyDeleteइतिहास जानने की बहुत सारे स्त्रोत होते हैं जिनमें इतिहास के विभिन्न शिलालेख पुराने ग्रंथ विभिन्न प्रकार की अवशेष आदि से हम इतिहास के बारे में अच्छी तरह जान सकते हैं उन्हें समझ सकते हैं!
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हम उस अवधि के सिक्के चित्र, हस्तकला,पाषाण शिलालेख ,ताम्रपत्र, औजार किले ,नगर के अवशेष ,साहित्य आदि तथा पुरातत्व संग्रहालय में ले जाकर बच्चों को उस अवधि के इतिहास के बारे में ज्ञान कराएंगे।
ReplyDeleteकिसी भी संग्रहालय मैं जाकर वह रखी चीजों से एकत्रित करेंगे ,ऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
ReplyDeleteहस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता, इमारतें, भित्ति चित्र, स्टाम्प आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे ।
तीत को जानने के साधनों में साहित्य एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। जिसे पढ़कर हमें अतीत की आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति का ज्ञान होता है। ... रचनाकारों की दृष्टि से राजस्थानी साहित्य को 5 वर्गों में बांटा गया है -(1) चारण साहित्य (2) जैन साहित्य (3) संत साहित्य (4) ब्राह्मण साहित्य (5) लोक साह
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तके, ऐतिहासिक चित्र, पाषाण,
ReplyDeleteहस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगे। जैसे यदि हमें किसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इतिहास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
शिक्षार्थियों को जब हम इतिहास विषय से संबंधित, किसी ऐसी अवधारणा या अध्ययन पर किसी विशेष अवधि की समग्र समाज विकसित कर रहे हो तब हमें सर्वप्रथम विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी दी गई अवधारणा पर बेझिझक होकर अपने प्रश्न पूछ सकें, क्योंकि यह प्रमाणित किया जा चुका है कि जो विद्यार्थी अपने प्रश्न का उत्तर शिक्षा किया अन्य व्यक्ति से पाता है वह उसके मस्तिष्क की स्थाई समझ में परिणित हो जाता है। जहां एक और इतिहास विषय में अभूतपूर्व जिज्ञासाओं को जन्म देने का गुण हैं वही इसका दूसरा पहलू इसे याद करने पर भूल जाने का गुण अपने आप में छुपाए हुए हैं।शायद यही कारण है कि इतिहास को विभिन्न विशेष समयावधियों के खंडों में विभक्त किया गया है।
ReplyDeleteहमारे विचार से-इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए छात्रों के समक्ष कक्षा में सहायक सामग्री के रूप में इतिहास के प्रमुख स्रोत जैसे-पाषाण उपकरणों के चित्र जीवाश्म,मिट्टी के बर्तन,शिलालेख,सिक्कों के चित्र,हथियारोंचित्र,मंदिर'महल,मस्जिद,भोजपत्र,ताम्रपत्र,ताड़-पत्र,पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण तथा ऐसी पुस्तकें जो किसी एक विचारधारा को बल ना देती हो का सहारा लेना चाहिए।किसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|हम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तके, ऐतिहासिक चित्र, पाषाण,
हस्तकला सामग्री, औजार, आदि सामग्री संग्रहित कर वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगे।उस समय हस्तकला शिल्प कला ग्रंथ साहित्य निर्मित इमारत राजा महाराजाओं द्वारा अच्छे किए गए कार्य स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले सेनानियों के नाम उनके अच्छे कार्यों का वर्णन भी हम कर सकते हैं ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण कर छात्र छात्राओं को अवगत कराया जा सकता है हम कुछ डाक टिकटों का संग्रह कर सकते हैं और छात्र छात्राओं को बताकर इतिहास से अवगत करा सकते हैं।
छात्रों की एकाग्रता एवं रुचि को बनाए रखने के लिए हम उन्हें विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने वेब लिंक आईटीसी टूल्स,सॉफ्टवेयर,एप्लीकेशन एवं डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर सकते हैं।
विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों के बारे में चित्रों के माध्यम से विद्यार्थियों को रोचक जानकारी साझा करना
ReplyDeleteओमप्रकाश पाटीदार प्रा.शा. नाँदखेड़ा रैय्यत विकासखंड पुनासा जिला खण्डवा
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस विशेष अवधि के चित्र, लोक कथाए ,साहित्य, हस्तकला सामग्री, प्रमुख देवता, आदि सामग्री एकत्रित करेंगे।
अल्का बैस
ReplyDeleteप्राथमिक शाला कुकड़ा जगत छिन्दवाड़ा।
इतिहास की किसी विशेष अवधि की समझ को विकसित करने के लिए हम छात्र छात्राओं से उस समय या उस विशेष एतेहसिक क़ाल की बात करेंगे की उस काल में क्या क्या हुआ। हम उस एक रोचक कहानी के रूप में बच्चों को सुनाएंगे जिससे उनमें उस समय की ऐतिहासिक घटनाओं के प्रति रुचि पैदा हो। फिर उस घटना से जुड़े लोगों या महापुरुषों के बारे में बताएंगे कि वे कौन कौन थे वे कैसे थे। उन्होंने उस विशेष घटना के दौरान क्या क्या योगदान दिया। उन्हें महापुरुषों, घटनाओं, स्मारकों पर आधारित चार्ट, सिक्के, स्थान व ऐतिहासिक किताबों व विभिन्न लेखकों द्वारा लिखे गए वृत्तांत को पढ़ने सुनने को प्रेरित करेंगे। बच्चो पर उन घटनाओं का क्या प्रभाव पड़ेगा और वो उस स्थान, घटना व व्यक्ति को किस नज़रिए से देखते हैं इसपर लेख लिखने कहेंगे जिससे ये समझ आ सके कि उन्हें इतिहास पता होने के साथ साथ इसका क्या प्रभाव उनके अंतर्मन पर पड़ा।
हम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तके, ऐतिहासिक चित्र, पाषाण,
ReplyDeleteहस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगे।विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों के बारे में चित्रों के माध्यम से विद्यार्थियों को रोचक जानकारी साझा करना|
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले सेनानियों के नाम उनके अच्छे कार्यों का वर्णन भी हम कर सकते हैं ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण कर छात्र छात्राओं को अवगत कराया जा सकता है
ReplyDeleteHum baccho ko itihas ke bare me acche se samjhayege aur unse unke vichar puchenge
ReplyDeleteउस अवधि के परिवेश से संबंधित जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि
ReplyDeleteवातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस विशेष अवधि जिसकी हमें समझ विकसित करना है उस समय की मुद्राएं, उस समय की मूर्तियां, सिक्के हस्तकला विभिन्न यात्रियों द्वारा लिखे गए लेख, इमारतों के चित्र उस समय की पुस्तकें आदि स्त्रोतों को इकट्ठा करके समग्र समझ को विकसित करने का प्रयास किया जावेगा शिक्षक मदन गोपाल नामदेव शासकीय हाई स्कूल इमलिया नरेंद्र एकीकृत शाला जन शिक्षा केंद्र शासकीय सरोजनी नायडू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैरसिया विकासखंड बैरसिया जिला भोपाल
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ReplyDeleteहम इतिहास के जिस भी अबधि के बारे में जानना चाहते है तो हमे उस समय की चीजों को एकत्रित करेंगे। इसमें हम मुद्राये(सिक्के) इमारते, पुस्तके,शिलालेख,औजार आदि के बारे में जानकारी एकत्रित कर अबधि के बारे में जान सकेंगे।
ReplyDeleteनमस्कार,
ReplyDeleteमैं बलवीर सिंह कौरव माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक विद्यालय बावन पाएगा आनंद नगर ग्वालियर
किसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
🙏धन्यवाद🙏
किसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस अवधि के डाक टिकट, सिक्के, आदि इकट्ठा करना होंगे।
ReplyDeleteअमर सिंह सोलंकी शासकीय माध्यमिक विद्यालय द्वारका नगर फंदा पुराना शहर भोपाल 462010
इतिहास के अध्ययन में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का क्यों किया जाता है प्राचीन काल की इतिहास ओं का भ्रमण उन पर अंकित चित्रकारी पुरातत्व इमारतों का अध्ययन उन पर अंकित चित्रकारी भाषा शैली चट्टान के प्रकार आयु आदि का ज्ञान करने में इतिहास बहुत सहायक सिद्ध होगा अजीत सिंह भदोरिया माध्यमिक शाला मोहाली तहसील डोलरिया जिला होशंगाबाद
ReplyDeleteWe will collect archeological information about the events of history then start a initiative to discuss on it.
ReplyDeleteहम अपना इतिहास कहावतो कथाओं कहानियों स्थानीय गायन गीत नाटक सम्वाद खोज के साथ साथ चित्र मुर्ति मुद्रा आदि विभिन माध्यमो से जान सकते है,,
ReplyDeleteसिक्के, बर्तन एवं मूर्तियों द्वारा विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष विषय पर हम अवधारणा विकसित करने के लिए पुराने अखबार या विभिन्न पुराने लेखकों की पुस्तकें जिसमें इतिहास के बारे में पूरा विवरण लिखा हो इसके अतिरिक्त हम विभिन्न पांडुलिपियों को भी एकत्रित कर सकते हैं। जिस अवधि के दौरान का वर्णन हमें करना है उस अवधि में विभिन्न कार्यों का वर्णन पुरानी पुस्तकें और उस दौर की लिखे हुए ताम पत्र मंदिरों आदि की दीवारों पर लिखे हुए या नक्काशी किए हुए शिलालेख आदि के चित्र हम ले सकते हैं।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष विषय पर हम अवधारणा विकसित करने के लिए पुराने अखबार या विभिन्न पुराने लेखकों की पुस्तकें जिसमें इतिहास के बारे में पूरा विवरण लिखा हो इसके अतिरिक्त हम विभिन्न पांडुलिपियों को भी एकत्रित कर सकते हैं। जिस अवधि के दौरान का वर्णन हमें करना है उस अवधि में विभिन्न कार्यों का वर्णन पुरानी पुस्तकें और उस दौर की लिखे हुए ताम पत्र मंदिरों आदि की दीवारों पर लिखे हुए या नक्काशी किए हुए शिलालेख आदि के चित्र हम ले सकते हैं।
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मे जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तके, ऐतिहासिक चित्र, पाषाण,हस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगेऔर उस समय के बारे मे इतिहास करो के वीडियो भी देख सकते है
ReplyDeleteअखिलेश भारद्वाज(प्राथमिक शिक्षक)
ReplyDeleteशासकीय जवाहर कन्या हाईस्कूल छिंदवाड़ा
इतिहास में किसी विशेष विषय पर हम अवधारणा विकसित करने के लिए पुराने अखबार या विभिन्न पुराने लेखकों की पुस्तकें जिसमें इतिहास के बारे में पूरा विवरण लिखा हो इसके अतिरिक्त हम विभिन्न पांडुलिपियों को भी एकत्रित कर सकते हैं। जिस अवधि के दौरान का वर्णन हमें करना है उस अवधि में विभिन्न कार्यों का वर्णन पुरानी पुस्तकें और उस दौर की लिखे हुए ताम पत्र मंदिरों आदि की दीवारों पर लिखे हुए या नक्काशी किए हुए शिलालेख आदि के चित्र हम ले सकते हैं।तात्कालिक समय के सिक्के, शिलालेख, स्मारक,भवन,किले,घटित घटना आदि से अच्छी तरह से समझा सकते है।
प्राचीन इतिहास को डाक टिकट ,अखबार ,कार्टून, ऐतिहासिक इमारतें , साहित्य, सीक्रेट -रेडियो ,मानचित्र ,नाटक ,सिक्के ,शाला का इतिहास, आकृति , चित्र या टेबल द्वारा , मौखिक इतिहास -दादा-दादी नाना-नानी द्वारा ,ताम्रपत्र ,ताड़ पत्र, लोकगीत आदि के द्वारा हम इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तके, ऐतिहासिक चित्र, पाषाण,
ReplyDeleteहस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगे।
ग्लोब के द्वारा अक्षांश और देशांतर रेखाओं से बच्चे अच्छा सीखते हैं
हम उस विशेष अवधि के चित्र, शिलालेख, ताम्रपत्र आदि इकट्ठा करेंगे ताकि विषय को गहराई से समझा सकें
ReplyDeleteउस अवधि के समाचार पत्र पुराने सिक्के मूर्तियां पुराने भवन पुरानी गलियां एवं उस समय के जो भी रीति रिवाज थे जो सांस्कृतिक कार्यक्रम थे जो विवाहित रीति रिवाज थे उन सब के बारे में लिखित में हम सामग्री कट्टा करेंगे और विद्यार्थियों को प्रदर्शित कर ऐसी ही सामग्री यदि उनके घर या उनके घर के आसपास मिलती है तो प्रोजेक्ट के रूप में उसे इकट्ठा कर आपस में उस में चर्चा करने के लिए हम गतिविधि निर्माण करें
ReplyDeleteइतिहास में समग्र समझ विकसित करने के लिए उस समय के तथ्यों के बारे में बताना चाहिए उस समय के सिक्के को दिखाते हुए बच्चों से गतिविधि कराते हुए शिक्षण कार्य को रोचक बनायें गे
ReplyDeleteशरद कुमार श्रीवास्तव,शिक्षक,माध्यमिक शाला सुनपुरा,जिला विदिशा,मध्य प्रदेश।
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि की समग्र समझ को विकसित करने के लिए हमें उस अवधि में प्रयुक्त हुए दस्तावेजों को खंगालना पड़ेगा। उन दस्तावेजों में-उस समय के प्रचलित सिक्के हो सकते हैं, डाक टिकट हो सकते हैं,ऐतिहासिक इमारतें हो सकती हैं, खुदाई के अवशेष हो सकते हैंlकिसी -किसी परिस्थिति में उस समय के समाचार पत्रों में छापी गई जानकारियां हो सकती हैं।कार्टून भी उस अवधि की जानकारी देने में मददगार साबित हो सकते हैं। हम जिन दस्तावेजों का अध्ययन में उपयोग कर रहे हैं उनकी सत्यता की कसौटी तर्क के आधार पर करना पड़ेगी, जिससे हम सही सही समझ विकसित कर पाएं।
शरद कुमार श्रीवास्तव,शिक्षक, माध्यमिक शाला सुनपुरा जिला विदिशा मध्य प्रदेश
us time k sikke pehnava bhasa or chitro ki madad se gatiwidhi dwara batayge
ReplyDeleteus time k sikke pehnava bhasa or chitro ki madad se gatiwidhi dwara batayge
ReplyDeleteहम उस समय के साहित्य सिक्के शिलालेख आदि चीजों का उपयोग करते हुये किसी विशेष स्मी की समकालीन जानकारिया प्राप्त करेंगे
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
ReplyDeleteविभिन्न पौराणिक सिक्के एवं शिलालेखों की खोज एवं सैर संग्रहालय एवं शिलालेखों पर लिखे पौराणिक चित्र ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी।
ReplyDeleteपौराणिक सिक्के एवं सिक्कों पर बने राजा रानी के चित्र एवं विभिन्न प्रकार के शिलालेखों की खोज एवं सैर पुरानी वस्तु एवं उनके आसपास के विभिन्न गतिविधियां एवं चित्र।
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे में जानना चाहते है उस समय की प्रमुख पुस्तके,ऐतिहासिक चित्र,मुद्राएं,हस्तकला सामग्री,सिक्के,शिलालेख,कहानी,आदि के द्वारा बच्चो की समझ को विकसित करेंगे।
ReplyDeleteHum uas avdhi ki mukhya pustke etihasik chitra pashan hastkala samgri aojar mudraye samgri sangrahit kar watavaran ka gyan aur samaz viksit kar skenge
ReplyDeleteजानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तके, ऐतिहासिक चित्र, पाषाण,
ReplyDeleteहस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगे।
लोक कथाएं ,प्राचीन मुद्राएं, शिलालेख , विभिन्न साहित्यिक स्रोत, विभिन्न पुस्तकें, ऐतिहासिक किले, स्मारकों ,मंदिरों का भ्रमण ।विभिन्न जीवाश्म का अवलोकन ,विभिन्न औजारों का स्टोरेज आदि को इतिहास प्रदर्शित करने का मुख्य स्रोत बनाएंगे।
ReplyDeleteहम उस समय की समस्त सामग्री जैसे शिल कला सिक्के आदि इकट्ठा करेंगे व बच्चों को इतिहास के बारे मे सरल और रोचक जानकारी देते हुये अध्ययन करायेंगे।
ReplyDeleteसिक्के, डाक टिकट, शिलालेख आदि।
ReplyDeleteपौराणिक ऐतिहासिक चित्र एवं चित्रकला में तथा सिक्के शिलालेख एवं शैल चित्र और विभिन्न पौराणिक स्थलों की सैर।
ReplyDeleteग्लोब के द्धारा बच्चे अक्षांश और देशांतर रेखाओं के बारे में अच्छी तरह सीखते हैं
ReplyDeleteसिक्के, डाक टिकट, शिलालेख आदि|
ReplyDeleteडाक टिकट पुराने सिक्के शिलालेख ताम्रपत्र मानचित्र आदि इकट्ठा कर एवं पुरातात्विक धरोहरों जैसे प्राचीन किले मंदिर प्राचीन इमारतों का भ्रमण कराकर
ReplyDeleteऐतिहासिक एवं धार्मिक साहित्य, शिलालेख, हस्तकला सामग्री, प्राचीन मुद्राएं, ऐतिहासिक चित्र आदि के सग्रहीत कर ज्ञान व समझ विकसित कर सकेंगे.
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय की ऐतिहासिक वस्तुओं को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता, इमारतें, भित्ति चित्र, स्टाम्प आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे । इतिहास से संबंधित परिवेश जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि/ इतिहास के वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
प्राचीन धरोहरों का भ्रमण करने के साथ साथ ताम्रपत्र शिलालेख मुद्राये ेेतीहसिक चित्र आदि.
ReplyDeleteतत्कालीन सिक्के, डाक-टिकिट, शिलालेख, ताड़पत्र ताम्रपत्र एवं साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करेंगे साथ ही पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले-मंदिरों आदि का भ्रमण कराएंगे।
ReplyDeleteहम इतिहास के तीनों कालो की समस्त सामग्री जैसे शिलालेख, सिक्खे, प्राचीन ग्रंथ आदि के माध्यम से छात्रों को सरल और रोचक तरीके से पड़ाकर समझा सकते है।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए छात्रों के समक्ष कक्षा में सहायक सामग्री के रूप में इतिहास के प्रमुख स्रोत जैसे-पाषाण उपकरणों के चित्र जीवाश्म,मिट्टी के बर्तन,शिलालेख,सिक्कों के चित्र,हथियारोंचित्र,मंदिर'महल,मस्जिद,भोजपत्र,ताम्रपत्र,ताड़-पत्र,पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण तथा ऐसी पुस्तकें जो किसी एक विचारधारा को बल ना देती हो का सहारा लेना चाहिए।
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के इतिहास को जानने समझने के लिये तत्कालिन साहित्य , कला , संस्कृति एवं उन विभिन्न स्त्रोत की जानकारी लेना होगी जो उस अवधि के इतिहास को बता सकती है
ReplyDeleteप्राचीन काल के समय के किले वेशभूषा हथियार आदी का भ्रमण करके इतिहास की जानकरी देना
ReplyDelete
ReplyDelete...तत्कालीन सिक्के, डाक-टिकिट, शिलालेख, ताड़पत्र ताम्रपत्र एवं साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करेंगे साथ ही पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले-मंदिरों आदि का भ्रमण हम अपना इतिहास कहावतो कथाओं कहानियों स्थानीय गायन गीत नाटक सम्वाद खोज के साथ साथ चित्र मुर्ति मुद्रा आदि विभिन माध्यमो से जान सकते है,,
Bano Bee Ansari. तत्कालीन सिक्के, डाक-टिकिट, शिलालेख, ताड़पत्र ताम्रपत्र एवं साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करेंगे साथ ही पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले-मंदिरों आदि का भ्रमण कराएंगे।
ReplyDeleteहम उस समय की समस्त सामग्री शिल्प कलाएं सिक्के आदि एकत्र करें गे तथा बच्चों को इतिहास संबंधी सरल और रोचक अध्ययन करायेंगे।
ReplyDeleteइतिहास समझने के लिए सिक्के ,पुस्तके, पुराने मूर्ति के चित्र , पौराडिक स्थानों के चित्रों को संग्रह करेंगे।
ReplyDeleteहम इतिहास के जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं तो हम उस समय की ऐतिहासिक चीजो को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे ।
उस अवधि के परिवेश से संबंधित जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि
वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
I agree
ReplyDeleteप्राचीन समय के सिक्के, शिलालेख,, किला, इतिहास की प्रमुख घटनाएं, प्राचीन साहित्य के बारे में चर्चा कर / भ्रमण करवाएंगे।
ReplyDeleteहम उस समय की समस्त सामग्री शिल्प कलाएं सिक्के आदि एकत्र करें गे तथा बच्चों को इतिहास संबंधी सरल और रोचक अध्ययन करायेंगे।
ReplyDeleteउस विशेष अवधि के सिक्के इमारत के चित्र साहित्य औजार इतिहास समझने के लिए इत्यादि चित्रों का संग्रहण करेंगेl
ReplyDeleteअरुण कुमार मौर्य (प्रधानाध्यापक)
ReplyDeleteशा०उ०मा०शा०व्यंकट क्रम-2, सतना (म.प्र.)
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए निम्न प्रकार के
स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे- साहित्यिक स्रोत के रूप में लौकिक एवं धार्मिक साहित्य, अभिलेखों के छाया चित्र, विभिन्न कालक्रम के घटनाओं एवं व्यक्तियों से संबंधित सिक्के, ऐतिहासिक भवनों, के छाया चित्र, वस्त्र , अस्त्र-शस्त्र बर्तनों औजारों के छाया चित्र, विभिन्न घटनाओं व्यक्तियों से संबंधित डाक टिकट विदेशी यात्रियों के यात्रा वृतांत, एतिहासिक संग्रहालयों से संबंधित डाक्यूमेंट्री | अलग-2
घटनाओं, व्यक्तियों कालक्रम से संबंधित
समाचार -पत्र आदि |इतिहास में इस बात की आवश्यकता होती है तथ्यों को प्रामाणिक रूप से सिद्ध किया जा सके |ऐसा केवल इतिहास के
स्रोतों के माध्यम से सम्भव है |
होती है विभिन्न स्रोतों से
Ham. Sabhi. Prakar. Ki jaankari iakatrit. Karenge jaise chart. Poster. Map. Banayenge. Ko. Student. Ko. Samajhne. Me. Aasan. Hogi.
ReplyDeleteसंजय वाघ
ReplyDeleteतत्कालीन सिक्के, डाक-टिकिट, शिलालेख, ताड़पत्र ताम्रपत्र एवं साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करेंगे साथ ही पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले-मंदिरों आदि का भ्रमण कराएंगे।
किसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है|
ReplyDeleteप्राचीन काल में चारी किये सिक्के ताम्रपत्र तथा प्राचीन मंदिरों ऐतिहासिक इमारतों की तस्वीरों को इकट्ठा कर छात्रों को दिखाया जायेगा तथा इससे जुड़ी लोकप्रचलित कहानियों साहित्यों के संबंध में चर्चा की जायेगी
ReplyDeleteUs samay ke Silke aadi akatra kar samajhne me bachho Ko wasabi hogi
ReplyDeleteइतिहास में विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस अवधि की फिल्मे , किताबें, स्मारक, शिलालेख, सिरके आदि का प्रर्दशन किया जा सकता हैं।शाला स्तर पर ऐतिहासिक नाटिकाओं का आयोजन किया जा सकता हैं । प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी विशेष समयावधि की घटनाओं का ज्ञान देने के लिए किया जा सकता हैं।
ReplyDeleteईतिहास मे किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिये मै तत्कालीन स्टैम्पस(डाकटिकट),पत्रपत्रिकाये,अखबार,कार्टून,ऐतिहासिक ईमारते,नाटक,सिक्के और बडे बुजुर्गों के अनुभवो को अपने छात्रो के साथ ईकटठा करूंगा और उस अवधि के ईतिहास की समग्र समझ को विकसित करने का प्रयास करूंगा।ईसके अलावा तथ्यात्मक और साहित्यिक आधारो को भी अपने अध्ययन अध्यापन मे समावेशित करूंगा।अनिल केचे,स.शि.,शा.प्रा.शा.भरियाढाना, पातालकोट,तामियाँ, छिंदवाड़ा, म.प्र.
ReplyDeleteइतिहास को जानने के लिए पुराने अवशेषों को संग्रहण करना डॉक्टर क्यूटो का संग्रहण करना शिलालेखों के आधार पर पुराने मंदिरों के प्रदर्शन के आधार पर और बच्चों को पुराने मंदिरों से पुराने राजमार्ग है उसे भी हम इतिहास के बारे में जानकारी दे सकते हैं
ReplyDeleteकिसी भी संग्रहालय में जाकर वहां रखी चीजों से एकत्रित करेंगे। उस समय की प्रमुख पुस्तकेंऐतिहासिक चित्र औजार, मुद्राओं, पुराने सिक्के, हस्तकला, रेडियो अख़बार, मानचित्र ताम्रपत्र, स्टाम्प , विभिन्न पांडुलिपियों को भी एकत्रित कर इतिहास से अवगत करा सकते हैं।व इतिहास का ज्ञान व समझ विकसित कर सकते हैं।
ReplyDeleteऐतिहासिक साहित्य के साथ साथ वास्तुसिल्प एवं कला संस्कृति का समावेश करते हुए समझाना।
ReplyDeleteनमस्कार,
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे में जानना चाहते हैं तो हम उस समय की ऐतिहासिक वस्तुअऒं को इकट्ठा करेंगे।इसके अंतर्गत हम उस समय की प्रमुख पुस्तकें,चित्रकारी,ऐतिहासिक चित्र,पाषाण शिलालेख,हस्तकला सामाग्री,औजार,उस समय की मुद्राऐं आदि उस अवधि के परिवेश से संबंधित जो भी सामाग्री प्राप्त हो उसे एकत्रित करेंगे जिससे हम उस अवधि का ज्ञान व समझ विकसित कर सकें।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस अवधि के सिक्के ,साहित्य,औजार, ऐतिहासिक इमारतें ,शासक और आम लोगों के जीवन से संबंधित चित्र आदि का प्रदर्शन कर सकते हैं।
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के इतिहास के समग्र समझ को विकसित करने के लिए हम उस समय की वास्तु कला, सिक्के, शिलालेख, समय में प्रयोग किए जाने वाले औजार, उस समय के लिखित काव्य, ग्रंथ आदि को एकत्रित करेंगे।
ReplyDeleteमानव का इतिहास अनंतकाल से प्रगतिशील रहा है वह अपने में समय के साथ साथ परिवर्तन करता रहा है। प्राचीन समय में जब मनुष्य नग्न अवस्था में रहता था कच्चा मांस खाता था और पत्थर से पठार टकराकर आग पैदा किया करता था और खुले आसमान में सोया करता था समय के साथ साथ उसके रहन सहन खानपान भेशभूस पहनावा आदि में परिवर्तन आया समय के साथ शिक्षा का इस्तार भी बढ़ता रहा जिससे उसकी सामाजिक आर्थिक उन्नति भी होने लगी वह अपने को अनुशासित रखने के लिए खुद के बनाए बंधनों से एक समहू विषेश पर उस गतिविधि को अनेक पीढ़ियों तक करता रहता था । आज हम देखते है की मानव आतीउन्नत होगया है उसने विभिन्न आस्त्रा सस्त्रा का निर्माण बड़ी इमारतों का निर्माण महंगे कपड़ों का पहनावा और विभिन्न यातायात के साधनों के निर्माण और विभिन्न मनोरंजन के साधन का निर्माण विभिन्न प्राकृतिक आपदा जैसे तूफान, भोकंप से बचने के लिए विभिन्न यंत्रों का निर्माण के अपने आप को सुरक्षित कर लिया है इस प्रकार हम देखते है कि इतिहास का अपना अलग ही महत्व है संस्कृति आती है जाती है मगर उसका इतिहास अमर रहता है।
ReplyDeleteइतिहास को जानने के लिए पुराने अवशेषों को संग्रहण करना डॉक्टर क्यूटो कासिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है|
ReplyDeleteउच्च माध्यमिक स्तर पर इतिहास से परिचित कराने के लिए तात्कालिक सिक्के, डाक टिकट, शिलालेख, ताडपत्र, ताम्रपत्र, साहित्यिक स्रोत, पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले, प्राचीन मंदिर भित्ति चित्र आदि हो सकते हैं
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के इतिहास के समग्र समझ को विकसित करने के लिए हम उस समय की वास्तु कला, सिक्के, शिलालेख, समय में प्रयोग किए जाने वाले औजार, उस समय के लिखित काव्य, ग्रंथ आदि को एकत्रित करेंगे।
ReplyDeleteहम इतिहास की अवधि के बारे में जानने चाहते है उस समय की प्रमुख ख़बरें, पुस्तकें, ऐतिहासिक चित्र हस्तकला सामग्री, मुद्राएं एवं संग्रहालय भ्रमण द्वारा स्त्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे।
ReplyDeleteOmbati Raghuwanshi. Ps. Pali. हंम उस समय की इमारतों , वेशभूषा, बोली, शिल्पकला, साहित्य, आदि का उपयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे । जिससे कि हमें उस अवधि
ReplyDeleteवातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
तत्कालीन सिक्के डॉक टिकिट साहित्य हमें इतिहास की जानकारी देता है।हमारे पूर्वज भी हमें आजादी के पहले की घटनाएं सुनाते थे
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे । जिससे कि हमें उस अवधि
ReplyDeleteवातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
इतिहास के किसी विशेष अवधि के समाज के लिए तत्कालीन सिक्के ताम्रपत्र ताड़ पत्र तथा शिलालेख का अध्ययन करवा सकते हैं बच्चों को समय की स्मारकआदि दिखाने ले जा सकते हैं पुराने सिक्के दिखा कर भी हम जानकारी एकत्रित कर सकते हैं
ReplyDeleteKisi vishesh avadhi ke History ko samajhne keliye hamen us samaya ke currency, Shilalekh, avastukala ,smarak etc. ka ko janana hoga
ReplyDeleteउस जमाने के सिक्के शिलालेख तथा खुदाई से प्राप्त हथियार वगैरा आदि का हम संग्रह कर बच्चों को उस इतिहास के बारे में जानकारी दें सकते हैं। हमारे ऐतिहासिक ज्ञान में वृद्धि करती हैं एवं बच्चों को रूचिकर ज्ञान वर्धक लगती है। एवं बच्चों को रूचिकर ज्ञान वर्धक लगती है। ग्लोब के द्वारा बच्चे अक्षांश और देशांतर रेखाओ के बारे में अच्छे से सीखते हैं।
ReplyDeleteउस समय के सिक्के डाक टिकट साहित्य और पुरातत्व इमारतें हमें उस समय की तत्काल घटना से परिचय कराती हैं ज्ञान कराती हैं और हमें इतिहास के रुचिकर बनाने में मदद करती हैं इतिहास को रुचिकर बनाना बच्चों को समझाना यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए
ReplyDeleteउस समय के सिक्के डाक टिकट पुरातत्व विभाग इमारतें उस समय का ऐतिहासिक ज्ञान कराती हैं संग्रहालय हरि से हम इतिहास का ज्ञान होता है इतिहास को रुचिकर बनाने के लिए हमें वर्तमान और पुरानी चीजों का समावेश करना पड़ेगा तभी हम अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगे
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के सिक्के उस विशेष अवधि की जानकारी देते है| सिक्को में राजा रानी के चित्र के साथ तरह तरह के संदेश व अवधि भीअंकित होती ह| शिलालेख इति हास की समग्र जानकारी देते है| पुरातत्व संग्रालय व ऐतिहासिक स्थल की सैर से विशेष अवधि के इतिहास की जानकारी मिलती है|इस प्रकार समझ विकसित की जा सकती है
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं उस समय की इतिहास को प्रमुख धरोहरों, चित्र कला, पाषाण मूर्तियां, प्राचीन मंदिरों की मूर्तियां, प्रमुख शिलालेख, उस समय की कला कृतियां, हस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर इतिहास की जानकारी इकट्ठा कर सकेंगे।
ReplyDeleteमहेद यादव
प्रा. वि. बलखड़िया
बच्चों को इतिहास के स्रोत जानने के लिए उन्हें प्राचीन सिक्कों प्राचीन इमारतों तथा प्राचीन दार्शनिक स्थलों का भ्रमण कराया जाए उस जमाने के शिलालेख हैं उनको बच्चों से करवाया जाए और उन्हें दिखाया जाए उस समय की जो लिपि है ऐसे पांडुलिपि आदि को बच्चों से अवगत कराया जाए इसके अलावा भीमबेटका में चलचित्र अशोक के स्तंभ आदि के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाए और उनको इतिहास को समझने में मदद की जाए
ReplyDeleteहमारे पूर्वज भी हमें आजादी से पहले की घटनाओं को जोड़कर बताते हैं किस तरह से उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और किस-किस परेशानियों का सामना करना पड़ा इन सब चीजों का ज्ञान कराकर भी हम बच्चों को जानकारी दे सकते हैं इतिहास की जानकारी साझा कर सकते हैं
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं उस समय की इतिहास को प्रमुख धरोहरों, चित्र कला, पाषाण मूर्तियां, प्राचीन मंदिरों की मूर्तियां, प्रमुख शिलालेख, उस समय की कला कृतियां, हस्तकला सामग्री, औजार, मुद्राएं , सामग्री संग्रहित कर इतिहास की जानकारी इकट्ठा कर सकेंगे।
ReplyDeleteमहेद यादव
प्रा. वि. बलखड़िया
ऐतिहासिक इमारते भवन शिलालेख ताम्रपत्र सिक्के बर्तन आदि
ReplyDeleteउस समय के सिक्के डाक टिकट संग्रह आदि से भी उस समय की जानकारी का पता लगाया जा सकता है और इतिहास को रुचिकर बनाया जा सकता है
ReplyDeleteUs avdhi vishesh k sahitya sikke kalashilp se related jankari jo available ho sakti hai ka use kare,ya ICT ka use ka photograph videos ka collection kr bachcho ko dikhaye
ReplyDeleteहम उस समय की चित्रकारी सिक्के भाषण भित्ति चित्र ताम्रपत्र पर पत्र आदि को एकत्रित करके उस समय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं हम किले एवं राजाओं के चित्र दिखा कर भी इतिहास की समझ जानकारी एकत्रित कर सकती हैं
ReplyDeleteबच्चों को किसी समय विशेष की इतिहास की जानकारी देने के लिए हम उस समय के शिलालेख सिक्के साहित्यिक स्त्रोत आदि के द्वारा समझाएंगे तथा किसी मंदिर अथवा ऐतिहासिक स्थान का भ्रमण करवाएंगे।
ReplyDeleteप्रचीन क़िले सिक्के डाक टिकट आदि बता कर बच्चों को इतिहास की जानकारी देगे।
ReplyDeleteजिस टाँपीक पर चर्चा करनी है संभव हो तो उसका टुर या फिर उसका चित्र लेकर
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए सिक्कों, साहित्य, डाक टिकटों आदि को इकट्ठा करना चाहेंगे.ऐतिहासिक इमारतों तथा पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण करेंगे.
ReplyDeleteबच्चों को उस अवधि के चित्र, लोककथाओं, प्रतीकात्मक वस्तुओं के चित्र जैसे औज़ार, बर्तन, सिक्के आदि से अवगत करायेंगे।
ReplyDeleteहम जिस काल के इतिहास पर चर्चा कर रहे हैं उस काल के सिक्के, अखबार, इमारतों, सिलालेखो, साहित्य, आदि को देख कर, पढकर, इतिहास शिक्षण को रोचक बना सकते हैं|
ReplyDeleteइतिहास को समझाने के लिये प्राचीन किले मन्दिर आदि का भ्रमण कराएगे ।इसके साथ -
ReplyDeleteसाथ प्राचीन सिक्के टिकिट शिलालेख ताम्रपत्र आदि इकट्ठा करेंगे । इतिहास को समझाने के लिए हम उस समय की प्राचीन कला एवम् संस्कृति का समावेश करते हुए इतिहास को अच्छे से समझाया जा सकता है ।
पुराने किले, गढ़ी, इमारतें इतिहास की बहुमूल्य धरोहरें हैं। इनके बारे में विस्तृत जानकारी हमारे एतिहासिक ज्ञान में वृद्धि करती है, एवं बच्चों को रूचिकर, ज्ञानवर्धक लगती है।ऐतिहासिक साहित्य के साथ साथ उस विशेष अवधि के चित्र लोक कथाओं, पाषाण शिला लेख, एकत्रित कर अच्छे से समझ सकेंगे ।
ReplyDeleteतत्कालीन सिक्के, डाक-टिकिट, शिलालेख, ताड़पत्र ताम्रपत्र एवं साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करेंगे साथ ही पुरातात्विक धरोहर, प्राचीन किले-मंदिरों आदि का भ्रमण कराएंगे@फ्रॉम-देवीलाल सोनी(प्राथमिक शिक्षक Ms मेघदौन)
ReplyDeleteश्रीमती बिना कैचे प्राथमिक शाला भर याराना तामिया जिला छिंदवाड़ा इतिहास पर विचार करें हम उस समय की विशेष इतिहास की जानकारी देंगे खिलाने स्मारक अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया इस टाइम पेपर इस टाइम जो दांतों पर चित्र बने होते हैं रेडियो सिक्के मित्र चित्र दिखाकर ताम्रपत्र हस्तकला ओझा आदि और प्रत्यक्ष दिखाकर संग्रहालय में इतिहास की जानकारी दे सकते हैं
ReplyDeleteUs samay k daak patra, abhilekh, bartan, chayachitra aadi ko ekatra karke ya photo khich k dikha sakte h
ReplyDeleteऐतिहासिक साहित्य के साथ साथ वास्तुसिल्प एवं कला संस्कृति का समावेश करते हुए समझाना
ReplyDeleteइतिहास को समझाने के लिए प्राचीन काल के सिक्कों, मंदिरों, शिलालेख एवम् उस दौरान की संस्कृति का समावेश करते हुए इतिहास को समझाया जा सकता है।
ReplyDeleteItihaas ka adhyayan Karna bahut avashyak hai itihaas se hamen prachin baton ki jankari pata chalti hai
ReplyDeleteप्राचीन किले सिक्के डाक टिकट आदि को बताकर बच्चो को ऐतिहास कीजानकारी देगे
ReplyDeleteइतिहास को समझाने के लिए प्राचीन काल के सिक्कों, मंदिरों, शिलालेख एवम् उस दौरान की संस्कृति का समावेश करते हुए इतिहास को समझाया जा सकता है।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस विशेष अवधि के चित्र ,शिलालेख,लोककथाएं,साहित्य हस्तकला सामग्री आदि एकत्रित करेंगे।ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण कर छात्र ,छात्राओं को अवगत कराया जा सकता है
ReplyDeleteइतिहास पढाते समय हम छात्रो को इतिहास के कुछ स्रोतो के माध्यम से जानकारी दे सकते है जैसे उस समय की तत्कालीन सिक्के मुद्रा , डाक टिकिट शिलालेख , ताडपत्र ,तामपत्र उस समय के औजार बर्तन आदि को एकत्रित करके भी हम इतिहास के बारे मे छात्रो समझा सकते है और छात्रो को प्राचिन मंदिर किले का भी भ्रमण करा सकते है इस तरह से छात्रो मे इतिहास के बारे मे रोचक समझ विकसित की जा सकती है I
ReplyDeleteप्राचीन कालीन सिक्के तथा सीक्रेट रेडियो समाचार पत्र प्राचीन इमारत उस समय के पात्र डाक टिकट साहित्य शिलालेख ताड़ पत्र ताम्रपत्र आदि स्रोतों को इकट्ठा करके हम बच्चों को इतिहास की जानकारी दे सकते हैं इस तरह इतिहास को हम रुचिकर एवं आनंददाई बना सकते हैं
ReplyDeleteItihas mein kisi vishesh avadhi ki samajh viksit karne ke liyeSeiko sahitya dark tone cartoon etihasik chitra aadami ko ekattha Kar ke bacchon ko inke madhyam se samjhe ayenge saki Vihar se kyon maarta tatha puratatva sangrahalaya ka bhraman karenge taki itihaas vishay bacchon ke liye rochak ban sake
ReplyDeleteAnil Kumar panthianilkumar141@gmail.com हम उस समय की समस्त सामग्री शिल्प कलाएं सिक्के आदि एकत्र करें गे तथा बच्चों को इतिहास संबंधी सरल और रोचक अध्ययन करायेंगे।
ReplyDeleteहमें इतिहास पढ़ाने के लिए बच्चों को ऐतिहासिक इमारतों एवं पुराने सिक्कों के बारे में बतलाना चाहिए तथा उनसे जुड़ी कहानी के बारे में भी बताना चाहिए जिससे बच्चों की इतिहास के बारे में रुचि जागृत हो और इतिहास को अपनी संस्कृति से भी जोड़ कर बच्चों को पढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteअरुणा शर्मा
शासकीय माध्यमिक शाला खूंथी जिला सतना मध्य प्रदेश
ऐतिहासिक साहित्य के साथ साथ वास्तुसिल्प एवं कला संस्कृति का समावेश करते हुए समझाना।
ReplyDeleteAitihasik Sahitya ke sath sath vastushilp AVN Kala Sanskriti ka samavesh karte hue Samjhana
ReplyDeleteउस अवधि के परिवेश से संबंधित जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि
ReplyDeleteवातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें।
Us kaal k purane sikke, tamra patrakaar, shilalekh aadi ekatra kar k ithaas ko rochak banayenge
ReplyDeleteउस समय के सिक्के डाक टिकट शिलालेख समाचार पत्र निर्माण कार्य और बर्तन आभूषण और कुछ प्रमुख घटनाएं आदि का परिचय करा कर
ReplyDeleteइतिहास के जिस भी अवधि के बारे मैं जानना चाहते हैं तो हम उस समय की ऐतिहासिक चीजो को एकत्रित करेगें |
ReplyDeleteऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय के कि प्रमुख पुस्तके, चित्रकारी - ऐतिहासिक चित्र, पाषाण शिला लेख,
हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं , प्रमुख आराध्य देवता आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे ।
उस अवधि के परिवेश से संबंधित जो भी सामग्री मिले हम उसे इकठ्ठा करेगें -- जिससे कि हमें उस अवधि
वातावरण का ज्ञान व समझ विकसित हो सकें। साथ ही पुराने सिक्के एवं भित्ती चित्र के द्वारा भी इतिहास को समझाया जा सकता है।
साहित्यिक श्रोत, पुरातात्विक श्रोत,उस समय प्रचलित मुद्राएं, मूर्तियां आदि से हमें समय विशेष से सम्बंधित जानकारी प्राप्त होती है।
ReplyDeleteपुरानी समस्त वस्तुए
ReplyDeleteश्रीमती बीना कैचे प्राथमिक शाला bharia गाना तामिया जिला छिंदवाड़ा हम उस अवधि के ऐतिहासिक परिवेश से संबंधित जो भी सामग्री मिल जाए तो उसे एकत्रित करेंगे और उन्हें बताएंगे संकरालयम में ले जाकर भ्रमण कराएंगे ऐतिहासिक शिलालेख लोक कथाएं हस्तकला भित्ति चित्र राम पत्र मुद्रा आभूषण बर्तन आदि को धरोहर के रूप में बताइए मंदिर आदि बताइए रेडियो समाचार पत्र डाक टिकटों आदि में हम उन्हें इतिहास के बारे में बताइए
ReplyDeleteकिसी भी संग्रहालय में जाकर वहां रखी चीजों से जानकारी एकत्रित करेंगे ।ऐतिहासिक वस्तुओं के अंतर्गत हम उस समय की पुस्तकें, चित्रकारी ऐतिहासिक चित्र पाषाण शिलालेख हस्तकला सामग्री, औजार, उस समय की मुद्राएं ,प्रमुख आराध्य देवता ,इमारतें, भित्ति चित्र ,स्टांप आदि से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे।
ReplyDeleteउस के सिक्के, साहित्यिक स्त्रोतों इमारतों पांडुलिपि संग्रहालय आदि के माध्यम से जानकारी दी जा सकती है
ReplyDeleteहम इतिहास की जिस भी अवधि के बारे में जानना चाहते हैं उस समय की प्रमुख पुस्तकें ऐतिहासिक चित्र पाषाण हस्तकला सामग्री औजार मुद्राएं संग्रहित कर ज्ञान व समाज का विकास कर सकेंगे धन्यवाद ।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस विशेष अवधि की वास्तुकला शिल्पकला उस अवधि के साहित्य और साहित्यकारो की जानकारी एकत्रित करकर उस समय की विशेष घटनाऐ जो ऐतिहासिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण है को समझाकर उस समय के शिलालेख ,मुद्राए ,उस काल के ग्रन्थ , भाषार लिपियां आदि के विस्तृत ज्ञान के द्वारा इतिहास की किसी विशेष अवधि की जानकारी दी जा सकती है
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