मॉड्यूल 3 - गतिविधि 3 - मुख्य गुण / कोर स्‍ट्रेंथ

हर किसी के पास अलग-अलग मुख्य गुण / कोर स्‍ट्रेंथ होते हैं, चाहे यह मूल्य, विलक्षणताएँ, स्वभाव, विशेषता, दृष्टिकोण, विश्‍वास या संसाधन ही क्यों न हों । मुख्य गुणों / कोर स्‍ट्रेंथ में से कुछ माफ़ी, दयालुता, सामूहिक कार्य, शारीरिक व्‍यायाम क्षमता, संगीत प्रतिभा, विनम्रता, रचनात्मकता, जिज्ञासा, साहस, दया, हास्य और भी कई अन्‍य हो सकते हैं। आइए हम स्‍वयं के गुणों का तीन रूपों में पता लगाएँ जैसे “मैं हूँ”, “मेरे पास है”, “मैं कर सकता हूँ” उदाहरण के लिए मैं ईमानदार हूँ , मैं अच्छा खाना बनाता हूँ, मेरे दो घनिष्ठ दोस्त हैं जिनके साथ मैं सब कुछ साझा करता हूँ, मैं अपनी भावनाएँ और संवेदनाएँ स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकता हूँ। अब आपकी बारी है अपने मुख्य गुण को साझा करने की:


मैं हूँ।

मेरे पास है ।

मैं कर सकता हूँ।





​​चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स  में  अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।

Comments

  1. यह मॉड्यूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति, उसकी रूपरेखा, पाठ्यचर्या व इनके प्रकार और शिक्षा-शास्त्र की एक अच्छी समझ विकसित करने पर केन्द्रित है जिससे विभिन्न असाधारण परिस्थितियों, जिनमें COVID-19 भी सम्मिलित है, में विविधता को स्वीकार किया जा सके और समावेशी कक्षाओं का निर्माण किया जा सके।

    ReplyDelete
    Replies
    1. में एक शिक्षक हूं।मेरे पास ज्ञान है और मेरा कार्य बच्चो को शिक्षा देना है।

      Delete
    2. मै वह शिक्षक हूँ ,जो विद्यालय को साधना केन्द्र मानता हूँ। अपने ज्ञान, सामर्थ्य, ओर मन से क साधक केरुप मे बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा एवं स्वस्थ रहने की शिक्षा देता हूँ।ओर एक राष्ट्र के प्रति समर्पित देशभक्त उर्जावान व्यक्तिव्य का निर्माण करने देश का सहयोग करता हूँ।

      Delete
    3. ईश्वर ने सबको समान बनाया हैं।लेकिन सभी की क्षमताएं अलग अलग होती हैं। यह सब व्यक्ति उस क्षेत्र के प्रति रुचि मेहनत और लगन का परिणाम होता हैं।अपने मस्तिष्क का स्तेमाल जिस क्षेत्र में लगन ओर मेहनत के साथ करेगा वह उस क्षेत्र में उतनी ही निपुणता प्राप्त कर लेगा ।

      Delete
    4. १.मैं शिक्षिका हूं |
      २.ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
      ३.मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं |

      Delete
    5. Covid19 k doaran humne baccho se phone se sampark rakha aur jinke pass phone nhi tha unke ghr jakr sampark kiya...

      Delete
    6. 1.Me shikshika hu.
      2.Mere pass kartvyapath h.
      3.Jisse me baccho ka sarvangin vikas kr sakti hu.

      Delete
    7. 1 main shaikshik hoo mera sabse mahtvpurn kartvya hai unka samagra avm sarvangin vikas kar saku or unko rastra ke bhavi or kartvya nistha vyaktitv pradan karne mai shaikshik ki bhumika ka palan karke apne swaym ke jeevan ko santosh prad kar saku 2 bachhon ko kabiliyat di jaye taki o apne jeevan ko atam nirbhar bana sake. 3 sanskari banye jaye jisse apne mata pita ki sewa ke sath desh ki sewa kare 4 desh ki sewa ka sapna banaye or anushasit or surkshit jeevan ko banaye

      Delete
    8. 1 main shaikshik hoo mera sabse mahtvpurn kartvya hai unka samagra avm sarvangin vikas kar saku or unko rastra ke bhavi or kartvya nistha vyaktitv pradan karne mai shaikshik ki bhumika ka palan karke apne swaym ke jeevan ko santosh prad kar saku 2 bachhon ko kabiliyat di jaye taki o apne jeevan ko atam nirbhar bana sake. 3 sanskari banye jaye jisse apne mata pita ki sewa ke sath desh ki sewa kare 4 desh ki sewa ka sapna banaye or anushasit or surkshit jeevan ko banaye

      Delete
    9. Mai Teacher hu mere pass jo bhi ghan hai mai apni class mai sabhi bachho ko purn rup sai samjhane ka prayash karta hu

      Delete
    10. मै एक शिक्षिका हूं मै बालिकाओं को ज्ञान देकर उन्हें जागरूक कर विकास की और अग्रसर कर आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करती हूं

      Delete
    11. इस कहानी के आधार पर यह शिक्षा मिलती है कि जिस कार्यक्षेत्र में बच्चे की रुचि ना रखते हो उस कार्य के लिए बच्चो को मजबूर नही करना चाहिएसको उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
      जिला शाजापुर मप्र

      Delete
    12. समाज कल्याण मे स्वास्थ्य का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राष्ट्र निर्माण मे शिक्षा ,सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जहां अच्छा होगा ।वो राष्ट्र निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।

      Delete
    13. मैं एक शिक्षिका हूँ।मै अपने साथियों के साथ हिलमिलकर काम करना पसंद करती हूं। इससे यह होगा कि सभी को एक दूसरे का सहयोग मिलेगा

      Delete
    14. भावनात्मक शिक्षण एक विद्यालय मे बहुत तरह के विद्यार्थियों को अपनी भावनाएं प्रकट करने से उनके मन .,मस्तिष्क मे एक शिक्षक विद्यार्थियों के बिच एक भावात्मक विश्वास बढता है। ओर बच्चों के विकास मे सहायक होते है।

      Delete
  2. मैं दुर्गेश कुमार यादव एकीकृत माध्यमिक शाला दिलहरी वि. ख. केसली जिला सागर ।
    1- मैं दयालु हू। इमानदारी से काम करता हूं, सभी के साथ मिलकर काम करना मुझे पसंद है।
    2-मेरे साथी शिक्षको के साथ शाला की सभी बात साझा करता हूँ
    3-मैं अपनी बात को स्पष्ट रूप से रखने में सक्षम ह।

    ReplyDelete
  3. 1मैं ईमानदारी से कार्य करता हूँ,सभी शिक्षक साथियो का सहयोग करता हूँ !
    2.यदि किसी को सहयोग की आवश्यकता है तो जहां तक संभव है मदद करता हूँ !
    3.सभी के प्रति संवेदनशील हूँ !

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रीतेश कुमार श्रीवास्तव
      gms surdaha
      सतना

      Delete
  4. मैं शैलेष वर्मा जनशिक्षक अपने काम के प्रति सजग हूँ,मेरे पास संकुल के अनुभवी शिक्षको के साथ काम करने का अच्छा अवसर है,और मैं अपने साथियों के साथ मिलकर विषम परिस्थितियों में सकारात्मक काम कर सकता हूँ।

    ReplyDelete
  5. मैं एक इमानदार शिक्षिका हूं और मैं सभी को सहयोग करना करती हूं मैं अपने अनुभवी शिक्षकों के साथ सहयोग पूर्ण कार्य करने में रुचि लेती हूं बच्चों की हर आवश्यकताओं को पूरा करने की कोशिश करती हू

    ReplyDelete
  6. मैं चंद्रशेखर चौरसिया जन शिक्षक मैं सरल एवं सहयोगी प्रवृत्ति का व्यक्ति हूं मेरे पास योग्य एवं अनुभवी शिक्षक साथियों का सहयोग है तथा में किसी भी समस्या को आपसी सहयोग से हल कर सकता हूं

    ReplyDelete
    Replies
    1. मैं एक शिक्षक हूं जिसके पास बच्चों के समग्र विकास के लिए ज्ञान है कोविड-19 की विपरीत परिस्थिति में बच्चों को अध्यापन से निरंतर जोड़े रख सकता हूं और आपे क्षित लक्ष्य की ओर उनको जीवन में अग्रसर कर सकता हू।

      Delete
    2. I am a teacher and I am devotee to my work.is have hard worker teachers team

      Delete
  7. मैं अभिजीत चोलकर शिक्षक हु।
    मेरे पास धैर्य है।
    मैं सामाजिक सहयोग के क्षेत्र में कार्य कर सकता हु।

    ReplyDelete
  8. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  9. माय एक शिक्षक शिक्षा का विकास करना मेरा कर्तव्य

    ReplyDelete
  10. मैं एक शिक्षक हूँ मेरे पास ज्ञान है और मैं अपने ज्ञान से किसी की भी मदद कर सकता हूं

    ReplyDelete
  11. अपनी क्षमता अनुसार मदद ओर सहायता कर सकतीं हूँ.

    ReplyDelete
  12. मै बबीता अलावा,
    मै एक शिक्षक हूं,
    मै पास ज्ञान है,
    इस ज्ञान की सहायता से मै छात्रों का ज्ञान बढ़ा सकती हूं

    ReplyDelete
  13. मुझे अपने शिक्षकीय कर्तव्यो का ज्ञान होने से उसे समय,समझ, उपयोगिता आधारित रख
    कर छात्रों वो नागरिकों में देश के प्रति प्रेम आपसी प्रेम ,विश्वास की भावना के विकास में सहायता करती हुं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. मैं एक शिक्षिका हुँ। मेरे पास कक्षा में कुल 22 बच्चे हैं। मैं उन्हे उनके जीवन में बेहतर की ओर अग्रसर कर सकती हुँ।

      Delete
  14. प्रेरणा गवली शा.बाराभाईशाला इंदौर

    ReplyDelete
  15. मैं एक अच्छा शिक्षक हूं। मेरे पास सहनशीलता है। मैं बच्चों को पढ़ाता हूं

    ReplyDelete
  16. Meharbano shaikh
    Urdu no. 3 badnavar,Dhar (m.p)
    1- mein 1 achhi shikshika hu.
    2- mujhme sehenshilta h bachcho ko achhi bate sikhakr unka manobal bdati hu.
    3- mere shikshak sathi k sath achha vyavhar krti hu.
    4- mein apna school ka karya samay pr karti hu...

    ReplyDelete
  17. मैं समय का पाबन्ध हूँ मेरे पास अच्छी शिक्षा है मैं अपने दोस्तों की कठिन समय मे मदद कर सकता हूँ

    ReplyDelete
  18. मैं एक ईमानदार हूँ।मैं अपने कर्तव्यों को अच्छे से जानता हूँ।मै अपने विषय को बेहतर तरीके से बच्चों को समझा सकता हूँ।

    ReplyDelete
  19. वर्तमान समय में जो महामारी चल रही है उसे देखते हुऐ बच्चो को बाहरी ओर भीतरी गतिविधि करना और भी जरुरी हो जाता है जिससे की वे पूरी तरह से स्वस्थ रह सके और उनका शारीरिक मानसिक बौद्धिक और सामाजिक विकास हो सके और वे बीमारी से बचे रहे और दुसरो को भी प्रेरित करे

    ReplyDelete
  20. करो ना कॉल में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए उनके पालक ओ से फोन पर चर्चा करना घर के पढ़े-लिखे सदस्यों की सहायता से पाठ्यक्रम एवं डिजीलाब के वीडियोस तथा सामग्री एवं मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षण का कार्य किया गया

    ReplyDelete
  21. Samaj k logo ke behaviour and help ki bhawna s school and children's ki standard ko kagi achha kar sakte hai.mujhe apne school and children's k prati sahanubhooti hai.

    ReplyDelete
  22. Mei ek shikshak hu mei apne vyavhar se bachcho me aatmvishwas la sakti hu or unhe aage badne ke liye prarit ker sakti hu

    ReplyDelete
  23. में एकदम पिछड़े छेत्र में पढाता हु जहा पालक अक्सर पलायन कर जाते है फिर भी मैन अपनी ओर से पेन कॉपी मोबाइल की व्यवस्था की ओर पढ़ाई जारी रखी

    ReplyDelete
  24. मैं एक मेहनती शिक्षक हूँ और बच्चों के साथ मेहनत करने में बहुत आनंद आता है।

    ReplyDelete
  25. ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    .मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं |
    अपने शिक्षकीय कर्तव्यो का ज्ञान होने से उसे समय,समझ, उपयोगिता आधारित रख
    कर छात्रों वो नागरिकों में देश के प्रति प्रेम आपसी प्रेम ,विश्वास की भावना के विकास में सहायता करता हुं।

    ReplyDelete
  26. Me acca shikshak hu or sabhi ke shath kaam karna mujhe pasand he

    ReplyDelete
  27. ब्लागर पर ब्लाग के रूप में शानदार प्रयास।

    ReplyDelete
  28. कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए उनके पालकों से फोन पर चर्चा घर के पढ़े-लिखे सदस्यों की सहायता से पाठ्यक्रम एवं डीजीलैब के वीडियो सामग्री एवं मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षण का कार्य किया गया

    ReplyDelete
  29. 1मेअपने विद्यालय के विद्यार्थियों को ईमानदारी से शिक्षा प्रदान करता हूं। (2) विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास चाहता हूं।(3,) अपनी क्षमता अनुसार उनकी सहायता कर सकता हूं।

    ReplyDelete
  30. Covid-19 kal Mein digilep video ke Madhyam se bacchon Tak Shiksha samagri bheji tatha Unka feedback liya Jin bacchon ke pass Android phone Nahin the UN bacchon ko ghar ghar jakar V bacchon ko ektrit karke social distancing ka Palan karte hue Mohalla wise tatha covid-19 se bachav ke upay bhi bataen

    ReplyDelete
  31. I am a teacher and I have knowledge for students. I teach English to my students.

    ReplyDelete
  32. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  33. m ek sikhshika hu
    baccho ka margdarshan or unko siksha ke bare me unko awgat karana mera kartavya hy .

    ReplyDelete
  34. मुझसे जो भी बच्चो के लिए बनेगा वो भरपुर करुंगा

    ReplyDelete
  35. 1.I am a teacher, 2.I have seriousness about my work, 3.I can give useful education to my students for their development.

    ReplyDelete
  36. मै एक शिक्षक हू बच्चो को देने के लिये मेरे पास जो ज्ञान हे उसे देने का प्रयासरत रहती हू

    ReplyDelete
  37. मैं एक इमानदार शिक्षिका हूं और मैं सभी को सहयोग करना करती हूं मैं अपने अनुभवी शिक्षकों के साथ सहयोग पूर्ण कार्य करने में रुचि लेती हूं बच्चों की हर आवश्यकताओं को पूरा करने की कोशिश करती हू

    ReplyDelete
  38. में ऐक शिक्षक हूं और में केवल ऐक ही बात कहूंगा मेरा मुख्य लक्ष्य केबल बच्चों का सर्वांगीण विकास है धन्यवाद

    ReplyDelete
  39. मैं एक मेहनती ईमानदार शिक्षक हू मेरे पास बच्च़ऒ को देने के लिए ज्ञान है मैं शाला मे मेहनत कर सकती हू

    ReplyDelete
  40. मैं एक शिक्षक हूं
    मेरे पास शिक्षा देने का ज्ञान है
    मैं बच्चों एवं समाज को शिक्षित कर सकता हूं

    ReplyDelete
  41. मै एक शिक्षक हूं
    मेरे पास कुछ संकलित और कुछ अनुभव से प्राप्त ज्ञान और जानकारियां है।
    मै उन्हें अपने विद्यार्थियों तक पहुंचना चाहती हूं

    ReplyDelete
  42. I am a teacher and I have knowledge for students. I teach English to my students.

    ReplyDelete
  43. Make Shikshak hun Mera Vidyalay mere liye ek Sadhna Kendra hai Jahan Mein Apne vidyarthiyon Ko samuchit Shiksha kiedwara labhawantit karna chahti hun Ek Achcha Nagrik AVN Achcha Insan banana chahti hoon

    ReplyDelete
  44. Main जिज्ञासु हूं साहसी हूं मेरे पास विनम्रता है और मै रचनात्मक कार्य करती हूं

    ReplyDelete
  45. VINOD KUMAR VISHWAKARMA
    CAC SALIWADA JABALPUR RURAL
    JABALPUR MP

    कॉविड 19 के दौरान यह एक महत्वपूर्ण , उत्साहवर्धक कार्य है।
    मै अपने आप को कभी धोका नहीं देता हूं। मै ईमानदार हूं। उत्साह मेरे पास है। ऊर्जा मेरे पास है।
    शिक्षक, बच्चों का बड़ा समूह मेरे पास है।
    मै बच्चों को अपने सामान बना सकता हूं।
    शिक्षक, बच्चे की हर समस्या हल कर सकता हूं।

    ReplyDelete
  46. मैं दीपक कुमार श्रीवास
    कोविद 19 की इस विषम परिस्थिति में शासन के निर्देशानुसार दीक्षा एवम मिष्ठा एप्प के माध्यम से बच्चों के स्कूल औऱ कक्षा में एक स्वस्थ वातावरण विकसित करने के लिए हर समय प्रयत्नशील रहूंगा।

    ReplyDelete
  47. मैं हूँ :- -मैं बहुत ख़ुश नसीब हूं जो एक शिक्षक के रूप में मुझे सेवा करने का अवसर मिला है, कहते हैं शिक्षक एक राष्ट्र निर्माता होता है।

    मेरे पास है :-- मेरे पास जो भी गुण, ट्रिक, गतिविधियां, ज्ञान है, और यदि नही है तो उसे प्रयत्न कर प्राप्त कर, बच्चों का ,समाज का भला करने का प्रयास करूंगा।

    मैं कर सकता हूँ:-- शासन, वरिष्ठ जनों , साथियों के सहयोग मार्गदर्शन से विद्यार्थियों का सर्वाणीय विकास करने का भरसक प्रयत्न करूंगा।




    ReplyDelete
  48. १.मैं शिक्षाक हूं |
    २.ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    ३.मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं |

    ReplyDelete
  49. मैं एक शिक्षक हूँ मेरे पास अपने विद्यार्थियो को देने के लिए अच्छी शिक्षा है जो मैं अपने विद्यार्थियो को दे सकता हूँ व मेरे पास अच्छे विचार है जो मैं अपने विद्यार्थियो ओर अपने साथियों के साथ साझा कर सकता हूँ

    ReplyDelete
  50. 1.मैं शिक्षक हूं |
    2.ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    3.मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं मेरे पास जो भी गुण, ट्रिक, गतिविधियां, ज्ञान है, और यदि नही है तो उसे प्रयत्न कर प्राप्त कर, बच्चों का ,समाज का भला करने का प्रयास करूंगा।

    ReplyDelete
  51. एक शिक्षक के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनको शिक्षित करो और मैं यह दायित्व निभाने के लिए अपना पूरा प्रयास करती हूं मैं प्रयास करती हूं की कक्षा के अंतिम पंक्ति में बैठे हुए विद्यार्थियों का भी सर्वांगीण विकास हो उसके लिए मैं विद्यार्थियों की व्यक्तिगत भिन्नता के आधार पर उनके पढ़ाने के तरीके एवं शैक्षणिक सामग्री का उपयोग करती हूं एवं जब बच्चे सीख जाते हैं तो मुझे एक आत्मिक खुशी मिलती है वह मेरे लिए सबसे बड़ा इनाम है

    ReplyDelete
  52. मै वह शिक्षक हूँ ,जो विद्यालय को साधना केन्द्र मानता हूँ। अपने ज्ञान, सामर्थ्य, ओर मन से क साधक केरुप मे बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा एवं स्वस्थ रहने की शिक्षा देता हूँ।ओर एक राष्ट्र के प्रति समर्पित देशभक्त उर्जावान व्यक्तिव्य का निर्माण करने देश का सहयोग करता हूँ।

    ReplyDelete
  53. I am the teacher my main motive is to provide my dear children with best quality of education. I give my best to provide them best quality of education even as a teacher I face many kind of problem in time like this covid-19 l. Visiting my children to know their status if they are well physically and mentally apart from education my children should we health because healthy mind is key toward better understanding

    ReplyDelete
  54. हर किसी के पास अलग-अलग मुख्य गुण हैं, चाहे वह मूल्य, विशेषता, दृष्टिकोण, विश्‍वास या संसाधन ही क्यों न हों । बच्चो मे माफ़ी, दयालुता, सामूहिक कार्य, शारीरिक व्‍यायाम क्षमता, संगीत प्रतिभा, विनम्रता, रचनात्मकता, जिज्ञासा, साहस, दया, हास्य और भी कई खूबी
    हो सकती हैं। हमे स्‍वयं के व छात्रो
    के तीन गुणो के रूप में पता लगाना है ।

    ReplyDelete
  55. एक शिक्षिका के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनको शिक्षित करू और मैं यह दायित्व निभाने के लिए अपना पूरा प्रयास करती हूं मैं प्रयास करती हूं की कक्षा के अंतिम पंक्ति में बैठे हुए विद्यार्थियों का भी सर्वांगीण विकास हो उसके लिए मैं विद्यार्थियों की व्यक्तिगत भिन्नता के आधार पर उनके पढ़ाने के तरीके एवं शैक्षणिक सामग्री का उपयोग करती हूं एवं जब बच्चे सीख जाते हैं तो मुझे एक खुशी मिलती है वह मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है

    ReplyDelete
  56. मैं शिक्षिका हूं। मैं अपने ज्ञान व ऊर्जा के द्वारा बच्चों को गतिविधि आधारित शिक्षण देकर, गीत-कहानियां सुनाकर लर्निंग आउटकम की दक्षता विकसित करने का अधिक से अधिक प्रयास कर गहरी समझ को विकसित करती हूं।

    ReplyDelete
  57. Sarita Dubey shasakiy Prathmik Shala Chhattarpur Patan Jabalpur Mein Ek shikshika hun aur mera Manana hai ki Sabhi vyakti ke andar alag alag hote hain ko Sabhi vyakti e apni chamta ke anusar apne Karya ko alag tarike se karte hain mein bacchon ka sarvaniya Vikas karna chahti hun isliye gatividhi aadharit Shikshan ka pradan Karti hun bacchon ka learning outcomes Achcha Milaya isliye nirantar Prayas rahti hun bacchon ke andar imandari Kartavya Nishtha dayaluta Sahyog rachnatmak Aadi ko Vikas karne Bharat Tak Prayas Karti Hoon Mere bacche Imandar hain aur Puri Lagane Se Apna Karya Karte Hain

    ReplyDelete
  58. Sarita Dubey shasakiy Prathmik Shala Chhattarpur Patan Jabalpur Mein Ek shikshika hun aur mera Manana hai ki Sabhi vyakti ke andar alag alag hote hain ko Sabhi vyakti e apni chamta ke anusar apne Karya ko alag tarike se karte hain mein bacchon ka sarvaniya Vikas karna chahti hun isliye gatividhi aadharit Shikshan ka pradan Karti hun bacchon ka learning outcomes Achcha Milaya isliye nirantar Prayas rahti hun bacchon ke andar imandari Kartavya Nishtha dayaluta Sahyog rachnatmak Aadi ko Vikas karne Bharat Tak Prayas Karti Hoon Mere bacche Imandar hain aur Puri Lagane Se Apna Karya Karte Hain

    ReplyDelete
  59. मैं एक शिक्षक हूँ मेरे पास अपने विद्यार्थियो को देने के लिए अच्छी शिक्षा है जो मैं अपने विद्यार्थियो को दे सकता हूँ व मेरे पास अच्छे विचार है जो मैं अपने विद्यार्थियो ओर अपने साथियों के साथ साझा कर सकता हूँ

    ReplyDelete
  60. मैं एक शिक्षक हूँ मेरे पास अपने विद्यार्थियो को देने के लिए अच्छी शिक्षा है जो मैं अपने विद्यार्थियो को दे सकता हूँ व मेरे पास अच्छे विचार है जो मैं अपने विद्यार्थियो ओर अपने साथियों के साथ साझा कर सकता हूँ

    ReplyDelete
  61. करो ना कॉल में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए उनके पालक ओ से फोन पर चर्चा करना घर के पढ़े-लिखे सदस्यों की सहायता से पाठ्यक्रम एवं डिजीलाब के वीडियोस तथा सामग्री एवं मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षण का कार्य किया गया

    ReplyDelete
  62. मैं एक शिक्षक हूं मैं बच्चों को नया सिखाने के लिए तत्पर रहती हूं मेरी दो दोस्त हैं वह भी शिक्षिका है पढ़ाई संबंधित कार्य में आने वाली समस्याओं में हम एक दूसरे से चर्चा करके उसका समाधान निकालने की कोशिश करते हैं

    ReplyDelete
  63. Sarita Dubey
    shasakiy Prathmik Shala Chhattarpur
    Patan Jabalpur
    , Main Apne acche vicharon ko bacchon Tak pahuncha deti hun aur bacchon ko bhi imaandari ke sath Aage Badhkar kar karne ke liye netrutva karne ke liye aur Sahyog karne ke liye prasarit Karti hun mera Manana hai koi bhi kam Puri Lagan aur mehnat se kiya jaaye to Asambhav chij ko bhi Sambhav kar sakte hain Har vyakti ke pass Ek Si chamta Hoti Hai Bus uska upyog karne ke liye use Sahi Disha Dena bahut avashyak hai

    ReplyDelete
  64. मैं एक शिक्षक हूं मैं पूरी कर्तव्य निष्ठा ईमानदारी व समय वदधता से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने हेतु सदैव तत्पर रहता हूं

    ReplyDelete
  65. मैं दीपक सिंह राजपूत शिक्षक अपने काम के प्रति सजग हूं l। मेरे पास शिक्षित समाज बनाने का दायित्व है। मै अपनी भावनाएं स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकता हूं।

    ReplyDelete
  66. १.मैं शिक्षिका हूं |
    २.ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    ३.मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं |

    ReplyDelete
  67. Mai ek shichika hun aur meri saryodya yahi koshish hoti hai ki mai bacchon ko unke paath aache se samjha paane mai khud ko poorna tareeke se nipun banayun aur meri koshisiyen hamesha he rang laati hain.

    ReplyDelete
  68. 1.मैं एक शिक्षक हूं और शिक्षक के सभी कर्तव्य को निर्वाह करता हूं मैं एक ईमानदार व्यक्ति हूं मैं सहयोग की भावना रखता हूं मैं अपने दायित्वों का पालन करता हूं।
    2. मेरे पास छात्रों को समझने की क्षमता है ।
    3. मैं छात्रों में अपने शिक्षण द्वारा क्षमताओं योग्यताओं का निर्माण कर सकता हूं। मैं छात्रों में शिक्षण द्वारा अच्छे नागरिक के सभी गुणों का विकास कर सकता हूं।

    ReplyDelete
  69. Mai ek imandar mehnatsheel kartavyanisth. Dradhsankalp selfconfidence. Shikshak hu. School ke hi nahi bahri student in ko bhi apna bachchan samaghkar teachers ke sabhi guno ka palan karte huye swam ke karyo ke prati bachchon ko aatmnirnhar banne ki siksha deta hu swaym ki mehnat hi safalta ka adhar hai ki shiksha deta hu sath hi kshatron me naitik guno samajik sanckritik shiksha aur paropkari and mradubhashi banne

    ReplyDelete
  70. Main siksika hun imandari se sabhi vidyarthiyon ko Shiksha pradan karna Mera Param kartavya hai mein vidyarthiyon ka chaumukhi Vikas karne mein saksham Ho

    ReplyDelete
  71. mai ek shikshak hu.
    mai apne kartavyon ko nishtha purvak nirwah karta hu .
    aur mai sahyog ki bhavna rakhta hu .

    ReplyDelete
  72. Santosh Kumar Athya,Damoh
    मैं एक जीवात्मा के रूप में हड्डी,माँस,बाल,जल हवा और पानी आदि के मेल-जोल से जन्मित मनुष्य हूँऔर पिछले छब्बीस बर्षो से " भारत " राष्ट्र के निर्माण हेतु एक शिक्षक के रूपमें अपने अर्जित ज्ञान के आधार पर बहुआयामी,जीवनोपयोगी,
    सामाजिक संस्कार और शैक्षणिक कौशलों का विकास करता हूँ।
    मेरे पास है चाह-चाहती चिड़ियों से प्यारे-प्यारे नन्हे-मुन्ने बच्चों को सुनने,बोलने और लिखने का हुनर सिखाने का गुण और इसके लिए ढेर सारे नवाचार। मैं सक्षम हूं अंधकार की धुंध को हटाने में और सुनहरा सवेरा लाने में।
    मैं कर सकता हूं अधिकांस क्षेत्रों में अच्छा प्रबंधन। चित्रकला मूर्तिकला सुलेख गिटार वादन तबला वादन, तैराकी कबड्डी खो-खो और राष्ट्रीय कैडेट कोर के छात्रों में गुण सिखाने के साथ-साथ इन क्षेत्रों में फैसिलिटेटर के रूप में नवाचार करने की कला।

    ReplyDelete
  73. मैं एक शिक्षिका हूं मैं बच्चों को अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करवाना चाहती हैं ताकि वह हर विषय में दक्ष हो सके

    ReplyDelete
  74. मैं विध्या लय को मन्दिर समझता हूँ और विध्यार्थी को भगवान । विध्यार्थी को पढाना न केवल मे रा कर्म है बल्कि उपासना समझकर मैं उन्हें पूर्ण मनोयोग से अध्यापन करवाता हूँ। ऐसा करने से मुझे सन्तुष्टी मिलती है।

    ReplyDelete
  75. मैं एमजी तिवारी शिक्षक कन्या माध्यमिक शाला राहतगढ़ जिला सागर मैंने अपने 35 वर्ष के अनुभव में देखा है की प्राथमिक स्तर से लेकर हायर सेकेंडरी स्तर तक के छात्र बहुत संवेदनशील होते हैं शिक्षकों के व्यवहार कि उन्हें परख होती है कक्षाओं के उन्नयन के साथ-साथ उनकी यह समाज विकसित होती जाती है शिक्षकों की इसने शिक्षकों के इस स्नेह है उनके व्यक्तिगत गुणों उनकी गतिविधियों का छात्रों द्वारा अनुसरण किया जाता है छात्रों की बात ध्यान से सुनना उनकी उनकी गतिविधियों का सुखदा से अवलोकन करना छात्र शिक्षक के बीच एक सेतु का कार्य करता है छात्र शिक्षक के प्रति संवेदनशील होता जाता है अपनी विद्यालय से लेकर घर तक की बातों को शेयर करता है इसीलिए शिक्षक को एक आदर्श शिक्षक के रूप में छात्रों के समक्ष वास्तव में आना चाहिए कथनी करणी में अंतर नहीं होना चाहिए यह गुण छात्रों के और भविष्य के लिए न्यू का पत्थर साबित होंगी

    ReplyDelete
  76. मैं विध्या लय को मन्दिर समझता हूँ और विध्यार्थी को भगवान । विध्यार्थी को पढाना न केवल मे रा कर्म है बल्कि उपासना समझकर मैं उन्हें पूर्ण मनोयोग से अध्यापन करवाता हूँ। ऐसा करने से मुझे सन्तुष्टी मिलती है।
    शंकर लाल तिवारी
    सहायक शिक्षक
    शा.मा. वि. बावडा तहसील मनासा जिला नीमच

    ReplyDelete
  77. बर्फ के बारे में सोचते ही ठंडा सा मेहसूस होता है

    ReplyDelete
  78. Mai eak imandar Teacher hu
    Mere pas bacchon ko dene ke liye gyan ka bhandar hai
    Mai bacchon se actives karva sakti hu

    ReplyDelete
  79. मेरे पास कुछ ज्ञान है बुद्धिसमर्थ्य है थोड़ा सा अनुभव है। में अपनी सीमित क्षमता से इस अतिपिछड़े क्षेत्र में शिक्षा संस्कार और ज्ञान के द्वारा बच्चो का सर्वांगीण करना चाहता हूं

    ReplyDelete
  80. शिक्षक अपनी प्रतिभा ,और कर्तव्यनिष्ठा से बच्चो की क्षमताओं को पहचान कर उन्हें उचित दिशा में ले जाकर शिखर पर पहुचा सकता है।

    ReplyDelete
  81. मैं एक शिक्षिका हूं ।
    मैं अपने कार्य के प्रति ईमानदार और सजग हूं, और मैं अपने छात्र छात्राओं को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने की कोशिश करती हूं ।

    ReplyDelete
  82. १.मैं शिक्षिका हूं |
    २.ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    ३.मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं

    ReplyDelete
  83. मैं एक शिक्षिका हूँ।
    में अपने बच्चो को सही दिशा में अग्रसर करने का पुरा करती हूँ।
    में बच्चो को विभिन्न तरीको से नई चीज़े सिखाने की पूरी कोशिश करती हूँ।
    मैं इस पर भी ध्यान देती हूँ कि बच्चे कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं।
    बच्चो में विभिन्न खूबियां होती हैं।
    उनको आगे बढ़ाने मे मेरी अच्छी कोशिश रहती है।
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  84. शिक्षक अपनी प्रतिभा ,और कर्तव्यनिष्ठा से बच्चो की क्षमताओं को पहचान कर उन्हें उचित दिशा में ले जाकर शिखर पर पहुचा सकता है।

    ReplyDelete
  85. मै एक शिक्षक हू मेरा काम बच्चो को ज्ञान देना और उनका सर्वांगीण विकास करना कैसी भी परिस्थितिं हो मै बच्चो को हर समय शिक्षा देती रहूँ गी

    ReplyDelete
  86. मै अल्पना शर्मा पुत्री स्व श्री बाबू राम शर्मा जी हूं
    मेरे पास राष्ट्र निर्माणी सहायक शिक्षक पद है और,संकुल शिक्षा नगर ग्वालियर के अन्तर्गत जीपीएस नई आबादी आरा मिल ग्वालियर में स्वीकृत है मेरे पास संस्था का प्रभार है साथ में ही कक्षा5 के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की जिम्मदारियां हैं
    मै अपने स्टाफ और अभिभावकों के सहयोग से अपनेशाला के सभी विद्यार्थियों को अधिकाधिक गुणों का विकास कर सकती हूं

    ReplyDelete
  87. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  88. में एक शिक्षक हूं।मेरे पास ज्ञान है और मेरा कार्य बच्चो को शिक्षा देना है

    ReplyDelete
  89. मै वह शिक्षक हूँ ,जो विद्यालय को साधना केन्द्र मानती हूँ। अपने ज्ञान, सामर्थ्य, ओर मन से क साधक केरुप मे बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा एवं स्वस्थ रहने की शिक्षा देती हूँ।ओर एक राष्ट्र के प्रति समर्पित देशभक्त उर्जावान व्यक्तिव्य का निर्माण करने देश का सहयोग करती हूँ।

    ReplyDelete
  90. मैं इकलेश तिवारी एक शिक्षिका हूं और मेरे पास जो कुछ भी ज्ञान है मैं इस महामारी के दौरान भी सारे बच्चों तक पूरा ज्ञान देने की भरपूर कोशिश कर सकती हूं

    ReplyDelete
  91. मै एक शिक्षक हू। मै अपने ज्ञान से तथा प्रधान अध्यापक के मार्गदर्शन मे एंव साथी शिक्षको के सहयोग से मे अपनी शाला के बच्चो में अधिक से अधिक गुणो का विकास कर सकता हू।

    ReplyDelete
  92. मै अल्पना शर्मा पुत्री स्व श्री बाबू राम शर्मा जी हूं
    मेरे पास राष्ट्र निर्माणी सहायक शिक्षक पद है और,संकुल शिक्षा नगर ग्वालियर के अन्तर्गत जीपीएस नई आबादी आरा मिल ग्वालियर में स्वीकृत है मेरे पास संस्था का प्रभार है साथ में ही कक्षा5 के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की जिम्मदारियां हैं
    मै अपने स्टाफ और अभिभावकों के सहयोग से अपनेशाला के सभी विद्यार्थियों को अधिकाधिक गुणों का विकास कर सकती हूं

    ReplyDelete
  93. मुझे बर्फ को देखकर कश्मीर की याद आती है बचपन में बर्फ के लड्डू याद आते है।

    ReplyDelete
  94. मैं एक शिक्षक हूं। मेरे पास ज्ञान है और मैं उस ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाने के लिए उत्सुक हूं।

    ReplyDelete
  95. mai apni bat ko nishpksh hokr sbke samne rkhti hu.apne work ke prati honest hu.

    ReplyDelete
  96. Hame Apne school ke chhatron ko purn nishtha aur imandari ke sath padhana chahie aur unka margdarshan acche se Karna chahie

    ReplyDelete
  97. १.मैं शिक्षिका हूं |
    २.ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    ३.मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं |

    ReplyDelete
  98. मैं श्रीमती लक्ष्मी उपाध्याय उच्च श्रेणी शिक्षका शा.मा.वि.रहीम पुरा खरगोन म.प्र.,भावात्मक कल्याण औऱ मानसिक स्वास्थ्य के समंबध मे विधालय मे मैं उसी प्रकार सभी बच्चो का ध्यान रखती हूँ ,जैसे अपने बच्चो का रखती हूँ।माँ जिस प्रकार से भावुक होकर खुशी ,उत्सव, उत्साह सफलता ,आदि मे सहानुभूति रखते हुये उनकी भावनाओ को समझती है ताकि प्रत्येक बच्चा बिना भय औऱ डर के अपनी बात प्रकट कर सके ।

    ReplyDelete
  99. एक शिक्षक होने के नाते ये मेरी नैतिक जिम्मेदारी है कि मै अपने बच्चों के लिए अच्छा ही काम करु, उनके sarvaangin विकास के लिए

    ReplyDelete
  100. मुझे बच्चो को पढ़ना अच्छा लगता है और मेरा मानना है कि हर बच्चे का सर्वांगीण विकास आवश्यक है और में इसमें अपना पूरा सहयोग दूँगी।

    ReplyDelete
  101. I am a teacher I want my students to be honest and laborious

    ReplyDelete
  102. कोध्यान मे रखकर बर्फ के समान या मौसम के अनुसार अपने व्यवहार

    ReplyDelete
  103. प्राथमिक शाला चोरडोंगरी से विनोद कुमार चौरे वर्तमान समय मे बच्चो मे व्यक्तिगत सामाजिक गुणो का विकास हो । शिक्षक को चाहिए की जीस प्रकार बर्फ मौसम के अनुसार अपना रुप बदल लेता है। उसी प्रकार शिक्षक भी बच्चो की व्यक्तिगत सामाजिक परिवारिक आर्थिक समस्याओ कोध्यान मे रखकर बर्फ के समान या मौसम के अनुसार अपने व्यवहार में परिवर्तन कर पालको से सम्पर्क कर सामाजिक परिवेस से जुड़ कर सामाजिक आर्थिक परिवारिक समस्या को ध्यान मे रखकर मित्र वत्तव्यवहार कर बच्चो व्यक्तिगत सामाजिक गुणो विकास हो एसा व्यवहार करे।

    ReplyDelete
  104. Me ek jimmedar,shikshak hu,mera uddesh baccho ka sarvagin vikash karna h,aur baccho ko sabhi kariya sikhane ki kosis karti hu.

    ReplyDelete
  105. मैं एक शिक्षक हूं और मैं अपने विद्यालय को प्रतिभा निखार केंद्र मानता हूं और बच्चों को उनके गुणों के आधार पर उन्हें आगे बढ़ाने की कोशिश करता हूं

    ReplyDelete
  106. में एक शिक्षक हूं।मेरे पास ज्ञान है और मेरा कार्य बच्चो को शिक्षा देना है।

    ReplyDelete
  107. Mai apne karya ke prati laganshil hu.mere paas acche sahyogi hai .mai kisi bhi karya tay samay par pura kar sakta hu

    ReplyDelete
  108. मैं एक शिक्षक हूँ और मेरा उद्देश्य बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें व्यवहारिक ज्ञान जो उनके जीवन में उपयोगी हो वह प्रदान करना चाहिए। मैं जिज्ञासु हूँ। किसी भी स्थिति को जो मेरे ज्ञान को बढ़ाये मैं जानने के लिए उत्सुक रहती हुँ। और इसी तरह अपने छात्रों को भी बनाना चाहतीहूँ।

    ReplyDelete
  109. मै एक शिक्षक हूं मेरा कर्तव्य है कि बच्चो में सर्वांगीण विकास हो, और सीमित संसाधन के साथ उनके गुणों का विकास और समझबढ़ाने की कोशिश करता रहता हूं।

    ReplyDelete
  110. कक्षा में विविध प्रकार के बच्चे होते हैं कोई शारीरिक कोई मानसिक रूप से अलग होते हैं तो किसी के माता-पिता झगड़ा करते हैं जिससे बच्चे परेशान रहते हैं बच्चों का अलग-अलग रुचि होते हैं कोई गाना गा सकता है तो कोई नहीं जा पाता है कोई थर्ड जेंडर का होता है सभी बच्चों को साथ लेकर चलना है सभी को शिक्षा प्रदान करना हैकक्षा में विविध प्रकार के बच्चे होते हैं कोई शारीरिक कोई मानसिक रूप से अलग होते हैं तो किसी के माता-पिता झगड़ा करते हैं जिससे बच्चे परेशान रहते हैं बच्चों का अलग-अलग रुचि होते हैं कोई गाना गा सकता है तो कोई नहीं जा पाता है कोई थर्ड जेंडर का होता है सभी बच्चों को साथ लेकर चलना है सभी को शिक्षा प्रदान करना है

    ReplyDelete
    Replies
    1. कक्षा में विविध प्रकार के बच्चे होते हैं कोई शारीरिक कोई मानसिक रूप से अलग होते हैं तो किसी के माता-पिता झगड़ा करते हैं जिससे बच्चे परेशान रहते हैं बच्चों का अलग-अलग रुचि होते हैं कोई गाना गा सकता है तो कोई नहीं जा पाता है कोई थर्ड जेंडर का होता है सभी बच्चों को साथ लेकर चलना है सभी को शिक्षा प्रदान करना है

      Delete
  111. मैं एक शिक्षिका हुँ मेरे पास एक महत्वपूर्ण कार्य है । जिससे मैं अपने विद्यालय के बच्चों का सर्वांगीण विकास करने में मदद करती हुँँ।जोकि मेरा कर्तव्य है।

    ReplyDelete
  112. Mai ek shikshika hu mera uddeshy hai bacchon ko padana

    ReplyDelete
  113. मैं एक शिक्षक हूं मेरा कार्य बच्चों को पढ़ाना है मैं बच्चों को शिक्षा देने में किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ता हूं और उनकी मदद के लिए हर संभव तैयार रहता हूं और कोशिश करता हूं

    ReplyDelete
  114. मैं एक शिक्षिका हूं मेरे पास पढ़ाने के कौशल है मैं बच्चों को पढ़ा सकती हूं

    ReplyDelete
  115. अज्ञान रूपी अंघकार कोदूर कर ज्ञान रूपी प्रकाश भरना ही शिक्षक द्वारा दिया शिक्षा दान हैं

    ReplyDelete
  116. बच्चों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने में सक्षम बनाना है

    ReplyDelete
  117. शिक्षक अपनी प्रतिभा ,और कर्तव्यनिष्ठा से बच्चो की क्षमताओं को पहचान कर उन्हें उचित दिशा में ले जाकर शिखर पर पहुचा सकता है।

    ReplyDelete
  118. Class मे हम देखते है समान उम्र के बच्चों me समानता नहीं होती शरीर और मानसिक अन्तर होता है

    ReplyDelete
  119. में एक शिक्षिका हूँ और बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार आगे बढ़ाना मेरा कर्तव्य है में उनेह आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हु

    ReplyDelete
  120. मैं ओम प्रकाश नामदेव सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला बरेली विकास खंड सीहोर जिला जबलपुर। 5 बच्चों का समूह बना कर social distancing का पालन करते हुए उन्हें पढ़ाया। साथ ही बच्चों को रेडियो व मोबाइल फोन भी उपलब्ध कराया।

    ReplyDelete
  121. बालकों को नया ज्ञान इस प्रकार देना चाहिए कि उसका संबंध बालकों के पूर्व ज्ञान से हो जाए इस प्रकार के संबंध स्थापित करने से बालको के पूर्व ज्ञान से हो जाए इस प्रकार के संबंध स्थापित करने से बालक नए पाठ को सीखने में कठिनाई अनुभव नहीं करते हैं शिक्षक अपनी प्रतिभा ,और कर्तव्यनिष्ठा से बच्चो की क्षमताओं को पहचान कर उन्हें उचित दिशा में ले जाकर शिखर पर पहुचा सकता है।

    ReplyDelete
  122. मैं शिक्षिका हूं मेरा काम है विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना और मैं उन्हें निश भाव से उनको शिक्षा प्रदान करूंगी

    ReplyDelete
  123. Mai anshul shrivastav ek pradhanadhyapak hu mere vidyalay mai aadivasiyo ke chatra adhyan krne aate hai mai unke samgra vikas ke liye purn nishtha se karya karta hu .

    ReplyDelete
  124. मैं शिक्षिका हूं मेरे पास एक सरकारी विद्यालय जिसे मैं बहुत बेहतर बना सकती हूं।

    ReplyDelete
  125. मैं हूँ :- -मैं बहुत ख़ुश नसीब हूं जो एक शिक्षक के रूप में मुझे सेवा करने का अवसर मिला है, कहते हैं शिक्षक एक राष्ट्र निर्माता होता है।

    मेरे पास है :-- मेरे पास जो भी गुण, ट्रिक, गतिविधियां, ज्ञान है, और यदि नही है तो उसे प्रयत्न कर प्राप्त कर, बच्चों का ,समाज का भला करने का प्रयास करूंगा।

    मैं कर सकता हूँ:-- शासन, वरिष्ठ जनों , साथियों के सहयोग मार्गदर्शन से विद्यार्थियों का सर्वाणीय विकास करने का भरसक प्रयत्न करूंगा।

    ReplyDelete
  126. एक शिक्षिका के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनको शिक्षित करू और मैं यह दायित्व निभाने के लिए अपना पूरा प्रयास करती हूं। मैं प्रयास करती हूं की कक्षा के अंतिम पंक्ति में बैठे हुए विद्यार्थियों का भी सर्वांगीण विकास हो उसके लिए मैं विद्यार्थियों की व्यक्तिगत भिन्नता के आधार पर उनके पढ़ाने के तरीके एवं शैक्षणिक सामग्री का उपयोग करती हूं एवं जब बच्चे सीख जाते हैं तो मुझे एक खुशी मिलती है वह मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है

    ReplyDelete
  127. मैं एक शिक्षिका हूं मैं बच्चों को अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करवाना चाहती हैं ताकि वह हर विषय में दक्ष हो सके

    ReplyDelete
  128. प्रत्येक व्यक्ति या बच्चे की प्रकृति व कार्य क्षमताऐं भिन्न भिन्न होती है , और उसी अनुरुप वे अपने हर कार्य के प्रति अपना दृष्टिकोण निर्धारित करते है ।

    ReplyDelete
  129. Me chahta hu har bacche ko ucch gunvatta wali shiksha meri or se unhe prapt ho.

    ReplyDelete
  130. Mai _Mahesh Kumar Dwivedi
    Mai Shikshak hu.
    Mai bachchon k sarvangeen Vikas me poori Lagan SE Katya karta hu.apne gyan ka prayog sabki sahayta me karta hu.

    ReplyDelete
  131. मै शिक्षक होने के नाते बच्चों के शैक्षिक योग्यता का विकास, बौद्धिक विकास करना मेरा कर्तव्य है।

    ReplyDelete
  132. मै शिक्षक हूँबच्चो की शैक्षिक योग्यता का विकास करना मेरा कर्तव्य ष्ठा

    ReplyDelete
  133. इस कहानी के आधार पर यह शिक्षा मिलती है कि जिस कार्यक्षेत्र में बच्चे की रुचि ना रखते हो उस कार्य के लिए बच्चो को मजबूर नही करना चाहिएसको उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

    ReplyDelete
  134. मै शिक्षक हूँ मेरे स्कूल के बच्चो को सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |

    ReplyDelete
  135. बर्फ पानी से बनता बहुत ठंडा होता है बर्फ को पानी में तैरती है चोट लगने पर बर्फ से सिकाई भी करते है

    ReplyDelete
  136. 1- मैं दयालु हू। इमानदारी से काम करता हूं, सभी के साथ मिलकर काम करना मुझे पसंद है।
    2-मेरे साथी शिक्षको के साथ शाला की सभी बात साझा करता हूँ
    3-मैं अपनी बात को स्पष्ट रूप से रखने में सक्षम ह।

    ReplyDelete
  137. हमे हमेशा बच्चो को उत्साहित करते रहना चाहिऐ कभी भी उनको ऐ एहसास न हो की हम बंधन मे पढ़ रहे है।

    ReplyDelete
  138. Gyansingh Rajput PS udalapada Dabra Gwalior
    हमारे पाठ्यक्रम में बच्चों की रुचियों से संबंधित विषयों का समावेश होना चाहिए

    ReplyDelete
  139. मै एक शिक्षक हूँ ,जो विद्यालय को साधना केन्द्र मानता हूँ। अपने ज्ञान, सामर्थ्य, और मन से एक साधक के रुप मे बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा, सकारात्मक सोच एवं स्वस्थ रहने की शिक्षा देता हूँ।
    राष्ट्र के प्रति समर्पित देशभक्त उर्जावान व्यक्तित्व का निर्माण करता हूँ।
    मेरे पास शिक्षण कौशल है जिसके माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा देता हूं
    मैं अच्छा मार्गदर्शन करता हूं

    ReplyDelete
  140. मैं एक शिक्षक हूं मेरे पास जो भी ज्ञान है मैं अपने स्कूल में सभी बच्चों को पूर्ण रूप से समझाने का प्रयास कर सकता हूं

    ReplyDelete
  141. एक शिक्षक के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनको शिक्षित करो और मैं यह दायित्व निभाने के लिए अपना पूरा प्रयास करती हूं मैं प्रयास करती हूं की कक्षा के अंतिम पंक्ति में बैठे हुए विद्यार्थियों का भी सर्वांगीण विकास हो उसके लिए मैं विद्यार्थियों की व्यक्तिगत भिन्नता के आधार पर उनके पढ़ाने के तरीके एवं शैक्षणिक सामग्री का उपयोग करती हूं एवं जब बच्चे सीख जाते हैं तो मुझे एक आत्मिक खुशी मिलती है वह मेरे लिए सबसे बड़ा इनाम है

    ReplyDelete
  142. ठाकुरदास पटेल ps हर्रई छतरपुर में एक शिक्षक हूँ और बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार आगे बढ़ाना मेरा कर्तव्य है में उनेह आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता हु

    ReplyDelete
  143. इस कहानी के आधार पर यह शिक्षा मिलती है कि जिस कार्यक्षेत्र में बच्चे की रुचि ना रखते हो उस कार्य के लिए बच्चो को मजबूर नही करना चाहिए उसको उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

    ReplyDelete
  144. Mera naam Bhagwati prasad joshi
    वर्तमान समय में जो महामारी चल रही है उसे देखते हुऐ बच्चो को बाहरी ओर भीतरी गतिविधि करना और भी जरुरी हो जाता है जिससे की वे पूरी तरह से स्वस्थ रह सके और उनका शारीरिक मानसिक बौद्धिक और सामाजिक विकास हो सके और वे बीमारी से बचे रहे और दुसरो को भी प्रेरित करे

    ReplyDelete
  145. १.मैं शिक्षक हूं |
    २.ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना मेरा कर्तव्य है |
    ३.मैं विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हूं |

    ReplyDelete
  146. मैं एक शिक्षक हूं
    मेरे पास अनुभव व समझ है
    मैं उसे बच्चों को दे सकता हूं

    ReplyDelete
  147. इस कहानी के आधार पर यह शिक्षा मिलती है कि जिस कार्यक्षेत्र में बच्चे की रुचि ना रखते हो उस कार्य के लिए बच्चो को मजबूर नही करना चाहिएसको उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

    ReplyDelete
  148. निधि रघुवंशी
    मैं एक शिक्षिका हूं।
    मै अपने आप को भाग्यशाली समझती हूं कि प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए चुना ।
    बच्चों के भविष्य निर्माण में मै अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करती हूं और अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करती हूं। बच्चों के बीच बैठ कर जो आनंद की अनुभूति होती है उसका अनुभव किया जा सकता है पर वर्णन नहीं किया जा सकता।

    ReplyDelete
  149. में एक शिक्षक होने के नाते एक जिम्मेदार नागरिक हु मेरे पास पुस्तकों को पढ़कर ज्ञान का भण्डार है में हर कार्य आसानी से कर sakta हु

    ReplyDelete
  150. मै एक शिक्षक हूं ।संगीतकार,गीतकार,गायक,निर्देशक,हूं ।
    मै एक पिता, भाई, पति व समाज का सम्मानित व्यक्ति हूं ।
    मेरे पास मेरा एक शिक्षकीय पद है ।मा, भाई बहन, घर है ।
    मेरे पास संगीत का साधन है ।
    मै समाज के उत्थान हेतु कार्य कर सकता हूं ।
    मै नेतृत्व कर सकता हू ।
    मै बच्चों मे सामन्जस्य स्थापित कर हर गतिविधि हेतु सक्रिय कर सरता हूं ।

    ReplyDelete
  151. मैं एक शिक्षिका हूँ।मै अपने साथियों के साथ हिलमिलकर काम करना पसंद करती हूं। इससे यह होगा कि सभी को एक दूसरे का सहयोग मिलेगा

    ReplyDelete
  152. Mai sikshak hu.
    Mere paas apne vishay me chhatro me ruchi jagrit krne ki kala hai.
    Me chhatro ko vyavaharik gyan naye naye tariko se sikha sakti hu.

    ReplyDelete
  153. में एक मेहनती शिक्षक हूं

    ReplyDelete
  154. Main PS Jalalpur block AVN Jila Ashoknagar MP Mein primary shikshak hun main covid-19 Mein bacchon ko ki padhaai mein koi dikkat nahin Aane De

    ReplyDelete
  155. ईश्वर ने सबको समान बनाया हैं।लेकिन सभी की क्षमताएं अलग अलग होती हैं। यह सब व्यक्ति उस क्षेत्र के प्रति रुचि मेहनत और लगन का परिणाम होता हैं।अपने मस्तिष्क का स्तेमाल जिस क्षेत्र में लगन ओर मेहनत के साथ करेगा वह उस क्षेत्र में उतनी ही निपुणता प्राप्त कर लेगा ।

    ReplyDelete
  156. मै एक शिक्षक हु और विद्यार्धियों का मार्ग दर्शक भी हु मे उन्हें ज्ञान के साथ साथ सही गलत की पहचान कराताहु क्योंकि किस भी व्यक्ति के लिये शिक्षक से बड़ा कोई और मार्गदर्शन नहीं होता

    ReplyDelete
  157. Mai ek shikshak hu, mere pass mujh pr apna bhavishya sanwar dene ka vishvas rkhne vale bachche h, Or mujhe vishvas h ki mai ek achcha naagrik bnne me unki sahaayata kr skta hu.

    ReplyDelete
  158. मैं एक शिक्षिका हूँ।मै अपने साथियों के साथ हिलमिलकर काम करना पसंद करती हूं। इससे यह होगा कि सभी को एक दूसरे का सहयोग मिलेगा

    ReplyDelete
  159. मैं एक शिक्षिका हूँ।मै अपने साथियों के साथ हिलमिलकर काम करना पसंद करती हूं। इससे यह होगा कि सभी को एक दूसरे का सहयोग मिलेगा

    ReplyDelete
  160. समाज कल्याण मे स्वास्थ्य का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राष्ट्र निर्माण मे शिक्षा ,सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जहां अच्छा होगा ।

    ReplyDelete
  161. Mai 1 teacher hu mere pas vidhya dhan h samasya ka samdhan karne ka hamesha prayas karti hu or saphalta bhi milti hai.

    ReplyDelete
  162. मे एक शिक्षक हु मे हर जीव पर दया करने मे विशवास करता हु मे सभी से विनम्रता से रहता हु सभी प्रकार के कार्य करने वालो मे भेद नहीं करता किसी को उच्च एवं किसी को निम्न नहीं समझाता मेरी दृष्टि मे वह सब एक समान है जो कर्म करते है

    ReplyDelete
  163. हर व्यक्ति का अपना स्कोर्स्ट्रेंथ होता है।
    जैसे व्यक्ति अपने आप को ईमानदार, कर्मठ,परोपकारी भावना से अलंकृत समझते है।
    कुछ लोग उनके पास उपलब्ध संसाधन ,मित्र, आदि पर अपनी प्रसंसा करते है,कि मेरे पास विश्वास पात्र 2 मित्र है।जिन पर मुझे गर्व है।
    हम अपनी क्षमताओं का आंकलन खुद करते है,तत्पश्चात कार्यो का क्रियान्वयन करते है।जैसे मैं अपने विद्यालय का सर्वांगीण विकास कर सकता हूँ। मैं गरीबो की मदद कर सकता हूँ। कोई भी छात्र अपना संकल्प लेता है,मैं एक सफल कलाकार, गायक, या प्रशासनिक अधिकारी बन सकता हूँ।

    ReplyDelete
  164. Teacher apne knowledge s students ko sahi margdarshan pradan karte hai

    ReplyDelete
  165. प्रस्तुत कहानी शैक्षिक गतिविधियों पर एक व्यंग है जिसमें की बतख का उदाहरण देकर के यह बताया गया है कि किस तरह से जानवरों की स्कूल में बतख की क्षमता के विपरीत, चलना और दौड़ना सिखाया जाता रहा, किंतु बतख तैरने में दक्ष थी।इसलिए आवश्यक यह है कि कक्षा में बच्चे को उसकी क्षमता के अनुसार उसे शैक्षिक गतिविधियों में शामिल किया जाए न कि विपरीत कार्यों के लिए उससे बाध्य किया जाए। इससे या तो बच्चा खरगोश की तरह कक्षा देखकर भाग जाएगा या गिलहरी की तरह है दिए गए कार्य के प्रति असहज महसूस करेगा। समावेशी शिक्षा में विभिन्न प्रकार के बच्चों का एक साथ समावेश तो आवश्यक है ,किंतु शिक्षा उनके रूचि, क्षमता और प्रकृति के अनुरूप ही होनी चाहिए।

    ReplyDelete
  166. Sabhi students sahi activities shikhe yahi teacher ki bhawna rahti hai

    ReplyDelete
  167. मैं वो शिक्षक हु, जिसका धर्म है कि किताबी ज्ञान के साथ सामाजिक ज्ञान प्रदान करना। बच्चों को आनंद भी आये, तथा वो कुछ नया भी सीखे

    ReplyDelete
  168. मैं एक शिक्षिका होने के साथ-साथ एक मां भी हूं ।मेरे पास ममता और ज्ञान है। मैं बच्चों की संवेदनाओं और भावनाओं को समझ कर उन्हें शिक्षित कर अग्रसर करने में सक्षम हूं।

    ReplyDelete
  169. Me ek achi soch rkhta hu or dusro ko bhi yhi sujhao deta hu Ki wo hr Kisi Ke liyealiye soch rkhe Kisi Ke bare me glt Na bole or dusro ke kaam me bina uski izazt ke beech me na aaye

    ReplyDelete
  170. bharti badole
    मैं एक शिक्षिका हूं .मेरा कर्तव्य बच्चो के प्रति इमानदारी और निष्ठा से कार्य करना है।में बच्चो के सर्वांगीण विकास करने में सक्षम हू और सदैव प्रयत्नशील रहूंगी

    ReplyDelete
  171. मैं एक शिक्षक हूं और मेरा कर्तव्य बच्चों को संपूर्ण ज्ञान देना है

    ReplyDelete
  172. शिक्षक का कर्तव्य बच्चों को संपूर्ण ज्ञान देना है

    ReplyDelete
  173. मैं एक शिक्षक होने के साथ साथ एक मां भी उन्हें शिक्षित कर अग्रसर करने में सक्षम हूं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हिंदी में मैं एक ईमानदार हूं अपने आप को कभी धोखा नहीं देती शासन के निर्देशानुसार Diksha AVN Nishtha app ke माध्यम से स्वस्थ वातावरण विकसित कर समाज का भला करने का प्रयास करूंगी मैं अपनी अच्छे विचार छात्रों के साथ सांझा करती हूं शिक्षिका होने के नाते यह चाहती हूं कि मेरे बच्चे अपने जीवन में हर विषय में दक्ष हूं एवं अपने ज्ञान का उपयोग करने में समर्थ हूं

      Delete
  174. मैं हूँ :- -मैं बहुत ख़ुश नसीब हूं जो एक शिक्षक के रूप में मुझे सेवा करने का अवसर मिला है, कहते हैं शिक्षक एक राष्ट्र निर्माता होता है।

    मेरे पास है :-- मेरे पास जो भी गुण, ट्रिक, गतिविधियां, ज्ञान है, और यदि नही है तो उसे प्रयत्न कर प्राप्त कर, बच्चों का ,समाज का भला करने का प्रयास करूंगा।

    मैं कर सकता हूँ:-- शासन, वरिष्ठ जनों , साथियों के सहयोग मार्गदर्शन से विद्यार्थियों का सर्वाणीय विकास करने का भरसक प्रयत्न करूंगा।

    ReplyDelete
  175. मैं एक शिक्षक हूं ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ बच्चों का सर्वागीण विकास करना ही मेरा मुख्य लक्ष्य है

    ReplyDelete
  176. मै शिक्षक हूं और बच्चो को शिक्षा देना मेरा कर्तव्य है , एवम् उन्हें शिक्षित कर अग्रसर करने में सक्षम हूं।

    ReplyDelete
  177. मैं एक शिक्षक हूं इमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के 7 बच्चों का सरवन विकास करना ही मेरा मुख्य लक्ष्य है और मैं अपने शिक्षक साथियों का भी सहयोग करता हूं।

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

मॉड्यूल 13 गतिविधि 3: विद्यालय नेतृत्व एवं छात्र अधिगम

मॉड्यूल 13 गतिविधि 1 : प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता के गुण

मॉड्यूल 6 - गतिविधि 6: प्रतिबिंब